Bargad (Banyan) Tree Benefits in Hindi आपने अब तक न जाने कितनी जड़ी बूटीयों के फायदों के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आपने सामान्य से दिखने बाले बरगद के पेड़ के फायदे सुने हैं। अगर आप इसे सामान्य सा पेड़ मानते हैं तो अपनी भूल को सुधार लें यह सामान्य वृक्ष नहीं है बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। भारत में बरगद को पूज्यनीय स्थान प्राप्त है। बरगद का वैज्ञानिक नाम फ़ाइकस वेनगैलेंसिस (Ficus bengalensis) और अंग्रेज़ी का नाम ‘बनियन ट्री’ है। बरगद के पेड़ के फायदे दस्त, पेचिश और बवासीर के उपचार के लिए होते हैं। इसका उपयोग दांतों और मसूड़ों के उपचार के लिए भी किया जाता है। इस लेख में आप जानेंगे बरगद के फायदे और नुकसान (Bargad ke ped ke fayde aur Nuksan in Hindi) के बारे में।
इस दुनिया में कोई अमर हो या न हो लेंकिन ऐसा लगता है कि बरगद के पेड़ों ने अमरता प्राप्त कर ली है। ये वृक्ष दशकों और शतकों से कहीं अधिक समय तक जीवित खड़े रहते हैं। बरगद के फायदे महिला बांझपन को दूर करने मे भी होते हैं साथ ही ये कान के दर्द का प्रभावी रूप से उपचार करते हैं।
विषय सूची
1. बरगद के पेड़ की जानकारी – Bargad ka ped, Banyan Tree in Hindi
2. बरगद के पेड़ के पोषक तत्व – Nutritional Value of Banyan Tree in Hindi
3. बरगद के पेड़ का महत्व – Banyan Tree Significance in Hindi
4. बरगद के पेड़ के फायदे – Bargad Ke Ped Ke Fayde In Hindi
5. बरगद के पेड़ के नुकसान – Banyan Tree ke Nuksan in Hindi
इस औषधीय पेड़ को सदाबहार वृक्षों (Evergreen tree) की श्रेणी में रखा जाता है। बरगद के पेड़ की विशेषता यह है कि यह पेड़ सैकड़ों वर्षो तक जीवित रह सकता है। इस पेड़ की ऊंचाई लगभग 21 मीटर तक हो सकती है। इसकी पत्तियां 10 – 20 सेंटी मीटर लंबी हो सकती है और इसके तनों से बहुत सी जड़ें भी निकलती हैं। इनके पत्तों को तोड़ने पर सफेद और गाढ़ा दूध निकलता है। इसका आकार बहुत बड़ा होता है, यदि बरगद का पेड़ वयस्क है तो इसकी छांव में लगभग 5000 लोग बैठ सकते हैं। बरगद का पेड़ धार्मिक महत्व रखने के साथ-साथ आयुर्वेद में भी प्रमुख रूप से उपयोग किया जाता है। बरगद के पेड़ के फायदे प्राप्त करने के लिए आप इसकी जड़ों, छाल, पत्ते, फूल और फलों का उपयोग कर सकते हैं। अर्थात इस पेड़ के सभी हिस्से औषधीय गुण से भरपूर होते हैं।
पोषक तत्वों से भरपूर बरगद के पेड़ में बी सीटोस्टर (B Sitoster), एस्टर, ग्लाइकोसाइड्स, ल्यूकोसाइनिडिन, क्वार्सेटिन, स्टेरोल और फ्राइडेलिन (Friedelin) अच्छी मात्रा में मौजूद रहते हैं। इनके अलावा इसमें बर्गप्टन, फ्लेवोनॉयड, गैलेक्टोज, इनोजिटोल, ल्यूकोप्लेयर, रूटीन और टैनिन भी शामिल होते हैं। बरगद के पेड़ में केटोन, पॉलिसाक्राइड सिटोस्टेरॉल और टॉग्लिक एसिड भी मोजूद रहते हैं।
भारतीय समाज में बरगद के पेड़ को अमरता का वृक्ष कहा जाता है क्योंकि इसके जीवन को बढ़ाने वाली जड़ें बहुत लंबी होती हैं और वे इनकी शाखाओं को भी सहारा देती हैं। इस प्रकार इनकी जड़ें इस वृक्ष का एक अभिन्न हिस्सा होती हैं। बरगद के पेड़ों का आध्यात्मिक महत्व भी है, ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव शाखाओं पर, भगवान विष्णु इस पेड़ की छाल में और ब्रम्हा जी इसकी जड़ों पर निवास करते हैं। बौद्ध धर्म के अनुसार भगवान बुद्ध को भी इसी पेड़ के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ था।
आयुर्वेद में बहुत सी बीमारियों के उपचार के लिए बरगद के पेड़ का उपयोग किया जाता है। इस पेड़ के सभी हिस्सों में औषधीय गुण होते हैं। पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होने के कारण बरगद के पेड़ के फायदे हमें बहुत से स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। इस लेख के माध्यम से आप बरगद के पेड़ के फायदे और इससे प्राप्त होने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में जानेगें।
दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ्य बनाने के लिए बरगद की जड़ बहुत ही फायदेमंद होती हैं। बरगद की जड़ को चबाने से मसूढ़ों की समस्या (Gum Problem), दांत क्षय, मसूढ़ों से रक्तस्राव आदि समस्याओं से छुटाकारा पाया जा सकता है। इसका उपयोग करने से मुंह की बदबू (Bad Breath) से भी छुटकारा पाया जा सकता है। इन जड़ों का उपयोग प्राकृतिक टूथ पेस्ट के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। बरगद की जड़ मुंह की समस्याओं को दूर करने का बहुत ही प्रचलित तरीका है क्योंकि इसमें जीवाणुरोधी और बंधनकारी (Antibacterial and Astringent) गुण मौजूद रहते हैं।
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स्वच्छता की कमी (Lack of Hygiene) के कारण योनि संक्रमण हो सकता है क्योंकि योनि में नमी (Moist) बनी रहती है। बरगद के पेड़ की पत्तियां और छाल योनि संक्रमण का इलाज कर सकती हैं। बरगद के पेड़ की सूखी पत्तियों को बारीक पीसकर पाउडर बना लें और एक बड़े चम्मच पाउडर को 1 लीटर पानी में उबालें जब तक की यह मिश्रण ½ लीटर न हो जाए। इस अर्क (Infusion) को ठंड़ा होने दें और फिर प्रभावित क्षेत्र में लगाएं। यह आपकी योनि के संक्रमण को प्रभावी रूप से दूर करने का सबसे अच्छा उपचार है।
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इस औषधीय पौधे से प्राप्त होने वाले कोमल और उभरते पत्तों (Budding Leaves) को पानी के साथ लेना दस्त के लिए फायदेमंद होता है। क्योंकि इसमें बंधन कारी गुण होते हैं जो जठरांत्र से उतपन दस्त, पेचिश (Dysentery), गैस और जलन आदि परेशानियों को ठीक करता है। इन पत्तियों को प्राकृतिक चीनी और धनियां के पत्तों के साथ चबाने पर बहुत ही फायदे मंद होता हैं। दस्त से छुटकारा पाने के लिए आप बरगद के पेड़ के फायदे प्राप्त कर सकते हैं जो कि आयुर्वेदि उपचार के लिए जाने जाते हैं।
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नियमित रूप से दूध के साथ बरगद के पेड़ से निकलने वाले दूध की कुछ बूंदों (Latex Drops) का सेवन करने से यह बवासीर का उपचार कर सकता है। यह बरगद के पेड़ के फायदे में से एक और प्रमुख है। हालांकि इस घरेलू उपचार के साथ-साथ मरीज को मेथी और मन्नतक्कली (Mannatakkali) जैसी हरी सब्जियों के पोषक तत्वों से भरपूर आहारों की आवश्यकता होती है।
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)जीवन को स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) का मजबूत होना बहुत ही आवश्यक होता है। प्रतिरक्षा आपको विभिन्न बीमारियों और संक्रमणों से बचाने में मदद करती है। बरगद के पेड़ की छाल में प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने की क्षमता होती है। बरगद के पेड़ के फायदे प्राप्त करने के लिए इसकी छाल का उपयोग कर आप प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ा सकते हैं।
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संधिशोथ और जोड़ों का दर्द (Arthritis and Joint pain) बहुत ही पीड़ादायक होता है साथ ये सूजन से भी संबंधित होते हैं। बरगद के पेड़ गठिया और सूजन के इलाज के लिए प्रभावी होते हैं। बरगद के पेड़ के दूध और पत्तियों में एंटी-इन्फ्लामेट्री (anti-inflammatory) गुण होते हैं जो गठिया और इससे होने वाले दर्द और सूजन के प्रभाव को कम करने में सहायक होते हैं।
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आपके हृदय स्वास्थ्य (Cardiovascular Health) को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारणों में से एक कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा होती है। हमारे शरीर में दो प्रकार के कोलेस्ट्रॉल होते हैं, “अच्छे” और “बुरे” । बरगद के पेड़ की छाल में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने की क्षमता होती है जो कि बरगद के पेड़ के फायदे के रूप में जाना जाता है। बरगद के पेड़ शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में भी मदद करते हैं। आप अपने दिल को लंबे समय तक स्वस्थ्य बनाए रखना चाहते हैं तो बरगद के पेड़ के फायदे प्राप्त कर सकते हैं।
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अवसाद (Depression) एक गंभीर मानसिक स्थिति है। जो आपके व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित कर सकती है। बरगद के पेड़ के फलों का सेवन करने से मस्तिष्क में सेरोटोनिन (serotonin) के स्तर में वृद्धि की जा सकती है जिससे अवसाद को रोकने में मदद मिल सकती है।
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आधुनिक समय में मधुमेह एक आम बीमारी बन चुकी है। बरगद के पेड़ के फायदे मधुमेह को नियंत्रित कर सकते हैं। बरगद की जड़ का अर्क (Infusion) बनाकर सेवन करने से शरीर में उच्च शर्करा के स्तर को कम किया जा सकता है। यदि आप इस समस्या से ग्रसित हैं तो बरगद का उपयोग कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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आप अपने चेहरे की चमक (Facial Glow) को बढ़ाने के लिए बरगद के फलों का उपयोग कर सकते हैं। आप इन फलों का पेस्ट बना सकते हैं जो श्लेष्म झिल्ली, त्वचा की सूजन और दर्द को दूर करने में सहायक होता है।
आप बरगद की पत्तियों का भी उपयोग कर सकते हैं। आप बरगद की 5-6 पत्तियों को लें और इनका पेस्ट बनाकर अपने चेहरे पर लगाएं। यह त्वचा की समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है।
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आप अपने पेट की समस्याओं और उल्टी को रोकने के लिए बरगद की जड़ों का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप जड़ों को पानी के साथ मिलाकर जलसेक तैयार कर सकते हैं जो आपके जीआई ट्रैक को शांत करने में मदद करता है।
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वट वृक्ष की छाल में जीवाणुरोधी और एंटी-फंगल (Antibacterial and Anti-Fungal) एजेंट होते हैं जो बैक्टीरिया और फंगल संक्रमण को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
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इस पेड़ की छाल और पत्तियों में शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि करने की क्षमता होती है, साथ ही इन पत्तियों का उपयोग महिला प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। बरगद के पेड़ के फायदे महिला और पुरुषों दोनों की प्रजनन क्षमता (Fertility capacity) को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
महिला बांझपन को दूर करने के लिए इस पेड़ की जड़ों को सूखाकर पाउडर बना लें और दूध के साथ इसका नियमित सेवन करें।
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त्वचा के मस्सों को दूर करने के लिए बरगद के पेड़ के फायदे प्राप्त किये जा सकते हैं। मस्सों का इलाज करने के लिए बरगद के दूध का उपयोग किया जाता है। अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए तिल मस्से पर इस दूध को दिन में तीन बार लगाना चाहिए। यह अपको मस्सों से छुटकारा दिला सकता है।
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त्वचा की खुजली (Itching) को दूर करने के लिए बरगद के पेड़ का उपयोग किया जा सकता है। खुजली का उपचार करने के लिए इसकी ½ किलो पत्तियों को पीस कर 4 लीटर पानी में डालें और रात भर भींगने दें। अगली सुबह उन्हें उबालें जब तक की पानी की मात्रा 1 लीटर न बचे। अब इस पानी में ½ लीटर सरसों का तेल (Mustard Oil) डालकर अच्छी तरह पकने दें। इस मिश्रण को ठंडा करें और इस तेल का उपयोग गीली और शुष्क दोनों प्रकार की खुजली (dry and wet types of itching) के लिए करें।
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आंखों की सूजन को कम करने के लिए बरगद के पेड़ के दूध की 10 ग्राम मात्रा लें और इसमें 125 मिली ग्राम कपूर और 2 चम्मच शहद मिलाएं। इस मिश्रण को आंखों-लाइनर के साथ उपयोग करें। यह कॉर्नियल अस्पष्टता (Corneal opacity) का इलाज करता है।
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मूत्र संबंधि विकारों को दूर करने के लिए बरगद का उपयोग फायदेमंद होता है। इस समस्या को दूर करने के लिए बरगद की छाल और चीनी की बराबर मात्रा लें और बारीक पीस लें। इस मिश्रण की 4 ग्राम मात्रा रोगी को पानी के साथ दें। यह मूत्र संबंधि और मौलिक कमजोरी (Seminal Weakness) को प्रभावी रूप से दूर करता है।
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बालों की समस्याओं को दूर करने के लिए बरगद की पत्तियों का उपयोग फायदेमंद होता है। इसकी पत्तियों की 20 से 25 ग्राम राख लें और इसमें 100 मिली लीटर अलसी का तेल (linseed oil) मिलाएं। इस तेल से रोज सिर की मालिश करें। यह गंजेपन (Baldness) का इलाज करता है और नए बालों को उगाने में मदद करता है।
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अब तक ज्ञात स्रोतों से बरगद के पेड़ से होने वाले नुकसानों की कोई जानकारी प्राप्त नहीं है। लेकिन फिर भी आपको सलाह दी जाती है कि आप इसका कम मात्रा में उपयोग करें। अधिक मात्रा में उपयोग करने से कुछ नुकसान हो सकते हैं।
यदि आप किसी विशेष प्रकार की दवाओं का सेवन कर रहें हैं, तो बरगद का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
बरगद के पत्तों, जड़, छाल या इसके दूध का उपयोग करने पर यदि आपको कोई दुष्प्रभाव नजर आएं तो इनका उपयोग तुरंत बंद कर दें और डॉक्टर से सलाह लें।
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