Blood cancer in hindi बोन मेरो या ब्लड के कैंसर को ल्यूकेमिया ( leukemia ) भी कहा जाता है। बोन मेरो रक्त कोशिकाओं को बनाता है और जब इन रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में समस्या पैदा हो जाती है तो ल्यूकेमिया जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा पैदा हो जाता है। यह सफेद रक्त कोशिकाओं को भी प्रभावित करता है। ल्यूकेमिया 55 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों को होता है। ब्लड कैंसर एक गंभीर बीमारी है जिसका अगर समय पर इलाज ना किया जाए तो ये बेहद तेजी से फैलता है। ब्लड कैंसर छोटे बच्चों को भी हो सकता है। हेयर डाई, धूम्रपान, संक्रमण आदि ब्लड कैंसर के कारण हो सकते हैं। ब्लड कैंसर के लक्षण (blood cancer Symptoms in Hindi) पर अगर समय रहते ध्यान दिया जाए तो ब्लड कैंसर के इलाज संभव है।
इस आर्टिकल में हम विस्तार से बताने जा रहे हैं कि ब्लड कैंसर क्या होता है, यह कैसे होता है, ब्लड कैंसर के लक्षण क्या होते है और इसका इलाज कैसे किया जाता है के बारे में।
जब रक्त कोशिकाओं का डीएनए क्षतिग्रस्त हो जाता है तो इससे ल्यूकेमिया हो जाता है। ब्लड कैंसर के दौरान सफेद ब्लड सेल्स का डीएनए अधिक क्षतिग्रस्त होता है। इसका कारण है रक्त कोशिकाएं लगातार बढ़ती है और बंटती जाती है। स्वस्थ रक्त कोशिकाएं थोड़ी ही देर में खत्म हो जाती है और उनके स्थान पर नई रक्त कोशिका आ जाती है जो कि बोन मेरो पैदा करता है। लेकिन कैंसर पीड़ित रक्त कोशिकाएं मरती नहीं है बल्कि बड़ी होती रहती है और ज्यादा स्थान घेर लेती हैं। ये कोशिकाएं स्वस्थ रुधिर कोशिकाओं को पैदा होने और कार्य करने से रोकती है। साथ ही खून में बीमार कोशिकाओं की संख्या बढ़ जाती है और स्वस्थ कोशिकाओं की संख्या कम होती जाती है। यहीं कारण है कि ब्लड कैंसर जानलेवा हो जाता है।
(और पढ़ें – कैंसर क्या है कारण लक्षण और बचाव के उपाय)
ब्लड कैंसर होने के कुछ आम कारण निम्न हैं।
बहुत से लोगों में ब्लड कैंसर अनुवांशिक होता है। यह माता-पिता से बच्चों को होता है क्योंकि बच्चों में कैंसर के जीन्स चले जाते हैं। इसलिए अनुवांशिकता ब्लड कैंसर का एक बड़ा कारण होता है।
जिन लोगों को डाउन सिंड्रोम होता है उनके गुणसूत्र बदल जाते हैं इसलिए डाउन सिंड्रोम होने के कारण ब्लड कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
इसके आलावा ब्लड कैंसर के कुछ और कारण हो सकते है
आदि भी ब्लड कैंसर के कुछ कारण हो सकते हैं।
ल्यूकेमिया के दौरान आपके शरीर में कुछ शुरुआती लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
रक्त का थक्का जमना बहते खून को रोकने के लिए जरूरी होता है। लेकिन बीमार रक्त कोशिकाएं थक्का नहीं बना पाती ।
स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं की कमी के कारण एनीमिया भी हो जाता है। जो कि ब्लड कैंसर का सामान्य लक्षण है।
(और पढ़े – क्या है एनीमिया? कारण, लक्षण और आहार)
सफेद रुधिर कणिकाएं संक्रमण से लड़ती है और रोगों से रक्षा करती है। लेकिन इनके कार्य ना करने से इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है जिससे बार-बार बीमार होने जैसी परेशानियां हो जाती है। इसके अलावा
आदि ब्लड कैंसर के संकेत होते हैं।
ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर) के संकेत दिखने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। इसके लिए डॉक्टर आपके परिवार की मेडिकल हिस्ट्री भी पूछ सकता है। क्योंकि ब्लड कैंसर एक अनुवांशिक रोग होता है। वे एनीमिया के शुरुआती लक्षणों की जांच करते हैं और खून की जांच भी करते हैं। साथ ही वे बोन मेरो की भी जांच भी की जाती है।
(और पढ़ें – क्या है एनीमिया? कारण, लक्षण और आहार)
रक्त कैंसर का उपचार करने के लिए निम्न थैरेपी का उपयोग किया जाता है।
इस थैरेपी में कीमोथैरीपी और कोर्टिकोस्टेरोइड की मदद से ल्यूकेमिया की कोशिकाओं को खून में ही खत्म कर दिया जाता है। यह प्रक्रिया लगभग 4 सप्ताह तक चलती है।
(और पढ़ें – कीमोथेरेपी क्या है फायदे और नुकसान)
इसमें कीमोथैरेपी के साथ-साथ स्टैंप सेल ट्रांसप्लांट भी शामिल होता है ताकि सारी बीमार कोशिकाओं को खत्म किया जा सके। इससे दिमाग और स्पाइन कोर्ड का भी उपचार किया जाता है ताकि कोई भी बीमार कोशिका वापस से ब्लड कैंसर ना पैदा कर दे।
इसमें ल्यूकेमिया सेल्स को बढ़ने से रोका जाता है। इसलिए थोड़ा कम कीमोथैरेी का इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रक्रिया को पूरा होने में 3 साल तक का समय लग सका है।
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