Barley water in Hindi जौ का पानी एक पेय है जिसे पानी के साथ जौ को मिलाकर पकाया जाता है। लोग जौ के पानी को कभी-कभी नींबू के पानी के समान पीते हैं या फिर इसके साथ मीठे फलों के रस को मिलाकर भी पी सकते हैं। जौ के पानी में स्वास्थ्य लाभ के लिए कुछ पदार्थ पाए जाते हैं आइए हम जानते हैं जौ के पानी के फायदे और स्वास्थ्य लाभ के बारे में। जौ के पानी में बहुत अधिक कैलोरी पाई जाती है लेकिन इस में वसा कम होती है। जौ के पानी एक कप में लगभग 700 केलोरी या इससे अधिक उर्जा हो सकती है।
हर रोज जौ का पानी पीने से स्वास्थ्य से जुड़ी बहुत सी समस्याएं दूर हो जाती और कई बीमारियों के होने का खतरा भी बहुत कम हो जाता है। जौ में विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स, आयरन (Iron), कैल्शियम, प्रोटीन, अमीनो एसिड, मैग्नीशियम, मैगनीज, सेलेनियम, जिंक, कॉपर, डायट्री फाइबर्स (Dietary fibers) और कई तरह के एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं।
इसलिए आपको इतनी अधिक उर्जा के कारण प्रतिदिन जौ के पानी के दो गिलास से अधिक का सेवन नहीं करना चाहिए जब जौ का पानी थोड़ा कड़वा हो जाता है। उसका कारण पानी के साथ जौ की घास को भी उबाला जाता है। यह पेय कम कैलोरी का होता है लेकिन इसमें फाइबर की मात्रा भी कम हो जाती है जो इसके फायदे का मुख्य स्रोत मानी जाती है।
जौ का पानी अक्सर नींबू के छिलके के या नींबू के रस के स्वाद के समान होता है जौ के पानी को पीने से यह दावा किया जाता है कि यह वजन घटाने, कब्ज दूर करने, पाचन को सही करने में सहायक होता है जौ के पानी के बारे में जो भी स्वास्थ्य दावे किए जाते हैं उनका अभी तक चिकित्सा अनुसंधान द्वारा समर्थन नहीं किया गया है आइए जानते हैं जौ के पानी के फायदे कौन-कौन से हैं।
आपको बता दें जौ के बीजों को पानी में उबालकर बनाया जाने वाला दूधिया सफेद पेय जौ का पानी कहलाता है। जौ का पानी, जौ के सेवन का सबसे सामान्य रूप है। इसका उपयोग कई घरों में पारंपरिक घरेलू उपचार के रूप में किया जाता है क्योंकि यह अपने पोषण लाभों के लिए प्रसिद्ध है। जौ के पानी की अच्छाई का पता इसी बात से लगाया जा सकता है कि, यह अक्सर कई देशों में बच्चे के पहले भोजन के रूप में दिया जाता है। यह पचाने में काफी आसान है और कई बीमारियों के इलाज में भी मदद करता है। यहां जौ के पानी पीने के सर्वोत्तम लाभों को समझने के लिए आपका मार्गदर्शन और तैयारी की विधि भी दी गयी है।
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जौ महत्वपूर्ण विटामिन और खनिजों में उच्च है। 100 ग्राम जौ में पोषक तत्व की मात्रा –
अब जब आप जौ के दानों के बारे में जान गए हैं, तो आइए जौ के पानी के बारे में विस्तार से जानते हैं:
एक लीटर पानी में दो बड़े चम्मच जौ डालकर उबालें। उबालने के वक्त ढक्कन को अच्छी तरह से लगा दें ताकि जौ के दाने अच्छी तरह से पक जायें। जब यह मिश्रण पानी के साथ घुलकर हल्के गुलाबी रंग का पारदर्शी मिश्रण बन जायें तो समझ जाना चाहिए कि यह पीने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस मिश्रण को एक जालीदार कपड़े से छान लें। अच्छी सेहत पाने के लिए रोजाना 1 से 2 कप जौ का पानी पियें। अगर आपको इसका स्वाद पसंद नही आ रहा है तो इसमें नींबू, शहद और नमक भी डाल सकते हैं। आप छिलके वाले और बिना छिलके वाले दोनों में से किसी भी प्रकार के जौ ले सकते हैं। छिलके वाले में ज्यादा फाइबर होता है और पकाने में ज्यादा समय लगता है इसलिए बिना छिलके वाले पकाने में आसान हैं।
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बारले वाटर पौष्टिक खाद्य पदार्थों में से एक है। जौ की तासीर सम होती है। इसका मतलब यह है कि न ही इसकी तासीर गर्म होती है और न ही ठंडी। यह शरीर के अनुकूल होती है। इन्हीं गुणों के कारण जौ का उपयोग कई प्रकार की दवाओं के साथ ही बीयर आदि को बनाने में किया जाता है। जौ के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए जौ के पानी का सेवन करना भी एक अच्छा विकल्प है।
प्रकृति और गुणों के आधार पर जौ के कई प्रकार मौजूद हैं। आप अपनी आवश्यकता और उपलब्धता के आधार पर जौ के बीजों को बाजार से खरीद सकते हैं। जौ के कुछ वैरायटी इस प्रकार है :
गुच्छे (Flakes) – फ्लेक्स बारले जौ के दानों को चपटा करके बनाया जाता है। इनका उपयोग पहले से पकाए हुए भोजन और अन्य खाद्य पदार्थों में किया जाता है।
आटा (Flour) – आप अपने आहार में जौ के आटे का भी उपयोग कर सकते हैं। जौ का आटा बनाने के लिए आप जौ को बारीक पाउडर में पीसकर उपयोग कर सकते हैं। जौ के आटे का उपयोग बेक्ड उत्पादों में किया जाता है।
ग्रिट्स (Grits) – इसे जई का मोटा आटा भी कहा जाता है। जौ के दानों के ऊपरी परत को साफ करके इसे तैयार किया जाता है। इन छिलकों को निकालने के लिए पहले इन्हें रोस्ट किया जाता है।
हुल्ड (Hulled) – जौ के इस प्रकार में केवल पौधे आधारित भूसी को साफ किया जाता है। जबकि जौ के ऊपरी आवरण को साफ कर पूरे चोकर को बरकरार रखते हुए बनाया जाता है। यह जौ की अन्य किस्मों की तुलना में अधिक फाइबर और पौष्टिकता से भरपूर होता है।
पर्ल बारले (Pearl Barley) – इस प्रकार का जौ सफेद रंग के होते हैं, इनके दाने एक समान अकार के होते हैं जो छोटे मोती के समान दिखाई देते हैं। इस प्रकार के जौ से चोकर को साफ करके बनाया जाता है। पर्ल बारले मुख्य रूप से सूप और सलाद आदि में उपयोग किया जाता है।
अनहेल्ड बारले (Unhulled Barley) – इस प्रकार के जौ के दानों में बाहरी भूसी मौजूद होती है जिनका उपयोग स्प्राउट्स (sprouts) बनाने के लिए किया जाता है।
यहां हमने जौ के पानी के शीर्ष स्वास्थ्य लाभों को सूचीबद्ध किया है। आइए उन पर एक नज़र डालें
कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के लिए जौ का पानी या जौ कि चाय को पिया जा सकता है जो में रसायन जिससे टोकंल्स (tocols) कहा जाता है पाया जाता है। जो कि एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए जाना जाता है जो कि कोलेस्ट्रोल को कम कर हृदय को स्वस्थ बनाता है| जौ के पानी में एंटीआक्सीडेंट की मात्रा भी होती है जो तनाव को कम करने और आपके दिल को विषाक्त पदार्थों से बचाने का कार्य करती हैं।
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बार्ली वाटर रक्त शर्करा को नियंत्रित करने की क्षमता के लिए जाना जाता है! जौ का पानी पीने से आपको रक्त शर्करा के स्पाइक्स को नियंत्रित करने में लाभ प्राप्त हो सकता है! खाने के बाद रक्त शर्करा को कम करने के लिए जो का पानी मधुमेह रोगियों के लिए सर्वाधिक उपयोगी साबित हुआ है! जो का पानी एक एंटीऑक्सीडेंट की तरह कार्य कर मधुमेह के कारणों में सुधार लाता है।
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आप अपने हृदय स्वास्थ्य को बढ़वा देने के लिए जौ के पानी का उपयोग कर सकते हैं। नियमित रूप से जौ के पानी का इस्तेमाल करना हृदय की कार्य क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जौ के पानी में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है। जो शरीर में मौजूद अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होती है। खराब कोलेस्ट्रॉल रक्त वाहिकाओं में अवरोध उत्पन्न कर रक्त परिसंचरण को बाधित कर सकता है। जिससे हृदय गति में उतार-चढ़ाव होता है। जो दिल के दौरे और अन्य हृदय समस्याओं का कारण बन सकता है। लेकिन नियमित रूप से जौ के पानी का सेवन कर आप इस प्रकार की समस्याओं से बच सकते हैं।
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किडनी को स्वस्थ रखने के लिए जौ के पानी का उपयोग बहुत ही प्रभावी माना जाता है। क्योंकि जौ के पानी में मूत्रवर्धक गुण होते हैं। मूत्रवर्धक होने के कारण जौ का पानी शरीर में मौजूद विषाक्तता को आसानी से मूत्र के माध्यम से बाहर निकाल देता है। जिससे किडनी में अतिरिक्त कैल्शियम जमा नहीं हो पाता है। जौ का पानी गुर्दे को डिटॉक्स करने वाले उत्पादों के रूप में भी फायदेमंद होता है। नियमित रूप से जौ के पानी का सेवन करना आपको गुर्दे के कैंसर जैसी गंभीर समस्या से भी बचा सकता है।
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वजन कम करने के लिए जौ का पानी एक आदर्श के रूप में जाना जाता है। जौ के पानी में फाइबर की सामग्री पाई जाती है जो आपके पाचन को नियमित करने और उसमें सुधार करने के लिए जानी जाती है। जौ का पानी आप को हाइड्रेट और बहुत सारी कैलोरी देता है लेकिन इसमें वसा की मात्रा बहुत कम होती है जिससे आपको पेट जल्दी भर जाता है और आपको भूख बार-बार नहीं लगती जिससे आप बार बार भोजन करने से बच जाते हैं। एक संतुलित आहार और व्यायाम के साथ संयुक्त रूप से जौ का पानी वजन घटाने में सहायता कर सकता है।
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पौष्टिक जौ में सेलेनियम पाया जाता है, जो त्वचा को ढीला होने से सुरक्षित रखता है और मुक्त कण (free radicals) की क्षति से बचाता है। जिससे कारण आपकी त्वचा अपने समय से पहले बूढी लग सकती है। जौ का पानी शरीर से विष को बाहर निकलता है, जो मुँहासों के इलाज के लिए अत्यंत फायदेमंद है। यह मुहांसों की वजह से हो रही जलन व सूजन को कम करने में भी सहायक है। इसलिए जब आप जौ का पानी पीते है तो झुर्रियाँ मुक्त, सुंदर त्वचा जो अंदर से चमकती है को प्राप्त करते है।
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कब्ज जो की गर्भावस्था में आम बात है, जौ का पानी कब्ज को रोकता है और उबकाई को कम करता है। चूँकि यह रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करता है, यह गर्भावधि मधुमेह (gestational diabetes) से बचाव करता है और गर्भावस्था के दौरान फंगल संक्रमण से भी बचाता है। जौ का पानी पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण, गर्भवती महिलाओं के लिए एक बहुत ही अच्छा स्वास्थ्य पेय है। स्तनपान करा रही महिला भी इसका सेवन कर सकती है। यह एक लैक्टोजेनिक आहार है और स्तन के दूध की मात्रा में बढ़ोतरी लाने में सहायता करता है। यदि आप स्तन के दूध की मात्रा में बढ़ोतरी करना चाहती है तो इसके लिए जौ के पानी में सौंफ मिला कर इसकी क्षमता को बढ़ा सकती हैं।
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औषधीय गुणों से भरपूर जौ का पानी पीने से, शरीर में पेशाब भी बढ़ता है जिसका अर्थ है कि पेशाव के साथ शरीर में विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल दिया जाता है। इसलिए जौ पानी सबसे अच्छा दवा है जब आप एक मूत्र पथ के संक्रमण (UTI) से पीड़ित है।
यह मूत्र प्रणाली के लिए एक अच्छे एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन को कम करने) के रूप में कार्य करता है और गुर्दों को साफ रखने में मदद करता है। इस प्रकार इसे मूत्राशय शोध, गुर्दे की पथरी और क्रिएटिनिन का उच्च स्तर जैसे विकारों के इलाज के लिए भी उपयोग किया जाता है।
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शरीर की थकान और कमजोरी आदि एनीमिया के लक्षण हो सकते हैं। एनीमिया शरीर में खून की कमी के कारण होता है। लेकिन नियमित रूप से जौ के पानी का सेवन आपके शरीर में रक्त उत्पादन की क्षमता को बढ़ा सकता है। जौ के पानी में मौजूद कॉपर हीमोग्लोबिन के उत्पादन को उत्तेजित करता है। जिससे एनीमिया के शुरुआती लक्षणों को रोकने में मदद मिलती है। जिन लोगों को एनीमिया संबंधी समस्या है वे लोग लाल रक्त कोशिकाओं की गिनती सुधारने के लिए आयरन युक्त जौ के पानी का सेवन कर सकते हैं।
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गुर्दे की पथरी का इलाज करने के लिए आप जौ के पानी का उपयोग कर सकते हैं। जौ के पानी में अघुलनशील फाइबर की अच्छी मात्रा होती है। जो पित्त एसिड के स्राव को कम करता है। शरीर में पित्त एसिड जितना कम होगा इंसुलिन संवेदनशीलता उतनी ही बेहतर होगी। नियमित रूप से जौ के पानी का सेवन करने से ट्राइग्लिसराइड्स (triglycerides) के स्तर को कम करता है जिससे पथरी के गठन को रोका जा सकता है। यदि आप भी भविष्य में पथरी जैसी दर्दनाक समस्या से बचना चाहते हैं जौ के पानी को अपने नियमित आहार में शामिल कर सकते हैं।
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जौ के पानी को एनर्जी ड्रिंक के रूप में उपयोग किया जाता है। इसमें मौजूद विटामिन बी कॉम्प्लेक्स शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। जिससे रक्त परिसंचरण करने वाली धमनियों में वसा को जमा होने से रोका जा सकता है। संक्षेप में कहा जाये तो नियमित रूप से जौ के पानी का सेवन शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कम करने और रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देने में सहायक होता है।
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कैल्शियम और अन्य पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होने के कारण जौ का पानी हड्डियों को स्वस्थ्य रखने में मदद करता है। जौ के पानी में कॉपर और फॉस्फोरस भी अच्छी मात्रा में होते हं जो हड्डियों के संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक होते हैं। इसमें मौजूद मैग्नीशियम भी कैल्शियम के साथ मिलकर हड्डी निर्माण को गति दिलाता है। जौ के 1 गिलास पानी में 11 गिलास दूध के बराबर कैल्शियम होता है। यह पेय पदार्थ आयरन से भी भरपूर होता है जिसके कारण ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) को रोकने और इसे ठीक करने में मदद मिलती है। आप भी अपनी हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए जौ के पानी को अपने दैनिक दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।
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जौ का पानी आपकी त्वचा को स्वस्थ रखने के साथ ही उम्र बढ़ने संबंधी लक्षणों को कम करता है। जौ के पानी में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट की उच्च मात्रा होती है। जिसके कारण जौ का पानी सुपर लिक्विट फ्री रैडिकल्स को नष्ट करता है जो त्वचा में झुर्रियों, बारीक रेखाओं और झुलसी त्वचा का उपचार करने में मदद करती हैं। इस पेय पदार्थ में सेलेनियम की भी अच्छी मात्रा होती है जो त्वचा की लोच को बनाए रखने में सहायक होता है। इस तरह से आप समय से पहले आने वाले बुढ़ापे के संकेतों को दूर करने के लिए जौ के पानी का नियमित सेवन कर सकते हैं।
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त्वचा के छिद्रों में मौजूद गंदगी और सीबम की अधिक मात्रा मुंहासों का कारण बन सकती है। लेकिन अपने त्वचा छिद्रों को साफ करने का प्राकृतिक उपाय जौ का पानी हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जौ के पानी में इजेइलिक एसिड (Azelaic acid) नामक एक एंटी-इंफ्लामेटरी यौगिक होता है। यह यौगिक त्वचा में मौजूद गंदगी को दूर करने में प्रभावी होता है जिससे मुंहासों को होने से रोका जा सकता है। साथ ही यह त्वचा की सूजन को भी कम करने में प्रभावी होता है। इस प्रकार के लाभ प्राप्त करने के लिए आप जौ के पानी का नियमित सेवन करने के साथ ही इस पानी से चेहरे की सफाई भी कर सकते हैं।
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शायद आपको यह जानकर हैरानी हो कि जौ का पानी विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट्स में समृद्ध होता है इसमें विटामिन बी, फोलेट, आयरन, तांबे और मैग्नीशियम जैसे जरूरी मिनरल्स भी बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं जौ के पानी में एंटीआक्सीडेंट भी पाए जाते हैं जो कि आपके स्वास्थ्य लाभ में योगदान करते हैं क्योंकि वे आपके शरीर के अंगों पर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण मुक्त कणों से छुटकारा पाने के दौरान स्वस्थ सेल का विकास करने में सक्षम होते हैं।
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अनाज जैसे कि जौ में पाचन फाइबर की उच्च मात्रा पाई जाती है आपके पेट से खाने को पचाने के लिए आपके शरीर को फाइबर की आवश्यकता होती है। जब आप जौ का पानी पीते हैं तो आप इस उच्च फाइबर की मात्रा को अपने शरीर में जोड़ लेते हैं इसका मतलब यह होता है कि आपके शरीर में विषाक्त पदार्थों को बाहर करने और आपके शरीर को हाइड्रेट रखने में सहायता प्राप्त होती है। शोध से यह पता चला है कि जौ के पानी में घुलनशील फाइबर पाया जाता है।
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अभी हाल ही में किए गए कैंसर से संबंधित कई अनुसंधान में कैंसर के खतरे को कम करने के लिए आहार और जीवन शैली का विशेष महत्व बताया गया है। जौ में फाइबर की मात्रा अधिक होने से पाचन के दौरान विषाक्त पदार्थ को बाहर निकालने के लिए एक अच्छा कारक साबित होता है। जौ के पानी का सेवन आपके शरीर की बड़ी आंत की रक्षा करने में मदद करता है। इसमें फाइबर के अलावा फेरुलिक (ferulic) एसिड होता है जो कि बढ़ रहे ट्यूमर को खत्म करने के लिए आवश्यक होता है। एक अध्ययन में पाया गया है कि जौ में पाए जाने वाले एंटीआक्सीडेंट द्वारा कोलन कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोका जा सकता है।
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शरीर को हाइड्रेट करने के अलावा यह अपने प्राकृतिक ठंडक और आरामदायक गुणों से आंतरिक शरीर की गर्मी का भी इलाज करता है। इसके अलावा, यह स्वस्थ पेय शरीर को पोषण प्रदान करता है और रक्त परिसंचरण में सुधार लाता है। अपने जौ के पानी को और भी प्रभावी बनाने के लिए, आप इसमें ताज़ा नींबू का रस और मिश्री मिला सकते हैं।
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पोषक तत्वों से भरपूर जौ में फ्री रेडिकल के अलावा विटामिंस और मिनरल्स भी पाए जाते हैं। जौ का पानी आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली का समर्थन कर इम्यूनिटी पावर को मजबूत बनाने का कार्य करता है। जब भी आप जौ का पानी पीते हैं जिसका स्वाद खट्टा नींबू के जैसा होता है तो आप को उस पानी से विटामिन सी का एक रूप प्राप्त होता है जो आपके स्वस्थ रहने के लिए फायदेमंद होता है।
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जौ का पानी स्वास्थ्य के साथ ही बालों के लिए भी फायदेमंद होता है। जौ के पानी नियासिन, थियामिन और प्रोसीएनिडिन बी-3 (Procyanidin B-3) की उपस्थिति होती है। ये सभी घटक बालों में वृद्धि करने में सहायक होते हैं। जिसके कारण आप अपने बालों को घना, लंबा और मजबूत बना सकते हैं। जौ के पानी में तांबा और आयरन भी अच्छी मात्रा में होते हैं जो लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाता है। जिससे एनीमिया होने की संभावना कम हो जाती है। एनीमिया बालों के झड़ने के लिए भी जिम्मेदार होता है। इस तरह से आप अपने बालों संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए जौ के पानी का नियमित सेवन कर सकते हैं।
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औषधीय गुणों और स्वास्थ्य लाभों को देखते हुए रोज जौ का पानी पीना फायदेमंद होता है। दैनिक उपभोग के लिए जौ का पानी पूरी तरह से सुरक्षित है। विशेष रूप से जौ का पानी पीना गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए अधिक फायदेमंद होता है। इसके अलावा बुजुर्ग लोगों को कब्ज और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं को दूर रखने के लिए जौ के पानी का उपयोग किया जा सकता है। गर्मी के मौसम में जौ के पानी पीना शरीर को ठंडा रखने में मदद मिलती है। क्योंकि इसमें शीतलन प्रभाव होते हैं।
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जौ के पानी पीने का सबसे अच्छा समय दिन के किसी भी समय हो सकता है। क्योंकि जौ का पानी पीने के लिए किसी विशेष समय का निर्धारण नहीं किया गया है। हालांकि औषधीय और स्वास्थ्य वर्धक पेय पदार्थों को सुबह के समय पीना अधिक फायदेमंद होता है। आप भी अपने सुबह के नाश्ते के साथ या नाश्ते से पहले जौ के पानी का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा आप दोपहर के भोजन के पहले या बाद में सूप के रूप में भी कर सकते हैं। इस तरह से आप दिन के किसी भी समय जौ के पानी का सेवन कर सकते हैं। पीने के समय के आधार पर यह किसी भी समय पूरी तरह से सुरक्षित है।
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सामान्य रूप से प्रतिदिन 2 से 3 गिलास जौ के पानी का सेवन फायदेमंद होता है। लेकिन यदि आपको ग्लूटेन संबंधी एलर्जी है तब आपको जौ के पानी का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए। हालांकि जौ के पानी की यह खुराक उन लोगों के लिए अधिक फायदेमंद होती है जो मूत्र पथ के संक्रमण का सामना करते हैं। जौ का पानी शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों और बैक्टीरिया को बाहर निकाल सकता है। जौ के पानी का अधिक मात्रा में सेवन करने का एक मात्र दुष्प्रभाव यह है कि इसमें मूत्रवर्धक गुण होते हैं। जिससे आपको बार-बार पेशाब जाने की इच्छा होती है।
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ताजा जौ के पानी पीने का फायदा सबसे ज्यादा होता है। हालांकि कुछ लोगों के लिए ताजा जौ का पानी प्राप्त करना या बनाना मुश्किल हो सकता है। इसलिए जौ के पानी को कुछ दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है। यदि आप कुछ दिनों के लिए जौ के पानी को स्टोर करके रखना चाहते हैं तो किसी एयरटाइट सील बंद कांच की बोतल या जार का उपयोग कर सकते हैं। इस पानी को 2 से 3 दिनों तक फ्रिज में रखने से उपयोग करने योग्य बना रहता है। लेकिन ध्यान रखें जौ का पानी 2 से 3 दिनों के बाद स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
सिर्फ इसलिए कि जौ के पानी के कई स्वास्थ्य लाभ हैं इसका मतलब यह नहीं है कि आपको इसकी उच्च मात्रा का उपयोग करना शुरू कर देना चाहिए। जौ के पानी में कृत्रिम शर्करा या मिठास की उच्च सांद्रता होती है।
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ऊपर के लेख में आप ने जाना जौ के पानी के फायदे स्वास्थ्य लाभ और नुकसान के बारे में जौ के पानी में फाइबर विटामिन और खनिजों की अच्छी मात्रा पाई जाती है जो एक स्वादिष्ट और सरल पेय माना जाता है जौ का पानी आपके पाचन तंत्र को सही बनाता है और आपके वजन को कम करता है इसको पीने से आपको हृदय रोग और मधुमेह जैसे रोगों से बचने में मदद मिल सकती है
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