लगभग सभी व्यक्तियों ने कभी न कभी भूख न लगने (loss of appetite) की भावना को महसूस किया होगा। यदि किसी व्यक्ति को भोजन करने की इच्छा नहीं होती है और अचानक वजन में कमी आती है, तो वह व्यक्ति भूख न लगने की समस्या से पीड़ित हो सकता है। भूख न लगने की समस्या को खराब भूख, भूख की कमी, कम भूख महसूस होना इत्यादि नामों से जाना जाता है। अधिक समय तक भूख न लगने की समस्या को एनोरेक्सिया (Anorexia) कहा जाता है। इसके अनेक कारण हो सकते हैं, जिनमें मुख्य रूप से वायरस, कुछ प्रकार के रोग के साथ-साथ कैंसर को भी शामिल किया जा सकता है।
इस लेख में भूख न लगने की समस्या के बारे में जानकारी दी गई है। यहाँ आप भूख कम लगने के कारण, लक्षण, जांच, इलाज, दवा और बचाव के साथ भूख बढ़ाने के घरेलू उपाय के बारे में जानेगें।
खाने की इच्छा कम होने की स्थिति को भूख न लगना कहा जाता है। इस स्थिति को खराब भूख या भूख में कमी के रूप में भी जाना जाता है। इस स्थिति से पीड़ित व्यक्ति को भूख पहले जैसी महसूस नहीं होती है। अधिक समय तक भूख न लगने की स्थिति को चिकित्सा के क्षेत्र में एनोरेक्सिया (anorexia) कहा जाता है। अनेक प्रकार की स्थितियां भूख में कमी का कारण बन सकती हैं, जिनमें से मानसिक और शारीरिक बीमारियां प्रमुख हैं।
यदि कोई व्यक्ति निरंतर भूख में कमी की भावना को महसूस करता है, तो वह व्यक्ति कम वजन या कुपोषण से संबंधित लक्षण प्रगट कर सकता है। इसलिए कम भूख (loss of appetite) के कारणों की जांच कर इसका इलाज प्राप्त करना महत्वपूर्ण होता है।
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भूख में कमी के अलग-अलग कारणों के आधार पर भिन्न- भिन्न लक्षणों को महसूस किया जा सकता है। इस स्थिति में लोगों की खाने में रुचि कम हो सकती है, या खाने के विचार से मतली (Nausea) महसूस हो सकती है। भूख में कमी के साथ-साथ, एक व्यक्ति थकान और वजन घटने की समस्या को भी महसूस कर सकता है। गंभीर बीमारियों की स्थिति में भूख में कमी के साथ, लोगों को निम्न लक्षण भी महसूस हो सकते हैं, जैसे:
अतः यदि कोई व्यक्ति इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव करता है, तो उसे अंतर्निहित कारण का पता लगाने के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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अनेक प्रकार की स्थितियां भूख में कमी का कारण बन सकती हैं। ज्यादातर मामलों में, अंतर्निहित कारणों का इलाज होने के बाद भूख सामान्य हो जाती है। निम्न स्थितियां भूख न लगने की समस्या को उत्पन्न कर सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:
बैक्टीरियल, वायरल, फंगल या अन्य संक्रमण के कारण भूख की कमी उत्पन्न हो सकती है। भूख न लगने का कारण बनने वाले संक्रमणों में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
संक्रमण की बीमारी के उपचार के बाद, भूख वापस आ जाती है।
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भूख की कमी के अनेक मनोवैज्ञानिक कारण हैं। जब व्यक्ति उदास, दुःखी या चिंतित होता है, तो उसे भूख कम महसूस होती है। भूख न लगने का कारण बनने वाली मनोवैज्ञानिक और मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
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कुछ चिकित्सकीय स्थितियां, लंबे समय तक भूख में कमी का कारण बन सकती हैं। भूख की कमी का कारण बनने वाली स्वास्थ्य समस्याओं में शामिल हैं:
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कुछ दवाएं और ड्रग के दुष्प्रभाव के कारण भूख न लगने की समस्या उत्पन्न हो सकती है। भूख न लगने की समस्या का कारण बनने वाली दवाओं (prescribed medications) में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
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यदि भूख न लगने की समस्या अल्पकालिक स्थिति (short-term condition) के कारण उत्पन्न होती है, तो यह स्वाभाविक रूप से ठीक हो सकती है। लेकिन यदि भूख की कमी एक अन्तर्निहित स्वास्थ्य स्थिति के कारण उत्पन्न होती है, तो उपचार के बिना यह स्थिति खराब हो सकती है। भूख न लगने की स्थिति उपचार के बगैर निम्न जटिलताओं का कारण बन सकती है, जैसे:
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लंबे समय तक भूख की कमी का पता लगाने के लिए सम्बंधित व्यक्ति को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके अतिरिक्त यदि कोई व्यक्ति तेजी से वजन में कमी के साथ-साथ कुछ लक्षणों को महसूस करता है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाए, इन लक्षणों में शामिल हैं:
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डॉक्टर पीड़ित व्यक्ति के सभी लक्षणों का निरीक्षण करेगा और भूख की कमी के संभावित कारणों का पता लगाने के लिए विभिन्न प्रकार के टेस्ट की सिफारिश कर सकता है।
एक डॉक्टर पीड़ित व्यक्ति के पेट में किसी भी असामान्य ब्लोटिंग, गांठ (lumps) या कोमलता (tenderness) को महसूस करने के लिए अपने हाथ का उपयोग कर सकता है। पेट की जाँच कर डॉक्टर जठरांत्र संबंधी विकार (gastrointestinal disorder) का पता लगा सकता है।
इसके अतिरिक्त डॉक्टर भूख न लगने के कारणों का पता लगाने के लिए निम्न परीक्षण की भी सिफारिश कर सकता है, जिनमें शामिल हैं:
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भूख में कमी का इलाज, इसके अन्तर्निहित कारणों का उपचार कर किया जा सकता है। एक डॉक्टर भूख बढ़ाने और अन्य लक्षणों को कम करने के लिए कुछ दवाओं के सिफारिश कर सकता है।
यदि अवसाद (डिप्रेशन) या चिंता के परिणामस्वरुप व्यक्तियों में भूख कम लगने का अनुभव होता है, तो टॉकिंग थेरेपी (talking therapies) और कभी-कभी एंटीडिप्रेसेंट (antidepressants) की सिफारिश की जा सकती है।
अगर कोई विशिष्ट दवा का सेवन भूख में कमी का कारण बनता है, तो डॉक्टर सप्लीमेंट या दवा को बदलने की सलाह भी दे सकता है। यदि किसी व्यक्ति को भूख की कमी के कारण कुपोषण की समस्या उत्पन्न होती है, तो अंतःशिरा (intravenous) के माध्यम से पोषक तत्व दिए जा सकते हैं।
यदि जीवाणु या वायरल संक्रमण के कारण भूख न लगने की समस्या उत्पन्न होती है, तो भूख बढ़ाने के लिए कोई विशिष्ट उपचार की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि संक्रमण ठीक होने के बाद भूख सामान्य हो जाती है।
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भूख न लगने की समस्या को दूर करने और भूख में वृद्धि के लिए निम्न घरेलू उपाय अपनाए जा सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
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