आज के समय में भी दुनिया में ऐसी कई जगह है जहां लड़की की जल्दी शादी करना ही सही माना जाता है। हमारे भारत में भी लड़की के 18 साल के होते ही शादी करवा दी जाती है और उसके 2-3 साल बाद लड़की को बच्चे पैदा करने के लिए कहा जाता हैं। परन्तु एक शोध द्वारा बताया गया है की आजकल देर से बच्चे पैदा करने से आपका बच्चा ज्यादा स्मार्ट और सेहतमंद होता है। पर जहां इसके कई फायदे है तो कहीं बहुत सारे नुकसान भी है। इसलिए आज इस लेख में हम जानेंगे की क्या सच में ज्यादा उम्र में माँ बनने से होने वाला बच्चा स्मार्ट और स्वस्थ होता है, और बड़ी उम्र में बच्चा पैदा करने के क्या फायदे है और क्या नुकसान है।
विषय सूची
1. किस उम्र में माँ बनना है सही – Right Age To Become A Mother In Hindi
2. देर से पैदा होने वाले बच्चे होते है स्मार्ट और सेहतमंद – Late born babies are smart and healthy in Hindi
3. देर से माँ बनने के फायदे पर किया गया शोध – Research for becoming late mother in Hindi
4. देर से बच्चा पैदा करने के क्या फायदे होते है – Benefits of late pregnancy in hindi
5. देर से बच्चा पैदा करने के नुकसान – Disadvantage of late pregnancy in hindi
अगर कोई पूछें की एक औरत के लिए माँ बनने की सही उम्र क्या होती है तो अधिकतर लोग यही कहेंगे की 20-25 के बीच की उम्र सबसे सही होती है और जी हाँ यह बिलकुल सही भी है पहले के समय में नियमित जीवनशैली और अच्छे आहार की वजह से माँ बनने में और बच्चा पैदा करने में कोई दिक्कत नहीं होती थी, परन्तु अब लोगों की अनियमित जीवनशैली की वजह से उम्र और सही खानपान बहुत ही महत्वपूर्ण कारण बन गया है माँ बनने के लिए, परन्तु एक शोध में पता चला है की ज्यादा उम्र में माँ बनने से होने वाला बच्चा स्मार्ट और स्वस्थ होता है।
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आज के समय में देर से शादी और देर से बच्चे पैदा करने वाली महिलाओं के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी है एक अध्ययन में यह पता चला है की देर से पैदा होने वाले बच्चे बहुत ही स्मार्ट होते है और उनका स्वास्थ्य भी एकदम सही रहता है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है 40 साल पहले की स्थिति की तुलना में, आज के समय में बड़ी उम्र की महिलाओं के द्वारा पैदा हुए बच्चे, छोटी उम्र की महिलाओं के बच्चों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करते हैं।
ऐसा इसलिए है क्योकि बड़ी उम्र की माताएं, छोटी उम्र की माताओं की तुलना में अधिक खुश रहती हैं क्योकि वह महिलायें अच्छी तरह से शिक्षित हैं और इनमें से ज्यादातर महिलाएं कामकाजी होती है जिससे उनकी आर्थिक स्थिति भी ठीक रहती है और वह निश्चिंत होकर बच्चे को जन्म देने के बारे में सोच सकती है।
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अमेरिका में किये गए एक नए शोध में यह पता चला है की शोध में बताई गयी उम्र में माँ बनने से होने वाला बच्चा होशियार और सेहतमंद होता है। इस शोध के अनुसार महिलाओं की माँ बनने की सही आयु 30 साल है, क्योकि इस अध्ययन से यह पता चला है की जो महिलाएं 30 साल की होने के बाद बच्चा प्लान करती है उन महिलाओं में गर्भाशय का कैंसर (uterus cancer) होने की संभावना बहुत कम होती है। इस शोध से यह भी पता चला है की 30 साल की उम्र तक आते आते महिलायें मानसिक और शारीरिक रूप से बच्चे को जन्म देने के लिए तैयार हो जाती है और इस उम्र तक महिलाएं आर्थिक रूप से भी और ज्यादा सशक्त हो जाती है जिससे उनके मन में होने वाले बच्चे के भविष्य को लेकर कोई चिंता नहीं रहती है।
इसलिए इस शोध में यही पाया गया है की जो महिला हर समय खुश और सेहतमंद रहती है उसका बच्चा भी उतना ही होशियार और सेहतमंद होता है।
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यदि आप भी उन महिलाओं में से एक हैं जो देर से बच्चा पैदा करना चाहतीं हैं तो हम आपको बता रहें हैं की देर से बच्चा पैदा करने के क्या फायदे होते है।
अध्ययन यह बताते हैं कि जिन महिलाओं को देर से बच्चे होते है वह उम्र के अनुसार मानसिक रूप से दूसरी महिलाओं से ज्यादा तेज होती हैं। अमेरिकन गेरिएट्रिक्स सोसाइटी के जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में 830 मध्यम आयु वर्ग की महिलाओं का परीक्षण किया गया। यह परीक्षण यह निर्धारित करने के लिए किया गया की क्या ज्यादा उम्र में बच्चा पैदा करने और मस्तिष्क की शक्ति के बीच में कोई संबंध है। शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन में पाया कि जिन महिलाओं को 35 वर्ष की उम्र के बाद बच्चा हुआ उनमें तीव्र अनुभूति (sharper cognition) और मौखिक स्मृति (verbal memory) की खासियत थी।
उन्होंने शोध में यह भी पाया कि जिन महिलाओं का पहला बच्चा 24 साल की उम्र के बाद हुआ है, वे अपने साथियों की तुलना में समस्या-समाधान करने में बेहतर थीं।
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कई अध्ययनों में यह पाया गया है छोटी उम्र की महिलाओं के मुकाबले बड़ी उम्र की महिलाओं से अनजाने में अपने बच्चे को चोट लगने की संभावना कम होती है। हालांकि शोधकर्ताओं अनजाने में चोट लगने से बचने का स्पष्ट कारण पता नहीं कर पाएं है परन्तु उनका मानना है की बड़ी उम्र की महिलायें अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा सजग और सावधान रहती है जिससे बच्चों को चोट लगने की संभावना कम होती है।
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यह सही कहा जाता है की उम्र के साथ परिपक्वता आ ही जाती है। मार्च 2017 में यूरोपियन जर्नल ऑफ डेवलपमेंट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 7, 11 और 15 वर्ष की आयु के बच्चों के दो समूहों के मनोवैज्ञानिक विकास पर ध्यान देने के लिए कुछ शोध किये। बच्चों के एक समूह का जन्म 31 वर्ष की आयु के माताओं से हुआ था और दूसरे समूह के बच्चों का जन्म 31 से कम उम्र की माताओं से हुआ था। जब इन बच्चों के मनोसामाजिक विकास का विश्लेषण किया गया, तो शोधकर्ता यह जानकर आश्चर्यचकित हुए कि बड़े उम्र की माताओं द्वारा अपने बच्चों को डांटने या शारीरिक रूप से अनुशासित करने की संभावना कम पाई गयी थी।
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जितनी देर से आपका बच्चा पैदा होगा, उतनी ही अधिक संभावना बढ़ेगी कि आपका बच्चा प्रौद्योगिकी के स्तरों को अधिक समझेगा। बड़ी उम्र के माता-पिता के बच्चे शैक्षिक, तकनीकी और सामाजिक प्रगति से परिपूर्ण होते हैं।
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शोध में यह पाया गया है की देर से पैदा होने वाले बच्चों के माता पिता दूसरे बच्चों के माता पिता से ज्यादा आर्थिक रूप से संपन्न और सुखी होते है और उनके बच्चे भी पैसों का महत्व ज्यादा बेहतर तरीके से समझते है।
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कुछ बड़ी उम्र की महिलाएं यह सोचती है की देर से बच्चे पैदा करने का मतलब यह होता है की आपके पास छोटे बच्चों के साथ रहने की ऊर्जा नहीं रहती या आप उनके जीवन की प्रमुख घटनाओं के लिए आस-पास नहीं होंगे, जैसे कि शादी या उनके बच्चों को पैदा होते हुए देखना, लेकिन शोध से पता चला है कि जो महिलायें बड़ी उम्र में बच्चे पैदा करती है वह लम्बे समय तक जीती है और ज्यादा स्वस्थ भी रहती है। जिस तरह बड़ी उम्र में बच्चे पैदा करने के कई फायदे होते है उसी तरह कुछ नुकसान भी होते है।
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बड़ी उम्र की महिलाओं को देर से बच्चा पैदा करने से कुछ स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती है, जैसे –
जैसी बीमारियाँ हो सकती है जिससे बड़ी उम्र की महिलाओं को विभिन्न तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती है।
बड़ी उम्र की महिलाओं द्वारा पैदा हुए बच्चों में भी कभी कभी कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती है,जैसे-
जैसी गंभीर बीमारियाँ हो सकती है जिससे जान का जोखिम भी हो सकता है।
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