Birth Control Method in Hindi गर्भनिरोधक के सभी उपाय कुछ अधिक आसान और सरल होते है और दूसरों की तुलना में बेहतर काम करते हैं। लेकिन अलग-अलग व्यक्ति को अलग-अलग गर्भनिरोधक के तरीके पसंद आते हैं। आज हम आपको गर्भनिरोधक के सभी उपाय और तरीकों से आपको अवगत करवाते हैं। जिसमें से आप अपने लिए सरल और सुविधाजनक तरीका चुन सकतें है।
गर्भनिरोध का मतलब है कि अपनी इच्छा के अनुसार बच्चे के जन्म को रोकना। यौन संबंध बनना सभी लोगों की जरूरत होती है, लेकिन सभी लोग अपने बच्चों में अंतर रखना चाहते हैं। गर्भाधारण के लिए पुरुषों का वीर्य जिम्मेदार होता है। यह यौन संबंध बनाते समय महिला की योनि में प्रवेश करता है और अंडाणुओं के साथ संयुक्त रूप से गर्भाधारण का कारण बनता है। यदि शुक्राणुओं को मादा योनि में जाने से रोक दिया जाए तो गर्भाधारण की सभी संभावनाओं को रोका जा सकता है। लेकिन ऐसा करना सामान्य रूप से संभव नहीं है। लेकिन आज हम विज्ञान की मदद इतने आगे बढ़ चुके हैं कि इस प्रकार की समस्या को कम करने के लिए हमारे पास आज बहुत से विकल्प हैं। जिन्हें गर्भनिरोध-उपाय (Birth Control Method in Hindi) कहा जाता है।
विषय सूची
गर्भावस्था से बचने का एक और आसान तरीका है वीर्य को योनि के अंदर प्रवेश करने से पहले लिंग को बाहर खीचना। इसे पुलआउट (withdrawal) विधि कहा जाता है। यदि आप सावधानी पूर्वक ऐसा करने में सफल रहते हैं तो यह विधि गर्भावस्था को रोकने मे प्रभावी हो सकती है। यदि आप अन्य कोई जन्म नियंत्रण विधियों का उपयोग नहीं कर पाते हैं तो यह विधि आपके लिए बहुत अच्छी हो सकती है।
(और पढ़े – पुल आउट मेथड अनचाहे गर्भ से बचने का प्राकृतिक तरीका)
गर्भावस्था को रोकने के लिए पुलआउट विधि एक सरल, सुविधाजनक, नि:शुल्क और हार्मोन मुक्त (hormone-free) तरीका है। इसके लिए आपको डॉक्टर या फार्मेसी के पास जाने की आवश्यकता नहीं है।
यदि आप सावधानी पूर्वक इस विधि का उपयोग करते हैं तो इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं होते हैं।
(और पढ़े – क्या आप जानते है योनि की गहराई कितनी होती है)
गर्भावस्था को रोकने के लिए पुलआउट विधि बहुत ही अच्छी होती है, लेकिन इसका उपयोग करना बहुत ही मुश्किल हो सकता है। और इसके विफल होने की संभावना सर्वाधिक होती है।
पुलआउट विधि के विफल होने का प्रमुख कारण यह है कि स्खलन (Ejaculation) से पहले लिंग को बाहर खींचना मुश्किल होता है। क्योंकि इस समय यौन सुख चरम स्थिति में होता है।
यदि आपका वीर्य योनि मे चला जाता है तो गर्भावस्था की प्रवल संभावना होती है। यह विधि अनुभवहीन लोगों के लिए प्रभावी नहीं हो सकती है।
(और पढ़े – महिला स्खलन क्या होता है और कैसे होता है)
गर्भनिरोधक तरीके में ट्रांसडर्मल गर्भनिरोधक पैच (Transdermal Contraceptive Patch) एक सुरक्षित, सरल और किफायती जन्म नियंत्रण विधि है जिसे पेट, ऊपरी भुजा या पीठ की त्वचा पर पहन सकते हैं। आपको हर तीन सप्ताह में नये पैच की आवश्यकता होती है। यह गर्भावस्था को रोकने वाले हार्मोन को उत्सर्जित करता है।
जन्म नियंत्रण पैच शुक्राणु को अंडे से मिलने से रोक कर गर्भावस्था को रोकता है। जिसे निषेचन (fertilization) कहा जाता है।अधिकांश गर्भनिरोधक गोलियों की तरह पैच में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टिन हार्मोन होते हैं जो शरीर में उपस्थित हर्मोन की तरह ही कार्य करते हैं। पैच को शरीर के किसी एक हिस्से में पहना जाता है जिससे हार्मोन आपकी त्वचा के माध्यम से अवशोषित होते हैं।
पैच अंडाशय को अंडे छोड़ने से रोकता है जिससे शुक्राणु अंडों से संपर्क नहीं कर पाते हैं और इस तरह गर्भाधारण पूर्ण नहीं हो पाता है।
(और पढ़े – गर्भनिरोधक बर्थ कंट्रोल पैच का उपयोग, फायदे और नुकसान)
पैच के हार्मोन गर्भाशय ग्रीवा के श्लेष्म को भी मोटा करते हैं जो शुक्राणुओं को अंडों से मिलने पर अवरोध पैदा करता है और गर्भावस्था की संभावनाओं को भी कम करता है।
(और पढ़े – Unwanted 72 गोली लेने के बाद पीरियड पर असर)
पैच (Patch) गर्भावस्था को रोकने की अच्छी विधियों में से एक है। गर्भावस्था को रोकने के अलावा इसके अन्य लाभों में मुंहासों को कम करना, मासिक धर्म के ऐंठन को कम करना, पीरियड़ के समय को कम करना आदि शामिल हैं।
यदि आप पैच का सही तरीके से उपयोग करते हैं तो यह गर्भावस्था के विरूध सुरक्षा प्रदान करता है। आपको हर सप्ताह पैच को बदलने की आवश्यकता होती है।
पैच उन महिलाओं के लिए अच्छा है जो रोज-रोज गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन नहीं करना चाहती हैं।
पैच यौन संबंध बनाते समय आपको किसी भी प्रकार से हस्तक्षेप नहीं करता है। पैच हर सप्ताह उपयोग किया जाता है इसलिए आप इसे अपने पास स्टोर करके भी रख सकते हैं। पैच एक गर्भनिरोध के साथ साथ बहुत से स्वास्थ्य लाभ भी उपलब्ध कराते हैं जैसे कि महिलाओं के मासिक धर्म को नियमित करना, इस दौरान रक्तस्राव को कम करना, योनि की सूजन संबंधित समस्या को कम करना आदि। अन्य लाभ इस प्रकार हैं :
मुँहासे, हड्डियों का पतला होना, स्तन और अंडाशय में गांठ (Cysts) होना, अस्थानिक (Ectopic) गर्भावस्था, एंडोमेट्रियल और डिम्बग्रंथि का कैंसर (Endometrial and Ovarian), अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब और गर्भाशय में गंभीर संक्रमण, एनीमिया और पीएमएस (Premenstrual Syndrome) आदि से बचाव करने में गर्भनिरोध पैच महिलाओं की मदद करता है।
यदि आप गर्भवती होना चाहती हैं तो पैच का उपयोग बंद करने के कुछ दिनों बाद गर्भवती हो सकती हैं।
(और पढ़े – जानिए कैसे प्रेगनेंट होती हैं महिलाएं)
जन्म नियंत्रण पैच गर्भावस्था को रोकने का अच्छा तरीका होता है, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी होते हैं, जैसे कि पैच को हर सप्ताह बदना पड़ता है जिसे याद रखना मुश्किल हो सकता है। यदि आप पैच को समय पर नहीं बदलते हैं तो यह गर्भावस्था से सुरक्षा प्रदान नहीं करता है। यदि आप इसे समय पर नहीं बदल पाते हैं तो गर्भनिरोधक पैच के बजाय अन्य दूसरी गर्भनिरोधक विधियों का उपयोग करें जो आपके लिए उपयुक्त हों।
अन्य दवाओं की तरह भी जन्म नियंत्रण पैच के दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं जो 2 से 3 माह के बाद आम हो जाते हैं।
पैच में उपस्थित हार्मोन आपके पीरियड की अवधि को प्रभावित कर सकते हैं साथ ही सिर दर्द, मतली आदि की संभावना भी हो सकती है।
(और पढ़े – जानें, मां बनने में महिला के अंगों की क्या है भूमिका)
गर्भनिरोधक तरीके में एक छोटा सा उपकरण जो गर्भावस्था को रोकने के लिए महिलाओं के गर्भाशय मे डाल दिया जाता है उसे आईयूडी (कॉपर टी ) कहा जाता है। यह लंबे समय के लिए और प्रतिवर्ती (reversible) गर्भनिरोधक विधियों में से एक है।
कॉपर टी आईयूडी इंट्रायूटरिन डिवाइस (Intrauterine Device) है जो मूल रूप से महिलाओं के गर्भाशय के अंदर एक उपकरण होता है। यह एक टी जैसे लचीले प्लास्टिक का टुकड़ा होता है जिसे आईयूसी-इंट्रायूटरिन गर्भ निरोधक (IUC-intrauterine contraception) भी कहा जाता है।
(और पढ़े – जानें कॉपर टी का इस्तेमाल, इसके फायदे और नुकसान)
आईयूडी के 5 अलग-अलग ब्रांड होते हैं जो एफडीए द्वारा अनुमोदित हैं और उपयोग किये जाते हैं। पैरागार्ड (ParaGard), मिरेना (Mirena), केलीना (Kyleena), लिलेट्टा (Liletta) और स्काईला (Skyla)।
इन आईयूडी को 2 प्रकारों में बांटा जा सकता है तांबे आईयूडी (पैरागार्ड) और हार्मोनल आईयूडी (मिरेना, केलीना, लिलेट्टा और स्काईला)। पैरागार्ड आईयूडी में हार्मोन नहीं होता है। यह तांबे के एक छोटे से हिस्से में लपेटा गया होता है और आपको 12 वर्षों तक गर्भावस्था से बचाता है।
हार्मोनल आईयूडी गर्भावस्था को रोकने के लिए हार्मोन प्रोजेस्टिन का उपयोग करते हैं। प्रोजेस्टिन हमारे शरीर को बनाने वाले प्रोजेस्टेरोन हार्मोन (Progesterone Hormone) के समान होते हैं। मिरेन आईयूडी 6 वर्षो तक काम करता है, केलीना 5 साल तक, लिलेट्टा 4 साल तक और स्काईला 3 साल तक काम करता है।
(और पढ़े – रजोनिवृत्ति के कारण, लक्षण और दूर करने के उपाय)
कॉपर आईयूडी और हार्मोनल आईयूडी दोनों शुक्राणु कोशिकाओं को स्थानांतरित करने के तरीके को बदलकर गर्भावस्था को रोकते हैं, ताकि वे अंडाशय में अंडे तक न पहुंच सकें। यदि शुक्राणु इन अंड़ों से संपर्क नहीं करेगा तो गर्भाधारण नहीं हो सकता है।
पैरागार्ड आईयूडी में गर्भावस्था को रोकने के लिए तांबे का उपयोग किया जाता है क्योंकि शुक्राणु तांबा को पसंद नहीं करता है, इसलिए पैरागार्ड में मौजूद तांबा शुक्राणुओं को अंडे तक पहुंचने से रोकता है।
हार्मोनल आईयूडी दो प्रकार से गर्भाधारण को रोकते हैं:
(1) वे गर्भाशय पर रहने वाले श्लेष्म को मोटा (thicken the mucus) करते हैं, जो शुक्राणुओं को रोकता है।
(2) हार्मोन कभी-कभी अंडाशय को अंडे छोड़ने से रोकता है। जिसका मतलब है कि गर्भाधारण करने के लिए कोई भी अंडा मौजूद नहीं रहता है।
आईयूडी की विशेषता यह है कि यह लंबे समय तक गर्भ को रोकने में मदद करती है, लेकिन ये स्थाई नहीं है। यदि आप गर्भवती होना चाहते हैं तो आप डॉक्टर या नर्स की मदद से इसे हटवा सकते हैं। आईयूडी को हटाने के बाद आप गर्भाधारण कर सकती हैं।
(और पढ़े – सेक्स हार्मोन क्या होते है महिला और पुरुष में इनका महत्त्व)
गर्भावस्था को रोकने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक आईयूडी व्यवस्था है। ये कई वर्षो तक उपयोग की जा सकती है। आइए आईयूडी का उपयोग करने के फायदे जानें
आईयूडी का उपयोग गर्भावस्था को रोकने में दीर्घकालीन सुरक्षा प्रदान करता है। यह 99 प्रतिशत तक प्रभावी होता है। ये नसबंदी और गर्भनिरोधक की तरह काम करते हैं। यह बहुत ही सुरक्षित होता है क्योंकि गलती होने की संभावना नहीं रहती है।
आईयूडी सुविधाजनक होती है, एक बार इसका उपयोग करने के बाद आपको बार-बार इसकी चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती है। यह तब तक काम करता है जब तक समाप्त न हो जाये या आपके द्वारा बाहर न निकाल लिया जाए। आप इनका उपयोग करके 3 से लेकर 12 वर्षो तक के लिए गर्भाधारण से मुक्ति पा सकते हैं।
आप जब भी गर्भवती होना चाहें इसका उपयोग बंद कर सकती हैं और गर्भाधारण को अनुमति भी दे सकती हैं। आईयूडी का उपयोग करने से आपकी प्रजनन क्षमता में किसी प्रकार की कमी नहीं आती है।
हार्मोनल आईयूडी का उपयोग करने से मासिक धर्म की ऐंठन और इस दौरान रक्तस्राव को भी कम किया जा सकता है। कुछ मामलों इसका उपयोग करने वाली महिलाओं में मासिक धर्म पूरी तरह से बंद हो सकता है। यह उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जो गंभीर ऐंठन, भारी रक्तस्राव और एनीमिया से ग्रसित हैं।
तांबे आईयूडी में हार्मोन नहीं है जो उन लोगों के लिए अच्छा होता है जिन्हें हार्मोनल जन्म नियंत्रण पसंद नहीं हैं।
तांबे आईयूडी को आपातकालीन गर्भनिरोधक के रूप में उपयोग किया जा सकता है। यह सबसे प्रभावी आपातकालीन गर्भनिरोधक माना जाता है।
आईयूडी का उपयोग करने से कुछ नुकसान हो सकते हैं। आईयूडी का उपयोग करने से होने वाले संभावित नुकसान इस प्रकार हैं :
जब आईयूडी को डाला जाता है तो दर्द हो सकता है।, आईयूडी डालने के कुछ दिनों के बाद ऐंठन या पीठ का दर्द (cramping or backaches) हो सकता है। पीरियड के बीच मे थक्के आना। अनियमित पीरियड, मासिक धर्म के समय ऐंठन और भारी रक्तस्राव।
(और पढ़े – पीरियड्स में पेट दर्द का घरेलू उपाय )
दर्द को दूर करने वाली दवाएं ऐंठन को दूर कर सकती हैं लेकिन यदि रक्तस्राव हो रहा हो तो स्थिति खराब हो सकती है। ऐसी स्थिति में अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
आईयूडी एसटीडी के खिलाफ सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं। यह केवल गर्भनिरोध के लिए उपयोग किया जा सकता है। यौन संक्रमण से बचने के लिए आप इसके साथ कंडोम का उपयोग कर सकते हैं।
गर्भनिरोध तरीके में डेपो शॉट (AKA Depo-Provera) एक इंजेक्शन है जिसे आप हर 3 महीने में एक नर्स या डॉक्टर के माध्यम से लगवा सकते हैं। यह गर्भनिरोध का सुरक्षिरत तरीका है, जो प्रभावी रूप से काम करता है। आप इसे लंबे समय तक उपयोग कर सकते हैं जो आपको अनचाहे गर्भ से सुरक्षा प्रदान करता है।
(और पढ़े – गर्भनिरोधक इंजेक्शन क्या है, प्रकार, कैसे कम करता है, लाभ और साइड इफ़ेक्ट)
गर्भ निरोधक के रूप में उपयोग किये जाने वाले इंजेक्शन को डेपो-प्रोवेरा, डेपो शॉट या डीएमपीए भी कहा जाता है। इस इंजेक्शन में हार्मोन प्रोजेस्टिन होता है। प्रोजेस्टिन आपके अंडाशय को सुरक्षा प्रदान कर गर्भवती होने से बचाता है। यह ग्रीवा श्लेष्म को मोटाई बढ़ाने में मदद करता है। जब ग्रीवा श्लेष्म मोटा होता है तो यह शुक्राणुओं को अंडाशय में अंडों के संपर्क से रोकता है, जिसके कारण गर्भावस्था को रोका जा सकता है।
(और पढ़े – प्रोजेस्टेरोन के कार्य एवं गर्भावस्था में इसकी भूमिका)
अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए शॉट बहुत ही सुरक्षित और विश्वसनीय तरीका है। इसे उपयोग करने के अन्य लाभ इस प्रकार हैं।
यदि आप समय पर डॉक्टर या नर्स की सहायता से शॉट लेते हैं तो यह बहुत ही प्रभावी तरीके से काम करता है। यदि आप गर्भावस्था से अधिकतम सुरक्षा प्राप्त करना चाहते हैं तो शॉट लेने के साथ ही कंडोम का उपयोग करें, कंडोम आपको यौन संक्रमणों से भी बचाता है।
शॉट का उपयोग बहुत ही सुरक्षित और सुविधाजन होता है, यदि समय पर आप इसे लेते हैं तो एक वर्ष में केलव आपको चार बार इसका उपयोग करना पड़ता है। यह उन लोगों के लिए अच्छा है जो प्रतिदिन एक गोली का सेवन करने से बचना चाहते हैं।
इसके फायदे यह भी हैं कि इसकी जानकारी उपयोग करने वाली महिला के अलावा किसी अन्य को नहीं लगती है। यह सेक्स करने के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं करता है।
इसका उपयोग करने से मासिक धर्म की संख्या में कमी होती है। बहुत सी महिलाएं शॉट को इसलिए भी पसंद करते हैं कि इसका उपयोग करने से मासिक धर्म के समय रक्तस्राव में कमी आती है।
शॉट गर्भाशय और एक्टोपिक गर्भावस्था से बचाने में मदद करता है। यह अस्थाई है, यदि आप चाहें तो इसका उपयोग बंद करने के बाद गर्भवती हो सकती हैं।
(और पढ़े – एक्टोपिक प्रेगनेंसी (अस्थानिक गर्भावस्था) के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव)
गर्भावस्था को रोकने के लिए शॉट का उपयोग बहुत ही सुरक्षित है लेकिंन फिर भी इसके कुछ दुष्प्रभाव भी होते हैं। जो इस प्रकार हैं:
आपको इसका इस्तेमाल करने के लिए हर तीन माह में डॉक्टर के पास जाना होगा। यह कुछ लोगों के आसान हो सकता है लेकिन सभी लोगों के लिए आसान नहीं हैं। यह तभी प्रभावी रूप से काम करता है जब आप इसे समय पर प्राप्त करते हैं।
इसका उपयोग करने पर कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं लेकिन उनमें से कई आमतौर पर 2 या 3 माह के बाद चले जाते हैं। अधिकांश महिलाओं में उनकी अवधि में कुछ बदलाव होता है, जिनमें सामान्य से अधिक रक्तस्राव हो सकता है। यह पहले वर्ष के दौरान सबसे आम है। इसके अन्य संभावित दुष्प्रभावों में शामिल हैं:
जी मिचलाना, वजन बढ़ना, सिरदर्द, स्तनों का ढीला होना, डिप्रेशन (depression), जहां पर शॉट दिया गया हो वहां मामूली दर्द आदि।
शॉट का उपयोग करने के बाद यदि आप गर्भवती होना चाहती हैं तो ध्यान रखना होगा कि इसके लिए आपको लगभग 10 माह का इंतेजार करना पड़ सकता है। बहुत ही कम मामलों में ऐसा होता है शॉट का उपयोग बंद करने के कुछ दिनों बाद ही महिलाएं गर्भवती हो जाती है।
गर्भाधारण से बचने के लिए आज बहुत से विकल्प उपलब्ध हैं, जिन्हें आप अपनी सुविधा और जरूरत के अनुसार उपयोग कर सकते हैं। आप लंबे समय तक गर्भाधारण से बचने के लिए बर्थ कंट्रोल इम्प्लांट का उपयोग कर सकतीं हैं। यह आपके लिए गर्भनिरोधक का बहुत ही सुरक्षित विकल्प हो सकता है।
जन्म नियंत्रण प्रत्यारोपण एक माचिस की काड़ी के आकार की पतली रॉड है। इम्प्लांट आपके शरीर में हार्मोन जारी करता है जो आपको गर्भवती होने से रोकता है। एक नर्स या डॉक्टर आपके हाथ में इम्प्लांट डालता है, जो आपको 4 वर्षो तक गर्भावस्था से सुरक्षित रखता है। आप इसका इस्तेमाल करें और दूसरे जन्म-नियंत्रण को भूल जाएं।
(और पढ़े – महिलाओं में हार्मोन असंतुलन के कारण, लक्षण और इलाज)
इम्प्लांट का उपयोग गर्भनिरोध की सुरक्षित विधियों में से एक है। यदि 100 महिलाएं इसका उपयोग करती हैं तो 99 महिलाएं गर्भ रोकने में सफल होती हैं। इम्प्लांट इतना प्रभावी होता है कि गलती होने का कोई मौका ही नहीं बचता है। क्योंकि यह महिलाओं की बाहों में लगाया जाता है, इसे बार-बार लेने की आवश्यक्ता नहीं होती और न ही इसके इस्तेमाल में किसी प्रकार की गलती होती है। यह आपको आने वाले चार सालों तक प्रतिदिन गर्भावस्था से बचाता है। इस दौरान यदि आपका मन करता है कि आपको गर्भाधारण करना है तो आप डॉक्टर या किसी नर्स से इसे निकलवा सकते हैं और गर्भवती हो सकते हैं।
इम्प्लांट आपको यौन संक्रमणों से सुरक्षा प्रदान नहीं करता है, इसलिए प्रत्यारोपण के साथ कंडोम का उपयोग गर्भावस्था और एसटीडी दोनों से बचाने मे आपकी सहायता करता है। इन दोनों का उपयोग कर आप सेक्स का भरपूर मजा ले सकते हैं।
(और पढ़े – सबसे कॉमन योन संचारित रोग एसटीडी के लक्षण – पुरुषों और महिलाओं में)
यदि आपको अपने पीरियड के पहले 5 दिनों के अंदर प्रत्यारोपण कराया जाता है तो आप गर्भावस्था से सुरक्षित रहेंगें। यदि आप अपने मासिक चक्र में किसी अन्य समय प्रत्यारोपण कराते हैं तो पहले सप्ताह के दौरान आप कंडोम या अन्य गर्भनिरोधक का उपयोग करें। उस पहले सप्ताह के बाद इम्प्लांट काम करना शुरु कर देता है और आप 4 साल तक गर्भावस्था से सुरक्षित रह सकतीं हैं। यही कारण है कि इसका उपयोग करने के बाद आप अनचाहे गर्भ से लंबे समय तक बच सकतीं हैं।
(और पढ़े – बर्थ कंट्रोल इम्प्लांट का उपयोग, फायदे, नुकसान और सावधानीयां)
4 साल तक गर्भावस्था को रोकने के लिए इम्प्लांट एक प्रभावी और आसान तरीका है। आप इसका उपयोग करने के बाद निश्चिंत हो सकतीं हैं कि आपको गर्भाधारण नहीं होगा।
यह अन्य गर्भनिरोधकों की अपेक्षा ज्यादा प्रभावी होता है जो 99 प्रतिशत महिलाओं को लंबे समय तक सुरक्षा देता है। प्रत्यारोपण नसबंदी और आइयूडी (sterilization and IUDs) की तरह ही काम करता है। इम्प्लांट का उपयोग बहुत ही सुरक्षित और प्रभावी होता है क्योंकि इसे बार-बार उपयोग नहीं किया जाता है और न ही इसके उपयोग में किसी प्रकार की गलती होने की संभावना होती है।
इम्प्लांट आपके मासिक धर्म को बेहतर बनाते हैं, यह आपके मासिक धर्म के समय होने वाली ऐंठन को कम करने के साथ साथ अवधि को हल्का बनाते हैं। कुछ मामलों में देखा गया है कि 3 महिलाओं में से 1 महिला को साल के अंत होने तक धीर-धीरे पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं।
(और पढ़े – पीरियड्स की जानकारी और अनियमित पीरियड्स के लिए योग और घरेलू उपचार)
इम्प्लांट का उपयोग करने पर यह पूर्ण रूप से सुरक्षित होता है लेकिंन बहुत ही कम मामलों में कुछ संभावित नुकसान हो सकते हैं। हालांकि इससे होने वाले नुकसान कुछ समय के बाद दूर हो जाते हैं। इसका सबसे आम दुष्प्रभाव अनियमित रक्स्राव है, विशेष रूप से पहले 6 से 12 माह के बीच। कभी-कभी पत्यारोपण लंबे पीरियड़ और भारी रक्तस्राव का कारण बनात है।
जब आप नेक्सप्लानन ले चुके होते हैं तो आपको पीरियड़ नहीं आते हैं लेकिन आपको गर्भवती होने की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इम्प्लांट वास्तव में प्रभावी जन्म नियंत्रण है। इसके और अन्य संभावित दुष्प्रभाव जो आम नहीं हैं उनमें शामिल हैं : सिर दर्द, ब्रेस्ट दर्द, जी मिचलाना, वजन बढ़ना, अंडाशय पुटिका, जहां इम्प्लांट डाला गया है वहां दर्द होना या संक्रमण होना।
यह यौन संक्रमण से बचाव नहीं करता है, इम्प्लांट का उपयोग करने के बाद भी आपको योन संबंध बनाते समय कंडोम का उपयोग करना चाहिए जो आपको एसटीडी संक्रमण और गर्भाधारण से बचाता है।
गर्भनिरोधक तरीके में जन्म नियंत्रण रिंग (AKA NuvaRing) एक सुरक्षित, सरल और विश्वसीनय जन्म नियंत्रण विधि है जिसे योनि के अंदर पहना जाता है। यह छोटी लचीली रिंग शरीर में हार्मोन जारी करके गर्भावस्था को रोकने में मदद करती है। यह बहुत ही प्रभावी होती है यदि इसका उपयोग सही समय पर और सही तरीके से किया जाए।
(और पढ़े – वर्थ कंट्रोल रिंग (जन्म नियंत्रण अंगूठी) का उपयोग और सावधानीयां)
(और पढ़े – योनि को टाइट करने के असरदार घरेलू उपाय और तरीके)
गर्भनिरोधक तरीके में नुवारिंग (NuvaRing) शुक्राणुओं को अंडे से मिलने से रोकती हैं। यह अधिकांश जन्म नियंत्रण गोलियों की तरह ही काम करता है। नुवारिंग में हार्मोन एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टिन (estrogen and progestin) होते हैं, जो शरीर के प्राकृतिक हार्मोन की तरह ही होते हैं। इस रिंग को योनि के अंदर पहना जाता है, जहां योनि अस्तर (vaginal lining) हार्मोन को अवशोषित करती है।
नुवारिंग के हार्मोन डिंबोत्सर्जन (ovulation) को रोकते हैं, मतलब शुक्राणु के आसपास कोई अंडा नहीं होता है जिससे गर्भावस्था की संभावना खत्म हो जाती है।
इस रिंग के हार्मोन गर्भाशय के श्लेष्म को भी मोटा (thicken the mucus) करते हैं जो गर्भाशय ग्रीवा में शुक्राणुओं को अंडों से मिलने नहीं देता है।
(और पढ़े – योनि में सूखेपन का कारण और दूर करने के घरेलू उपाय)
गर्भावस्था को रोकने के लिए नवारिंग बहुत ही सुरक्षित और सुविधाजनक तरीका होता है। इसको उपयोग करने के अन्य लाभ जैसे कि मुँहासे को कम करना, पीरियड को नियमित करना, मासिक धर्म की ऐंठन को आसान बनाना आदि।
हमेशा नई रिंग का उपयोग करें जो आपको गर्भावस्था से सुरक्षा प्रदान करती है आप अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए इसके साथ कंडोम का उपयोग भी कर सकते हैं, क्योंकि कंडोम आपको यौन संक्रमण से बचाता है।
इसका उपयोग अन्य प्रकार की गोलियों की तुलना में सुविधा जनक होता है। नुवारिंग बहुत सी महिलाओं में मासिक धर्म को आसान बनाता है। रिंग का उपयोग मासिक धर्म को पूरी तरह से बंद करने के लिए भी उपयोग किया जाता है।
नुवारिंग केवल जन्म नियंत्रण के लिए ही उपयोग नहीं की जाती है बल्कि इसके अलावा भी बहुत से लाभ होते हैं। इसका उपयोग कर आप निम्न समस्याओं को कम या पूरी तरह से दूर कर सकते हैं।
मुँहासे, हड्डियों का पतला होना, स्तन और अंडाशय में गांठ (Cysts) होना, अस्थानिक (Ectopic) गर्भावस्था, एंडोमेट्रियल और डिम्बग्रंथि (Endometrial and Ovarian) के कैंसर, अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब और गर्भाशय में गंभीर संक्रमण, एनीमिया और पीएमएस (Premenstrual Syndrome) आदि से बचाव करने में नुवारिंग महिलाओं की मदद करता है।
यदि आप गर्भवती होना चाहती हैं तो इसका उपयोग बंद करके आप गर्भवती हो सकती हैं। इसे बंद करने के बाद आपको लगभग 1-2 माह बाद आपका मासिक धर्म फिर से शुरु हो जाएगा।
(और पढ़े – योनि से जुड़े रोग और उपचार)
इसका उपयोग करने के कुछ संभावित नुकसान हो सकते हैं जैसे कि समय पर नई रिंग का उपयोग करना मुश्किल हो सकता है, और कुछ ऐसे नुकसान भी होते हैं जो सामान्य रूप से एक दो माह में समाप्त हो जाते हैं।
गर्भाधारण को रोकने के लिए आपको हर महिने एक नई रिंग की आवश्यकता होती है। इसलिए आपको विशेष सावधानी से इसका उपयोग करना चाहिए।
यदि आप व्यस्त जीवन जी रहें हैं या आपको लगता है कि रिंग का उपयोग करना आपके लिए मुश्किल हो सकता है तो आपको सलाह दी जाती है कि आप इसका उपयोग करने के बजाय आईयूडी जन्म नियंत्रण विधियों का उपयोग करें।
रिंग का उपयोग करते समय आपको योनि में अतिरिक्त गीलापन महसूस हो सकता है साथ ही पीरियड़ में कुछ दर्द, स्तन में दर्द, मतली या सिरदर्द आदि की समस्या हो सकती है जो 2 से 3 माह के बाद समाप्त हो जाते हैं।
(और पढ़े – ज्यादा सेक्स करने से योनी में ढीलापन बढ़ता है? जाने क्या है अन्दर की बात)
गर्भावस्था को रोकने के लिए हर दिन उपयोग की जाने वाली गोलियां जन्म नियंत्रण गोलीयां होती हैं जिनके माध्यम से हर रोज हार्मोन लिये जा सकते हैं। इन गोलियों के कई ब्रांड हैं जो बहुत ही सुरक्षित, किफायती और प्रभावी होते हैं। बस इन्हें गर्भावस्था को रोकने के लिए समय पर लेने की आवश्यकता होती है।
गर्भनिरोधक गोलियां बहुत ही प्रभावी ढंग से अपना काम करती हैं। यह अन्य जन्म नियंत्रण विधियों की तरह ही शुक्राणुओं और अंडे को आपस में मिलने से रोकती हैं जिसे निषेचन कहा जाता है।
गोली में उपस्थित हार्मोन अंडाशय को अंडे छोड़ने (ovulation) से रोकते हैं। जिससे शुक्राणु का संपर्क अंडों से नहीं हो पाता है और गर्भाधान की संभावना खत्म हो जाती है।
इन गोलियों में उपस्थित हार्मोन गर्भाशय पर श्लेष्म को भी मोटा करते हैं। मोटा गर्भाशय ग्रीवा (cervix) जो शुक्राणुओं को अंडों के पास जाने से रोकते हैं।
(और पढ़े – गर्भनिरोधक दवाओं और उनके शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जानें)
गर्भाधान को रोकने के लिए जन्म नियंत्रक गोलियां सुरक्षित, सरल और प्रभावकारी विकल्प होता है। इसका सेवन करने से मासिक अवधि को नियमित करना, मुंहासों को दूर करना और मासिक धर्म ऐंठन को आसान बनाना आदि फायदे भी होते हैं।
नियमित और सही तरीके से इनका उपयोग करना गर्भावस्था के विरूध सुरक्षा प्रदान करता है। इसके लिए आपको प्रतिदिन एक गोली का सेवन करना आवश्यक है। यदि आपको किसी प्रकार की शंका हो तो इन गोलियों के साथ-साथ आप कंडोम का उपयोग भी कर सकते हैं जो कि आपको यौन संक्रमणों से भी बचाता है।
यदि आप बीच में ही गर्भवती होना चाहती हैं तो आप इनका इस्तेमाल बंद कर दें, यह आपकी प्रजनन क्षमता पर किसी भी प्रकार कमी नहीं आने देती है।
(और पढ़े – जल्द ही आने वाला है दुनिया का पहला पुरुष गर्भनिरोधक जेल, कैसे करेगा काम जाने पूरी जानकारी)
ये गोलियां गर्भावस्था के लिए सुरक्षित हैं लेंकिन प्रतिदिन इनको लेना मुश्किल हो सकता है। यदि आप अपने जीवन में बहुत व्यस्त हैं तो इन गोलियों का उपयोग सावधानी से करें, क्योंकि इनको प्रतिदिन लेना आवश्यक है।
इन गोलियों में उपस्थित हार्मोन योन इच्छा में बदलाव ला सकते हैं। इन गोलियों को लेने से पीरियड्स के दौरान रक्तस्राव में वृद्धि हो सकती है साथ ही स्तनों में दर्द या मतली की शिकायत भी हो सकती है। आमतौर पर ऐसे लक्षण 2 से 3 माह बाद खत्म हो जाते हैं।
(और पढ़े – पीरियड्स जल्दी लाने और रोकने के घरेलू उपाय)
कंडोम पतले, और लचीले गुब्बारे (stretchy pouches) होते हैं जिन्हें आप यौन संबंध बनाते समय अपने लिंग पर पहन सकते हैं जो कि गर्भावस्था को रोकने का अच्छा और सरल तरीका होता है। कंडोम आपको केवल गर्भाधान से ही नहीं बल्कि यौन संक्रमण से भी बचाते हैं।
(और पढ़े – सभी प्रकार के कंडोम का उपयोग कैसे करे)
कंडोम रबर (latex), प्लास्टिक (polyurethane, nitrile, or polyisoprene) से बने छोटे-छोटे पाउच होते हैं जिन्हें सेक्स करते समय पुरुषों द्वारा उनके लिंग में पहना जाता है और वीर्य को एकत्र किया जाता है। कंडोम शुक्राणुओं को योनि के अंदर प्रवेश करने से रोकता है ताकि वे अंडे से न मिल पाएं और गर्भावस्था का कारण बन पाएं।
कंडोम लिंग को कवर करके एसटीडी या यौन संक्रमण को भी रोकता है। यह वीर्य और योनि तरल को भी त्वचा के संपर्क से रोकता है जो यौन संक्रमण का कारण बनते हैं।
(और पढ़े – क्या आप जानते है कंडोम का सही इस्तेमाल? अगर नहीं तो ये खबर आपके लिए है!)
गर्भावस्था और यौन संक्रमण से बचने के लिए कंडोम का उपयोग बहुत ही फायदेमंद होता है। साथ ही इसका उपयोग सेक्स को बेहतर बना सकता है।
यह आसानी से उपलब्ध होता है और सस्ता होता है। यह विभिन्न आकार और बनावटों में उपलब्ध होता है जिनका उपयोग कर दोनो भागीदारों को संतुष्टि प्राप्त हो सकती है।
कंडोम का उपयोग मौखिक, गुदा और योनि सेक्स के लिए किया जा सकता है जो एसटीडी से बचाता है।
(और पढ़े – कंडोम को निकालने का सही तरीका)
गर्भनिरोधक के रूप में कंडोम का उपयोग करते समय आपको सावधानी रखना चाहिए और इसे सही तरह से इस्तेमाल करना चाहिए नहीं तो यह आपके उद्देश्य को पूरा नहीं करेगा।
यौन संक्रमण और गर्भाधारण की समस्याओं से बचने के लिए आपको प्रत्येक सेक्स के दौरान नया कंडोम उपयोग करना चाहिए।
कुछ लोगों में कंडोम का उपयोग यौन संतुष्टि में बाधा डाल सकता है।
(और पढ़े – कहीं आप भी तो नहीं करते सेक्स के दौरान दो कंडोम का उपयोग)
गर्भनिरोधक तरीके में पुरुषों द्वारा उपयोग किये जाने वाले कंडोम का एक अच्छा विकल्प महिला कंडोम हो सकता है। ये गर्भावस्था और यौन संक्रमण से बहुत अधिक सुरक्षा दिलाते हैं। इन्हें पुरुषों के लिंग में पहने के बजाय महिला योनि में डाला जाता है। इन्हें आंतरिक कंडोम (internal condoms) भी कहा जाता है।
आंतरिक कंडोम या एफसी 2 फीमेल कंडोम योनि के अंदर रखने वाले छोटे और नरम नाइट्रिल (nitrile) पाउच होते हैं। ये शुक्राणुओं को अंडों के संपर्क में आने से रोकते हैं। जिससे गर्भाधान नहीं होता है।
(और पढ़े – 60 सैकेंड में जानिए फीमेल कंडोम का उपयोग और उससे जुड़े 10 fact के बारे में)
महिला कंडोम के फायदे गर्भावस्था को रोकने के साथ-साथ यौन संक्रमण को रोकने में लाभकारी होता है।
जिन कपल्स को लेटेक्स से एलर्जी होती है, उनके लिए फीमेल कंडोम उपयोगी होता है क्योंकि महिला कंडोम नाइट्रियल नामक मुलायम प्लास्टिक से बना होता है जो पूर्ण रूप से सुरक्षित होते हैं और इनसे किसी प्रकार की एलर्जी नहीं होती है।
महिला कंडोम यौन आनंद बढ़ा सकते हैं। आप जब भी गर्भवती होना चाहें तो इसका उपयोग बंद कर सकते हैं।
(और पढ़े – कैसे करें महिला कंडोम का इस्तेमाल)
फीमेल कंडोम का उपयोग गर्भावस्था को रोकने के लिए बहुत ही प्रभावी विकल्प है पर यह उपयोग करने में पुरुष कंडोम की अपेक्षा सुविधाजनक नहीं होता है।
हर बार सेक्स करने से पहले पुरुष कंडोम की अपेक्षा इस कंडोम को सेट करने में ज्यादा समय लगता है।
यह कंडोम फिट न होने के कारण कुछ लोगों की योन इच्छा को दबा सकता है।
इस कंडोम का उपयोग करते समय कुछ लोग योनि, लिंग या गुदा में जलन महसूस कर सकते हैं।
गर्भनिरोधक तरीके में डायाफ्राम (diaphragm) जन्म नियंत्रण का रूप है जो नरम सिलिकॉन से बने छोटे कटोरे (saucer) की तरह एक उथले कप के आकार का होता है। इसका उपयोग योनि के अंदर गर्भाशय को ढ़कने के लिए किया जाता है। जिससे सेक्स के दौरान वीर्य या शुक्राणुओं को गर्भाशय के अंदर आने से रोका जा सके।
गर्भावस्था को रोकने के लिए डायाफ्राम को योनि में डालने से पहले शुक्राणुनाशक का उपयोग करना इसे और अधिक प्रभावी बनाता है। शुक्राणुनाश ऐसे रसायन होते हैं जो शुक्राणु को आगे बढ़ने से रोकते हैं ताकि वे अंडों से संपर्क न कर सकें।
डायाफ्राम हार्मोन मुक्त, और फिर से उपयोग करने योग्य (reusable) होता है। गर्भनिरोधक के रूप में यह विधि बहुत ही प्रभावी होती है। आप इसका उपयोग जब चाहे तब बंद कर सकते हैं और गर्भवती हो सकती हैं।
यह लाने ले जनाने में सुविधा जनक होते हैं। इन्हें आप अपने जेब में या बैग के पॉकेट में रख सकते हैं।
डायाफ्राम का उपयोग आपको सेक्स करने में किसी भी प्रकार से रुकाबाट नही बनता है। डायाफ्राम में किसी प्रकार के हार्मोन नहीं होते हैं। यह उन लोगों के लिए फायदेमंद होता है जिन्हें हार्मोन युक्त जन्म नियंत्रण पसंद नहीं होते हैं।
यौन संबंध बनाते समय डायाफ्राम का सही तरीके से उपयोग जन्म नियंत्रण को प्रभावी बनाते हैं लेकिन शुक्राणुनाशक (Spermicidal) का उपयोग कुछ लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है।
डायाफ्राम आपको गर्भ धारण करने से बचा सकता है लेकिन यह यौन संक्रमण से आपकी रक्षा नहीं कर सकता है।
कुछ लोगों को डायाफ्राम डालने में परेशानी हो सकती है। यदि आप इसके साथ शुक्राणुनाशक का उपयोग नहीं करते है तो यह प्रभावी नहीं हो सकता है।
(और पढ़े – डायाफ्राम क्या है, कार्य, उपयोग और सावधानियां)
गर्भनिरोध स्पंज मुलायम, स्क्विशी (squishy) प्लास्टिक से बने छोटे गोल स्पंज होते हैं। इसे सेक्स करने से पहले योनि के अंदर गहराई में डाला जाता है। यह स्पंज गर्भावस्था को रोकने के लिए गर्भावशय को कवर करता है साथ ही यह शुक्राणुनाशक होता है। प्रत्येक स्पंज में कपड़े का एक लूप होता है जिससे इसे बाहर निकालने में आसानी होती है।
स्पंज गर्भावस्था को दो तरीकों से रोकता है। यह आपके गर्भाशय के प्रवेश द्वार को अवरुद्ध करते हुए फिट बैठता है ताकि शुक्राणु अंडे तक न पहुंच सके। स्पंज में शुक्राणुनाशक भी होते हैं, जो शुक्राणुओं के प्रभाव को निष्क्रिय कर देते हैं।
स्पंज के साथ-साथ आप कंडोम का भी उपयोग कर सकते हैं जो कि गर्भाधारण की संभावनाओं को पूर्ण रूप से खत्म कर देता है साथ ही आपको यौन संक्रमणों से मुक्ति मिल सकती है।
(और पढ़े – टैम्पोन का उपयोग कैसे करें फायदे और नुकसान)
गर्भनिरोधक स्पंज आपको 24 घंटे गर्भावस्था से सुरक्षा प्रदान करता है। इसका उपयोग आसान और सुरक्षित होता है। आप जब तक गर्भवती नहीं होना चाहती हैं तब तक इसका उपयोग कर सकते हैं। यदि आप गर्भवती होने का विचार बनाती हैं तो इसका उपयोग बंद कर आप गर्भवती हो सकती हैं।
इसका उपयोग आपके यौन आनंद में किसी प्रकार का व्यवधान नही डालता है। नरम और स्पंजी होने के कारण इसका एहसास नहीं होता है।
यह एक हार्मोन मुक्त विकल्प है, यह उन लोगों के लिए फायदेमंद होता है जिन्हें हार्मोन युक्त जन्म नियंत्रण पसंद नहीं होते हैं। स्तनपान कराने के दौरान स्पंज का उपयोग सुरक्षित है।
स्पंज गर्भनिरोधक के रूप में सबसे अच्छा काम तब करता है जब आप सेक्स करते समय हर बार सही तरीके से इसका इस्तेमाल करें।
यह गर्भनिरोधक का काम करता है न कि आपको यौन संक्रमण से बचाता है इसलिए इसके साथ हमेशा कंडोम का उपयोग करना चाहिए।
कुछ लोगों को स्पंज डालने में दिक्कत हो सकती है। आप सेक्स के बाद 6 घंटे तक स्पंजी को योनि में छोड़ सकते हैं लेकिन 6 घंटों से अधिक नहीं।
स्पंजी के शुक्राणुनाशक घटक कुछ लोगों के लिए संवेदनशील हो सकते हैं। यह उनमें जलन पैदा कर सकते हैं और यौन संक्रमणों के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
(और पढ़े – बर्थ कंट्रोल स्पंज का उपयोग, तरीका, फायदे और नुकसान)
गर्भावस्था को रोकने के लिए गर्भाशय ग्रीवा (Cervical) कैप का उपयोग किया जाता है जो कि सिलिकॉन से बने छोटे कैप या नाविक की टोपी के आकार की तरह होती है। इसका उपयोग कर गर्भशाय को कवर करने के लिए योनि के अंदर गहराई में डाला जाता है। इसे फैमकैप (FemCap) भी कहा जाता है।
शुक्राणुओं को अंडे के संपर्क में आने से रोकने के लिए गर्भाशय ग्रीवा का उपयोग किया जाता है। गर्भावस्था को रोकने के लिए इसके साथ शुक्राणुनाशक (spermicide) का उपयोग किया जाता है जो कि शुक्रणुओं को मारने का काम करता है।
(और पढ़े – गर्भाशय की जानकारी, रोग और उपचार)
गर्भाधान को रोकने के लिए गर्भाशय ग्रीवा कैप का उपयोग बहुत ही सरल और सुविधाजनक होता है। ये पुन: प्रयोज्य (Reusable) और हार्मोन मुक्त होते हैं। इनका उपयोग बंद करने पर आप गर्भवती हो सकती हैं।
ये आकार में छोटे होने के कारण रख-रखाव में सुविधाजनक होते हैं। गर्भाशय ग्रीवा कैप आपके सेक्स आनंद को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं करता है।
गर्भाशय ग्रीवा कैप में हार्मोन की अनुपस्थिति के कारण उन लोगों के लिए फायदेमंद होता है जिन्हें हार्मोन युक्त जन्म नियंत्रण विधियां पसंद नहीं हैं।
कंडोम और स्पंज आदि का उपयोग करने के बाद इन्हें अलग कर दिया जाता है। लेंकिन यदि सही तरीके से गर्भावशय ग्रीवा कैप का उपयोग किया जाए तो यह लंबे समय तक उपयोग किया जा सकता है।
गर्भावस्था को रोकने के लिए गर्भावशय ग्रीवा कैप बहुत ही फायदेमंद होता है लेकिन कुछ लोगों के लिए इसके साथ उपयोग किये जाने वाले शुक्राणुनाशक (Spermicide) के नुकसान भी हो सकते हैं।
कुछ लोगों को इसे योनि के अंदर डालने में परेशानी हो सकती है, इसलिए इसका उपयोग सावधानी से करना चाहिए।
आप जितनी बार भी सेक्स करते हैं उतनी ही बार इसका उपयोग करना आवश्यक है। यह केवल आपको गर्भावस्था से बचा सकता है। यौन संक्रमण से बचने के लिए आपको पुरुष कंडोम या महिला कंडोम का उपयोग करना आवश्यक है।
गर्भावशय ग्रीवा कैप तभी प्रभावी हो सकता है जब आप इसके साथ शुक्राणुनाशक का उपयोग करते हैं।
(और पढ़े – गर्भाशय ग्रीवा टोपी का उपयोग और सावधानियां)
गर्भावस्था को रोकने के लिए शुक्राणुनाशक का उपयोग किया जाता है। शुक्राणुनाशक में ऐसे रसायन होते हैं जो शुक्राणुओं को अंडे तक नहीं पहुंचने देते हैं। गर्भावस्था को रोकने के लिए सेक्स करने से पहले इसे योनि में डाला जाता है, जो सेक्स के दौरान शुक्राणुओं के प्रभाव को कम कर देते हैं।
यह एक प्रकार का रसायन होता है जिसे यौन संबंध बनाने से पहले योनि के अंदर गहराई में डाला जाता है। शुक्रानाशक (spermicide) में मूल शब्द ‘’सीड’’ (cide) का अर्थ है मारना लेकिन शुक्राणुनाशक वास्तव में शुक्राणु को मारते नहीं है लेकिन इन्हें धीमा कर देते हैं ताकि वे अंडों तक न पहुंच पाएं। यह गर्भावस्था को दो प्रकार से रोकता है एक तो यह गर्भावशय के द्वार को बंद कर देता है दूसरा शुक्रणुओं को अंडे तक पहुंचने से रोकता है। शुक्राणुनाश का उपयोग अन्य जन्म नियंत्रण विधियों के साथ भी उपयोग किया जा सकता है।
(और पढ़े – शुक्राणु क्या है, कैसे बनते है, कार्य और संचरना)
गर्भावस्था को रोकने के लिए उपयोग किये जाने वाले शुक्राणुनाशक सस्ते, सुविधाजनक और उपयोग करने में आसान होते हैं।
शुक्राणुनाशक का उपयोग करने के लिए किसी डॉक्टर या चिकित्सक को दिखाने की आवश्यकता नहीं होती है। शुक्राणुनाशक यौन संबंध बनाने में किसी प्रकार की बाधा नहीं डालते हैं। शुक्राणुनाशक में किसी प्रकार के हार्मोन नहीं होते हैं।
गर्भावस्था को रोकने के लिए शुक्राणुनाशक का उपयोग फायदेमंद होता है लेकिन इसका उपयोग करने से कुछ लोगों के लिए दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।
आप जितनी बार भी सेक्स करते हैं आपको उतनी बार इसका उपयोग करना पड़ता है। यह केवल आपको गर्भावस्था से छुटकारा दिला सकता है लेकिन यदि आपको यौन संक्रमण से बचना है तो इसके लिए आपको कंडोम की आवश्कता होती है। शुक्राणुनाश में उपस्थित एक घटक Nonoxynol-9, आपके संवेदनशील जननांग ऊतकों को परेशान कर सकता है।
(और पढ़े – स्परमिसिडिस क्या है शुक्राणुनाशक का उपयोग और सावधानियां)
सुरक्षित सेक्स करने के लिए प्रजनन जागरूकता विधियां (FAMs) आपके अंडाशय को ट्रैक करने के तरीके हैं ताकि आप गर्भावस्था से बच सकें। एफएएम को ‘’प्राकृतिक परिवार नियोजन ‘’ और ‘’लय विधि’’ (The Rhythm Method) भी कहा जाता है।
प्रजनन जागरूकता विधियां मासिक धर्म चक्र को ट्रैक करने में मदद करती हैं ताकि आप जान सकें कि आपके अंडाशय हर महीने अंडा छोड़ते हैं। जिसे डिंबोत्सर्जन (Ovulation) कहते हैं।
ओव्यूलेशन (Ovulation) के पास के दिनों में आपके गर्भवती होने की संभावन सर्वाधिक होती है। इसलिए इस दौरान गर्भावस्था से बचने के लिए यौन संबंध बनाने से बचना चाहिए या फिर प्रजनन जागरूकता या विभिन्न प्रकार के जन्म नियंत्रण विधियों जैसे की कंडोम आदि का उपयोग करना चाहिए।
(और पढ़े – जानिए सेक्स करने के लिए सुरक्षित समय)
तापमान विधि (Temperature Method) : आप सुबह अपने बिस्तर को छोड़ने से पहले अपने शरीर का तापमान चेक करें।
गर्भाशय ग्रीवा विधि (Cervical Mucus Method) : आप प्रतिदिन अपने गर्भाशय ग्रीवा से होने वाले योनि निर्वहन (Vaginal Discharge) की जांच करें।
कैलेंडर विधि (Calendar Method) : आप कैलेडर पर अपने मासिक धर्म चक्र को नोट करते रहें।
गर्भावस्था की जांच के लिए इन तीनों विधियां प्रभावी रूप से काम करती हैं।
यदि आपका मासिक धर्म को कई महिनों से ट्रैक कर रहें हैं और आपका मासिक धर्म चक्र 26 से 32 दिनों के बीच होता है। यदि आपके मासिक चक्र कम या ज्यादा दिनों के होते हैं तो आप इस विधि का उपयोग नहीं कर सकते हैं। एक बार जब आप जान लेते हैं कि आपका मासिक चक्र नियमित सीमा में हैं तो आपको 8 से 19 दिनों के बीच यौन संबंध नहीं बनाना चाहिए। क्योंकि यह समय आपके गर्भाधान की संभावनाओं को बढ़ा सकता है।
(और पढ़े – गर्भाधारण से बचने के लिए प्रजनन जागरूकता विधि)
जन्म नियंत्रण के लिए प्रजनन जागरूकता होना बहुत ही आवश्यक है। प्रजनन जागरूकता इसलिए फायदमंद होती है क्योंकि यह पूर्ण रूप से स्वयं आधारित होती है। इस पर किसी प्रकार के खर्चे की आवश्यकता नहीं होती है। बिना किसी खर्च के आप सावधानी से इसका उपयोग कर गर्भावस्था से बच सकते हैं।
(और पढ़े – क्या पीरियड में प्रेगनेंसी होने के चांस होते हैं)
सेफ पीरियड्स या प्रजनन जागरूकता उन लोगों के लिए प्रभावी नहीं हो सकती है जो आपने मासिक धर्म का सही तरीके से नहीं समझ पाते हैं या उनका मासिक धर्म चक्र बार-बार बदलते रहता है।
प्रजनन जागरूकता की प्रभावशीता अन्य जन्म नियंत्रण विधियों की अपेक्षा कम होती हैं।
यौन संबंध स्थापित किये बिना गर्भाधान नहीं हो सकता है। इसलिए कुछ लोग गर्भावस्था से बचने के लिए यौन संबंध नहीं बनाते हैं या फिर योनि से संबंधित यौन संबंध के अलावा मौखिक सेक्स या गुदा सेक्स को अपनाते हैं। ऐसा करके वे यौन संतुष्टि भी प्राप्त कर सकते हैं और गर्भावस्था से भी बच सकते हैं।
लोग गर्भावस्था से बचने के लिए यौन संबंधों से दूरी बनाते हैं ताकि वे गर्भाधान न कर सकें। इस विधि का उपयोग अलग-अलग तरीके से किया जा सकता है। कुछ लोग गर्भाधारण से बचने के लिए योनि, गुदा या मौखिक सेक्स आदि से दूरी बनाते हैं जिसे सेक्स एवसेंट भी कहा जा सकता है।
कुछ लोग योनि से वीर्य को दूर रख कर भी गर्भावस्था को रोकते हैं, जैसे कि पुलआउट मैथर्ड इस विधि के अनुसार शुक्राणुओं को अंडों से नहीं मिलने दिया जाता है जिससे गर्भाधान होने की संभावना खत्म हो जाती है।
बहुत से लोग गर्भावस्था से बचने के लिए मासिक चक्र के बाद उन विशेष दिनों के दौरान सेक्स नहीं करते हैं जिन दिनों गर्भावस्था की संभावना सर्वाधिक होती है।
गर्भावस्था से बचने के लिए योनि सेक्स को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के सेक्स को ‘’बाहरी’’ (Outercourse) कहा जाता है।
(और पढ़े – गर्भनिरोधक की परहेज और आउटरकोर्स विधि)
कुछ लोग गर्भावस्था से बचने के लिए योनि सेक्स को छोड़ कर अन्य दूसरे यौन संबंध बनाए रखना चाहते हैं। इन विधियों का उपयोग करके भी गर्भावस्था को रोका जा सकता है, क्योंकि ऐसी स्थिति में भी शुक्राणु अंडों के संपर्क में नहीं आते हैं जिससे गर्भाधान की संभावना खत्म हो जाती है।
बाहरी नियंत्रण (Outercourse) का मतलब है कि आप कुछ ऐसी यौन गतिविधियों को अपनाते हैं जिनमें योनि और लिंग का कोई संपर्क नहीं होता है। जिससे वीर्य योनि में प्रवेश नहीं करता है और शुक्राणु अंडों से नहीं मिल पाते हैं।
इस प्रकार के सेक्स में चुबंन, मालिश और हस्तमैथुन आदि का उपयोग किया जा सकता है। गर्भावस्था से बचने के लिए लोग मौखिक सेक्स और गुदा सेक्स का भी उपयोग कर सकते हैं जो गर्भावस्था का कारण नहीं हो सकता है। लेंकिन यौन संक्रमण से बचने के लिए गुदा सेक्स और मौखिक सेक्स के दौरान कंडोम का उपयोग करना आवश्यक है।
एवसेंट और आउटर कोर्स विधियों को इस्तेमाल करने के बहुत सारे फायदे हैं। जिनमें प्रमुख रूप से गर्भावस्था को नियंत्रित करना है। ये दोनों विधियां सरल, और नि:शुल्क होती है। यदि सही तरीके से इन विधियों का उपयोग किया जाए तो ये गर्भावस्था और यौन संक्रमण दोनों के लिए प्रभावी होती है।
(और पढ़े – फोरप्ले क्या होता है करने के तरीके, फायदे और नुकसान)
इन विधियों का उपयोग करने से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि कुछ लोगों के लिए सेक्स से परहेज करना मुश्किल हो सकता है। ऐसी स्थिति में जन्म नियंत्रण की अन्य सरल विधियों जैसे पुरुष कंडोम या महिला कंडोम का उपयोग करना फायदेमंद होता है।
आउटर कोर्स विधियों का उपयोग करने से यौन संक्रमण फैले की संभावना अधिक होती है, यदि कुछ लोग अपनी भावनाओं में नियंरण नहीं रखते हैं और असुरक्षित यौन संबंध बनाते हैं तो यह गर्भावस्था का कारण बन सकता है।
स्तनपान कराना केवल आपके बच्चे को भोजन कराने का एक स्वस्थ्य तरीका नहीं है बल्कि यह जन्म नियंत्रण का भी एक अच्छा रूप हो सकता है यदि इसे सही समय और सही तरीके से किया जाए तो। गर्भावस्था से बचने के लिए स्तनपान के फायदे प्राप्त किये जा सकते हैं।
जब कोई महिला स्तनपान कराती है अर्थात नियमित रूप से दिन में लगभग 4 घंटे और रात में 6 घंटे तक अपने बच्चे को केवल स्तन पान कराते हैं तो आपका शरीर स्वाभाविक रूप से अंडो के उत्सर्जन (ovulate) को रोकता है। यदि आप अंडो का उत्सर्जन नहीं करते हैं तो गर्भवती होने की संभावना खत्म हो जाती है।
(और पढ़े – गर्भावस्था के बाद पहला पीरियड कब आता है)
गर्भावस्था को रोकने में स्तनपान बहुत ही फायदेमंद हो सकता है जो कि मां और बच्चे दोनों को बहुत से स्वास्थ्य लाभ भी दिलाता है। स्तनपान के अन्य लाभ इस प्रकार हैं :
गर्भावस्था को रोकने के लिए स्तनपान फायदेमंद होता है लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं।
यह गर्भावस्था को रोकने में प्रभावी होता है लेकिन यह लंबे समय तक काम नहीं करता है। स्तनपान गर्भावस्था को केवल 6 माह तक ही रोक सकता है।
आपको दिन में अधिकतम 4 घंटे और रात में 6 घंटों तक स्तनपान कराना अनिर्वाय है। यह तभी प्रभावी हो सकता है। जो कि सभी माताओं के लिए आसान नहीं है।
स्तनपान योनि स्नेहन (Lubrication) को कम कर सकता है। जो सेक्स को असहज बना सकता है।
अधिक मात्रा में स्तनपान कराने से कुछ महिलाओं के स्तन में ढ़ीलापन आ सकता है।
पुरुष नसबंदी (vasectomy) सर्जरी की तरह ही एक सामान्य प्रक्रिया है जिसे प्रेगनेंसी से बचने के लिए कराया जाता है। पुरुषों के अंडकोश (scrotum) में एक छोटा सा ट्यूब होता है जो अंडकोश (testicles) से शुक्राणु (sperm) को मूत्रमार्ग तक ले जाने का कार्य करता है। नसबंदी के दौरान इसी ट्यूब को काट दिया जाता है या फिर बंद (block) कर दिया जाता है जिससे पुरुष के शरीर से शुक्राणु स्खलन के दौरान बाहर नहीं निकलते हैं जिसके कारण यौन संबंध बनाने के बाद महिला गर्भवती नहीं होती है। पुरुष नसबंदी की यह प्रक्रिया (purush Nasbandi procedure) कम समय में ही पूरी हो जाती है और पुरुष नसबंदी कराने के बाद उसी दिन घर भी जा सकता है। यह प्रेगनेंसी को रोकने में 100 प्रतिशत प्रभावी है।
नसबंदी जन्म दर को रोकने का एक स्थायी, प्रभावी और सुविधाजनक उपाय है।
यह यौन जीवन को बेहतर बनाता है और सेक्स के दौरान गर्भ ठहरने की चिंता को दूर करता है।
नसबंदी कराने के बाद पुरुषों की यौन क्षमता और यौन क्रिया पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
(और पढ़े – पुरुष नसबंदी के फायदे, नुकसान और यौन जीवन पर असर)
पुरुष नसबंदी का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि यह यौन संचारित संक्रमण (STI) से बचाव करने में सहायता नहीं करता है।
नसबंदी बच्चा पैदा न करने का एक स्थायी उपाय है इसलिए यदि भविष्य में आपको फिर से बच्चे की चाह हो तो आपके पास कोई विकल्प नहीं रहेगा।
नसबंदी करने के बाद पुरुषों को कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
अंडकोश में सूजन, चोट और ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है।
सेक्स के दौरान सीमेन में ब्लड आ सकता है और पुरुषों को इंफेक्शन भी हो सकता है।
पुरुष के अंडकोश में तरल पदार्थ बनने लगता है। इसमें गंभीर दर्द भी हो सकता है।
नसबंदी के बाद भी यौन संक्रमण से बचने के लिए पुरुष को सेक्स के दौरान कंडोम का प्रयोग करना पड़ सकता है।
महिला नसबंदी में गर्भधारण को रोकने के लिए फैलोपियन ट्यूब को ब्लॉक कर दिया जाता है, इस प्रकिया को नसबंदी (sterilization) कहते हैं। महिलाओं में नसबंदी एक स्थायी प्रक्रिया है जिससे फिर वह भविष्य में गर्भधारण नहीं कर पाती हैं। 40 वर्ष से 45 वर्ष की महिलाएं या ऐसी महिलाएं जिनकी उम्र 30 साल से ज्यादा है और वे बच्चा पैदा कर चुकी हैं या बच्चा पैदा नहीं करना चाहती हैं, नसबंदी करा सकती हैं।
नसबंदी में फैलोपियन ट्यूब को ब्लॉक या सील कर दिया जाता है। यह अंडे को गर्भाशय (uterus) तक पहुंचने से रोकता है और शुक्राणु (sperm) को अंडे तक पहुंचने से रोकता है। इससे शुक्राणु अंडे से मिलकर निषेचन की क्रिया (fertilization) नहीं कर पाते हैं और महिला प्रेगनेंट नहीं हो पाती है।
(और पढ़े – महिला नसबंदी क्या है, तरीका, फायदे और नुकसान)
महिलाओं में नसबंदी जन्म दर को नियंत्रित (birth control) करने का एक बेहतर तरीका है।
यह आमतौर पर पूरी तरह सुरक्षित होता है और नसबंदी के असफल होने की संभावना बहुत कम होती है।
नसबंदी पूरी तरह प्रभावी होती है और गर्भनिरोधक गोलियां (birth control pill) खाने के बाद जो महिला के शरीर पर जो दुष्प्रभाव पड़ते हैं, नसबंदी में इस तरह का कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है।
महिला नसबंदी कराने के बाद महिला के सेक्स करने की इच्छा (sexual desire) में कमी नहीं आती है और ना ही उसके शरीर में हार्मोन असंतुलन की समस्या होती है और ना ही उसका मासिक धर्म प्रभावित होता है।
नसबंदी 99 प्रतिशत प्रभावी होती है और नसबंदी कराने के बाद महिला दोबारा प्रेगनेंट होने से बच जाती है। यह आमतौर पर पूरी तरह विश्वसनीय होता है।
नसबंदी कराने के बाद भी महिला को यौन संचारित संक्रमण (STIs) हो सकता है इसलिए सेक्स करने से पहले महिला के पार्टनर को कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए।
कुछ मामलों में नसबंदी असफल भी हो सकती है और फैलोपियन ट्यूब फिर से जुड़कर निषेचन प्रारंभ कर सकते हैं।
नसबंदी कराने से महिला को आंतरिक ब्लीडिंग (internal bleeding), संक्रमण और कुछ अंदरूनी अंग क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।
यदि कोई महिला नसबंदी कराने के बाद भी प्रेगनेंट हो जाती है तो एक्टोपिक प्रेगनेंसी (ectopic pregnancy) की संभावना ज्यादा रहती है।
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…