Behoshi in Hindi जानिए बेहोश होने के कारण, बेहोशी के लक्षण, बेहोश होने पर प्राथमिक उपचार, बेहोशी क्या है, बेहोशी के कारण के बारे में मस्तिष्क में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाने के कारण व्यक्ति अवचेतन की अवस्था में चला जाता है, इस स्थिति को बेहोशी कहते हैं। चिकित्सा की भाषा में बेहोशी (fainting in hindi) को सिंकोपे (syncope) भी कहा जाता है। सामान्य बेहोशी की स्थिति आमतौर पर कुछ मिनटों के लिए ही होती है। बेहोश होने से पहले व्यक्ति को हल्का सिर दर्द, चक्कर, कमजोरी और उल्टी महसूस होती है। कुछ लोगों को बेहोशी से पहले कुछ सुनाई या समझ में नहीं आता और आंखों के सामने अंधेरा छा जाता है। ज्यादातर लोग बेहोशी की समस्या को बहुत हल्के में लेते हैं लेकिन यह समस्या गंभीर भी हो सकती है। (Behoshi Ke Karan lakshan aur bachav in Hindi)
- बेहोशी के कारण – Causes of fainting in Hindi
- जाने बेहोशी के लक्षण – Symptoms of fainting in Hindi
- बेहोशी का निदान – Diagnosis of fainting in Hindi
- -बेहोशी का इलाज – Treatment of fainting in Hindi
- बेहोशी से बचाव – Fainting Prevention in Hindi
बेहोशी के कारण – Causes Of Fainting in Hindi
behoshi ka karan in Hindi ज्यादातर मामलों में बेहोशी का कारण स्पष्ट नहीं हो पाता है। आमतौर पर बेहोशी कई कारणों से होता है।
- डर या भावनात्मक आघात पहुंचने से
- गंभीर दर्द के कारण
- ब्लड प्रेशर कम होने से
- बेहोशी के कारण निर्जलीकरण
- लंबे समय तक एक ही स्थिति (position) में खड़े रहने से
- झटके से उठने में
- धूप या अधिक गर्मी में शारीरिक श्रम करने से
- लगातार उल्टी दस्त होने से
- ड्रग्स या एल्कोहल का सेवन करने से
- दौरा पड़ने से
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इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर, एलर्जी, डिप्रेशन और चिंता की दवाओं से व्यक्ति का ब्लड प्रेशर घट जाता है जिसके कारण वह बेहोश हो सकता है। यदि एक तरफ सिर घुमाने के कारण कोई व्यक्ति बेहोश हो जाता है तो इसका अर्थ यह है कि उस व्यक्ति के गले की रक्त वाहिकाओं (blood vessel) में मौजूद सेंसर अधिक संवेदनशील हैं, जिसके कारण वह बेहोश हो सकता है। इसके अलावा डायबिटीज, हृदय रोग (heart disease), प्रेगनेंसी, हार्ट बीट का घटना-बढ़ना और चिंता एवं फेफड़ों की बीमारी के कारण भी व्यक्ति बेहोश हो सकता है।
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बेहोशी के लक्षण – Symptoms Of Fainting in Hindi
व्यक्ति का अचानक अवचेतन अवस्था में चले जाना बेहोशी का मुख्य लक्षण है। बेहोश होने से पहले व्यक्ति निम्न लक्षणों का अनुभव करता है-
- पैरों में भारीपन महसूस होना
- आंखों से अचानक धुंधला (blurred) दिखाई देना
- सर्दी या गर्दी महसूस होना
- उलझन होना
- हल्का सिर दर्द, चक्कर आना
- जी मिचलाना
- पसीना होना
- उल्टी होना (और पढ़े – उल्टी और मतली को रोकने के उपाय)
- उबासी लेना
जब कोई व्यक्ति बेहोश होता है तो वह अचानक गिर पड़ता है, चेहरा पीला पड़ जाता है और ब्लड प्रेशर घट जाता है एवं नाड़ी कमजोर हो जाती है।
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बेहोशी का निदान – Diagnosis Of Fainting in Hindi
कभी-कभी बेहोशी (behoshi) को लोग बहुत साधारण समझ लेते हैं लेकिन इसके पीछे स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्या भी हो सकती है। यदि किसी व्यक्ति को चेहरे और भुजाओं में सुन्नता या कमजोरी का अनुभव हो रहा हो तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। डॉक्टर मरीज से बेहोशी से पहले महसूस होने वाले लक्षणों के बारे में पूछकर इस समस्या का निदान करते हैं। इसके अलावा मरीज से वर्तमान में दवाओं के सेवन के बारे में भी पूछते हैं। इसके बाद डॉक्टर व्यक्ति के हृदय की जांच करते हैं और उसे हृदय रोग होने पर कॉर्डियोलॉजिस्ट से जांच करवाने को कहते हैं।
बेहोशी के निदान के लिए आमतौर पर इलेक्ट्रोकॉर्डियोग्राम (ECG) टेस्ट किया जाता है। इसके अलावा व्यक्ति के शरीर में एनीमिया, डायबिटीज और संक्रमण का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट भी किया जाता है। ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट का पता लगाने के लिए टिल्ट टेबल टेस्ट (tilt-table test) किया जाता है। इसके अलावा होल्टर मॉनिटर टेस्ट (Holter monitor test) भी किया जाता है जिसमें मरीज को एक पोर्टेबल डिवाइस पहनाया जाता है और हार्ट बीट को रिकॉर्ड किया जाता है।
कुछ मामलों में बेहोशी की जांच करने के लिए मरीज के सिर का सीटी स्कैन (CT scan) भी किया जाता है जिसमें मरीज के मस्तिष्क में खून का परीक्षण किया जाता है। यह टेस्ट बेहोशी के कारणों का पता नहीं लगाता है बल्कि यह सिर्फ इतना बताता है कि सिर में कोई चोट लगी है या नहीं।
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बेहोशी का इलाज कैसे किया जाता है – Treatment Of Fainting in Hindi
आपको बता दें कि बेहोशी का इलाज इसके निदान पर निर्भर करता है। यदि बेहोशी के पीछे कोई गंभीर कारण है तो डॉक्टर इसके इलाज के लिए मरीज को कुछ दवाएं देते हैं लेकिन बेहोशी सामान्य कारणों से हुई हो तो इसके लिए इलाज की आवश्यकता नहीं होती है और यह कुछ देर में ठीक हो जाती है। यदि किसी व्यक्ति को हार्ट बीट में उतार-चढ़ाव के कारण बेहोशी होती है तो उसे पेसमेकर की आवश्यकता हो सकती है। इसके अलावा ब्लड प्रेशर के कारण बेहोश होने वाले लोगों को डॉक्टर खाने में नमक की मात्रा बढ़ाने या नियंत्रित करने की सलाह देते हैं।
बेहोशी से बचाव के उपाय – Fainting Prevention in Hindi
हालांकि बेहोशी की समस्या का निवारण उसकी गंभीरता पर निर्भर करता है लेकिन कुछ सामान्य सी सावधानियां बरतकर भी बेहोशी से बचा जा सकता है।
सिर में हल्का दर्द (lightheaded) और अचानक कमजोरी का अनुभव होना बेहोशी का लक्षण है। यदि ये लक्षण महसूस हों तो अपने सिर को दोनों घुटनों के बीच रखकर बैठ जाएं, इससे मस्तिष्क में खून की सप्लाई होगी और आप बेहोश होने से बच सकते हैं।
- यदि गर्म कमरे या गर्म जगहों पर आपको चक्कर आता हो या बेहोशी के कोई भी लक्षण दिखायी देते हों तो गर्म कमरे में न रहें।
- अगर अचानक झटके से उठने में आपको बेहोशी का अनुभव होता हो तो उठते समय इस बात का ध्यान रखें और आराम से उठें।
- यदि ब्लड प्रेशर के घटने या बढ़ने के कारण बेहोशी हो तो खाने में नमक की मात्रा बढ़ाएं या नियंत्रित करें। इससे आप इस समस्या से बच सकते हैं।
- शरीर में पानी की कमी (dehydration) न होने दें और पूरे दिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें। अगर अधिक संवेदनशील हों तो गर्मी लगने पर राहत प्रदान करने वाली जगहों पर ही रहें।
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Meri mother ko sugar hai sans me bhi problem hai or hart beat bhi kabhi bhdh jati hai kabhi ght jati hai reed ki haddi me bhi lachak aayi Hui hai umar badhne ke karan wo kamjor hai or ab tb bhi hogya karpaya kar mujhe margdrasit karen mai kaya karun jisse wo thek ho jaye