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बाइपोलर डिसऑर्डर क्या है कारण, लक्षण और बचाव –  What is bipolar disorder, symptoms and prevention in Hindi

बाइपोलर डिसऑर्डर क्या है कारण, लक्षण और बचाव -  What is bipolar disorder, symptoms and prevention in hindi

कभी बहुत ज़्यादा ख़ुश रहना तो कभी डिप्रेशन में चले जाना ही बाइपोलर डिसऑर्डर कहलाता है। बाइपोलर डिसऑर्डर एक गंभीर मानिसिक विकार है जो किसी भी व्यक्ति के जीवन को प्रभावित कर सकता है। बाइपोलर डिसऑर्डर की स्थिति में रोगी में अक्सर मूड स्विंग, गुस्सा, उदास रहना आदि विकार उत्पन्न होते है। यह एक साइक्लिक डिसऑर्डर होता है जिसमें कभी दुख का एपिसोड होता है, तो कभी खुशी का एपिसोड चलता है। पीड़ित व्यक्ति द्वारा इसकी पहचान कर पाना काफी कठिन होता है। अतः यह लेख आपको बाइपोलर डिसऑर्डर क्या है कारण, लक्षण, इलाज, रोकथाम और बाइपोलर डिसऑर्डर से कैसे बचा जा सकता है? के बारे में जानकारी देगा।

विषय सूची

क्या है बाइपोलर डिसऑर्डरWhat is bipolar disorder in Hindi

बाइपोलर डिसऑर्डर एक मानसिक बीमारी है। इसको मैनिक डिप्रेशन या द्विध्रुवी विकार भी कहते है। बाइपोलर डिसऑर्डर की वजह से मिजाज (मूड) में अचानक बदलाव आता रहता है। इस बीमारी में व्यक्ति का मन कभी बहुत खुश होती है, तो कभी बिना किसी बात के उदास हो जाता है। बाइपोलर शब्‍द दो शब्‍दों से मिलकर बना है, जिसमें व्‍यक्ति के मूड के दो रूपों को दिखाया गया है।

द्विध्रुवी विकार (bipolar disorder) में दो तरह की स्थिति होती है। पहली स्थिति में प्रसन्नता, ऊर्जावान जैसे भावनात्मक विचार उच्च होते हैं, जिसे मैनिक एपिसोड या मेनिया कहा जाता है। तथा दूसरी स्थिति जिसमें उदासी,निराशाजनक, सुस्ती जैसे भावनात्मक विचार उच्च होते हैं, जो कि डिप्रेस्ड एपिसोड की स्थिति होती है। उदासी होने पर व्यक्ति इतना ज़्यादा डिप्रेस हो जाता है कि आत्महत्या जैसी ख़तरनाक कोशिश भी कर बैठता है। ख़ुशी के फेज़ में व्यक्ति बहुत ज़्यादा आत्मविश्वाश से भर जाता है। दोनों ही स्थिति में व्यक्ति अपने आपे में नहीं रहता। इसका असर कई हफ़्ते, महीने या फिर सालों तक बना रहता है।

व्यवहार में परिवर्तन को काफी समय तक न समझ पाने के कारण अक्सर इस बीमारी की पहचान नहीं हो पाती और व्यक्ति इससे वर्षों तक पीड़ित रहता है। नशीले पदार्थों का सेवन करने वाले लोगों में भी यह बीमारी पाई जाती है। इसके अलावा मौसम में बदलाव भी इस बीमारी में बड़ा अहम रोल अदा करता है। सर्दी और पतझड़ के मौसम में इस बीमारी से पीड़ित लोगों में तनाव के लक्षण देखे जा सकते हैं।

बाइपोलर डिसऑर्डर के प्रकार – Bipolar Disorder Types in Hindi

पीड़ित व्यक्तियों में द्विध्रुवी विकार के विभिन्न प्रकार देखने को मिलते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  1. बाइपोलर I डिसऑर्डर (Bipolar I disorder) – इस प्रकार के बाइपोलर डिसऑर्डर में पीड़ित व्यक्ति के पास कम से कम एक मैनिक (manic) एपिसोड होता है, जो हाइपोमेनिक या अधिक अवसादग्रस्त एपिसोड से पहले या बाद में देखा जा सकता है। इस प्रकार के बाइपोलर डिसऑर्डर में मनोभावनाएँ काफी उच्च या निम्न होती है। यह इतना गंभीर होता है कि मरीज को चिकित्सकीय देखभाल की आवश्यकता होती है।
  2. बाइपोलर II डिसऑर्डर (Bipolar II disorder) –  इस प्रकार के डिसऑर्डर में पीड़ित व्यक्ति में कम से कम एक अधिक डिप्रेसिव एपिसोड और कम से कम एक हाइपोमेनिक एपिसोड उत्पन्न होते है। लेकिन इस प्रकार के बाइपोलर डिसऑर्डर में कभी भी मैनिक एपिसोड नहीं होता है। यह द्विध्रुवी विकार “बाइपोलर डिसऑर्डर I” जितना उच्च नहीं है।
  3. साइक्लोथायमिक डिसऑर्डर (Cyclothymic disorder) – इस प्रकार में समय-समय पर हाइपोमेनिया के लक्षण और अवसाद के लक्षण देखने को मिलते हैं, जिनकी अवधी वयस्कों में कम से कम 2 वर्ष और बच्चों, किशोरों में 1 वर्ष तक रहती है। इसके लक्षण बाइपोलर डिसऑर्डर I या बाइपोलर डिसऑर्डर II की अपेक्षा तीव्र नहीं होते हैं।
  4. अन्य प्रकार इस प्रकार में कुछ दवाओं या अल्कोहल से प्रेरित बाइपोलर डिसऑर्डर या किसी चिकित्सा स्थिति जैसे कि कुशिंग रोग, मल्टीपल स्केलेरोसिस या स्ट्रोक के कारण Sउत्पन्न बाइपोलर डिसऑर्डर शामिल हैं।

बाइपोलर II डिसऑर्डर, बाइपोलर I डिसऑर्डर का मामूली रूप नहीं है, बल्कि यह एक अलग नैदानिक विकार है। बाइपोलर II डिसऑर्डर वाले व्यक्ति लंबे समय तक उदास रहते हैं, जबकि बाइपोलर I डिसऑर्डर के मैनिक एपिसोड गंभीर और खतरनाक हो सकते हैं।

बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षण – bipolar disorder Symptoms in Hindi

बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षण - bipolar disorder Symptoms in Hindi

द्विध्रुवी विकार (बाइपोलर डिसऑर्डर) में, मूड के उच्च और निम्न भावनात्मक एपिसोड एक निर्धारित पैटर्न का पालन नहीं करते हैं। ये एपिसोड हफ्तों, महीनों और कभी-कभी सालों में भी उत्पन्न हो सकते हैं। बाइपोलर डिसऑर्डर (bipolar disorder) में दो तरह की फेज़ अर्थात स्थितियां होती है, जिसमें अलग-अलग लक्षण देखने को मिलते है।

मेनिया या हाइपोमेनिया फेज़ के लक्षण –  Symptoms of mania in Hindi

मैनिक एपिसोड (मेनिया) और हाइपोमेनिया दो अलग-अलग प्रकार के एपिसोड हैं, लेकिन इनके लक्षण समान हैं। अंतर केवल इस बात का है कि मेनिया में हाइपोमेनिया की तुलना में अधिक गंभीर लक्षण प्रगट होते हैं।

मैनिक और हाइपोमेनिक दोनों ही स्थितियों में तीन या इससे अधिक लक्षण शामिल होते हैं, जो कि निम्न हैं:

  • अत्यधिक खुशी, आशा और उत्साह
  • बहुत ज़्यादा ख़ुश रहने पर किसी को पैसे बांटना
  • हर पल गाना सुनते रहना
  • बहुत ज़्यादा दोस्त बनाना
  • रात-रातभर जागना या नींद में कमी आना
  • बेचैनी होना
  • जल्दी-जल्दी बात करना अर्थात तेज और अस्पष्ट भाषण
  • शादीशुदा होने पर भी दूसरों की ओर आकर्षित होना
  • असामान्य रूप से उच्च सेक्स ड्राइव
  • अपने से छोटों पर रोब झाड़ना और उन्हें मारना-पीटना
  • ऑफिस में या अपने काम में बहुत ज़्यादा व्यस्त रहना
  • किसी भी बात पर ध्यान न लगाना या खराब एकाग्रता, इस तरह के लोग किसी काम में अपना ध्यान बहुत देर तक नहीं लगा पाते।

डिप्रेशन फेज़ के लक्षण – Depressive phase Symptoms in Hindi

बाइपोलर डिसऑर्डर का दूसरा फेज़ डिप्रेशन का होता है। इसमें पीड़ित व्यक्ति हमेशा दुखी और निराश रहता है। डिप्रेशन फेज़ के प्रत्येक एपिसोड में नीचे दिए गए लक्षणों में से पांच या अधिक लक्षण शामिल होते हैं, जो कि निम्न हैं:

  • उदास मनोदशा, चिड़चिड़ापन
  • बात-बात पर ख़ुद को नुक़सान पहुंचाने या आत्महत्या की बात करना
  • ऑफिस या फिर अपने काम से बहुत परेशान रहना
  • भविष्य को लेकर हमेशा चिंतित रहना
  • थकान या ऊर्जा की हानि
  • हमेशा उदास रहना और किसी से संबंध न रखना
  • ग़ुस्सा होना
  • ख़ुशी के माहौल में भी उदास रहना
  • वज़न का बढ़ते-घटते रहना
  • अपने आप को अपराधी महसूस करना
  • सोचने या ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में कमी आना, इत्यादि।

बच्चों में बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षण – Bipolar Disorder Symptoms in children in Hindi

किशोरों और बच्चों में बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षणों की पहचान करना मुश्किल हो सकता है। अक्सर यह बताना मुश्किल होता है कि ये सामान्य लक्षण और मूड में उतार-चढ़ाव द्विध्रुवी विकार (द्विध्रुवी विकार के अलावा) के अलावा किसी मानसिक स्वास्थ्य समस्या या तनाव के संकेत हैं।

बच्चों में डिप्रेसिव या मैनिक एपिसोड के पैटर्न बाइपोलर डिसऑर्डर वाले वयस्कों से भिन्न हो सकते हैं। और एपिसोड के दौरान मूड तेजी से बदल सकता है।

(और पढ़ें: मानसिक रोग के लक्षण, कारण, उपचार, इलाज, और बचाव)

बाइपोलर डिसऑर्डर का कारण – Bipolar Disorder causes in Hindi

इस बीमारी का कोई एक कारण नहीं है. लेकिन कभी-कभी निम्न स्थितियां बाइपोलर डिसऑर्डर का कारण बन सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • जेनेटिक या आनुवंशिक स्थिति
  • न्यूरोट्रांसमीटर इम्बैलेंस
  • एबनॉर्मल थायरॉयड फंक्शन
  • हाई लेवल ऑफ स्ट्रेस आदि।

बाइपोलर डिसऑर्डर के जोखिम कारक – Bipolar Disorder Risk Factors in Hindi

कुछ कारक द्विध्रुवी विकार (Bipolar Disorder) के विकास के जोखिम को बढ़ा सकते हैं तथा पहले एपिसोड के लिए ट्रिगर के रूप में कार्य कर सकते हैं, इन कारकों में निम्न शामिल हैं:

  • द्विध्रुवी विकार का पारिवारिक इतिहास होना
  • उच्च तनाव की स्थिति, जैसे- किसी प्रियजन की मृत्यु या अन्य दर्दनाक घटना।
  • नशीली दवाओं या शराब का दुरुपयोग
  • कुछ स्वास्थ्य स्थितियां
  • पुरुषों की तुलना में महिलाओं को बाइपोलर डिसऑर्डर की “रैपिड साइकलिंग” से गुजरने की संभावना कुछ अधिक होती है, जिसमें एक वर्ष के भीतर चार या अधिक एपिसोड होते हैं।

बाइपोलर डिसऑर्डर की जटिलताएं – Bipolar Disorder Complications in Hindi

समय पर उपचार न किया गया तो, बाइपोलर डिसऑर्डर कुछ गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है, जो पीड़ित व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करती हैं। बाइपोलर डिसऑर्डर की जटिलताओं में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:

  • नशीली दवाओं और शराब के सेवन से संबंधित समस्याएं
  • आत्महत्या या आत्महत्या का प्रयास
  • कानूनी या वित्तीय समस्याएं
  • रिश्तों में दरार आना।

द्विध्रुवी विकार में डॉक्टर को कब दिखाएं – When to see a doctor for Bipolar Disorder in Hindi

उच्च मिजाज परिवर्तन के बावजूद भी बाइपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति यह पहचानने में असमर्थ होते हैं, कि उनके भावनात्मक उतार चढ़ाव के कारण उनका जीवन कितना छतिग्रस्त हुआ है। जागरूकता और बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षणों की जानकारी ही व्यक्ति को जटिलताओं से बचा सकती है। अतः यदि कोई व्यक्ति डिप्रेशन और मैनिक एपिसोड के लक्षणों का अनुभव करता है तो उसे अपने डॉक्टर या मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। चूँकि बाइपोलर डिसऑर्डर अपने आप ठीक नहीं होता है। इसलिए पीड़ित व्यक्ति को मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह लेना आवश्यक होता है।

(और पढ़ें: डिप्रेशन और उदासी दूर करने के उपाय)

बाइपोलर डिसऑर्डर का निदान – Bipolar Disorder Diagnosis in Hindi

डॉक्टर द्विध्रुवी विकार (Bipolar Disorder) की समस्या का निदान करने के लिए निम्न मूल्यांकन प्रक्रियाओं का सहारा ले सकता है:

  • शारीरिक परीक्षण (Physical exam) लक्षणों के कारणों की पहचान करने के लिए डॉक्टर किसी एक शारीरिक परीक्षा और प्रयोगशाला परीक्षण की मदद ले सकता है।
  • मनोरोग मूल्यांकन (Psychiatric assessment) मनोचिकित्सक बाइपोलर डिसऑर्डर के निदान के लिए मरीज से और उसके परिवारजनों से पीड़ित के विचारों, भावनाओं और व्यवहार के पैटर्न के बारे में कुछ प्रश्न पूंछ सकता है।
  • मूड चार्टिंग (Mood charting)- डॉक्टर मरीज को अपने मूड और नींद के पैटर्न या अन्य कारकों का दैनिक रिकॉर्ड तैयार करने को भी कह सकता है। यह प्रक्रिया बाइपोलर डिसऑर्डर का निदान करने में अहम् भूमिका निभाती है।

बाइपोलर डिसऑर्डर का इलाज – Bipolar Disorder Treatments in Hindi

बाइपोलर डिसऑर्डर का पूरी तरह से इलाज संभव है। मनोचिकित्सक की मदद से पीड़ित व्यक्ति फिर से पहले जैसा हो सकता है। जिन व्यक्तियों को एक वर्ष में चार या अधिक बार मूड एपिसोड या मिजाज में परिवर्तन होते हैं, तथा साथ ही साथ जिन्हें ड्रग या अल्कोहल लेने की लत है, उनका इलाज काफी कठिन होता है।

डॉक्टर द्विध्रुवी विकार की समस्या का इलाज निम्न तरीके से कर सकता है, जिनमें शामिल हैं:

  • दवाएं (Medications) – मूड को संतुलित करने के लिए तथा बाइपोलर डिसऑर्डर सम्बन्धी लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए डॉक्टर कुछ दवाओं की सिफारिश कर सकता है। दवाओं के अंतर्गत मूड स्टेबलाइजर्स, एंटीसाइकोटिक दवाएं, एंटीडिप्रेसन्ट, Anti-anxiety medications और नींद की दवाओं को शामिल किया जा सकता है।
  • टॉक थेरेपी (talk therapy)
  • पारस्परिक और सामाजिक ताल चिकित्सा (Interpersonal and social rhythm therapy)
  • संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (Cognitive behavioral therapy)
  • मनोशिक्षा (Psychoeducation)
  • इलेक्ट्रोकोनवल्सी थेरेपी (Electroconvulsive therapy)
  • ट्रांसक्रेनियल मेग्नेटिक स्टिम्युलेशन (Transcranial magnetic stimulation)
  • सप्लीमेंट (Supplements)
  • जीवनशैली में बदलाव, इत्यादि।

(और पढ़ें: मानसिक तनाव दूर करने के घरेलू उपाय)

बाइपोलर डिसऑर्डर की रोकथाम और घरेलू उपचार – Bipolar Disorder Prevention and home remedies in Hindi

बाइपोलर डिसऑर्डर की रोकथाम और घरेलू उपचार - Bipolar Disorder Prevention and home remedies in Hindi

बाइपोलर डिसऑर्डर की रोकथाम का कोई विशेष तरीका नहीं है। फिर भी मानसिक विकार के शुरुआती लक्षणों का पता लगाकर समय पर उपचार प्राप्त कर व्यक्ति मानसिक स्थितियों को बिगड़ने से रोक सकता है। कुछ रणनीतियाँ और उपाय द्विध्रुवी विकार के लक्षणों को नियंत्रित करने और स्थिति को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • लक्षणों को जल्द से जल्द पहचाने तथा संकेतों की पहचान करने के लिए परिवार के सदस्यों या दोस्तों की सहायता लें।
  • ड्रग्स और शराब के सेवन से बचें।
  • किसी भी प्रकार की दवाओं का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें और निर्धारित समय पर दवाओं का सेवन करें।
  • अपनी दुनिया से बाहर आएं और दूसरों के साथ बातचीत करना, घूमना-फिरना इत्यादि आदतों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
  • प्रतिदिन एक्सरसाइज़ और मेडिटेशन करें।
  • पर्याप्त नींद लें।
  • खाने और सोने के शेड्यूल का धयान रखें।
  • मिजाज या मूड परिवर्तन को पहचानना सीखें।

(और पढ़ें: स्ट्रेस कम करने के लिए एक्सरसाइज)

बाइपोलर डिसऑर्डर मिथक – Bipolar Disorder Myths in Hindi

बहुत से लोगों का मानना है कि द्विध्रुवी विकार से ग्रसित व्यक्ति नॉर्मल लाइफ नहीं जी सकता। जबकि ऐसा कुछ नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार इस बीमारी से ग्रसित लोग पूरी तरह से नॉर्मल और फैमिली लाइफ एंजॉय करते हैं। ऑफिस से लेकर घर तक की सभी ज़िम्मेदारियों को वो बख़ूबी निभाते हैं। इन्हें देखकर अंदाज़ा लगाना मुश्किल होता है कि ये किसी तरह की बामारी से पीड़ित हैं।

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