Bawasir ke liye gharelu upay बवासीर को जड़ से खत्म करते हैं ये 10 आयुर्वेदिक उपचार। गंभीर स्वास्थ्य समस्या होने के बावजूद बवासीर का घरेलू उपचार के द्वारा इसका इलाज संभव है। बवासीर आपके गुदा और मलाशय में सूजन वाली नसें होती हैं। बवासीर के सामान्य लक्षणों में दर्द, खुजली, जलन और गुदा से खून आना आदि शामिल हैं। यह समस्या गुदा के अंदर और बाहर दोनो तरफ हो सकती है। जिन्हें आंतरिक और बाहरी बवासीर कहा जाता है। बवासीर होना एक आम समस्या है जिसका प्राकृतिक और घरेलू उपचार किया जा सकता है। आज इस आर्टिकल में आप बवासीर के लिए घरेलू उपचार संबंधी जानकारी प्राप्त करेंगे।
विषय सूची
आयुर्वेद के अनुसार बवासीर का घरेलू उपचार किया जा सकता है। इसके अलावा आप बवासीर का इलाज चिकित्सा पद्यति से भी कर सकते हैं। जो कि बहुत ही प्रभावी होते हैं। लेकिन जो लोग बवासीर का इलाज घर पर ही करना चाहते हैं उनके लिए कुछ घरेलू इलाज भी होते हैं। ये इलाज आपको बिना कोई गंभीर नुकसान पहुंचाए बवासीर का प्रभावी इलाज कर सकते हैं। आइए जाने बवासीर के लक्षणों को कम करने वाले घरेलू उपाय क्या हैं।
यदि आप बवासीर के शुरुआती दौर से गुजर रहे हैं तो विच हेज़ल आपकी मदद कर सकती है। यह एक आयुर्वेदिक औषधी है जो बवासीर का प्रभावी इलाज कर सकती है। विच हेज़ल खुजली और दर्द दोनों को कम कर सकती है जो बवासीर के प्रमुख कारण और लक्षण होते हैं। इस औषधी में प्राकृतिक एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। इसलिए यह प्रभावित क्षेत्र की सूजन को भी कम कर सकती है। बवासीर का इलाज करने के लिए आप विच हेज़ल को तरल के रूप में बाजार से भी खरीद सकते हैं। आप इस तरल पदार्थ प्रभावित जगह पर लगाएं। यह आपको बवासीर में होने वाले दर्द और खुजली से राहत दिला सकता है। इस तरह से बवासीर के घरेलू उपचार के रूप में विच हेज़ल का इस्तेलमाल फायदेमंद हो सकता है।
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गर्म पानी की सिकाई बवासीर के घरेलू उपचार में से एक है। लेकिन आप इसे अधिक प्रभावी बनाने के लिए इसमें सेंधा नमक को शामिल कर सकते हैं। आप अपने नाहने के गर्म पानी में थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाएं। इसके लिए आप बाथ टब का भी उपयोग कर सकते हैं। इस पानी में आप प्रभावित क्षेत्र को ड़बोएं और कुछ देर तक इस गर्म पानी सिकाई करें। हर मल त्याग के बाद 20 मिनट तक गर्म स्नान करना सबसे प्रभावी होगा। स्नान के लिए सेंधा नमक जोड़ने से दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है।
इस तरह से सेंधा नमक और गर्म पानी की सिकाई बवासीर की जलन और दर्द आदि से राहत दिला सकता है। यदि आप बवासीर रोगी हैं तो सेंधा नमक और गर्म पानी के लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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प्राचीन समय से ही आयुर्वेद द्वारा बवासीर के इलाज के लिए कस्टर्ड आइल (अरंडी के तेल) का उपयोग किया जा रहा है। अंडी के तेल में बवासीर के लक्षणों को नियंत्रित करने वाले गुण होते हैं। क्योंकि अरंडी का तेल एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर होता है। इन्ही गुणों के कारण बवासीर के घरेलू उपचार के रूप में अंडी के तेल का व्यापक उपयोग किया जाता है। बवासीर के लक्षणों को कम करने के लिए प्रतिदिन 3 मिली लीटर दूध और अरंडी के तेल को प्रभावित क्षेत्र में लगाना चाहिए। इसके अलावा आप रात में1 गिलास दूध के साथ अरंडी (3 मिली लीटर) का भी सेवन कर सकते हैं। इस तरह से आंतरिक और बाहरी रूप से कस्टर्ड तेल का उपयोग बवासीर के दर्द और खुजली आदि को दूर कर सकता है।
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विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए एलोवेरा का उपयोग किया जाता है। लेकिन आप एलोवेरा का इस्तेमाल कर बवासीर का उपचार भी कर सकते हैं। एलोवेरा में मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी गुण बवासीर की सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। इस तरह से आप बवासीर के दौरान सूजन और दर्द से राहत पाने के लिए एलोवरा का उपयोग कर सकते हैं।
हालांकि इसके कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है कि यह बवासीर का इलाज कर सकता है। लेकिन त्वचा के लिए बवासीर के फायदे होने के कारण ऐसा माना जाता है कि यह बवासीर में राहत दिला सकता है। आप किसी अनुभवी या डॉक्टर की सलाह के अनुसार एलोवेरा का उपयोग कर सकते हैं।
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कुछ लोगों का मानना है कि टी ट्री तेल में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। जिसके कारण यह बवासीर का उचित इलाज कर सकता है। इसके अलावा टी ट्री ऑयल में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी होते हैं जो बवासीर की सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। शुरुआती अध्ययनों से पता चलता है कि चाय के पेड़ के तेल से बना जेल बवासीर के लक्षणों को कम कर सकता है। लेकिन आपको सलाह दी जाती है कि बिना डॉक्टर की सलाह के इसका उपयोग न करें। क्योंकि अभी भी पुष्टि के लिए शोध की आवश्यकता है।
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आप सामान्य रूप से खाने और अपने बालों में नारियल तेल का उपयोग करते हैं। यही नारियल तेल बवासरीर का देसी इलाज हो सकता है। यह एक प्राकृतिक मॉइस्चराइज़र है जो रक्तस्राव को रोक सकता है। नियमित रूप से प्रभावित क्षेत्र में नारियल का तेल लगाने से सूजन और दर्द आदि से भी राहत मिल सकती है। इस तरह से आप आप बवासीर का घरेलू इलाज करने के लिए नारियल के तेल का उपयोग कर सकते हैं।
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सूजन और दर्द आदि समस्या को दूर करने के लिए बर्फ की सफाई प्राचीन समय से की जा रही है। यदि आप भी बवासीर का इलाज करना चाहते हैं तो बर्फ की सिकाई कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको सूजन और दर्द से राहत मिल सकती है। इसके अलावा बैठने के दौरान रक्त स्राव होने पर पर बर्फ से सिकाई करें यह दर्द और सूजन को कम करने में सहायक होता है। त्वचा को नुकसान से बचाने के लिए आप किसी कपड़े में बर्फ के टुकडे लें और इससे 15 मिनिट तक प्रभावित क्षेत्र की सिकाई करें। आपको निश्चित ही आराम मिलेगा।
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अध्ययनों से पता चलता है कि बवासीर का प्रमुख कारण कब्ज है। इसलिए बवासीर का इलाज करने से पहले कब्ज का इलाज किया जाना आवश्यक है। कब्ज का इलाज करने के लिए त्रिफला चूर्ण बहुत ही प्रभावी माना जाता है। नियमित रूप से त्रिफला चूर्ण का सेवन बवासीर की संभावना और लक्षणों को कम करता है। रोगी को प्रतिदिन नियमित रूप से सोने के पहले 4 ग्राम त्रिफला चूर्ण का सेवन गर्म पानी से करना चाहिए। इस तरह से बवासीर के घरेलू उपचार के रूप में त्रिफला चूर्ण फायदेमंद होता है।
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इसबगोल की तरह मल सॉफ्टनर या फाइबर सप्लीमेंट, कब्ज को कम करने में मदद कर सकते है, मल नरम बना सकता है, और जल्दी, दर्द रहित मल त्याग करने में आसान बनाते है।
इनमें से कई मल सॉफ़्नर पाउडर, कैप्सूल और तरल पदार्थ जैसे रूपों में आते हैं, जिन्हें आप दिन में एक या तीन बार मुंह से ले सकते हैं।
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आप पानी का पर्याप्त सेवन कर बवासीर के लक्षण को कुछ हद तक कम कर सकते हैं। क्योंकि स्वस्थ्य आहार और पानी की पर्याप्त मात्रा मल त्याग को आसान बनाती है। अच्छी मात्रा में पानी पीने से कब्ज और पेट की अन्य समस्याएं दूर होती है। इस तरह से आप नियमित रूप से अधिक मात्रा में पानी पीकर बवासीर का इलाज कर सकते हैं। रोगी को सामान्य रूप से दिन में 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि इससे अधिक पानी पीना अन्य समस्याओं को बढ़ा सकता है। इस तरह से आप बवासीर का उपचार कर सकते हैं।
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जिन लोगों को बवासीर की शिकायत होती है, उन्हें सलाद का सेवन करना चाहिए। क्योंकि सलाद का सेवन करने से विटामिन और खनिज पदार्थ के साथ ही फाइबर की अच्छी मात्रा प्राप्त हो सकती है। इसलिए उन्हें नियमित रूप से भोजन के साथ या पहले सलाद का सेवन करना चाहिए। गाजर में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं, जो बवासीर को ठीक करने में फायदेमंद होते हैं। इनमें विटामिन सी और विटामिन K भी होता है जो शिरा स्वास्थ्य (vein health) को बेहतर बनाने में मदद करता है। इस तरह से बवासीर के घरेलू उपचार को अपना कर आप लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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बवासीर को रोकने के लिए जीवनशैली और आहार परिवर्तन सबसे अच्छा तरीका है। शारीरिक रूप से सक्रिय रहना और स्वस्थ भोजन करना आपकी मल त्याग को नियमित रखने में मदद करता है।
पाचन प्रक्रिया को सही ढंग से चलाने और कब्ज को रोकने के लिए बहुत सारे उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ (विशेष रूप से पौधों से प्राप्त) खाएं और खूब पानी पिएं। नियमित व्यायाम और लंबे समय तक बैठे न रहने से भी बवासीर को रोकने में मदद मिल सकती है।
कब्ज से बचने का सबसे प्रभावी तरीका यह है कि जब आप पहली बार पेशाब महसूस करें तो बाथरूम जाएं। मल त्याग में देरी करने से मल मल से पानी को पुन: अवशोषित होने लगता है। जिससे यह मल त्याग को कठिन बना देता है जब आप देर से मॉल त्यागने के लिए जाते हैं।
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