साबूदाना कार्बोहाइड्रेट, खनिज, विटामिन कार्बोनिक योगिक का एक बेहतर सोर्स होता है। इसमें वसा, कोलेस्ट्रोल और सोडियम की मात्रा बहुत ही कम होती है। खास मौको पर उपवास में इसका बिशेष उपयोग होता है आइये जानते है साबूदाना के फायदे और नुकसान क्या है
आपको बता दें साबूदाना किसी पेड़ पर नहीं ऊगता । यह कासावा या टैपियोका नामक कन्द से बनाया जाता है साबूदाना बनाने के लिए सबसे पहले कसावा को खुले मैदान में बनी कुण्डियों में डाला जाता है तथा रसायनों की सहायता से उन्हें लम्बे समय तक गलाया, सड़ाया जाता है। इस प्रकार सड़ने से तैयार हुआ गूदा महीनों तक खुले आसमान के नीचे पड़ा रहता है। दूसरी ओर इस गूदे में पानी डाला जाता है जिससे उसमें सफेद रंग के करोड़ों लम्बे कृमि पैदा हो जाते हैं। यह प्रक्रिया कई बार दोहरायी जाती है। और फिर उनमें से प्राप्त स्टार्च को धूप में सुखाया जाता है । जब यह पदार्थ लेईनुमा हो जाता है तो मशीनों की सहायता से इसे छन्नियों पर डालकर गोलियाँ बनाई जाती हैं ,ठीक उसी तरह जैसे की बून्दी छानी जाती है।
साबू का सिमित मात्रा में सेवन करने से बहुत से फायदे होते हैं जैसे हड्डियों की मजबूती, वजन बढाने में, पाचन की मजबूती, प्रेगनेंसी में, मानसिक स्वास्थ्य, उच्च रक्तचाप में लाभाकरी होता है। साबूदाने में मौजूद कैल्शियम, आयरन और विटामिन ‘के’ हड्डी स्वास्थ्य को बनाए रखने और लचीलेपन में सुधार के लिए बेहद फायदेमंद होता है तो चलिते जानते है साबूदाना के फायदे और नुकसान के बारे में –
व्रत के दिनों में अक्सर शरीर में गर्मी पड़ जाती है। ऐसे में साबूदाने की खिचड़ी बनाकर खाने से गर्मी दूर होती है और यह शरीर को तरोताजा भी करता है। इसके आलावा चावल के साथ साबूदाना का कांबिनेशन शरीर की गर्मी को कम करने और ठंडक पहुंचाने में मदद करता है।
साबूदाना वजन बढ़ाने में भी मदद करता है। जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है जिस वजह से उनका वजन नहीं बढ़ पाता। ऐसे में साबूदाने की खिचड़ी या खीर खाने से बहुत फायदा होता है।
सेहत के साथ यह त्वचा को भी बहुत फायदा देता है। साबूदाने का फेसमास्क बनाकर लगाने से चेहरे की रंगत खिल उठती है और इससे झुर्रियों की समस्या भी दूर होती है।
इसमें कैल्शियम, आयरन और विटामिन-के भरपूर मात्रा में होता है जो हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी होता है। उम्र बढ़ने के साथ ही हड्डियों में कैल्शियम कम होने लगता है जिसके परिणामस्वरूप ऑस्टियोपोरोसिस, ओस्टियोआर्थराइटिस, सामान्य कमजोरी और लचीलेपन की कमी जैसी स्थिति होती है। साबूदाने के सेवन से मांसपेशियों के दर्द से भी राहत मिलती है।
टैपिओका में विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स की अच्छी मात्रा होती है, इसमें फोलिक एसिड भी होता है जो शिशु के लिए बहुत फायदेमंद है।
साबूदाना खाने में काफी हल्का होता है और यह पेट की काफी समस्याएं दूर करता है। साबूदाना फाइबर से भरपूर होता है फाइबर का पाचन तंत्र में मैं रोल होता है इसके सेवन से पेट की पाचन शक्ति ठीक होती है जिससे कब्ज, सूजन, गैस और अपच जैसी परेशानी से राहत मिलती है।
प्रोटीन मनुष्य के शरीर के लिए एक आवश्यक तत्व है, इसलिए, साबू शाकाहारियों के लिए एक अच्छा विकल्प है क्योंकि यह पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन देने बाला होता है जिसके कारण हमारे शरीर में मांसपेशियों की ग्रोथ सामान्य रूप से चलती रहती हैं
साबूदाने में पाया जाने वाल पोटेशियम रक्त संचार को बेहतर कर, उसे नियंत्रित करता है, जिससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है।पोटेशियम रक्त वाहिकाओ के तनाव को कम करता है जिससे रक्त का प्रवाह शरीर में अच्छे से हो पाता है जिससे खून के टक्के जमने की सम्भावना कम होती है
आयरन युक्त साबूदाना रेड ब्लड सेल्स के प्रोडक्शन में मदद करता है और एनीमिया के मरीज के लिए साबूदाना रामबाण है.
टैपिओका में कार्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में होता है और फैट्स कम होता है इसलिए इसके सेवन से शरीर के तुरंत ऊर्जा मिलती है।
साबू के इतने सरे फायदे के बाबजूद भी साबूदाना के नुकसान होते हैं।
साबूदाना हमारी सेहत के लिए तभी फायदेमंद है, जब हम इसका उपयोग सही मात्रा में करें। गलत तरीके से किया गया उपयोग आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…