Benefits of Anti Glare glasses in Hindi आजकल एंटी ग्लेयर ग्लास और ब्लू कट लेंस (anti glare glasses and blue cut lenses) काफी लोकप्रिय होते जा रहे हैं आज हर जगह लोग कम्प्यूटर और लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं। इसके सामने घंटों तक लगातार बैठे रहने से लोगों में कंप्यूटर विजन सिंड्रोम बढ़ रहा है। यही वजह है कि आज ज्यादातर लोग कम्यूटर, टीवी या लैपटॉप के सामने एंटी ग्लेयर चश्मा या ब्लू लाइट अवरुद्ध लेंस लगाकर बैठते हैं, जिससे सीधी रोशनी इनकी आंखों पर नहीं पड़ती। वैसे इन दिनों मार्केट में एंटी ग्लेयर चश्मे खूब चर्चा में हैं।
विशेषज्ञों की भी राय है कि कम्यूटर या लैपटॉप पर काम करने के दौरान लोग एंटी ग्लेयर चश्मा ही लगाएं। क्योंकि जब आप इन ज्यादा ध्यान खींचने वाली मशीन के सामने काम करते हैं, तो आपकी निगाहें लगातार इन पर होती हैं। कई बार तो लोग घंटों तक बैठे रहते हैं और उनकी आंखें नहीं झपकती। इस वजह से आंखों का पानी सूख जाता है, आंखें लाल हो जाती हैं साथ ही आंखों की मांसपेशियां भी कमजोर होने लगती हैं। ऐसे में एंटीग्लेयर लैंसेंस लगाकर काम करना बेहद फायदेमंद है। तो चलिए जानते हैं एंटी ग्लेयर ग्लास क्या होते है, एंटी ग्लेयर ग्लास के फायदे और किस तरह इसका उपयोग किया जा सकता है।
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एंटीग्लेयर ग्लासेस दिखने में साधारण ग्लासेस जैसे ही होते हैं, लेकिन इसमें कई ऐसी खासियत हैं जो आपकी आंखों को स्ट्रेस और स्ट्रेन दोनों से बचाती हैं। दरअसल, ग्लासेस पर आजकल एंटीग्लेयर कोटिंग आने लगी है जो आपके विजन को क्लीयर करती है, आईस्ट्रेन को कम करती है साथ ही आपके आईग्लासेस को और अट्रेक्टिव बनाती है। खासतौर से एंटी ग्लेयर ग्लासेस ऐसे लोगों के लिए बहुत उपयोगी है जो लगातार कई घंटों तक कंप्यूटर, लैपटॉप या टीवी के सामने बैठे रहते हैं। इससे कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाईल से आ रही अलग-अलग रंगों की रोशनी की चमक सीधे आंखों पर नहीं पड़ती। अन्य शब्दों में कहें तो ये सामने से पड़ने वाली अलग-अलग रंगों की चमक को आपकी आंखों तक सीधे आने से रोकते हैं।
इनका इस्तेमाल रात में ड्राइविंग करते समय भी किया जा सकता है। इन्हें अगर आप अपनी कार की स्क्रीन पर लगवा लें तो गाड़ी चलाते समय सामने से आ रहे व्हीकल के हेडलाइट से आनी वाली चमक को बहुत कम किया जा सकता है। एंटी ग्लेयर ग्लासेस की दो खास पहचान हैं। एक ये कि इस ग्लासेस से आप कोई भी स्क्रीन देखेंगे तो ये हल्के पीले रंग की नजर आएगी साथ ही अगर इस पर कोई लाइट पड़े तो वह ब्लू रिफ्लेक्शन बनाएगी।
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आइये जानते है कि एंटी ग्लेयर ग्लास किस प्रकार से हमारी आँखों के लिए फायदेमंद होता हैं।
जो लोग लगातार 12 घंटे तक कंप्यूटर या लैपटॉप के सामने बैठते हैं या ज्यादा देर तक मोबाईल चलाते हैं, उन्हें खासतौर से ये ग्लासेस अपने चश्मे में लगाना चाहिए। इनसे आपकी आंखों पर स्ट्रेन और खिचांव भी नहीं आएगा। बल्कि इसके साथ काम करने पर आंखों में ठंडक बनी रहेगी।
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एंटी ग्लेयर लैंसेंस की खास बात ये है कि जिन लोगों के नंबर का चश्मा लगा है, वे तो अपने चश्मे में ये लैंसेस लगवा ही सकते हैं, वहीं जिन लोगों के चश्मा नहीं भी लगा है वे भी एंटीग्लेयर लैंस वाला चश्मा पहन सकते हैं। साथ ही कंप्यूटर स्क्रीन, लैपटॉप स्क्रीन यहां तक कार की स्क्रीन पर भी एंटीग्लेयर ग्लासेस लगवा सकते हैं।
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एंटीग्लेयर ग्लासेस जिन्हें एंटीरिफ्लेक्टिव कोटिंग भी कहा जाता है। एंटी ग्लेयर चश्मा का फायदा ये है कि रात में गाड़ी चलाते समय सामने से आने वाले व्हीकल के हेडलाइट की चमक को बहुत कम कर देता है।
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)यदि आप लगातार कंप्यूटर का उपयोग करते हैं तो एंटी ग्लेयर चश्मा आपके कंप्यूटर स्क्रीन की चमक को भी कम करने में सहायक है। इससे आपकी आंखों पर स्ट्रेस नहीं पड़ेगा और आंखें थका हुआ महसूस नहीं करेंगी। एक ओर जहां एंटी ग्लेयर चश्मा के फायदे हैं वहीं नुकसान भी हैं। अगर आपने एंटीग्लेयर ग्लासेस पहने हुए हैं, तो आपको इन्हें बार-बार साफ करने की जरूरत पड़ेगी। क्योंकि आईलैशेस के जरिए गंदगी लैंस पर चिपक जाती है और एक लकीर बना देती है। इसलिए अगर आप इन ग्लासेस का इस्तेमाल कर रहे हैं तो लैंस की सफाई स्प्रे और कपड़े से करें।
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1- एंटी ग्लेयर ग्लासेस एक स्पेशल कोटिंग के साथ आते हैं। यदि आप इन ग्लासेस को खरीदने जा रहे हैं, तो इससे पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। पहली बात ये ग्लासेस वजन में बहुत ही हल्के होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि कम वजन वाले इन चश्मों को पहनने के बाद आपकी नाक और आंख पर प्रेशर नहीं पड़ता। ये टीआर90 मटेरियल से बनते हैं, जिससे इन्हें लंबे समय तक आसानी से पहना जा सकता है। एंटी ग्लेयर चश्मा खरीदने से पहले फ्रेम, लैंस की क्वालिटी को भी ध्यान में रखें।
2- अगर आप इसके बारे में थोड़ा बहुत भी जानते हैं, तो नॉर्मल और एंटी ग्लेयर ग्लासेस में आसानी से फर्क कर सकते हैं। यदि रोशनी प्रतिबिंबित रोशनी का ऑरिजनल रंग है तो इसका मतलब है कि चश्में में एंटीरिफ्लेक्टिव कोटिंग नहीं है, लेकिन अगर लाइट ग्रीन, गोल्ड, पर्पल या ब्लू कलर की रिफ्लेक्ट हो, तो समझ जाइए कि इन पर एंटीग्लेयर की कोटिंग है। इसे आप बिना किसी कंफ्यूजन के खरीद सकते हैं।
3- इसके साथ ही इन लैंस पर बाहर से हरे और नीले रंग की शाइनिंग कोटिंग रहती है। हालांकि जो व्यक्ति ये लैंस पहनता है, वो इसका कलर नोटिस नहीं कर सकता। लेकिन इसे खरीदने से पहले कोटिंग को चैक कर सकते हैं।
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1- पतले एंटी ग्लेयर ग्लासेस अच्छे होते हैं- कई लोग मानते हैं कि जितना पतला लैंस होगा उतना अच्छा होगा। ये सच है कि पतले लैंस का वजन कम होता है और ये काफी आरामदायक भी होते हैं लेकिन सच्चाई ये है कि ऐसे लैंसेस हल्के जरूर होते हैं, लेकिन ऐब वैल्यू के मामले में इनकी रैंक बहुत कम होती है।
2- सस्ता भी हो सकता है अच्छा- अगर आप गूगल पर एंटी ग्लेयर ग्लासेस टाइप करेंगे तो आपको कई सारे सस्ते एंटीग्लेयर ग्लोसस मिल जाएंगे। ये न केवल कीमत में सस्ते होते हैं, बल्कि इनकी क्वालिटी भी घटिया होती है। ये लो क्वालिटी के वो लैंस होते हैं, जो किसी भी मैन्यूफैक्चरिंग स्टेंटर्ड को फॉलो नहीं करते। इनकी कीमत 150 से 900 रूपए के बीच होती है, जबकि असली और अच्छी क्वालिटी वाले एंटीग्लेयर लैंसेस महंगे आते हैं। इसलिए इन्हें इनकी कीमत नहीं बल्कि क्वालिटी देखकर खरीदें, क्योंकि ये आपकी आंख का मामला है।
3- स्क्रैच प्रूफ एंटी ग्लेयर ग्लास बेहतर होते हैं- इस ब्रह्मांडमें ऐसी कोई चीज नहीं है जो स्क्रैचपू्रफ हो। ये केवल लोगों में भ्रम पैदा करने की एक प्रॉपर मार्केटिंग स्ट्रेटजी है। सच्चाई तो ये कि ये एंटी ग्लेयर ग्लास भी स्क्रैच प्रूफ नहीं होते, बस इनका प्रभाव अच्छा होता है।
4- हर एंटी ग्लेयर ग्लास कम्यूटर ग्लास होता है- एंटीग्लेयर ग्लासेस से जुड़ा एक बहुत बड़ा भ्रम लोगों के दिमाग में बना रहता है। वो ये कि एंटी ग्लेयर ग्लास कंप्यूटर ग्लास भी होते हैं। दरअसल, एंटी ग्लेयर और कंप्यूटर ग्लासेस में ज्यादा अंतर नहीं होता। कंप्यूटर ग्लासेस में तो एंटी ग्लेयर प्रॉपर्टीज होती हैं, लेकिन ये जरूरी नहीं कि एंटी ग्लेयर ग्लासेस कंप्यूटर पर काम करने के लिए सही हों। इसलिए इन्हें खरीदने से पहले इसके बारे में रिसर्च जरूर कर लें।
एंटी-ग्लेयर ग्लास को यूज करने वाले ज्यादातर लोग इसे किसी भी कपड़े या किसी भी सॉल्यूशन से साफ कर लेते हैं। जबकि ये एक बहुत गलत तरीका है। यह तरीका लैंस की पतली कोटिंग को नुकसान पहुंचा सकता है। सबसे गलत तरीका तो वो है जब लोग अमोनिया के लिक्विड सॉल्यूशन से इसे साफ करते हैं। बता दें कि अमोनिया का इस्तेमाल इन ग्लासेस पर करना बेहद खतरनाक है। अमोनिया लैंस से एंटी ग्लेयर कोटिंग को हटा सकता है। यदि आपके पास इसे साफ करने का कोई परफेक्ट सॉल्यूशन नहीं है तो आप इसे सादे पानी से साफ करें।
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