Bilirubin Test in Hindi बिलीरुबिन ब्लड टेस्ट या बिलीरुबिन रक्त परीक्षण (Bilirubin Blood Test) मानव शरीर में बिलीरुबिन के स्तर की जाँच करने के लिए एक सामान्य परीक्षण है। बिलीरुबिन एक रसायन है, जो मानव शरीर के अन्दर लाल रक्त कोशिकाओं (RBC) के टूटने के कारण उत्पन्न होता है। बिलीरुबिन की अधिक मात्रा मानव शरीर में अनेक बीमारियों का कारण बन सकती है। पीलिया बिलीरुबिन की उच्च मात्रा के कारण होने वाला मुख्य रोग है। इसके अलावा रक्त में बिलीरुबिन एनीमिया, सिरोसिस (cirrhosis), हेपेटाइटिस (hepatitis) और अन्य लिवर सम्बन्धी बीमारियों का कारण बनता है। अतः इन सभी बीमारियों का सही इलाज प्राप्त करने के लिए बिलीरुबिन टेस्ट आवश्यक हो जाता है।
इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि बिलीरुबिन रक्त परीक्षण (Bilirubin Blood Test) क्या है, यह किस स्थिति में किया जाता है, इसकी कीमत और रिजल्ट के बारे में।
विषय सूची
1. बिलीरुबिन क्या है – What Is Bilirubin In Hindi
2. बिलीरुबिन टेस्ट क्या है – What is a bilirubin blood test in Hindi
3. बिलीरुबिन टेस्ट क्यों आवश्यक है – Why Bilirubin Blood Test Is Important in Hindi
4. नवजात शिशुओं में उच्च बिलीरुबिन – High bilirubin in newborns in Hindi
5. रक्त में बिलीरुबिन के उच्च स्तर का कारण – High levels of bilirubin in the blood in Hindi
6. बिलीरुबिन टेस्ट के जोखिम – Risk of Bilirubin Testing in Hindi
7. उच्च बिलीरुबिन के स्तर के लक्षण – Bilirubin High Levels Symptoms In Hindi
8. बिलीरुबिन टेस्ट के जोखिम – Risk of Bilirubin Testing in Hindi
9. उच्च बिलीरुबिन स्तर के लिए उपचार – Treatment For High Bilirubin Level In Hindi
10. बिलीरुबिन रक्त परीक्षण की कीमत – bilirubin blood test cost
शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं (RBC) या हीमोग्लोबिन के टूटने से बिलीरुबिन का निर्माण होता है। बिलीरुबिन, यकृत की मदद से पित्त नलिका में संचित होता है। यह पानी में घुलनशील होता है, जिसे शरीर द्वारा मल के साथ बाहर निकाल दिया जाता है। बिलीरुबिन (Bilirubin) एक पीला रंग का द्रव्य है, जो प्रत्येक व्यक्ति के खून और मल में उपस्थित होता है। जब यकृत बिलीरुबिन के स्तर को संतुलित करने या शरीर से बाहर करने में असमर्थ होता है, तो शरीर में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाता हैं जिससे पीलिया रोग होता है। पीलिया को त्वचा और आखों के पीले रंग से आसानी से पहचाना जाता है। वयस्कों की अपेक्षा शिशु में बिलीरुबिन का चयापचय आसानी से नहीं हो पता है। जिससे यह अधिकतर शिशुओं में पीलिया (jaundice) का कारण बनता है। बिलीरुबिन रक्त परीक्षण (bilirubin blood test) व्यक्ति के शरीर में बिलीरुबिन के स्तर को निर्धारित करता है।
यकृत द्वारा ग्लुकुरोनिक एसिड (glucuronic acid), ग्लूकोज-व्युत्पन्न एसिड के साथ पाए जाने वाले बिलीरुबिन को प्रत्यक्ष (Direct Bilirubin) या संयुग्मित बिलीरुबिन कहा जाता है। तथा ग्लुकुरोनिक एसिड से स्वतंत्र रक्त में प्रवाहित होने वाले बिलीरुबिन को अप्रत्यक्ष (Indirect Bilirubin) या असंगत (unconjugated) बिलीरुबिन कहा जाता है।
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बिलीरुबिन रक्त परीक्षण (bilirubin blood test) शरीर में बिलीरुबिन के स्तर को निर्धारित करने के लिए एक सामान्य रक्त परीक्षण है। इस टेस्ट का उपयोग पीलिया (jaundice), एनीमिया (anemia) और यकृत रोग (liver disease) जैसी स्वास्थ्य सम्बन्धी बीमारियों का पता लगाने के लिए किया जाता है।
जब यकृत शरीर में बिलीरुबिन (Bilirubin) को शरीर से बाहर निकलने में सक्षम नहीं हो पता है, तो शरीर में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति में त्वचा और आंखों का सफेद भाग, पीला होने लगता है। जिसे पीलिया (jaundice) कहा जाता है। इसके अलावा शरीर में बिलीरुबिन का उच्च स्तर यकृत में सूजन का कारण भी बनता है। अतः एक विशिष्ट रक्त परीक्षण बिलीरुबिन (Bilirubin) के स्तर की जानकारी देने में सक्षम होता है। जिसे बिलीरुबिन रक्त परीक्षण कहा जाता है।
यदि रक्त में बिलीरुबिन का स्तर सामान्य मात्रा से अधिक होता है, तो यह संकेत देता है, कि लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने की दर बहुत अधिक है, या फिर यकृत सही तरह से अपशिष्ट और रक्त से बिलीरुबिन को साफ़ करने में सक्षम नहीं है।
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डॉक्टर बच्चों या वयस्कों में यकृत और पित्त नली से सम्बंधित रोगों का निदान करने के लिए बिलीरुबिन रक्त परीक्षण (bilirubin blood test) का उपयोग करते हैं। इन रोगों में सिरोसिस (cirrhosis), हेपेटाइटिस (hepatitis) और गैल्स्टोन (gallstones) शामिल हैं।
इस परीक्षण के माध्यम से यह निर्धारित करने में भी मदद मिलती है कि हेमोलिटिक एनीमिया (hemolytic anemia) का कारण बनने वाली सिकल सेल रोग (sickle cell disease) या अन्य स्थितियां हैं या नहीं।
नवजात शिशुओं में पीलिया होना एक आम बात है। अतः उपचार निर्धारित करने के लिए डॉक्टर बिलीरुबिन रक्त परीक्षण का उपयोग करते हैं।
इसके अतिरिक्त निम्न लक्षणों के कारणों की जानकारी प्राप्त करने के लिए बिलीरुबिन परीक्षण (Bilirubin test) कराने को कहा जा सकता है:
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बिलीरुबिन रक्त परीक्षण (bilirubin blood test) किए जाने के पहले चार घंटों तक पानी के अलावा कुछ भी नहीं खाना या पीना चाहिए। परीक्षण के लिए जाने से पहले मरीज सामान्य मात्रा में पानी पी सकता है।
परीक्षण कराने से पहले डॉक्टर के सुझाव से कुछ दवाएं लेना बंद करनी पड़ सकती है। बिलीरुबिन के स्तर को प्रभावित करने वाली कुछ दवाओं में एंटीबायोटिक्स जैसे – पेनिसिलिन जी (penicillin G) तथा मूत्रवर्धक और अस्थमा दवाएं (asthma medications) शामिल हैं। इसके अतिरिक्त कई अन्य दवाएं हैं जो परीक्षण से पहले डॉक्टर के आग्रह पर छोड़नी पर सकती हैं।
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एक नर्स या डॉक्टर व्यक्ति में बिलीरुबिन (Bilirubin) के स्तर की जाँच करने के लिए रक्त का नमूना लेते हैं। इस हेतु सीरिंग का उपयोग कर रोगी के हाँथ की एक नस से रक्त खींच लिया जाता है। जिसे एक ट्यूब में एकत्र कर परीक्षण के लिए भेज दिया जाता है। नवजात शिशुओं में रक्त का नमूना लेने के लिए सुई का उपयोग करके एड़ी या हथेली से खून खींचा जाता है।
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चिकित्सा शास्त्र के अनुसार बड़े बच्चे या वयस्क में, प्रत्यक्ष बिलीरुबिन (direct bilirubin) का सामान्य स्तर 0 से 0.4 मिलीग्राम प्रति डीसीलेटर (मिलीग्राम / डीएल) होता है।
वयस्कों के लिए कुल बिलीरुबिन के सामान्य स्तर 0.2 से 1.2 मिलीग्राम प्रति डेसीलिटर (milligrams/decilitre) होते है,जबकि कुछ प्रयोगशाला में यह मान 1.9 मिलीग्राम/डेसीलिटर होता है।
18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए बिलीरुबिन की सामान्य मात्रा 1 मिलीग्राम / डेसीलिटर होती है।
यदि रक्त में बिलीरुबिन (Bilirubin) की सामान्य मात्रा का स्तर 2 और 3 मिलीग्राम / डेसीलिटर के बीच पाया जाता है तो इस स्थिति में पीलिया होता है जिससे त्वचा पीले रंग की हो जाती है।
नवजात शिशु में जन्म के समय उच्च बिलीरुबिन स्तर पाया जाना एक सामान्य बात है। जन्म के तुरंत बाद 24 घंटों के भीतर सामान्य अप्रत्यक्ष बिलीरुबिन का स्तर 5.2 मिलीग्राम / डेसीलिटर के आस पास रहता है।
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एक बिलीरुबिन रक्त परीक्षण (bilirubin blood test) कुल बिलीरुबिन के स्तर को प्रगट करता है। यह दो अलग-अलग प्रकार के बिलीरुबिन के स्तर भी दिखा सकता है: असंगत (unconjugated) और संयुग्मित (conjugated) बिलीरुबिन।
असंगत (अप्रत्यक्ष) बिलीरुबिन (Unconjugated bilirubin) – लाल रक्त कोशिका के टूटने से निर्मित बिलीरुबिन को असंगत (अप्रत्यक्ष) बिलीरुबिन कहते है। यह यकृत तक पहुँचने के लिए रक्त में गति करता है।
संयुग्मित (प्रत्यक्ष) बिलीरुबिन (conjugated bilirubin) – यकृत में पहुंचने के बाद प्राप्त बिलीरुबिन को संयुग्मित (प्रत्यक्ष) बिलीरुबिन (conjugated bilirubin) कहते हैं। यह बिलीरुबिन रासायनिक परिवर्तन से होता हुआ, आंतों में संचित होता है जिसे बाद में मल के माध्यम से बाहर कर दिया जाता है।
18 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों के लिए, कुल बिलीरुबिन की रक्त में सामान्य मात्रा 1.2 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर तक हो सकता है। 18 वर्ष से कम आयु के लोगों के लिए सामान्य स्तर 1 मिलीग्राम / डेसीलीटर होना चाहिए। संयुग्मित (प्रत्यक्ष) बिलीरुबिन (conjugated bilirubin) के लिए सामान्य परिणाम 0.3 मिलीग्राम / डेसीलीटर से कम होना चाहिए।
रक्त में सामान्य स्तर से अधिक बिलीरुबिन के परिणाम पीलिया का कारण बन सकते हैं। रक्त में बिलीरुबिन का उच्च स्तर hyperbilirubinemia के रूप में जाना जाता है।
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यदि रक्त परीक्षण में बिलीरुबिन (Bilirubin) के असामान्य रूप से उच्च स्तर प्राप्त होते हैं, तो डॉक्टर अंतर्निहित कारणों को निर्धारित करने के लिए अधिक परीक्षण का आदेश दे सकता है।
एक बार डॉक्टर द्वारा उच्च बिलीरुबिन स्तर के कारणों का निर्धारण कर लेने के बाद उपचार प्रक्रिया के तहत दवाओं की प्रभावशीलता की जानकारी के लिए, अधिक बार बिलीरुबिन रक्त परीक्षण करने की आवश्यकता पड़ सकती है।
इस परीक्षण के परिणामों के आधार पर डॉक्टर को लगता है, कि मरीज का यकृत या पित्ताशय ठीक तरह से काम नहीं कर रहा है, तो जाँच करने के लिए इमेजिंग परीक्षणों (imaging tests) का आदेश दिया जा सकता है।
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अधिकतर नवजात शिशु पीलिया रोग (jaundice) के साथ पैदा होते हैं। नवजात शिशुओं में उच्च बिलीरुबिन के कारण होने वाले पीलिया को नवजात पीलिया (new-borns jaundice) के नाम से जाना जाता है नवजात शिशुओं में, यकृत बिलीरुबिन (Bilirubin) के स्तर को कम करने के लिए परिपक्व नहीं होता है। जिसके कारण जन्म के लगभग 1 से 2 सप्ताह इसका प्रभाव अधिक रहता है। उच्च बिलीरुबिन के स्तर नसों के लिए जहर का कार्य कर सकते हैं और मस्तिष्क को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। शिशुओं में इस समस्या के इलाज के लिए सबसे अच्छा माध्यम फोटोथेरेपी हैं।
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एक वयस्क के शरीर में उच्च बिलीरुबिन स्तर यकृत, पित्त नलिकाओं या पित्ताशय से सम्बंधित समस्याओं के कारण प्राप्त हो सकता है। वयस्कों में उच्च बिलीरुबिन (high Bilirubin) के स्तर कई प्रकार की समस्याओं की ओर संकेत दे सकते हैं, उदाहरण के लिए:
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वयस्कों में, पीलिया और खुजली रक्त में उच्च बिलीरुबिन स्तर (High bilirubin levels) के प्रमुख लक्षण हैं। रक्त में उच्च बिलीरुबिन से संबंधित निम्न लक्षणों का अनुभव किया जा सकता है:
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इस परीक्षण के जोखिम बहुत सामान्य हो सकते हैं; जिसमें रक्त निकलने पर संक्रमण का खतरा और जगह में ब्लड की गांठ आना शामिल है। सुई के माध्यम से रक्त निकालते समय दर्द या चुभन महसूस हो सकती है।
हेमेटोमा (hematoma) जिसमें चोट वाले स्थान पर त्वचा के नीचे रक्त जमा हो जाता है, की समस्या पैदा हो सकती है, इसके अतिरिक्त कुछ स्थितियों में अत्यधिक रक्तस्राव भी हो सकता है।
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उपचार मुख्य रूप से उच्च बिलीरुबिन (high bilirubin) स्तर के अंतर्निहित कारणों पर निर्भर करता है। एक बार कारणों की जानकारी हो जाने के बाद इसका इलाज संभव हो जाता है, इसके अतिरिक्त जीवनशैली में परिवर्तन करने और शराब से बचने जैसे उपचार के माध्यम से बिलीरुबिन (Bilirubin) को आसानी से हटाया जा सकता है। अतः उपचार प्रक्रिया उच्च बिलीरुबिन के अंतर्निहित कारणों के आधार पर शुरु की जाती है।
उचित इलाज के माध्यम से नवजात शिशुओं (neonates) में बिलीरुबिन के उच्च स्तर कम किया जा सकता है। नवजात बच्चों के लिए उच्च बिलीरुबिन के इलाज के लिए प्राथमिक उपचार फोटोथेरेपी (phototherapy) है, इसके बाद एक्सचेंज ट्रांसफ्यूजन (exchange transfusions) और इंट्रावेनस इम्युनोग्लोबुलिन (intravenous immunoglobulin) की मदद भी ली जा सकती है।
वयस्कों में बिलीरुबिन के उच्च स्तर का निदान करने के लिए अंतर्निहित कारणों का इलाज किए जाने पर ध्यान दिया जाता है। सामान्य रूप से उच्च बिलीरुबिन स्तर वाले वयस्कों को शराब न पीने और यकृत के कार्य को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों के सेवन से बचने की सलाह दी जाती है।
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बिलीरुबिन टेस्ट (bilirubin blood test cost) की कीमत प्रयोगशाला और स्थान के आधार पर भिन्न भिन्न हो सकती है। भारत में इस टेस्ट की कीमत लगभग 100 से 250 रूपये तक हो सकती है। यह कीमत स्थान विशेष के आधार पर परिवर्तित होती रहती है।
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