गर्भावस्था

जानबूझकर सिजेरियन डिलीवरी कराने से पहले इन 3 बातों को जान लें

जानबूझकर सिजेरियन डिलीवरी कराने से पहले इन 3 बातों को जान लें

आजकल डिलीवरी नैचुरल कम और सिजेरियन ज्‍यादा होने लगी हैं। जानबूझकर सिजेरियन के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं, बिना जानें कि इसके नुकसान क्‍या हैं । लेकिन शायद आप नहीं जानते, ऑपरेशन के जरिए जानबूझकर डिलीवरी को जानलेवा बनाने का कारण भी हो सकता है आपका एक फैसला।

जानबूझकर सिजेरियन डिलीवरी कराने से पहले जानलें इन तीन बातों को

जानबूझकर सिजेरियन डिलीवरी कराने से पहले जानलें इन तीन बातों को 

पहली बात जो सिजेरियन डिलीवरी कराने से पहले पता होनी चाहिए

तीन बातें जो हर गर्भवती महिला को जान लेनी चाहिए उनमें सबसे पहली बात ये है कि सिजेरियन एक बड़ा ऑपरेशन होता है। आजकल लाइफस्‍टाइल ऐसी हो गई है कि मां का शरीर नेचुरल डिलीवरी के लिए तैयार नहीं होता है। इसीलिए डिलीवरी में कई कॉम्‍प्‍लीकेशन की वजह से डॉक्‍टरों को सिजेरियन का सहारा लेना ही पड़ता है। आधुनिक तकनीकों की मदद से अब सिजेरियन डिलीवरी आसान तो हो गई है लेकिन फिर भी आपकी और आपके बच्‍चे की भी जान का खतरा होता है। भले ऑपरेशन की प्रक्रिया सेफ हो लेकिन फिर भी महिलाओं को सामान्‍य प्रसव के लिए पूरी कोशिश करनी चाहिए।

दूसरी बात जो सिजेरियन डिलीवरी कराने से पहले पता होनी चाहिए

दूसरी बात जो सिजेरियन डिलीवरी कराने से पहले पता होनी चाहिए 

दूसरी बात ये है कि सिजेरियन डिलीवरी के अपने जोखिम और साइड इफेक्‍ट्स हो सकते हैं। ऑपरेशन के दौरान मां की आंत और पेशाब की थैली में चोट की संभावना बनी रहती है। डिलीवरी के बाद भी महिलाओं में कई तरह के कॉम्प्लिीकेशन देखे जाते हैं। इस ऑपरेशन से उबरने में महिलाओं को 2 हफ्ते का समय लग जाता है, वो भी तब जब वो पूरा बेड रेस्‍ट करें। नहीं तो इनफेक्‍शन का खतरा बना रहता है वो अलग। हैवी दवाईयों की डोज के चलते मां को दूध तक नहीं बन पाता। जो बच्‍चे के लिए सही नहीं है। इसलिए अकारण अपने बच्‍चे को दुनिया में लाने के लिए इस तरीके का इस्‍तेमाल ना करें।

(और पढ़े – सी सेक्शन डिलीवरी के बाद जल्दी ठीक होने के बेहतर तरीके)

तीसरी बात जो सिजेरियन डिलीवरी कराने से पहले पता होनी चाहिए

सिजेरियन से जन्‍में बच्‍चों को नर्सरी में रखना पड़ता है, कई बार सांस की दिक्‍कत भी होती है और पीलिया भी हो सकता है। क्‍योंकि ऐसे बच्‍चे मां का दूध जन्‍म के तुरंत बाद नहीं पी पाते इसलिए भविष्‍य में उन्‍हें लो इम्‍यूनिटी का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा एक रिसर्च के मुताबिक सिजेरियन से पैदा हुए बच्‍चों में मोटापा, मधुमेय और एलर्जी का भी खतरा बना रहता है । अगर आप प्रसव पीड़ा के डर से सिजेरियन करवाना चाहती हैं तो उन महिलाओं से मिले जो सामान्‍य प्रसव करा चुकी हैं। एक्‍सपीरियंस लें, डरें नहीं दिमाग से काम लें। अपने शरीर को अनजाने डर की ओ ना ढकेलें।

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