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भस्त्रिका प्राणायाम करने की विधि और फायदे – Bhastrika Pranayama (Bellows Breath) steps and benefits in Hindi

Bhastrika Pranayama in Hindi भस्त्रिका प्राणायाम एक बहुत ही अच्छा श्वास अभ्यास हैं यह शरीर को स्वस्थ और दिमाग को खुश रखता हैं। ह्रदय और मस्तिष्क के रोगियों को एक चमत्कारी परिमाण प्राप्त करने लिए भस्त्रिका प्राणायाम आसन को करना लाभदायक होता हैं। आयुर्वेद के अनुसार यह कफ को शरीर से कम करने में मदद करती हैं। भस्त्रिका एक प्रकार का प्राणायाम है जो कपलभाती के समान दिखाई देता है लेकिन यह उससे बहुत अलग है। आइये भस्त्रिका प्राणायाम करने के तरीके और इससे होने वाले लाभ को विस्तार से जानते हैं।

विषय सूची

1. भस्त्रिका प्राणायाम क्या हैं – What is Bhastrika Pranayama Hindi
2. भस्त्रिका प्राणायाम करने से पहले यह आसन करें – Bhastrika Pranayama (Bellows Breath) karne se pahle ye aasan kare in Hindi
3. भस्त्रिका प्राणायाम करने का तरीका – Steps to do Bhastrika Pranayama (Bellows Breath) in Hindi
4. भस्त्रिका प्राणायाम के फायदे – Bhastrika Pranayama Benefits in Hindi

5. भस्त्रिका प्राणायाम करने में क्या सावधानी रखें – Precautions to do Bhastrika Pranayama (Bellows Breath) in Hindi

भस्त्रिका प्राणायाम क्या हैं – What is Bhastrika Pranayama Hindi

“भस्त्रिका प्राणायाम” एक संस्कृत शब्द है जिसमे “भस्त्रिका” शब्द का अर्थ “धौंकनी”(bellows) हैं। धौंकनी एक उपकरण हैं जो पहले लुहार के पास होता हैं, यह चमड़ा का बना होता हैं इसका प्रयोग आग को भड़काने में किया जाता था। आपने ‘दा योगिक ब्रेथ ऑफ फायर’ (the yogic breath of fire) के बारे में सुना हैं?

यह साँस लेने वाली एक तकनीक हैं जो शरीर में गर्मी पैदा करने के लिए जानी जाती हैं। भस्त्रिका योग श्वास अभ्यास में एक शक्तिशाली और ऊर्जावान प्राणायाम है। कपालभाती भी एक श्वास तकनीक है जो छींकने की नकल करती है और पेट को इसमें शामिल करती है, पर भस्त्रिका प्राणायाम छाती के माध्यम से होता है और यह फेफड़ों को संलग्न करती है। आइये भस्त्रिका प्राणायाम करने की विधि और इसके लाभ को विस्तार से जानते हैं।

(और पढ़े – अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे और करने का तरीका…)

भस्त्रिका प्राणायाम करने से पहले यह आसन करें – Bhastrika Pranayama karne se pahle ye aasan kare in Hindi

भस्त्रिका प्राणायाम करने का तरीका – Steps to do Bhastrika Pranayama in Hindi

नीचे भस्त्रिका योगासन को करने के तरीके दिए जा रहे हैं जिनका का अनुसरण करके आप इसे आसानी से कर सकते हैं-

  • इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को जमीन पर बिछा के पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं।
  • अपनी आँखों को बंद कर लें।
  • अपनी रीढ़ की हड्डी को, गर्दन और सिर को सीधा रखें।
  • अपने दोनों हाथों को सीधा करके घुटनों पर रखें और तर्जनी को अंगूठे से मिलाएं।
  • कुछ देर ध्यान की मुद्रा में बैठे।
  • अब एक गहरी साँस अन्दर लें और फिर बलपूर्वक उसके बाहर निकालें।
  • फिर से बलपूर्वक अन्दर की ओर साँस लें और फिर से बलपूर्वक उसे बाहर निकले।
  • साँस को पूरी तरह से अन्दर लें, इसमें आपकी साँस लेने की गति एक धौंकनी के समान होती हैं।
  • इस क्रिया को निरंतर करते रहें और इसे कम से कम 21 बार करें।
  • उसके बाद के एक कुछ लम्बी साँस लें और फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।

(और पढ़े – नाड़ी शोधन प्राणायाम करने के फायदे और विधि…)

भस्त्रिका प्राणायाम के फायदे – Bhastrika Pranayama Benefits in Hindi

  1. फेफड़ों के लिए फायदेमंद भस्त्रिका प्राणायाम – Bhastrika Pranayama Best breathing exercise for lungs in Hindi
  2. रक्त की शुद्धि करने के लिए भस्त्रिका प्राणायाम – Bhastrika Pranayama Helps to remove impurities of blood in Hindi
  3. भस्त्रिका प्राणायाम के लाभ दिमाग को एकाग्र करने में – Bhastrika Pranayama for concentration of mind in Hindi
  4. भस्त्रिका प्राणायाम के फायदे मस्तिष्क रोगों के लिए – Bhastrika Pranayama Benefit for Brain diseases in Hindi
  5. विभिन्न प्रकार की बिमारियों से बचने के लिए भस्त्रिका प्राणायाम – Bhastrika Pranayama To avoid various types of diseases in Hindi

भस्त्रिका प्राणायाम के अनेक फायदे हैं आइये इसे विस्तार से जानते हैं-

फेफड़ों के लिए फायदेमंद भस्त्रिका प्राणायाम – Bhastrika Pranayama Best breathing exercise for lungs in Hindi

यह फेफड़ों के लिए एक अच्छा श्वास अभ्यास हैं। यह फेफड़ों को स्वस्थ बनता हैं और उसके काम करने की क्षमता में वृद्धि करता हैं। इसके अलावा यह श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता हैं और सभी फेफड़ों से सम्बंधित समस्याओं का इलाज करता हैं।

(और पढ़े – अस्थमा (दमा) के कारण, लक्षण, उपचार एवं बचाव…)

रक्त की शुद्धि करने के लिए भस्त्रिका प्राणायाम – Bhastrika Pranayama Helps to remove impurities of blood in Hindi

भस्त्रिका प्राणायाम में जब हम बलपूर्वक साँस को अन्दर लेते हैं तो फेफड़ों में अधिक मात्रा में ऑक्सीजन जाती हैं जो की रक्त को शुद्ध करने में मदद करती हैं। इससे वता (हवा या आत्मा), पित्त और कफ संतुलित होते हैं ताकि जिससे शरीर को स्वस्थ बनाया जा सके।

(और पढ़े – शरीर में खून (हीमोग्‍लोबिन) कैसे बढ़ाएं…)

भस्त्रिका प्राणायाम के लाभ दिमाग को एकाग्र करने में – Bhastrika Pranayama for concentration of mind in Hindi

हमारे शरीर का सबसे मुख्य भाग हमारा दिमाग होता हैं। भस्त्रिका प्राणायाम दिमाग को स्वस्थ रखता हैं और उसके एकाग्र करने में मदद करता हैं जिसके कारण हम कोई भी कार्य को सही ढंग से कर पाते हैं। यह प्राणायाम कुंडलिनी जागरण (kundalini jagran) में मदद करता है।

(और पढ़े – दिमाग तेज करने के लिए क्या खाये और घरेलू उपाय…)

भस्त्रिका प्राणायाम के फायदे मस्तिष्क रोगों के लिए – Bhastrika Pranayama Benefit for Brain diseases in Hindi

हमारा मस्तिष्क ही हमें सोचने समझने की क्षमता देता हैं इसलिए इसका स्वस्थ होना आवश्यक हैं। मस्तिष्क में कई प्रकार के रोग जैसे अवसाद, माइग्रेन, पार्किंसंस रोग, पक्षाघात आदि हो सकते हैं इसके इलाज के लिए भस्त्रिका प्राणायाम एक बहुत ही अच्छा उपाय हैं।

(और पढ़े – अवसाद (डिप्रेशन) क्या है, कारण, लक्षण, निदान, और उपचार…)

विभिन्न प्रकार की बिमारियों से बचने के लिए भस्त्रिका प्राणायाम – Bhastrika Pranayama To avoid various types of diseases in Hindi

भस्त्रिका प्राणायाम हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है। यह आसन शरीर में गर्मी उत्पन्न करता हैं इससे शीत, फ्लू, साइनस, अस्थमा पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। थायराइड, टॉन्सिल और सभी गले की समस्याएं को दूर करने में मदद करता हैं। भस्त्रिका प्राणायाम के नियमित अभ्यास करने से ह्रदय से सम्बंधित रोग एनजाइना, धमनी अवरोध आदि भी ठीक किये जा सकते हैं।

(और पढ़े – थायराइड के लिए योग और करने की विधि…)

भस्त्रिका प्राणायाम करने में क्या सावधानी रखें – Precautions to do Bhastrika Pranayama in Hindi

किसी भी योग को करने से पहले उसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी होना बहुत ही आवश्यक होता हैं तभी आप उस योगासन का अधिक से अधिक लाभ उठा सकते हैं। भस्त्रिका प्राणायाम करने से पहले आप नीचे दी हुई बातों को ध्यान में रखें-

  • उच्च रक्तचाप और ह्रदय की समस्या वाले रोगी इस प्राणायाम को ना करें।
  • इस प्राणायाम को आप पहले धीरे-धीरे फिर मध्यम और उसके बाद तेज तरीके से करें।
  • विशेषज्ञ मार्गदर्शन के तहत अभ्यास करें।
  • वे लोग जो शरीर में गर्मी में वृद्धि से पीड़ित हैं, उन्हें भस्त्रिका करने से बचना चाहिए।
  • उच्च रक्तचाप के रोगियों को नाक के बजाय मुंह से निकालना चाहिए।
  • गर्मियों के मौसम में भस्त्रिका के अभ्यास को अधिकतम 2-मिनट से अधिक ना करें।

(और पढ़े – दिल का दौरा पड़ने (हार्ट अटैक) के लक्षण…)

Shivam

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