Bhukh Badhane Ke Liye Yoga भूख बढ़ाने के लिए योगासन बहुत ही अच्छा माध्यम हैं। यह आपके पेट की पाचन क्रिया को बढ़ाते हैं जिससे आपको भूख लगने लगती है। भूख ना लगना या भूख का कम जाना, यह आपके स्वस्थ के लिए बहुत ही चिंता की बात हो सकती हैं। इस समस्या का मुख्य कारण आपके पेट का स्वस्थ ना होना होता हैं। पेट के पाचन तंत्र का ठीक से कार्य ना करना जिसके कारण आपके द्वारा खाया हुआ भोजन सही से पच नहीं पाता और भूक कम जाती हैं। अधिकांश लोग अपने भारी वजन से परेशान हैं पर कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपने कम वजन और दुबले शरीर से परेशान हैं। योग एक ऐसा अविश्वसनीय व्यायाम है, जिसमें स्वास्थ्य संबंधी लगभग सभी समस्याओं का समाधान है।
आइये भूख बढ़ाने के लिए योग को विस्तार जानते हैं जो आपकी भूख बढ़ाने में बहुत ही लाभदायक साबित होंगें।
विषय सूची
1. भूख कम होने पर होने वाली समस्याएं – Not feeling hungry problems in Hindi
2. भूख बढ़ाने के लिए योग – Yoga Poses to increase appetite in Hindi
भूख में कमी होने से अनेक प्रकार की समस्या उत्पन्न हो सकती हैं। आपके कम भोजन करने से शरीर को आवश्यक पोषक पदार्थ नहीं मिल पाते है और आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है जिसके कारण आपका संक्रमण और बीमारी से लड़ना मुश्किल हो जाता। यदि ऊतकों को पुनर्निर्माण या मरम्मत के लिए पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व उपलब्ध नहीं होता है तो आपको फ्लू और निमोनिया होने का खतरा भी होगा। लड़कियों का बेहद पतला होना आपके पीरियड्स को भी प्रभावित कर सकता है। वह अनियमित हो सकता है या पूरी तरह से बंद भी हो सकता है। यदि आपका आहार आपको पर्याप्त कैलोरी नहीं देता है तो आपके गुर्दे, हृदय, जठरांत्र, अंतःस्रावी और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र अनेक प्रकार के रोगों से ग्रस्त हो सकते हैं।
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योग खराब चयापचय, तनाव, भूख की कमी और पाचन संबंधी समस्याओं को ठीक करता है। योगासन वजन को स्थिर करता है और आपको सही वजन के लक्ष्यों को सुनिश्चित करता है। योग ऑक्सीजन और रक्त के परिसंचरण को बढ़ाता है और इससे पोषक तत्वों के अवशोषण में सुधार होता है। यह मांसपेशियों को मजबूत करता है और लचीला बनाता है। यह आपकी सहनशक्ति को भी बेहतर बनाता है। आइये भूख बढ़ाने के लिए योगासन को करने की विधि और उसके लाभ को जानते हैं।
सर्वांगासन अपच से संबंधित सभी समस्याओं में मदद करता है और मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को भी पोषण देता है। सर्वांगासन एक उलटा करने वाला आसन है यह रक्त को बहुत दुर्गम क्षेत्रों में पहुंचता है जो उनके पोषक तत्वों को बढ़ावा देता है। इससे सभी ऊर्जा ब्लॉक साफ हो जाते हैं और भूख बढ़ने लगती है जिससे शरीर मजबूत होता है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट के सीधे पीठ के बल लेट जाएं। अपने दोनों हाथों को सीधा रखें। अब अपने दोनों पैरों को कमर के यहाँ से मुड़े और उनकों ऊपर करें। इसके बाद अपने दोनों हाथों से पीठ को सहारा देते हुए उठायें। अपने पैरों को अधिकतम ऊंचाई तक ऊपर करें। इस स्थिति में आपकी रीड की हड्डी और आपके पैर एक सीधी रेखा में रहने चाहियें।
आपके शरीर का पूरा वजन कन्धों पर होगा और दोनों हाथ पीठ को ऊपर की ओर सीधा रखने में सहायता करेगें। इस आसन में आपको कम से कम 30 सेकंड तक रुकना हैं उसेक बाद पैरों को नीचे करते हुए अपनी प्रारंभिक अवस्था में आना हैं।
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पवनमुक्तासन पाचन तंत्र पर काम करता है जिससे यह उत्तेजित और नियमित होता है। यह आसन अतिसक्रिय चयापचय को शांत करता है और शरीर में पोषक तत्वों के बेहतर अवशोषण के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाता है। पवनमुक्तासन आपकी भूख में सुधार करेगा और पाचन समस्याओं के लिए एक उपाय के रूप में कार्य करेगा। इस आसन से निचले पेट में रक्त परिसंचरण में सुधार होता है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के उस पर सीधे लेट जाएं। अपने दोनों पैर को घुटने से मोड़ें और घुटने को अपने मुँह की ओर कर लें। अपने कंधों को ऊपर उठायें, अपनी नाक से घुटने को छूने का प्रयास करें। इस आसन को आप 10 से 60 सेकंड के लिए करने का प्रयास करें।
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शवासन शरीर और मन को आराम से रखने के लिए सबसे प्रभावी मुद्रा में से एक माना जाता है। यह आराम और ध्यान वाली मुद्रा शरीर का वजन बढ़ाने के लिए फायदेमंद है क्योंकि यह तनाव को कम करता है जो वजन कम करने का एक महत्वपूर्ण कारण है। यह आसन पाचन अंगों को ऑक्सीजन प्रदान करता है। इस आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट को फर्श पर बिछा के उस पर पीठ के बल लेट जाएं। अपने दोनों पैरों और हाथों को सीधा रखें। अब अपने दोनों पैरों के बीच में 1.5 से 2 फिट की दूरी रखें। अपने दोनों हाथों को शरीर से 45 डिग्री पर रखें और हथेलियों को ऊपर की ओर रखें। शवासन में आप अपनी क्षमता के अनुसार रह सकते है। शवासन मुद्रा का अर्थ सोना नहीं हैं बस आपको ऑंखें बंद रखना हैं।
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वज्रासन एकमात्र ऐसा आसन है जिसका भोजन के तुरंत बाद अभ्यास किया जा सकता है। यह पाचन तंत्र पर काम करता है और चयापचय को नियंत्रण में रखने में मदद करता है। यह आसन रक्त परिसंचरण, भूख और पाचन में सुधार करने में मदद करता है। वज्रासन के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के उस पर घुटने टेक के बैठ जाएं। अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें और अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रख लें। इस आसन को 5 से 10 मिनट तक करें।
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भुजंगासन पाचन तंत्र पर काम करता है, जिससे भूख में सुधार होता है जिससे भूख बढ़ाने में मदद मिलती है यह चयापचय को नियंत्रित करता है। इस आसन से प्रजनन प्रणाली भी उत्तेजित होती है। जब आप ऊपर की ओर झुकते हैं और अपने दिल को खोलते हैं तो आपकी सांस लेने की क्षमता में सुधार होता है। बेहतर रक्त परिसंचरण और पोषक तत्व अवशोषण होते हैं। इस आसन को करने लिए आप एक योगा मैट को बिछा के उस पर पेट के बल लेट जाएं जिसमे आपकी पीट ऊपर के ओर रहे। अपने दोनों हाथों को जमीन पर रखें। अब अपने दोनों हाथों पर वजन डालते हुयें धीरे-धीरे अपने सिर को पीछे के ओर करें और ठुड्डी को ऊपर की ओर करने का प्रयास करें। आप इस आसन में 20 से 30 सेकंड तक रुकने का प्रयास करें।
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वीरभद्रासन योग मुद्रा बहुत अधिक कैलोरी जलाती है और शरीर को आवश्यक ऊर्जा प्रदान करती है। इसलिए यह आपकी भूख बढ़ाने में मदद करता है। वीरभद्रासन करने के लिए आप एक साफ स्थान पर योग मेट को बिछा के उस पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैरों के बीच लगभग 3.5 फिट की दूरी रखें। अब अपने दोनों हाथों की हथेलियों को उठा के अपने सिर के ऊपर जोड़ लें। इसके बाद अपने दाएं पैर के पंजे को 90 डिग्री के कोण पर घुमाएं और बाएं पैर के पंजे को 45 डिग्री घुमा लें। इसके बाद अपने सिर को भी अपने दायं पैर की ओर घुमाएं और दाएं घुटने से पैर को मोड़ के जांघ को फर्श के समान्तर आयें। अब अपने सिर को पीछे की ओर झुका दें और आसमान की ओर देखें।
इस मुद्रा में आप 40 से 60 सेकंड तक रहें। फिर से यही पूरी क्रिया दूसरे वाले पैर से करें।
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मत्स्यासन वजन बढ़ाने के लिए योग में एक अत्यधिक फायदेमंद मुद्रा है। यह थायरॉयड ग्रंथि सहित कई प्रणालियों पर काम करता है। यह एक अति सक्रिय थायरॉयड ग्रंथि को नियंत्रित करता है जो वजन कम करने का कारण भी बन सकता है। यह पाचन, संचार, प्रजनन और हृदय प्रणाली को मजबूत करता है। इससे चयापचय और पोषक तत्वों के अवशोषण में सुधार होता है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के उस पर पद्मासन में बैठ जाएं। अपने दोनों हाथों से पैर के अंगूठे को पकड़े और पीछे की ओर लेट जाएं। अपने सिर को जमीन पर रखें। इस आसन को आप कुछ देर के लिए करें।
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