Amnesia in Hindi भूलने की बीमारी जिसे चिकित्सा भाषा में अम्नेसिया (Amnesia) कहा जाता है एक प्रकार का रोग है जिसमें व्यक्ति को स्मृति हानि होती है और उसे चीजे याद रखने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। पुरानी चीजों और बातों को भी याद नहीं रख पाते है। हल्की स्मृति हानि मतलब थोड़ी बहुत भूलने की बीमारी आम है जो उम्र के साथ चलती है परन्तु अगर किसी व्यक्ति को कम उम्र में भी चीजे याद रखने में समस्या का सामना करना पड़े तो यह भूलने की बीमारी हो सकती है जो अम्नेसिया कहलाती है।
आज इस लेख में हम जानेंगे की भूलने की बीमारी क्या होती है इसके लक्षण और कारण क्या है और अम्नेसिया की बीमारी की जांच, इलाज और इसका उपचार कैसे संभव है।
1. भूलने की बीमारी क्या होती है – Bhoolne ki bimari kya Hoti hai in hindi
2. भूलने की बीमारी के प्रकार – bhoolne ki bimari ke prakar in Hindi
3. भूलने की बीमारी के लक्षण – Bhoolne ki bimari ke lakshan in hindi
4. भूलने की बीमारी के कारण – Bhulne ki bimari ke karan in hindi
5. भूलने की बीमारी के जोखिम और जटिलताएं – Bhoolne ki bimari ke jokhim aur jatila in Hindi
6. भूलने की बीमारी की जांच – Bhoolne ki bimari ki janch in hindi
7. भूलने की बीमारी का इलाज – Bhulne ki bimari ka ilaj in hindi
8. भूलने की बीमारी से बचाव – Bhoolne ki bimari se bachav in hindi
भूलने की बीमारी (amnesia) की समस्या अक्सर मस्तिष्क में किसी प्रकार की क्षति होने से या बीमारी के कारण होती है जिसमें यादें या बातें याद रखना बहुत ही मुश्किल होता है। कई व्यक्तियों को विभिन्न अवसादों और कृत्रिम नींद की दवाओं के उपयोग से भी अस्थायी रूप से भूलने की बीमारी हो सकती है। इस भूलने की बीमारी में स्मृति पूरी तरह से या आंशिक रूप से मेमोरी खोने की परेशानी होती है।
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भूलने की बीमारी के भी कई प्रकार होते है वो अलग अलग तरह के रोगियों में देखने को मिलते है, इस भूलने की बीमारी के प्रकारों में शामिल है-
इस प्रकार की भूलने की बीमारी में व्यक्ति नई जानकारी को याद नहीं रख पाता है। हाल ही में हुई चीजें और जानकारी जिन्हें शार्ट टर्म मेमोरी में संग्रहीत किया जाना चाहिए, वह गायब हो जाती हैं। यह रोग आमतौर पर मस्तिष्क आघात (brain trauma) की वजह से उत्पन्न होता है, जब सिर पर कोई जोरदार झटका लगता है जिसकी वजह से मस्तिष्क में क्षति पहुँचती है, उदाहरण के लिए। किसी व्यक्ति को चोट लगने से पहले हुई घटनाएं और डाटा याद रही होंगी।
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रेट्रोग्रेड भूलने के बीमारी कुछ मायनों में एन्ट्रोग्रेड भूलने की बीमारी के बिलकुल विपरीत है, क्योकि इस प्रकार की भूलने की बीमारी में व्यक्ति आघात से पहले होने वाली घटनाओं को याद नहीं रख पाता है, लेकिन उन्हें आघात के बाद क्या हुआ इसका याद रहता है। कुछ दुर्लभ मामलों में ही, दोनों प्रकार की भूलने की बीमारी एक साथ देखी जाती है।
इस प्रकार की भूलने की बीमारी में टेम्परेरी मेमोरी लॉस की शिकायत होती है। और कुछ मामलों में यादो को फिर से याद करने में कठिनाई हो सकती है। इस तरह की भूलने की बीअरी बहुत ही दुर्लभ है यह ज्यादातर बड़े वयस्कों में होती है जिन्हें रक्त वाहिकाओं से सम्बंधित किसी प्रकार की बीमारी होती है।
ट्रॉमेटिक भूलने की बीमारी की समस्या तब उत्पन्न होती है जब आपके सिर पर किसी प्रकार का कोई जोरदार झटका लगे या चोट लगे जैसा किसी कार एक्सीडेंट में होता है। इस तरह की स्थिति में व्यक्ति की मेमोरी जा सकती है या वो खुद कोमा में जा सकता है। अम्नेसिया आम तौर पर टेम्परेरी होता है पर यह इस बात पर निर्भर करता है की आपको कितनी गंभीर चोट आई है। ऐसे समय में भूलने की बीमारी की इस तरह की चोट का सबसे महत्वपूर्ण संकेत यह हो सकता है।
इस प्रकार की भूलने की बीमारी को शिशु रोग अम्नेसिया कहा जाता है। इस बीमारी में व्यक्ति को बचपन से होने वाली घटनाएं तक याद नहीं रहती है, यह समस्या अक्सर भाषा के विकास या मस्तिष्क के कुछ स्मृति क्षेत्रों के कारण बचपन में पूरी तरह से परिपक्व नहीं होने की वजह से होती है।
पोस्टहिप्नोटिक भूलने की बीमारी में व्यक्ति सम्मोहन के दौरान भी घटनाओं को याद नहीं कर पाता है।
सोर्स अम्नेसिया में व्यक्ति कुछ सूचनाओं को तो याद रख सकता है लेकिन यह भूल जाता है कि उन्हें यह जानकारी कैसे या कहां से मिली है।
इस प्रकार की भूलने की बीमारी में व्यक्ति किसी के चेहरे को याद नहीं रख पाता है। इस तरह का रोग किसी व्यक्ति को बाद में होता है या उस व्यक्ति को पैदा होने के साथ ही यह बीमारी होती है।
भूलने की बीमारी के कुछ सामान्य से लक्षण देखने को मिलते है जिनसे भूलने की बीमारी के प्रकार का अंदाजा लगाया जा सकता है, जिनमें शामिल है-
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मस्तिष्क को प्रभावित करने वाली कोई भी बीमारी या चोट मेमोरी लॉस का कारण बन सकता है। मेमोरी फ़ंक्शन मस्तिष्क के कई अलग-अलग हिस्सों को एक साथ इकठ्ठा करता है। मस्तिष्क संरचनाओं (brain structures) बनाने वाली लिम्बिक सिस्टम जैसे हिप्पोकैम्पस और थैलेमस को नुकसान पहुँचने से, भूलने की बीमारी हो सकती है क्योकि लिम्बिक सिस्टम (limbic system) हमारी भावनाओं और यादों को नियंत्रित करता है।
भूलने के बीमारी के दो तरह के कारण होते है एक मेडिकल अम्नेसिया और दूसरा मनोवैज्ञानिक अम्नेसिया (Psychological amnesia) ।
मस्तिष्क में किसी तरह की चोट या क्षति की वजह से होने वाली भूलने की बीमारी। इसके मुख्य कारण होते है-
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इस तरह की भूलने की बीमारी को विघटनकारी भूलने की बीमारी (dissociative amnesia) के रूप में भी जाना जाता है। यह समस्या एक तरह के भावनात्मक सदमे के कारण होती है, जैसे-
ऐसी कोई भी असहनीय जीवन की स्थिति जो गंभीर मनोवैज्ञानिक तनाव का कारण बन सकती है और आंतरिक संघर्ष की वजह से भूलने की बीमारी में परिवर्तित हो सकती है।
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भूलने की बीमारी के कुछ संभावित जोखिम और जटिलताएं भी हो सकती है, यदि आपने इसको पहले कभी अनुभव किया हो तो, जिसमें शामिल है-
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भूलने की बीमारी की जांच किसी डॉक्टर या न्यूरोलॉजिस्ट के द्वारा की जा सकती है। भूलने की बीमारी की जांच करने के लिए, डॉक्टर मेमोरी लॉस के अन्य संभावित कारणों, जैसे
शारीरिक परीक्षा में सजगता (reflexes), संवेदी कार्य (sensory functions), संतुलन (balance) और मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम के अन्य शारीरिक पहलुओं की जांच के लिए एक न्यूरोलॉजिकल परीक्षा की जा सकती है।
इस परीक्षण में डॉक्टर आपकी जांच के लिए विभिन्न तरीके अपना सकता है, जैसे-
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भूलने की बीमारी का इलाज करने के लिए तकनीक का सहारा लिया जा सकता है। वैसे तो कई प्रकार की भूलने की बीमारी अपने आप ही ठीक हो जाती है परन्तु कुछ अंतर्निहित (underlying) कंडीशन और रोगों की वजह से इसके इलाज में परेशानी भी हो सकती है। कुछ सामान्य इलाज की प्रक्रिया में शामिल है-
कोई भी व्यक्ति भूलने की बीमारी का इलाज करने के लिए व्यावसायिक चिकित्सक (occupational therapist) की मदद ले सकता है। इस तरह के इलाज में डॉक्टर व्यक्ति द्वारा भूल गयी यादों और नाई जानकारियों को वापस लाने में मदद करता है। मेमोरी प्रशिक्षण का भी उपयोग किया जा सकता है जिसमें जानकारी के आयोजन के लिए अलग-अलग रणनीतियाँ शामिल होती हैं ताकि याद रखने में आसानी हो और विस्तारित बातचीत की समझ में सुधार हो सके।
भूलने की बीमारी से पीड़ित कई लोगों को स्मार्ट तकनीक का उपयोग करने से इसका इलाज करने में मदद मिल सकती है, जैसे कि स्मार्टफोन या हाथ से पकड़े जाने वाले टैबलेट डिवाइस की सहायता से यह इलाज किया जा सकता है। कुछ प्रशिक्षण और अभ्यास के साथ, यहां तक कि गंभीर भूलने की बीमारी वाले लोग भी इन इलेक्ट्रॉनिक आयोजकों का उपयोग दिन-प्रतिदिन के कार्यों में मदद करने के लिए कर सकते हैं, जैसे स्मार्टफ़ोन को पीड़ित व्यक्ति को महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में याद दिलाने या दवाएँ लेने के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है।
कम तकनीक वाले मेमोरी डिवाइस में नोटबुक, वॉल कैलेंडर, पिल माइंडर्स और लोगों और स्थानों की तस्वीरें शामिल हो सकती हैं।
अभी तक तो अधिकांश प्रकार के भूलने की बीमारी के इलाज के लिए कोई दवा उपलब्ध नहीं है। लेकिन कुछ बातों का ध्यान रख कर आप भूलने की बीमारी को ठीक करने में थोड़ी मदद कर सकते है। जिसमें भरपूर पोषक तत्त्व लेना और शराब आदि का सेवन ना करना शामिल है।
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भूलने की बीमारी का उपचार और बचाव कुछ संभावित तरीकों से किया जा सकता है, जैसा की हमने बताया मस्तिष्क को नुकसान पहुंचना ही भूलने की बीमारी का मूल कारण है। इसलिए मस्तिष्क को चोट से बचाने के लिए आप कुछ महत्वपूर्ण कदम उठा सकते है, जिनमें शामिल है- शराब का अधिक सेवन करने से बचें। गाड़ी चलाते समय हेलमेट पहनें और ड्राइविंग करते समय सीट बेल्ट लगायें। मस्तिष्क में हुए किसी भी संक्रमण का इलाज जल्दी से करें ताकि उसे मस्तिष्क में फैलने का मौका न मिल सके।
और यदि आपको गंभीर सिरदर्द या एक तरफ सुन्न जैसा एहसास हो या पैरालिसिस के लक्षण दिखाई दें तो तुरन्त इसका उपचार करवाएं नहीं तो इससे भी भूलने की बीमारी की संभावना बढ़ सकती है।
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