Bathua ke fayde aur nuksan in Hindi बथुआ को विशेष रूप से आप और हम खरपतवार (Weed) के रूप में जानते हैं, और हम में से बहुत से लोग बथुआ के फायदे जाने बिना ही इसे नष्ट भी कर देते हैं। शायद उन लोगों को यह नहीं पता है कि बथुआ (Bathua) बहुत से स्वास्थ्य लाभों से भरा हुआ है और भारत में एक स्वस्थ्य सब्जी के रूप में प्रसिद्ध है। आज का यह लेख बथुआ के फायदे और बथुआ के नुकसान पर आधारित है। यदि आप बथुआ को सामान्य सब्जी मानते हैं तो जरा बथुआ के फायदे जानलें हो सकता है यह आपके स्वास्थ्य के लिए किसी दवा का काम कर दे। बथुआ को वैज्ञानिक रूप से चेनोपोडियम अल्बम (Chenopodium Album) के नाम से जाना जाता है।
विषय सूची
1. बथुआ क्या है – What is Bathua in Hindi
2. बथुआ के बीज – Bathua Seeds in Hindi
3. बथुआ के पोषक तत्व – Bathua Nutritional Value in Hindi
4. बथुआ के फायदे – Bathua ke Fayde in Hindi
5. बथुआ के नुकसान – Bathua ke Nuksan in Hindi
यह एक वार्षिक खरपतवार पौधा है जो खेतों में फसलों के साथ-साथ बढ़ता है। इसे अन्य नामों जैसे व्हाइट हंसफुट, पिगवेड आदि से भी जाना जाता है। यह भारतीय खरपतवारों की सबसे व्यापक रूप फैलने वाली प्रजातीयों में से एक है। बथुआ आमतौर पर ऑस्ट्रलिया, भारत, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका में पाया जाता है। पुराने समय से ही बथुआ की पत्तियों और बीजों का उपयोग खाने के लिए किया जा रहा है।
बथुआ को भारत में पत्तेदार सब्जी के रूप में उबाल कर उपयोग किया जाता है। भारत में तैयार किये जाने वाले अन्य व्यंजनों में जैसे रायता, पराठा में भी इसका उपयोग किया जाता है। साथ ही बथुआ के बीज ((Bathua seeds)) भी स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। ये बीज एमिनो एसिड से भरे होते हैं।
ये बीज अत्यधिक पौष्टिक (Nutritious) होते हैं जो की बथुआ पौधे का खाने योग्य प्रमुख भाग होता है। गेंहू, मक्का और चावल की तरह ही भारत में इसके बीजों का उपयोग किया जाता है जो कि बहुत ही पौष्टिक होते हैं। पर बहुत से लोगों को बथुआ के फायदे पता नहीं है। वे लोग बथुआ का उपयोग अपने मवेशियों के लिए चारे के रूप में करते हैं।
शिमला में लोगों के द्वारा बथुआ के बीज से एक किण्वित पेय बनाते हैं जिसे सोरा (Soora) कहा जाता है। कुछ लोग बथुआ के बीज की शराब का भी सेवन करते हैं। बथुआ के बीज आंतों के परजीवी (Intestinal Parasites) को मारने में भी मदद करते हैं साथ ही कब्ज की समस्या से भी निजात दिलाते हैं।
बहुत से अध्ययनों से पता चलता है कि पूर्ण रूप से वयस्क होने पर बथुआ के पत्तों में मैग्नीशियम (Magnesium), कैल्शियम और सोडियम अच्छी मात्रा में होते हैं, जबकि युवा पत्तियों में तांबे और लोहे (Copper and Iron) की मात्रा अधिक होती है। आइए जाने बथुआ में पाये जाने वाले पोषक तत्व प्रति 100 ग्राम मात्रा के अनुसार :
यदि हम बथुआ के बीज की प्रति सौ ग्राम की गणना करते हैं तो इसमें ऊर्जा 400 किलो कैलोरी, वसा 7 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट 66 ग्राम और प्रोटीन 16 ग्राम होता है।
मानव स्वास्थ्य के लिए बथुआ बहुत ही लाभकारी होता है। बथुआ के फायदे विभिन्न प्रकार की बीमारियों को रोकने और उनसे निजात पाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। बथुआ का उपयोग कई पारंपरिक दवाओं की तैयारी में किया जाता है। इस कारण बथुआ का उपयोग चिकित्सा प्रयोजनों के लिए एक अच्छा विकल्प होता है। आइए विस्तार से जाने बथुआ के फायदे क्या हैं।
बुजुर्ग महिलाओं में ब्रैस्ट कैंसर आम बीमारी बनती जा रही है। यह सभी मादा कैंसर का 16 प्रतिशत और महिलाओं में 22.9 प्रतिशत तक खतरे को बढ़ा सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि बथुआ स्तन कैंसर के खिलाफ हमारी मदद करते हैं। बथुआ के पत्तों में एंटी कार्सिनोजेनिक (Anticarcinogenic) गुण होते हैं इसलिए बथुआ का सेवन करने से यह उन हार्मोन के विकास को रोकते हैं जो कैंसर के लिए जिम्मेदार होते हैं।
आप बथुआ के हल्के पत्ते और नरम डंठलों का उपयोग कर सकते हैं। आप इन्हें कुचलकर इनका रस निकालें और प्रतिदिन 10 से 15 ग्राम तक सेवन करें। आप इस रस को पानी के साथ या बिना पानी के भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
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गुर्दे की विफलता (kidney failure) के फलस्वरूप आपके शरीर में रक्त की आपूर्ति और मूत्र के उचित प्रवाह में कमी हो सकती है। जिससे आपका शरीर कमजोर हो सकता है। बथुआ का सेवन करने से गुर्दे के पत्थरों (Kidney stones) से छुटकारा पाने और यूटीआई (UTI) जैसे मूत्र पथ के संक्रमण के इलाज में भी मदद कर सकता है। आप अपने गुर्दे को मजबूत बनाने और मूत्र संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए बथुआ का उपयोग कर सकते हैं।
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दुनिया भर के लिए मधुमेह (Diabetes) आज एक आम बीमारी बन चुकी है। लेकिन बथुआ के फायदे इतने अधिक हैं कि यह मधुमेह के प्रभाव को भी कम कर सकता है। बथुआ की पत्तियां शरीर में रक्त शर्करा के स्तर (Sugar Levels) को कम करने में मदद करती हैं। इस प्रकार यह मधुमेह और इससे संबंधित विभिन्न प्रकार की समस्याओं को भी दूर कर सकती है। इसके औषधीय गुण होने के बाद भी आपको यही सलाह दी जाती है कि मधुमेह के लिए इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करें क्योंकि मधुमेह रोगीयों (Diabetic patients) को भोजन और दवाओं की संतुलित मात्रा का सेवन करना चाहिए।
मधुमेह के लिए आप बथुआ के पत्तों का रस निकालकर इसका सेवन कर सकते हैं। इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आप इसमें नींबू के रस की थोड़ी सी मात्रा मिला कर नियमित रूप से सुबह और शाम इसका सेवन करें।
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विकासशील देशों में दस्त एक सामान्य रूप से फैलने वाली महामारी होती है जिसके परिणाम स्वरूप पहले कई बच्चों की जान जा चुकी है। कब्ज और बवासीर के उपचार के साथ-साथ बथुआ दस्त का भी प्रभावी रूप से उपचार कर सकती है। दस्त होने के दौरान बथुआ के पत्तों (Bathua leaves) को उबालकर रोजाना दो बार सेवन किया जाता है तो यह बेहतर परिणाम देता है। यदि आप बथुआ का उपयोग दवा के विकल्प के रूप में नियमित रूप से करते हैं तो यह आपकी दस्त की समस्या को जल्दी दूर करने में मदद करता है। दस्त (Diarrhea) के उपचार के लिए यह सबसे अच्छा प्राकृतिक विकल्प होता है जो आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।
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गैस्ट्रिक और अम्लता (Gastric and Acidity) को कम करने की क्षमता बथुआ के पत्तों में मौजूद रहती है क्योंकि यह कब्ज को ठीक करने में मदद करता है और हमारे पाचन तंत्र (Digestive System) को स्वस्थ्य रखता है। पाचन व्यवस्था को ठीक रखने के कारण यह गैस्ट्रिक और अम्लता के निर्माण को रोकता है। बथुआ में एंटी- अम्लता (Anti-acidity) यौगिक होते हैं जो अम्लता की समस्या को कम करने में मदद करते हैं। बथुआ खराब पाचन (Poor Digestion) के कारण होने वाले दर्द से भी छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं।
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यदि कोई महिला अनियमित मासिक धर्म चक्र से पीड़ित है तो वह बथुआ के बीज का उपयोग कर एक शक्तिवर्धक औषधी (Tonic) तैयार करने में किया जा सकता हैं। बस 10 ग्राम बथुआ के बीज पाउडर और 10 ग्राम सूखे अदरक का पाउडर लें। उन्हें 500 मिलीलीटर पानी में मिलाएं और उबाल लें जब तक की यह मिश्रण 100 ग्राम न बचे।
इस मिश्रण के तैयार होने के बाद इसे किसी बोतल में सुरक्षित रखकर कुछ दिनों तक इसे दिन में दो बार सेवन करें। इस टॉनिक का सेवन करने से आपको निश्चित रूप से मासिक धर्म चक्रों (Menstrual cycles) को नियमित करने में कुछ सुधार दिखाई देगा। बथुआ महिलाओं की इस प्रकार की संवेदनशील समस्याओं को दूर करने का सबसे अच्छा विकल्प होता है।
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कुछ महिलाएं अपने बच्चे को जन्म देने के बाद संक्रमण विकसित करती हैं। ऐसी महिलाओं मे, प्रसवोत्तर संक्रमण (Postpartum Infections) के प्रभाव को कम करने के लिए बथुआ के बीज का इस्तेमाल कुछ अन्य औषधीय बीजों जैसे अजवाइन और मेथी के (carom and fenugreek) बीज आदि के साथ मिला कर किया जाता है। यह मिश्रण महिलाओं में होन वाले संक्रमण को कम करने में मदद करता है।
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एंटी-इन्फ्लामेट्री (anti-inflammatory) गुणों के कारण बथुआ का उपयोग गठिया के उपचार में उपयोग किया जाता है। बथुआ गठिया की सूजन को दूर करने का प्रभावी तरीका होता है। जोड़ों के दर्द और गठिया से छुटकारा पाने के लिए नाश्ते से पहले बथुआ के पत्तों के 2 से 3 चम्मच रस का सेवन करना चाहिए। यह गठिया (arthritis) के लिए बहुत ही प्रभावी और लाभकारी हो सकता है।
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आजकल बच्चे तकनीकी उपकरणों (Technical equipment) से इतने जुड़ चुके हैं कि वे अपनी छोटी सी उम्र में ही अपनी आंखों की कार्य क्षमता को खो देते हैं। बथुआ मे जस्ता और लौह सामग्री अच्छी मात्रा में होती है जो हमारी दृष्टि (vision) को बेहतर बनाए रखने में मदद करती है। हमारे शरीर में जस्ता और लौह की कमी आंखों में प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। इसलिए यदि आप अपनी आंखों को स्वस्थ्य बनाए रखना चाहते हैं तो बथुआ को सहायक भोजन के साथ-साथ दवा के रूप में भी ले सकते हैं।
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पाचन तंत्र को स्वस्थ्य रखने और आपके मल त्याग (Bowel Movements) को आसान बनाने में बथुआ मदद करता है। इस कारण यह उन लोगों के लिए भी फायदेमंद होता है जिन्हें बवासीर की शिकायत होती है। बवासीर एक बहुत ही दर्दनाक बीमारी है जो गुदा निर्वहन (Rectal Discharge) के पारित होने में जलन और तीखेपन का कारण बनती है। इस घ्रणित और पीड़ादयक बीमारी से छुटकारा पाने के लिए आप दैनिक आधार पर बथुआ का सेवन दिन में दो बार करें। यह आपकी बवासीर (Piles) की समस्या को दूर करने में मदद करता है।
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मुंह की बदबू एक बहुत ही परेशानी वाली समस्या है। विशेष रूप से यह उस समय शर्मिदगीं का कारण बनती है जब किसी को इस समस्या के साथ बातचीत का सामना करना पड़ता है। बुरी सांस (Bad breath) न केवल आपको दूसरों के सामने बुरा महसूस कराती है बल्कि आपकी अच्छी छवि को भी खराब करती है। बथुआ की पत्तियों का सेवन करने से बुरी सांस, मसूड़ों से रक्त स्राव (Gum bleeding), दांतों की सड़न और अन्य मुंह से संबंधित समस्याएं कम हो सकती हैं। यदि मुंह की दुर्गंध की समस्या किसी को है तो वे बिना किसी संकोच के बथुआ का उपयोग कर सकते हैं। बथुआ पूरे मुंह के स्वास्थ्य (Whole mouth health) के लिए भी लाभकारी होता है।
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कुछ अध्ययनों के अनुसार बथुआ एक बहुत अच्छा रक्त शोधक होता है। यह शरीर से सभी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है और हमारे शरीर को बहुत अच्छी तरह से डिटॉक्सीफाई (Detoxifies) करता है। विषाक्त पदार्थों से छुटकारा पाने और रक्त शोधक के रूप में इसके लाभ प्राप्त करने के लिए हमें केवल बथुआ को अपने आहार में शामिल करना है। आप इसे सब्जी के रूप में या इसका रस निकालकर उपयोग कर सकते हैं।
एक रक्त शोधक (Blood purifier) के रूप में बथुआ पत्तियों का उपयोग करने के लिए आप बथुआ के रस में नीम की पत्तियों का रस भी मिला सकते हैं और इसका नियमित सेवन कर सकते हैं।
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ऐसी खरपतवार जिसे हम सब्जी के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं, वह एंटीप्रुरिटिक (Antipruritic) एजेंट के रूप में कार्य करने में सक्षम होती है। यह त्वचा की जलन और खुजली (Burning and itching) को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। हमारी त्वचा बहुत ही नाजुक होती है, यह पसीने, सूर्य के ताप, प्रदूषण और कपड़ों के प्रभाव आदि से क्षतिग्रस्त हो सकती है।
इसलिए आप अपनी प्रभावित त्वचा पर बथुआ के पत्तों का लेप लगा सकते हैं, जो त्वचा की जलन और खुजली का अच्छा उपाय होता है।
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जब हम दवा लेते हैं, तो कभी-कभी चिकित्सा प्रभाव के बाद भी वे अपने अवशेष छोड़ देते हैं। अवशेष यकृत द्वारा अवशोषित किया जाता है और धीरे-धीरे शरीर में फैलाया जाता है। एक अध्ययन से पता चलता है कि बथुआ की पत्तियां कुछ दवाओं के अवशेषों के लिए एक अच्छा प्रतिरक्षी होता है। बथुआ के सेवन करने से सभी प्रकार के विषाक्त पदार्थों से छुटकारा पाया जा सकता है।
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यौन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए बथुआ का उपयोग फायदेमंद होता है। बथुआ एक अच्छा कामोद्दीपक (aphrodisiac) की तरह काम करता है और कम सेक्स ड्राइव (Low sex Drive) वाले लोगों में यौन शक्ति को बढ़ाता है।
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इस पत्तेदार सब्जी में विटामिन और कई खनिज पोषक तत्व होते हैं जो आपके बालों को लंबे, काले, घने और मजबूत बनाते हैं। आप अपने बालों को सुंदर और मजबूत बनाने के लिए बथुआ का नियमित सेवन कर सकते हैं।
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सीमित मात्रा में सेवन करने से बथुआ के कोई भी नुकसान नहीं होते हैं, लेकिन यदि अधिक मात्रा में इसका सेवन किया जाता है तो इसके कुछ गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं। ज्यादा मात्रा में बथुआ का सेवन करने से निम्न प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं :
आप यदि कम मात्रा में इसका सेवन करते हैं तो इस प्रकार की सभी समस्याओं से बच सकते हैं।
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