Beriberi Disease in Hindi बेरी बेरी डिजीज इन हिंदी: बेरीबेरी (Thiamine deficiency) रोग व्यक्तियों में होना एक आम बात है, यह शरीर में विटामिन थायमिन की पर्याप्त मात्रा में पूर्ति न होने के कारण होता है। यह बीमारी ज्यादातर बच्चों को अधिक प्रभावित करती है, लेकिन पुरुष और महिलाएं भी समान रूप से प्रभावित हो सकते हैं। थायमिन (Thiamine) शरीर के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है, जो शरीर के अन्दर शुगर को तोड़ने में मदद करता है, जिससे शरीर को ऊर्जा प्राप्त होती है। एक असंतुलित आहार का सेवन थायमिन की कमी (Thiamine deficiency) का कारण बन सकता है, जिससे बेरीबेरी रोग होता है। थायमिन की कमी मस्तिष्क एवं तंत्रिका में गंभीर रूप से क्षति का कारण बनती है। ऐसे मामलों में थायमिन की कमी (बेरीबेरी) का इलाज किया जाना जरूरी हो जाता है।
अतः इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे कि बेरीबेरी (Beriberi / Thiamine deficiency) क्या है, इसके कारण, लक्षण क्या हैं, और थायमिन की कमी को पूरा करने के लिए क्या उपचार प्रक्रिया अपनाई जा सकती है।
1. बेरीबेरी क्या है – What is beriberi in Hindi
2. बेरीबेरी रोग के प्रकार – Types Of Beriberi In Hindi
3. बेरीबेरी का कारण – Thiamine Deficiency (Beri Beri) Causes In Hindi
4. बेरीबेरी के जोखिम कारक – Beriberi Risk Factor In Hindi
5. बेरिबेरी के लक्षण – Thiamine Deficiency Symptoms In Hindi
6. बेरीबेरी का निदान – Beriberi Diagnosis In Hindi
7. बेरीबेरी का इलाज – Beriberi Treatment In Hindi
8. बेरीबेरी की रोकथाम – Beriberi Prevention In Hindi
9. थायमिन रिच फूड्स – Thiamine Rich Foods in Hindi
10. थायमिन के प्रमुख लाभ – Vitamin B1/ thiamine Benefits in Hindi
11. थायमिन की कमी से और कौन से रोग होते है – Thiamine Deficiency Disease in hindi
बेरीबेरी (Beri Beri Rog In Hindi) एक बीमारी है, जो विटामिन बी-1 की कमी के कारण होती है, इसे थायमिन की कमी (Thiamine deficiency) के नाम से भी जाना जाता है। विटामिन बी1, जिसका रासायनिक नाम थायमिन (Thiamine) है, एक आवश्यक पोषक तत्व है। जिसका उपयोग कोशिकाओं द्वारा भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित करने में मदद करने के लिए किया जाता है। मानव शरीर को विटामिन बी1 या थायमिन की पूर्ति खाद्य पदार्थों के द्वारा की जाती है। अतः भोजन के रूप में विटामिन बी1 का कम मात्रा में सेवन बेरीबेरी (beriberi or Thiamine deficiency) रोग का कारण बनता है।
जो व्यक्ति थायमिन (thiamine) से समृद्ध खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, उनमें बेरीबेरी रोग विकसित होने की संभावना बहुत कम होती है। आज के समय में बेरीबेरी (beriberi) ज्यादातर उन व्यक्तियों में होता है जो अत्यधिक शराब का सेवन करते हैं।
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बेरीबेरी विटामिन बी-1 की कमी के कारण होती है, इसे थायमिन की कमी (Thiamine deficiency) के नाम से भी जाना जाता है।
Beriberi (बेरीबेरी) रोग लक्षणों के आधार पर मुख्य रूप से दो प्रकार का होता हैं:
आर्द्र बेरीबेरी (wet beriberi) – आर्द्र बेरीबेरी दिल और परिसंचरण तंत्र (circulatory system) को प्रभावित करती है। चरम मामलों में, आर्द्र बेरीबेरी (wet beriberi) दिल की विफलता का कारण बन सकती है।
शुष्क बेरीबेरी (dry beriberi) – शुष्क बेरीबेरी तंत्रिकाओं (nerves) को नुकसान पहुंचाती है, इससे मांसपेशियों की मजबूती कम हो सकती है और अंततः मांसपेशी में लकवा (muscle paralysis) की समस्या उत्पन्न हो सकती है। यदि समय पर इलाज नहीं किया जाता है तो बेरीबेरी (beriberi) जीवन को खतरे में डाल सकता है।
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बेरीबेरी का मुख्य कारण थायमिन या विटामिन बी1 युक्त आहार का कम मात्रा में सेवन है। विटामिन-समृद्ध खाद्य पदार्थों जैसे अनाज (cereals) और ब्रेड (breads) से समृद्ध क्षेत्रों में यह समस्या बहुत कम देखने को मिलती है। बेरीबेरी (Beriberi) की बीमारी उस क्षेत्र के व्यक्तियों को सबसे अधिक प्रभावित करती है, जहां थायमिन समृद्ध आहार में कमी और आहार में सफेद चावल शामिल किया जाता है। सफेद चावल में थायमिन (thiamine) की बहुत सूक्ष्म मात्रा पाई जाती है।
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थायमिन की कमी (thiamine deficiency) को बढ़ाने वाले कारक बेरीबेरी (beriberi) रोग के जोखिम को बढ़ाते हैं, अतः निम्न कारक बेरीबेरी रोग का कारण बन सकते हैं:
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बेरिबेरी (beriberi) के लक्षण इसके प्रकार के आधार पर भिन्न- भिन्न होते हैं।
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बेरीबेरी रोग (berry berry disease) को निर्धारित करने के लिए चिकित्सकीय परीक्षणों की एक श्रृंखला की आवश्यकता होती है। अतः बेरीबेरी की स्थिति का निदान करने के लिए थायमिन की कम का पता लगाया जाता है, इस हेतु रक्त और मूत्र परीक्षण की आवश्यकता होती है।
रक्त और मूत्र परीक्षण के आधार पर शरीर में थायमिन (thiamine) के स्तर को मापा जाता है। यदि शरीर किसी कारण से थायमिन को अवशोषित करने में असमर्थ है, तो रक्त में थायमिन की कम मात्रा और मूत्र में थायमिन की उच्च मात्रा प्राप्त होती है।
स्मृति में कमी, समन्वय के कमी, चलने में कठिनाई और कमजोर प्रतिबिंबों की कमी आदि की जानकारी के लिए डॉक्टर न्यूरोलॉजिकल परीक्षण (neurological exam) भी कर सकते हैं। यह परीक्षण तंत्रिका कार्यों की सही जानकारी प्राप्त करने के लिए आवश्यक है।
इसके अतिरिक्त एक शारीरिक परीक्षण के आधार पर डॉक्टर दिल की समस्याओं के बारे जानकारी प्राप्त कर सकता है। शारीरिक परीक्षण के तहत दिल की धड़कन में तेजी, निचले पैरों की सूजन और सांस लेने में कठिनाई आदि से सम्बंधित बेरीबेरी (beriberi) के सभी लक्षणों का निदान किया जा सकता है।
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बेरिबेरी (beriberi) का इलाज आसानी से थायमिन की कमी को पूरा करके किया जा सकता है। डॉक्टर बेरिबेरी से सम्बंधित मरीज को थायमिन (thiamine) की गोली या दवाओं की सिफारिश कर सकता है। गंभीर मामलों में एक हेल्थकेयर मरीज के लिए इंट्रावेनस थायमिन (intravenous thiamine) का प्रबंधन कर सकते हैं।
इलाज के दौरान डॉक्टर, मरीज के शरीर द्वारा विटामिन के अवशोषण का निरीक्षण करने के लिए फॉलो-अप रक्त परीक्षणों (follow-up blood) किया जा सकता है।
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बेरीबेरी (beriberi) की रोकथाम का सबसे आसन उपाय यह कि, अपने आहार में थायमिन (thiamine) समृद्ध भोजन को जोड़ा जाये। बेरीबेरी (beriberi) की रोकथाम के लिए निम्न उपाय अपनाये जाने चाहिए।
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बेरीबेरी (beriberi) की रोकथाम के लिए एक स्वस्थ और संतुलित भोजन का सेवन किया जाना चाहिए, जिसमें थायमिन (thiamine) में समृद्ध खाद्य पदार्थ शामिल हों। अतः एक स्वस्थ आहार प्रणाली अपनाने और थायमिन की कमी (thiamine deficiency) को रोकने के लिए निम्न खाद्य पदार्थ का सेवन किया जा सकता है :
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शरीर के लिए प्रतिदिन के काम-काज के लिए आवश्यक दैनिक मात्रा के आधार पर, पुरुषों के लिए 1.2 मिलीग्राम और महिलाओं के लिए 1.1 मिलीग्राम थायमिन (thiamine) सेवन की आवश्यकता होती है।
थायमिन (thiamine) के अच्छे स्रोतों के रूप में पदार्थ की 100 ग्राम मात्रा में पाई जाने वाली आवश्यक थायमिन की दैनिक मात्रा निम्न है:
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थायमिन (thiamine) युक्त आहार शरीर में थायमिन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। शरीर में थायमिन की निश्चित मात्रा विभिन्न प्रकार के कार्यों में अपना योगदान देती है, थायमिन के प्रमुख लाभों में शामिल हैं:
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