Best Cooking Oil in India in Hindi जानें खाने का कौन सा तेल है आपकी सेहत के लिए अच्छा हैं। खाना पकाने का तेल किसी भी भारतीय व्यंजन में एक महत्वपूर्ण और बुनियादी घटक माना जाता है। तेल का उपयोग खाना पकाने और भोजन में स्वाद जोड़ने के लिए किया जाता है। हालांकि, खाना पकाने के लिए सही तेल कौन सा होता है यह सवाल सभी के मन में आता है क्योकि आजकल लोगों को आधे से ज्यादा बीमारियाँ तेल की वजह से होती है परन्तु कुछ तेल स्वास्थ्य के लिए अच्छे भी होते है इसलिए सही तेल खाने से आप दिल के विभिन्न संक्रमण, कोलेस्ट्रॉल की समस्या, अकड़न की परेशानी आदि से आसानी से बच सकते हैं।
इसलिए आज हम आपको बतायेंगे की भारत में खाना बनाने और सेहत को ठीक रखने के लिए कौन सा बेस्ट आयल है। आइये जानतें हैं बेस्ट कुकिंग आयल फॉर हेल्थ इन हिंदी के बारे में।
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वैसे तो लोग खाना बनाने के लिए अपने हिसाब से अच्छा ही तेल लाते है और आजकल बाजार में कई तरह के स्वास्थ्य लाभ बताने वाले तेल मिलते है पर क्या आप जानते है सच में आपके स्वास्थ्य के लिए कौन सा तेल अच्छा है। आईये जानते है बेस्ट कुकिंग आयल के बारे में –
घी को भारत में खाना पकाने के लिए सबसे अच्छे और स्वस्थ विकल्पों में से एक माना जाता है। यह मक्खन (butter) से बेहतर होता है क्योंकि घी पाचन के लिए अच्छा माना जाता है, मस्तिष्क के कामकाज में भी सुधार करता है और व्यायाम के साथ साथ वजन घटाने में भी मदद करता है। ऐसा माना जाता है की घी खाने से याददाश्त में सुधार होता है, हड्डियों में मजबूती आती है और व्यक्ति के ऊर्जा स्तर का निर्माण आसानी से होता है।
(और पढ़े – घी के फायदे और नुकसान…)
सरसों के तेल को पारंपरिक खाना पकाने के तेल विकल्पों के लिए एक बढ़िया विकल्प माना जाता है। क्योंकि इसे अक्सर पाचन और सर्कुलेशन में मदद करने के लिए उत्तेजक (stimulant) के रूप में उपयोग किया जाता है। अपने एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण यह सरसों का तेल, त्वचा की रक्षा करने में मदद करता है। सरसों का तेल कीटाणुओं और वायरस से लड़ने में मदद करता है। ठंड, खांसी और त्वचा की समस्याओं को रोकने के लिए भी सरसों तेल बहुत अच्छा है।
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खाना बनाने के लिए सूरजमुखी का तेल एक बेहतरीन विकल्प है, क्योंकि यह विटामिन ई का एक बहुत ही अच्छा स्रोत है। इसमें वह सभी आवश्यक पोषक तत्व होते हैं जो स्वस्थ शरीर के लिए आवश्यक होते हैं। इसमें मौजूद पॉलीअनसेचुरेटेड (polyunsaturated) (PUFA) कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद करता है। सूरजमुखी का तेल हृदय रोगों के जोखिम को भी कम करता है, मुक्त कणों (free radicals) से भी लड़ता है, जो विशेष रूप से कैंसर रोगियों के लिए अच्छा होता है। यह कोलन कैंसर (colon cancer) को रोकने में भी मदद करता है और शरीर की मरम्मत करने में सहायक होता है, व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है और तंत्रिका तंत्र के कार्य को सुचारू रूप से चलने को भी बढ़ावा देता है।
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जैतून का तेल भी खाना बनाने के लिए तेल का एक और बढ़िया विकल्प है, क्योंकि इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स की अच्छी मात्रा पायी जाती है जो जोड़ों में दर्द को कम करता है और साथ ही पार्किंसंस (Parkinson’s) और अल्जाइमर (Alzheimer’s) के खतरे को कम करता है। इस तेल में ऐसे गुण भी पाए जाते हैं जो दिल की बीमारियों से लड़ने में मदद करता हैं, जैसे दिल का दौरा।
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चावल की भूसी का तेल (rice bran oil) मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड (monounsaturated fatty acids) में समृद्ध होता है और इसमें कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले गुण भी होते हैं। ओरजेनॉल नामक कॉम्पोनेन्ट की उपस्थिति के कारण, यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने में प्रभावी होता है।
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अलसी का तेल (Flaxseed oil) भी एक और अच्छा खाना पकाने का तेल माना जाता है क्योंकि यह ओमेगा 3 फैटी एसिड के गुणों से भरा हुआ है। ओमेगा 3 फैटी एसिड हमारी सेहत के लिए बेहद ही फायदेमंद है और क्रोन की बीमारी (Crohn’s Disease) और कोलाइटिस (colitis) के इलाज और रोकथाम करने में भी बहुत महत्वपूर्ण है।
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मूंगफली के तेल में मोनो-असंतृप्त (mono-unsaturated) (MUFA) और पॉलीअनसेचुरेटेड (polyunsaturated) (PUFA) की मात्रा अत्यधिक होती है, जो कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (LDL) कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। यह विटामिन ई का भी एक अच्छा स्रोत है, जो मुँहासे (acne) या निशान (scars) से त्वचा की रक्षा करता है और एक अच्छे एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करने के लिए जाना जाता है।
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ताड़ के तेल ला उपयोग अधिकतर खाने को तलने के लिए किया जाता है, पाम आयल एंटीऑक्सिडेंट, कैरोटीन और विटामिन ई का एक समृद्ध स्रोत माना जाता है। यह कैंसर रोगियों और अल्जाइमर, गठिया, एथेरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis) और एंटी-एजिंग से पीड़ित लोगों के लिए भी एक अच्छा इलाज है।
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तिल का तेल (Sesame oil) भी खाना बनाने के लिए एक बेहतरीन विकल्प है, क्योंकि इसमें पुनर्स्थापना (restorative properties) के गुण पाए जाते हैं। तिल का तेल मधुमेह रोगियों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है और यह रक्त संचार में होने वाले तनाव में भी कमी लाता है।
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खाना पकाने के लिए बादाम का तेल दो प्राथमिक चिकित्सा मुद्दों के लिए इस्तेमाल होता है दिल की बीमारी और रक्तचाप। बादाम का तेल अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है और कोलन ट्यूमर (colon tumor) से सुरक्षा भी देता है।
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काजू के तेल में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने और विभिन्न संक्रमणों और बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। यह जलन और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के साथ-साथ आंखों की दृष्टि को भी बढ़ाने में मदद करता है।
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यदि आप व्यंजनों में पारंपरिक ठोस वसा (traditional solid fats) के बजाय कैनोला तेल का उपयोग करते है तो यह ट्रांस-वसा को समाप्त करने में मदद करता है। यह कोलेस्ट्रॉल मुक्त होता है और विटामिन ई और के, ओमेगा 3 फैट और प्लांट स्टेरोल का एक अच्छा स्रोत माना जाता है, जो आपके हृदय स्वास्थ्य की रक्षा करने में मदद करता है। कैनोला तेल दिल की बीमारियों के लिए एक अच्छा तेल है जो रक्तचाप, सूजन और कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।
(और पढ़े – कैनोला ऑयल के फायदे और नुकसान…)
सोयाबीन का तेल पॉली और मोनोअनसैचुरेटेड वसा (poly and monounsaturated fats) में उच्च होता है। इसके अलावा इसमें ओमेगा 3 असंतृप्त वसा (Omega 3 unsaturated fats) होता है, जो हृदय संबंधी बीमारियों के खतरे को भी कम करता है।
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