Balgam Wali Khansi Ke Gharelu Upay कफ या बलगम वाली खांसी के घरेलू उपचार की जरूरत आप को जब पड़ती है, जब आप को कफ वाली खांसी की समस्या होने लगती है, आज हम आप को बिस्तार में बलगम वाली खांसी के घरेलू उपाय बतायेंगें जो आप को खांसी से निजात दिलाने में आप की मदद करेंगें। मौसम में बदलाव आते ही हमारे शारीर में भी कई प्रकार के बदलाब आने लगते है, जो मौसम हमे सबसे जादा प्रभावित करता है, वो है सर्दी का मौसम जिसके आते ही लोग बीमार पड़ना शुरू हो जाते हैं। इसके कई कारण होते है, जैसे कि ठण्ड लगना, खांसी, जुखाम, गले का इन्फेक्शन होना आदि। इन दिनों में इन्फेक्शन होने से और ठण्ड से खांसी लगातार बनी रहती हैं, जिसके कारण छाती में बलगम जमा हो जाता है।
हालांकि इससे कोई खतरा नहीं होता है लेकिन यह सामान्य जीवन को असहज बना देता हैं। बलगम वाली खांसी का अगर समय रहते इलाज नहीं किया जाए तो यह अन्य बीमारियों का कारण बन सकती हैं। बलगम फेफड़ों के काफी अन्दर से निकलने वाला गाढ़ा पदार्थ होता है, यह मुंह या गले के अन्दर का पतला थूक नहीं होता। बलगम का संबन्ध रोगग्रस्त फेफड़े, स्वांस नली एवं ऊपरी श्वसन नाली में हवा के आवागमन से होता है। बलगम वाली खांसी अधिक होने से खासते समय आप के मुंह से खून भी आ सकता है। इन सब समस्याओं से बचने के लिए आइये हम जानते है, बलगम खांसी के लक्षण और बलगम वाली खांसी के घरेलू उपचार के बारे में ।
विषय सूची
1. कफ क्या होता है – What is phlegm in Hindi
2. बलगम के लक्षण क्या होते है – Symptoms of mucus in the chest in Hindi
3. बलगम वाली खांसी दूर करने के घरेलू उपाय – Balgam wali khansi ke gharelu upay in hindi
बलगम या कफ जिसे अंग्रेज़ी में फ्लेगम कहा जाता है यह मोटा, चिपचिपा पदार्थ है जो बीमार होने पर आपके गले के पीछे जमा होता है। तब ज्यादातर लोग इसे महसूस करते हैं। लेकिन क्या आप जानते थे कि आपके पास यह श्लेष्म हर समय रहता है?
श्लेष्म झिल्ली आपके श्वसन तंत्र की रक्षा और समर्थन करने के लिए कफ बनाती है। ये झिल्ली आपके निम्न हिस्सों में पायी जाती है:
म्यूकस चिपचिपा पदार्थ है ताकि वह धूल, एलर्जेंस और वायरस को शरीर के अन्दर जाने से रोक सके। जब आप स्वस्थ होते हैं, तो कफ (श्लेष्म) पतला और कम ध्यान देने योग्य होता है। जब आप बीमार होते हैं या बहुत से कणों के संपर्क में आते हैं, तो कफ मोटा हो सकता है और यह अधिक ध्यान देने योग्य हो जाता है क्योंकि यह इन बाहरी पदार्थों को अपने में फंसाता है ताकि वो शरीर के अन्दर न जा सकें।
कफ आपके श्वसन तंत्र का एक स्वस्थ हिस्सा है, लेकिन यदि यह आपको असहज बना रहा है, तो आप इसे पतला करने या इसे अपने शरीर से हटाने के तरीके अपना सकते हैं।
प्राकृतिक घरेलू उपचार के बारे में जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें, और यह भी जाने की आपको कफ या बलगम होने पर अपने डॉक्टर को देखना चाहिए।
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छाती में सूजन और बलगम के निम्न लक्षण हो सकते है- छाती में कफ का जमनाबार-बार खांसी आनागले में दर्द होना साँस लेते या खांसते समय घरघराहट की आवाज आनागले में खराश होनासीने में जकड़न और दर्द महसूस होना लगतार छीकें आना और साँस लेने में तकलीफ होना ये सभी बलगम वाली खांसी के लक्षण होते है ।
व्यक्ति जो बलगम वाली खांसी से परेशान है, निम्नलिखित तरीकों का उपयोग करके लक्षणों को कम कर सकता है और कफ वाली खांसी से छुटकारा पा सकता है
बलगम वाली खांसी दूर करने के घरेलू इलाज में गर्म तरल पदार्थ का सेवन करना लाभदायक माना जाता है। बलगम वाली खांसी से छुटकारा पाने के लिए हल्का गर्म पानी पीये, ऐसा करने से आप को खांसी से राहत मिलेगी। आप हल्दी वाला दूध भी पी सकते है, गर्म पदार्थ पीने से आप को बलगम बाहर निकालने में आसानी होगी। साथ ही गर्मागर्म और पतले खाने का सेबन करे, यह कफ वाली खांसी से बचने के ये लिये फायेदेमंद साबित होगा। इसके अलावा आप अदरक, तुलसी, लौंग, इलायची, काली मिर्च वाली चाय भी आप पी सकते है ये खांसी को ठीक करने में सबसे कारगर उपाये है।
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गर्म भाप को लेना बलगम वाली खांसी का काफी पुराना और असरदार घरेलू नुस्खा है, हवा को नम रखने से खांसी को कम किया जा सकता है। हार्ट, फेफड़े, और ब्लड के विशेषज्ञ भी गर्म भाप लेने की सलाह देते है। आप भाप लेने के लिए विक्स को गर्म पानी में मिला कर और अपने सर को एक तोलिये या टबिल की मदद से पूरी तरह ढक कर भाप ले, आप चाहे तो मात्र गर्म पानी की भाप भी ले सकते है, आप सोते समय अपने घर की खिड़की और दरवाजे बंद कर ले ताकि आप तेज हवा से बच सके।
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नमक और गर्म पानी के गरारे करना कफ वाली खांसी का रामबाण इलाज माना जाता है। नमक और गर्म पानी के गरारे करने से आप को बलगम वाली खांसी से काफी हद तक राहत मिलेगी। साथ ही आप का गला धीरे-धीरे खुलने लगेगा। ऐसा कुछ दिनों तक करने से खासी के लक्षण कम हो सकते है। गरारे करने के लिए एक वर्तन में गर्म पानी ले और उस में नमक मिला ले नमक मिल जाने पर उस पानी को अपने मुह में डाले और और 1-2 मिनिट तक गरारे करें और उसके बाद पानी को बहार कर दें ध्यान दें इसे आपको पीना नहीं है। ऐसा प्रितिदिन आवश्यकतानुसार दिन में कई बार दोहराएं। ऐसा करने से आप को जल्दी ही कफ से राहत मिलेगी।
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किसी भी गर्म तरल पदार्थ का सेवन छाती में बनने वाले अत्यधिक श्लेष्म से छुटकारा पाने में मदद करता है, और जब गर्म तरल पदार्थ एक हर्बल चीजों से बना हो, तो परिणाम बहुत अच्छे मिलते हैं। हरी चाय, कैमोमाइल चाय, थाइम, और पुदीना चाय आपके गले और छाती में कफ के निर्माण से तत्काल राहत प्रदान करती है। क्योंकि जड़ी-बूटियां माइक्रोबियल संक्रमण का मुकाबला करती हैं जो कि श्लेष्म संचय का एक प्रमुख कारण हो सकती है, गर्म पानी आपकी सूजन वाली ग्रंथियों को शांत कर सकता है, जिससे अवांछित श्लेष्म या कफ का स्राव कम हो जाता है।
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शहद का सेवन बलगम वाली खांसी की अचूक दवा है। शहद एक लोकपीर्य घरेलू उपचार है, और एक रिसर्च से पता चला है कि शहद में एंटीवायरल और जीवाणुरोधी गुण होते हैं। 2007 के एक अध्ययन से यह पता चला है, कि शहद बच्चों की श्वसन जेसी समस्या को कम करती है, साथ ही यह दवा के मुकाबले अधिक राहत प्रदान करती है। बच्चों की खांसी में शहद सबसे लाभदायक साबित हुआ है। 12 माह तक के या इससे छोटे बच्चे को शहद का सेवन ना करवाए। आप को शहद बाज़ार में आसानी से उपलब्ध हो जायेगा।
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बलगम वाली खांसी की घरेलू दवा के रूप में आप जड़ी बूटीयों का सेवन कर सकतें हैं। जब हमें खांसी होती है तो साथ ही हमारा गला भी दर्द करने लगता है। और हम थका हुआ महसूस करते है। ये कुछ जड़ी बूटीया है जो आप को खांसी से राहत दिलाने का काम करती है। लहसुन, अदरक, मुलैठी की जड़, अजवाइन, सोंठ, काली मिर्च, तुलसी, दालचीनी की छाल, पुदीना, लॉन्ग आदि ये सब खाने से आप को खांसी में बहुत हद तक फायेदा मिलेगा। और आप का गला भी दर्द मुक्त रहेगा।
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सीने से कफ निकालने के लिए गर्म पानी से नहाना फायदेमंद होता है। खांसी या बुखार होने पर आप गर्म पानी से नहाये या गर्म पानी का शावर ले ऐसा करने से आप को खांसी से राहत मिलेगी। साथ ही गर्म पानी से नहाने पर आप का शरीर भी गर्म बना रहता है। जिससे छाती से कफ निकालने में मदद मिलती है, खांसी या बुखार होने पर डाक्टर गर्म पानी का इस्तेमाल करने की सलाह देते है।
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छाती से कफ निकालने के उपाय में नीबू का रस काफी उपयोग किया जाता है, नींबू में मौजूद सिट्रिक एसिड कफ को काटता है, और उसे छाती से बहार निकालने में मदद करता है, आप एक गलास में हल्का गुनगुना पानी ले और उस में एक चम्मच नीबू का रस मिला कर पीये, ऐसा करने से आप को कफ वाली खांसी से राहत मिलेगी।
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बलगम वाली खांसी ठीक करने के लिए सूप या चिकन सूप पीना लाभदायक होता है, गर्मागर्म चिकन सूप बलगम की समस्या को दूर करता है और आपकी श्वास की नली को मॉइश्चुराइज करता है। ये बलगम को पतला कर सकता है। इसलिए अपना गला साफ करने के लिये दिन में दो से तीन बार गर्म चिकन का सूप पियें। आप इसमें अलग से अदरक और लहसुन भी मिला सकते हैं, जिससे और जल्दी फायदा होगा। अगर साकाहारी है, तो आप साकाहारी सूप का सेवन कर सकते है।
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नीलगिरी तेल का उपयोग करके आप छाती से बलगम को बाहर निकाल सकते है। यह कफ (श्लेष्म) को ढीला करने में मदद करता है ताकि आप इसे अधिक आसानी से बहार कर सकें। इसके अलावा यदि आपको बलगम वाली खांसी है, तो नीलगिरी का तेल इससे भी छुटकारा दिला सकता है। आप या तो एक विस्तारक (diffuser) का उपयोग करके वाष्प को श्वास से ले सकते हैं या इस घटक वाले बाम का उपयोग कर सकते हैं।
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ठंडी और सूखी हवा में रहने से कफ का निर्माण और अधिक बढ़ सकता है। इसलिए, यह अनुशंसा की जाती है कि आप अपने आसपास की हवा को नम रखने के लिए अपने कमरे में एक हुमिडिफिएर (humidifier या vaporizer) का उपयोग करें।
नम हवा श्लेष्म को कम करने में मदद करती है, जिससे कफ का आपके नाक के मार्गों और वायुमार्गों से बाहर आना आसान हो जाता है। यह गले में खराश और खांसी जैसे संक्रमणों में भी मदद करता है, जो आपके शरीर द्वारा उत्पादित अत्यधिक श्लेष्म का अंतर्निहित कारण हो सकते है।
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बलगम वाली खांसी की अधिक होने पर चिकित्सकीय इलाज करवाना जरूरी होता है। हम आम खांसी होने पर तो घरेलू उपाय का प्रयोग कर सकते है, अगर आप को अधिक खांसी हो, रही है या खांसी के कारण साँस लेने में परेशानी हो रही है, खांसते समय कफ के साथ खून आ रहा हो, तो आप आप बिना देरी किये तुरंत डाक्टर की सलाह ले और अपना इलाज करवायें और अपनी दवाईयों को समय पर लेते रहे। ऐसा करने से आप को खांसी से जल्द ही निजात मिल जाएगी।
कफ या बलगम वाली खांसी जेसी परेशानी अक्सर हमे कभी भी किसी भी मोसम में हो जाती है लेकिन ये बीमारी उन लोगो को अधिक होती है जो धूम्रपान या नशा करते है, ये खांसी की एक छोटी सी बीमारी कई बार जान का खतरा बन जाती है साथ ही यह आप के परिवार में भी फेलने लगती है, जिसके कारण टीवी, कैंसर जेसी बिमारिया भी हो सकती है। हम आप को सलाह देगे की अगर आप खांसी जेसी समस्याओ से बचना चाहते है, तो धूम्रपान और नशे से दूर रहे।
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