Banana Tea in Hindi: केले की चाय के फायदे आपको हैरान कर सकते हैं। आप सोच रहे होंगे कि चाय में केला डालकर कौन पीता है? लेकिन शायद आपको यह पता नहीं है कि स्वास्थ्य लाभ पाने के लिए बहुत से लोग केले की चाय पीते हैं। केला दुनिया में लोगों द्वारा सबसे अधिक पसंद किये जाने वाले फलों में शामिल है। केला बहुत ही पौष्टिक और फायदेमंद फल है जिसका स्वाद मीठा होता है। आप केले का उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के रूप में करते होगें। लेकिन क्या आप केले के छिलके की चाय के फायदे जानते हैं। केला का उपयोग चाय बनाने के लिए भी किया जाता है। केले की चाय के लाभ आपको कुछ विशेष स्वास्थ्य समस्याओं से बचा सकते हैं। केले में पोटैशियम की भरपूर मात्रा पायी जाती है।
केले की चाय उन लोगों के लिए अधिक लाभकारी है जो मधुमेह और हृदय रोग, अनिद्रा आदि से ग्रस्त हैं। आज इस लेख में आप केले की चाय बनाने की विधि और केला की चाय पीने के फायदे संबंधी जानकारी प्राप्त करेगें।
विषय सूची
1. केले की चाय क्या है – What is Banana Tea in Hindi
2. केला की चाय में पोषक तत्व – Nutrients in Banana Tea in Hindi
3. केले की चाय के फायदे – Benefits of banana tea in Hindi
4. केले की चाय बनाने की विधि – Banana Tea Recipe in Hindi
5. केले के छिलके की चाय बनाने की विधि – Banana peel Tea recipe in Hindi
6. क्या केले की चाय नींद के लिए अच्छी होती है? – Is Banana Tea Good for Sleep in Hindi
7. केले की चाय के नुकसान – Kele ki Chai ke Nuksan in Hindi
हम विभिन्न प्रकार की हर्बल चाय का सेवन करते हैं। केला की चाय भी एक प्रकार की हर्बल चाय है। गर्म पानी में 1 पूरे केले को उबालकर केला की चाय बनाई जाती है। आप अपनी आवश्यकता और इच्छा के अनुसार केला के छिलके को दूर कर सकते हैं यां छिलके के साथ ही चाय बना सकते हैं। यदि केले के छिलके के साथ बनाई गई चाय को केले के छिलके वाली चाय कहा जाता है। छिलके वाली चाय में उच्च फाइबर सामग्री होने के कारण अच्छी तरह से पकने में अधिक समय लगता है। इसलिए बहुत से लोग छिलके को अलग करके ही चाय बनाते हैं।
अधिकांश लोग जो केले की चाय का सेवन करते हैं वे इस चाय के स्वाद को बढ़ाने के लिए इसमें दालचीनी या शहद का भी इस्तेमाल करते हैं। रात में बेहतर नींद लेने के लिए केले की चाय का सेवन करना एक अच्छा उपाय है।
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हालांकि केले की चाय में मौजूद पोषक तत्वों संबंधी विस्तिृत जानकारी उपलब्ध नहीं है। फिर भी पौष्टिक फल होने के कारण केले की चाय में पाए जाने वाले कुछ पानी में घुलनशील पोषक तत्व होते हैं। जैसे कि विटामिन बी6, पोटेशियम, मैग्नीशियम, मैगनीज और तांबा आदि। हालांकि केला की चाय बनाने के बाद केला को अलग कर दिया जाता है। इसलिए केला की चाय पर्याप्त कैलोरी का स्रोत नहीं माना जाता है। हालांकि गर्म करने के दौरान केला से विटामिन बी6 और पोटेशियम की कुछ मात्रा कम हो सकती है। इसका मतलब यह है कि पूरा केला सेवन करने के दौरान प्राप्त होने वाले पोषक तत्वों से केला की चाय में मौजूद पोषक तत्व कुछ कम हो सकते हैं। लेकिन फिर भी केला की चाय से प्राप्त पोटेशियम और मैग्नीशियम आपके हृदय संबंधी समस्याओं और अनिद्रा जैसी समस्याओं का उपचार कर सकती हैं।
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केला की चाय पीने के फायदे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अधिक होते हैं। विभिन्न प्रकार की सामान्य और गंभीर स्वास्थ्य समसयाओं के लक्षणों को कम करने में केले की चाय प्रभावी योगदान देती है। आप भी इस प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए केले की चाय का उपयोग कर सकते हैं। आइए विस्तार से जानें केला की चाय पीने के फायदे क्या हैं।
यदि आप मोटापे को कम करना चाहते हैं तो वजन कम करने के उपाय में केले की चाय की शामिल करें। केले की चाय पीने के लाभ शरीर के वजन को कम करने का एक अच्छा विकल्प है। केले की चाय में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है। जिसके कारण केला की चाय पीना आपकी बॉडी को फिट रख सकता है। दैनिक आधार पर 1 केला का सेवन करना आपको दैनिक जरूरत का 10 प्रतिशत फाइबर उपलब्ध कराता है। इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन बी6 मधुमेह प्रकार 2 के लक्षणों को भी कम कर सकता है। वजन कम करने वाले लोगों के लिए केला खाना और केले की चाय का सेवन करना सबसे अच्छा उपाय है। केला मे प्रतिरोधी स्टार्च (resistant starch) भी होता है जो आंतों के स्वास्थ्य का समर्थन करता है। इसलिए केले की चाय वजन कम करने वाले आहार में शामिल की जा सकती है।
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सूजन संबंधी लक्षणों को कम करने के लिए केले की चाय का इस्तेमाल किया जा सकता है। विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों के सेवन और गैस आदि के कारण पेट फूलने की स्थिति को ब्लोटिंग (bloating) कहते हैं। केले की चाय में पोटेशियम की अच्छी मात्रा होती है। पोटेशियम एक प्रमुख खनिज है जिसकी शरीर को अति आवश्यकता होती है। इसके अलावा केले की चाय इलेक्ट्रोलाइट में भी उच्च होती है जो द्रव संतुलन, स्वस्थ रक्तचाप और मांसपेशियों के संकुचन को विनियमित करने में सहायक होता है। पोटेशियम और सोडियम जैसे खनिज इलेक्ट्रोलाइट के साथ मिलकर काम करते हैं जो आपकी कोशिकाओं में द्रव संतुलन और नियंत्रण को बनाए रखते हैं। इस तरह से आप केले की चाय का सेवन कर पेट की सूजन और अन्य आंतरिक समस्याओं को प्रभावी रूप से रोक सकते हैं।
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यदि आप नींद की कमी से परेशान हैं तो केले की चाय को अजमाये। क्योंकि केले की चाय पीने के लाभ अनिंद्रा को दूर करने का सबसे लोकप्रिय उपाय है। केला की चाय में तीन प्रमुख पोषक तत्व पोटेशियम, मैग्नीशियम और ट्रिप्टोफैन (tryptophan) होते हैं। जो मांसपेशियों को आराम दिलाने में सहायक होते हैं। जिससे नींद की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। टैप्टोफैन एक प्रकार का एमीनो एसिड है जो नींद को बढ़ाने वाले हार्मोन सरोटोनिन और मेलाटोनिन (serotonin and melatonin) के उत्पादन को बढ़ाते हैं। केले की चाय के इन गुणों के कारण नींद की समस्या झेल रहे लोगों के लिए केला की चाय पीने के लाभ बहुत अधिक होते हैं।
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अवसाद जैसी मानसिक स्थितियों को रोकने के लिए केला की चाय प्रभावी होती है। केले की चाय में मौजूद डोपामाइन और सेरोटोनिन शरीर में तनाव और अवसाद बढ़ाने वाले हार्मोन को नियंत्रित करते हैं। जिससे आपके मूड़ को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। जिन लोगों को विभिन्न प्रकार की मानसिक समस्याएं, चिंता और अवसाद आदि की समस्या होती है उन्हें नियमित रूप से केले की चाय का सेवन करना चाहिए।
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हम सभी जानते हैं कि आंखों को स्वस्थ रखने और देखने की क्षमता को बढ़ाने के लिए गाजर बहुत ही लाभकारी होती है। लेकिन विजन हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए केले की चाय का उपयोग भी किया जा सकता है। अध्ययनों के अनुसार केले की चाय में विटामिन ए की कम लेकिन महत्वपूर्ण मात्रा होती है। जो आपकी आंखों की सुरक्षा करने और देखने की क्षमता को बढ़ाने में सहायक है। अन्य फलों में मौजूद पोषक तत्वों की तरह ही केले की चाय का सेवन करना आपको धब्बेदार अध: पतन जैसी लाइलाज स्थिति को रोकने में प्रभावी होती है। आप अपनी आंखों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए केले की चाय के औषधीय गुण से लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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कृत्रिम मिठास से बने पेय पदार्थों के विकल्प के रूप में केले की चाय का उपयोग किया जा सकता है। केले में चीनी की बहुत ही कम मात्रा होती है जो आपकी चाय के लिए प्राकृतिक स्वीटनर का काम करती है। कुछ लोग बहुत मीठे पेय पदार्थों का सेवन करते हैं जिससे उन्हें मोटापा, हृदय रोग और मधुमेह जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए कम मीठे या बिना शक्कर वाले पेय पदार्थ के रूप में केले की चाय का सेवन करना सबसे आसान तरीका है।
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अध्ययनों से पता चलता है कि मध्यम मात्रा में केले का सेवन करना गुर्दे के कैंसर से सुरक्षा दिला सकता है। इसी प्रकार के लाभ आप केले की चाय से प्राप्त कर सकते हैं। 2005 में हुए एक अध्ययन से पता चलता है कि गर्भावस्था के दौरान जिन महिलाओं ने फलों और सब्जियों विशेष रूप से केला की 75 से अधिक सर्विंग खाई, उनमें किडनी के कैंसर की संभावना 40 प्रतिशत तक कम होती है। नियमित रूप से सप्ताह में 4 से 5 बार केले की चाय का सेवन करने वाली महिलाओं में गुर्दे के कैंसर की संभावना 50 प्रतिशत तक कम होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि केला और केले की चाय में एंटीऑक्सीडेंट फेनोलिक यौगिकों की उच्च मात्रा होती है। जो गुर्दे के कैंसर को रोकने में मदद करते हैं।
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दिल को सेहतमंद बनाए रखने वाले लगभग सभी पोषक तत्व केले की चाय में मौजूद रहते हैं। केला से बनी चाय में पोटेशियम और मैग्नीशियम आदि की अच्छी मात्रा होती है। जिसके कारण यह औषधीय पेय निम्न रक्तचाप, हृदय रोग और स्ट्रोक आदि की संभावना को कम करने में सहायक होता है। एक अध्ययन के अनुसार नियमित रूप से पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थों का नियमित सेवन करने से स्ट्रोक जैसी हृदय संबंधी समस्याओं को 27 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। इसके अलावा केले की चाय में केटिन्स (catechins) की अच्छी मात्रा होती है जो कि एक एंटीऑक्सीडेंट है जो हृदय रोगों की संभावना को कम करता है।
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केला में कैल्शियम की उच्च मात्रा नहीं होती है लेकिन फिर भी यह हड्डियों को मजबूत रखने में सहायक होता है। जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी एंड बायोकैमिस्ट्री में 2009 के एक लेख के अनुसार केला में फ्रुक्टुलिगोसोकेराइड्स (fructooligosaccharides) की उच्च मात्रा होती है। यह एक प्रकार का पोषक कार्बोहाइड्रेट है जो पाचन के अनुकूल प्रोबायोटिक्स को प्रोत्साहित करते हैं और कैल्शियम को अवशोषित करने की शरीर की क्षमता को बढ़ाते हैं। केले के इन लाभों को देखते हुए हड्डियों को मजबूत करने के उपाय में केले की चाय का प्रयोग किया जा सकता है। आप भी अन्य स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के साथ ही हड्डीयों को मजबूत बनाने के लिए केले की चाय का नियमित सेवन कर सकते हैं।
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बनाना की चाय को औषधीय पेय पदार्थ माना जाता है। इसमें डोपामाइन और गैलोसैचिन (dopamine and gallocatechin) के साथ ही पानी में घुलनशील कई अन्य एंटीऑक्सीडेंट मौजूद रहते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट हृदय रोग की संभावना बढ़ाने वाले फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करने और उन्हें नष्ट करने में सहायक होते हैं। हालांकि केले के मांस की तुलना में छिलके में अधिक एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। इसलिए केले की चाय बनाने के दौरान इसके छिलकों का भी उपयोग किया जाना चाहिए। इसके अलावा केले में विटामिन सी की उच्च मात्रा होती है जो स्वाभाविक रूप से एंटीऑक्सीडेंट है। लेकिन केला की चाय विटामिन सी प्राप्त करने का अच्छा स्रोत नहीं है क्योंकि पकाने के दौरान विटामिन सी की अधिकांश मात्रा नष्ट हो जाती है।
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गर्भावस्था के दौरान केला का सेवन करना महिलाओं के लिए अच्छा माना जाता है। केले की चाय का सेवन गर्भवती महिलाओं के लिए भी समान लाभ दिलाता है। द रॉयल सोसाइटी द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि केले में मौजूद पोटेशियम का उन महिलाओं के लिए अच्छा है जो बच्चे को जन्म देने वाली हैं। अध्ययन से पता चलता है कि जो महिलाएं गर्भाधान के पहले से पोटेशियम की उच्च मात्रा का सेवन करती हैं उन्हें लड़का पैदा होने की संभावना अधिक होती है। इसके अलावा केले की चाय का नियमित सेवन गर्भावधि के दौरान होने वाले मधुमेह को रोकने में भी प्रभावी मदद करती है। एक अन्य अध्ययन के अनुसार केले की चाय का उपभोग गर्भावस्था के दौरान नींद की कमी को भी दूर करने में सहायक होता है।
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यदि आप ऊपर बताए गए स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो केले की चाय का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आपको केले की चाय को बाजार से खरीदने की आवश्यकता नहीं है। आप घर पर ही केले की चाय बना सकते हैं। केले की चाय बनाना बहुत ही आसान है। आइए जाने केले की चाय कैसे बनायी जाती है।
केला टी रेसिपी के लिए आपको 1 मध्यम आकार का पका हुआ केला, 1 कप पानी और थोड़ा सा दालचीनी पाउडर की आवश्यकता होती है।
केले की चाय बनाने का तरीका –
केला की चाय बनाने के लिए सबसे पहले 1 कप पानी को गर्म करें और इसमें दालचीनी पाउडर मिलाएं। फिर पके हुए केले को काट कर टुकड़े करें और गर्म पानी में कुछ देर तक पकाएं। जब पानी अच्छी तरह से उबल जाए तब आंच धीमी करें और चाय को छान लें। आपकी केले की चाय तैयार है। आप इस चाय को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए इसमें कुछ शहद भी मिला सकते हैं।
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केले की चाय की तरह ही बहुत से लोग केले के छिलके की चाय का उपयोग करते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि केला के मांस की अपेक्षा केले के छिलकों में अधिक पोषक तत्व होते हें। आइए जाने केले के छिलके की कैसे बनाते हैं।
बनाना के छिलके की चाय बनाने के लिए आपको केवल 1 पके हुए केला के छिलके, 1 कप पानी और शहद या दालचीनी पाउडर की आवश्यकता है।
केले के छिलके की चाय बनाने का तरीका –
नोट: केले के छिलके की चाय काली चाय की तरह तेज होती हैं इसलिए इन्हें अपने स्वाद के अनुसार इस्तेमाल करें।
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डोपामाइन, सेरोटोनिन और ट्रिप्टोफैन (dopamine, serotonin, and tryptophan) के उच्च स्तर के कारण केले की चाय नींद संबंधी विकारों के लिए बहुत प्रभावी हो सकती है।
ये रसायन फल के भीतर उच्च सांद्रता में नहीं पाए जाते हैं, लेकिन वे निश्चित रूप से छिलके में मौजूद होते हैं। आप केले को जितनी अधिक देर तक उबालेगें, इन रसायनों का उतना ही अधिक पेय में उपयोग किया जाएगा। सोने से पहले एक कप केले के छिलके वाली चाय के साथ अपने न्यूरोट्रांसमीटर के स्तर में बदलाव करके, आप अपने तनाव हार्मोन को कम कर सकते हैं और स्वस्थ, आरामदायक और अच्छी नींद ले सकते हैं।
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केले की चाय के औषधीय गुण विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में सहायक होते हैं। लेकिन कुछ लोगों के लिए केले की चाय के साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। सामान्य रूप से केले की चाय पीने के नुकसान में मतली, उल्टी, पेट खराब होना और हाइपरक्लेमिया (hyperkalemia) हो सकता है। हाइपरक्लेमिया तब होता है जब शरीर में पोटेशियम की उच्च स्तर होता है। हालांकि इस प्रकार के नुकसान तब होते हैं जब लोग अधिक मात्रा में केले की चाय का सेवन करते हैं। सामान्य रूप से कम और नियंत्रित मात्रा में केले की चाय के नुकसान नहीं होते हें।
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