ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने के घरेलू उपाय: क्या आपके हाथ या उंगलियां नीली या हमेशा ठंडी रहती हैं? क्या आपके शरीर के कुछ हिस्से लंबे समय तक बैठने या खड़े रहने के बाद सुन्न या झुनझुनी महसूस करने लगते हैं? तो आपको सतर्क होने की जरुरत हैं क्योंकि रक्त संचार के बाधित होने पर ठीक यही लक्षण होते है। ब्लड सर्कुलेशन प्रॉब्लम आज दुनिया की आधी से अधिक आबादी को है। संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए अच्छा रक्त परिसंचरण होना बहुत ही आवश्यक है। ब्लड सर्कुलेशन धीमा होने के कारण हमारा शरीर कई गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकता है। ब्लड सर्कुलेशन सही ना होने के कारण बाल झड़ना, थकान, त्वचा का रूखा होना, हाथ-पैर ठंडे पड़ना, मांशपेशियों में दर्द होने और दिल की धड़कन के अनियमित होने जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। इसके लिए आप कुछ घरेलू उपायों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस लेख में, हम रक्त परिसंचरण में सुधार के प्राकृतिक तरीकों को जानेंगे।
अधिकांश लोग ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने की दवा का सेवन करते हैं जबकि ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने के घरेलू उपाय भी होते हैं। इसके अलावा योग ब्लड सर्कुलेशन के लिए एक अच्छा विकल्प है। इसके बावजूद भी बहुत से लोगों को यह पता नहीं है कि ब्लड सर्कुलेशन को कैसे ठीक करें। स्वास्थ्य समस्याओं के साथ ही ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने से इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) बेहतर होती है। ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के लिए आप उचित आहार, नियमित योग, एक्सरसाइज आदि का उपयोग कर सकते हैं। आज इस लेख में आप ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के तरीके और घरेलू उपायों को जानेगें। आइए इन्हें जाने।
विषय सूची
1. ब्लड सर्कुलेशन क्या है – What Is Blood Circulation in Hindi
2. धीमा या खराब ब्लड सर्कुलेशन क्या है – What is poor Blood Circulation in Hindi
3. ब्लड सर्कुलेशन धीमा होने के कारण – What Causes Poor Blood Circulation in Hindi
4. खराब ब्लड सर्कुलेशन के लक्षण – Poor Blood Circulation Symptoms in Hindi
5. ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के लिए आहार – Blood circulation badhane ke liye kya khaye in Hindi
6. ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के लिए न खाने वाले आहार – Blood Circulation Badhane ke liye na khane bale Aahar in Hindi
7. ब्लड सर्कुलेशन सुधारने के प्राकृतिक उपाय – Blood Circulation Badhane ke prakritik upay in Hindi
8. योग और एक्सरसाइज से ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनायें – Exercises And Yoga Blood Circulation ko behatar Banaye in Hindi
शरीर में खून की लगातार गति को रक्त परिसंचरण या ब्लड सर्कुलेशन कहते हैं। स्वस्थ रक्त परिसंचरण हृदय के पंपिंग द्वारा संभव होता है। जैसे ही शरीर में रक्त संचारित होता है यह शरीर के सभी अंगों और कोशिकाओं को आवश्यक पोषक तत्व और ऑक्सीजन उपलब्ध कराता है। रक्त संचारित करने वाले माध्यम को रक्त वाहिकाएं या सामान्य भाषा में नस कहा जाता है। हालांकि ये रक्त वाहिकाएं अलग-अलग होती हैं। धमिनयां (Arteries) रक्त को हृदय से पूरे शरीर में ले जाती हैं। जबकि शिराएं पूरे (veins) शरीर से रक्त को हृदय में बापिस लाती हैं ताकि रक्त की अशुद्धियों को दूर कर सके। हमारे शरीर के स्वस्थ रहने के लिए रक्त परिसंचरण प्रणाली का स्वस्थ रहना बहुत ही आवश्यक है। कुछ लोगों में खराब ब्लड सर्कुलेशन की समस्या होती है जो उनके लिए गंभीर स्थिति पैदा कर सकती है। आइए जाने ब्लड सर्कुलेशन से संबंधित अन्य जानकारीयां क्या हैं।
हमारे शरीर में संचार प्रणाली को हृदय प्रणाली भी कहा जाता है। यह आपके पूरे शरीर में रक्त, ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को पहुंचाने का काम करता है। लेकिन जब आपके शरीर में में कुछ विशेष अंगों में रक्त का प्रवाह कम होना शुरू हो जाता है तो यह खराब रक्त पसिंचरण के लक्षण को दिखाता है। शरीर में ब्लड सर्कुलेशन का खराब होना कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण होता है। लेकिन रक्त परिसंचरण सुधारने के उपाय भी होते हैं। जिनका उपयोग कर आप ब्लड सर्कुलेशन प्रॉब्लम से बच सकते हैं।
कई प्रकार की शारीरिक स्थितियों के कारण हमारी रक्त परिसंचरण प्रणाली कमजोर या खराब हो सकती है। ब्लड सर्कुलेशन धीमा होने के कारण हमें कई सामान्य और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। शरीर में खराब ब्लड सर्कुलेशन के कारण इस प्रकार हैं।
परिधीय धमनी रोग (Peripheral Artery Disease) धीमा रक्त संचार की एक स्थिति है। इस स्थिति में आपकी धमनियां और रक्त वाहिकाएं संकीर्ण हो जाती हैं। जिससे शरीर के अन्य हिस्सों और विशेष रूप से पैरों में रक्त का उचित संचार नहीं हो पाता है। परिणाम स्वरूप पैरों में झुनझुनी, सुन्न होना और अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैा।
खराब रक्त परिसंचरण का एक प्रमुख कारण रक्त का गाढ़ा होना या रक्त का थक्का जमना भी हो सकता है। रक्त के थक्के आंशिक रूप से या पूरी तरह से शरीर में रक्त परिसंचरण को बाधित कर सकते हैं। हालांकि इस प्रकार के रक्त के थक्के शरीर के किसी भी हिस्से में विकसित हो सकते हैं। इस प्रकार की स्थिति विशेष रूप से हाथ और पैरों में होती है जिससे रक्त परिसंचरण की समस्या हो सकती है। जिससे हाथ या पैरों का सुन्न होना या इन अंगों का सही तरीके से काम न करने की परेशानी हो सकती है।
जब आपकी नसें वाल्व की खराबी (valve failure) के कारण बड़ी हो जाती हैं, तो इसका परिणाम वैरिकाज़ नसों के रूप में दिखाई देता है।। जिसके परिणाम स्वरूप इन नसों का फूलना या सूजन जैसी स्थिति बन जाती है। जिसके कारण ये नसें उचित रक्त प्रवाह को बनाए रखने में अस्मर्थ रहती हैं। जिससे खराब रक्त परिसंचरण की समस्या हो सकती है। क्षतिग्रस्त नसें रक्त का सामान्य रूप से परिवहन नहीं कर सकती हैं, जिससे खराब रक्त परिसंचरण होता है।
मधुमेह के लक्षण भी शरीर के कुछ हिस्सों में धीमा या खराब रक्त परिसंचरण का कारण बन सकते हैं। इस प्रकार की समस्या विशेष रूप से मधुमेह न्यूरोपैथी (diabetic neuropathy) के कारण होती है।
जिन लोगों का वजन सामान्य से अधिक होता है उनके शरीर में खराब रक्त परिसंचरण होने की संभावना अधिक होती है। ऐसे लोगों को अधिक देर तक खड़े रहने, या बहुत देर तक बैठने के दौरान खराब रक्त परिसंचरण संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
सामान्य रूप से खराब रक्त परिसंचरण की समस्या किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। लेकिन आपके द्वारा गलत खान-पान और खराब जीवनशैली इसका प्रमुख कारण हो सकती है। जिन लोगों में खराब ब्लड सर्कुलेशन की समस्या होती हैं उनमें इस प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं।
यदि आपको भी इसी तरह की कोई समस्या हो रही हो तो यह ब्लड सर्कुलेशन की खराबी के लक्षण हो सकते हैं। लेकिन आप इस प्रकार की समस्या का प्राकृतिक तरीकों से उपाय कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने आहार में कुछ विशेष प्रकार के खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। साथ ही कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ भी होते हैं जिनका सेवन करने से बचना चाहिए। आइए जाने ब्लड सर्कुलेशन को कैसे ठीक करें।
आप अपने शरीर में रक्त परिसंचरण संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए कुछ विशेष प्रकार के आहारों का सेवन कर सकते हैं। सामान्य रूप से हम इन खाद्य पदार्थों का सेवन तो करते हैं लेकिन नियमित रूप से हम इन्हें अपने आहार में शामिल नहीं करते हैं। जबकि ये आहार ब्लड सर्कुलेशन ठीक करने के उपाय होते हैं। आइए जाने खराब रक्त परिसंचरण के लक्षणों को दूर करने के लिए किस प्रकार के आहार को करना चाहिए।
क्या आपको रक्त परिसंचरण संबंधी किसी प्रकार की समस्या है। यदि ऐसा है तो ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के उपाय में ब्लैकबेरी का सेवन किया जा सकता है। ब्लैकबेरी में विभिन्न पोषक तत्वों और खनिज पदार्थों की अच्छी मात्रा होती है। ये पोषक तत्व शरीर में नई रक्त कोशिकाओं के उत्पादन और विकास में सहायक होते हैं। इसके अलावा ये पोषक तत्व रक्त मे मौजूद अशुद्धियों को भी दूर करने में सहायक होते हैं। इसलिए आप भी ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने के लिए अपने नियमित आहार में ब्लैकबेरी को शामिल कर सकते हैं। (1)
हमारे शरीर में उचित रक्त प्रवाह को बनाए रखने में सूखे फल या नट्स बहुत ही फायदेमंद होते हैं। इस प्रकार के फलों में बादाम, काजू, अखरोट आदि आते हैं। इन फलों को आप ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने की दवा के रूप में सेवन कर सकते हैं। इस प्रकार के फलों में एंटीऑक्सीडेंट (antioxidants) की अच्छी मात्रा होती है जो रक्त वाहिकाओं को संक्रीर्ण होने से रोकते हैं और उचित रक्त प्रवाह को बनाए रखने में सहायक होते हैं। आप भी ब्लड सर्कुलेशन धीमा होने के कारण होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए इन फलों को अपने नियमित आहार में शामिल कर सकते हैं। (2)
(और पढ़ें – बादाम के फायदे गुण लाभ और नुकसान)
लहसुन आपके रक्त परिसंचरण को सुधारने का बेहतर विकल्प हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि लहसुन में एलिसिन (allicin) होता है जो कि एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। इसकी मौजूदगी के कारण लहसुन रक्त को शुद्ध करने, रक्त की आपूर्ति बढ़ाने और रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाने में सहायक हेाता है। लहसुन में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी होते हैं जो शरीर की सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। आप भी अपने शरीर में रक्त संचार बढ़ाने के उपाय में लहसुन का नियमित सेवन कर सकते हैं। (3)
(और पढ़ें – लहसुन के फायदे और नुकसान)
लाल मिर्च रक्त वाहिकाओं के काम काज में सुधार करती है। इसके अलावा लाल मिर्च आपकी धमनियों को मजबूत बनाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि लाल मिर्च में उत्तेजग गुण होते हैं जो आपके रक्त परिसंचरण को उत्तेजित करने में सहायक होते हैं। आप अपने नियमित आहार के साथ ही सलाद और अन्य प्रकार के व्यंजनों में लाल मिर्च का उपभोग कर रक्त परिसंचरण को बढ़ा सकते हैं। (4)
(और पढ़ें – लाल मिर्च के फायदे और नुकसान)
जिन्कगो बिलोबा एक औषधीय जड़ी बूटी है जिसमें फ्लेवोनोइड्स और टेरपिनोइड्स (flavonoids and terpenoids) की अच्छी मात्रा होती है। ये घटक एक प्रकार के शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो फ्री रेडिकल्स से शरीर की कोशिकाओं की रक्षा करते हैं। इसके अलावा यह रक्त वाहिकाओं और हृदय के स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाने में सहायक होते हैं। आप भी अपने ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने के तरीके में जिन्कगो बिलोबा की चाय का सेवन कर लाभ ले सकते हैं। (5)
(और पढ़ें – गिंको (जिन्कगो) बाइलोबा के फायदे और नुकसान)
सालमन मछली ओमेगा-3 फैटी एसिड का सबसे अच्छा उदाहरण है। इसके अलावा सालमन मछली में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी होते हैं जो आपके दिल को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं। नियमित रूप से उपभोग करने पर सालमन मछली में मौजूद अन्य पोषक तत्व और खनिज पदार्थ रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखने और रक्त परिसंचरण को बढ़ाने में सहायक होते हैं। (6, 7 )
(और पढ़ें – सालमन मछली के फायदे और नुकसान)
एवोकाडो में एल-कार्निटाइन (L-carnitine) नामक एक एमीनो एसिड होता है। यह चयापचय को बढ़ाता है और शरीर में वसा की जमा होने से रोकता है। वसा की अधिक मात्रा भी रक्त परिसंचरण में बाधक होती है। इस तरह से नियमित रूप से आप अपने आहार में एवोकाडो को शामिल कर ब्लड सर्कुलेशन को सुधार सकते हैं। (8)
(और पढ़ें – एवोकाडो खाने के फायदे और स्वास्थ्य लाभ)
खट्टे फलों में विटामिन सी की उच्च मात्रा होती है साथ ही इनमें एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी होते हैं। जिसके कारण यह शरीर के आंतरिक अंगों की सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा इन फलों में मौजूद अन्य पोषक तत्व और खनिज पदार्थों की संयुक्त मात्रा रक्त को शुद्ध करने और रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देने में सहायक होते हैं। आप भी अपने दैनिक आहार में संतरा, नींबू, अंगूर, आम जैसे अन्य खट्टे फलों को शामिल कर सकते हैं। (9)
(और पढ़ें – विटामिन सी की कमी दूर करने के लिए ये खाद्य पदार्थ)
तरबूज (Watermelon) में लाइकोपीन (lycopene) नामक एक एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा होती है। यह हमारे शरीर में स्वस्थ रक्त प्रवाह को बनाए रखने में सहायक होता है। आप अपने दैनिक आहार में तरबूज के सेवन को शामिल कर सकते हैं। नियमित रूप से तरबूज का सेवन शरीर में पानी और अन्य पोषक तत्वों की कमी को भी दूर करने में सहायक होता है। (10)
(और पढ़ें – तरबूज खाने के फायदे और नुकसान)
अदरक न केवल पाचन और मतली संबंधी समस्याओं को दूर करता है, बल्कि यह रक्त परिसंचरण में भी सुधार करता है (11)। अदरक में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण रक्त को शुद्ध करने और रक्त कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचाने में सहायक होते हैं। यदि आप भी अपने शरीर के रक्त परिसंचरण को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो अदरक का सेवन कर सकते हैं। (12)
(और पढ़ें – अदरक के फायदे, औषधीय गुण, उपयोग और नुकसान)
डार्क चॉकलेट्स कोको का एक समृद्ध स्रोत हैं, जिसमें फ्लेवोनोइड्स होते हैं जिनमें उच्च एंटीऑक्सिडेंट क्षमता होती है जो रक्त प्रवाह को बढ़ाती है। रक्त पसिंचरण को बेहतर बनाने के लिए रोज डार्क चॉकलेट की एक छोटी सी पट्टी का सेवन कर सकते हैं। (13) (14)
(और पढ़ें – क्या आप जानते हैं चॉकलेट खाने के फायदे और नुकसान के बारे में)
ओट्स आपके पूरे शरीर में रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाने का काम कर सकता है। क्योंकि इसमें एंटी-इंफ्लामेटरी (anti-inflammatory) और एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं जो आपके रक्त वाहिकाओं को पतला करने में मदद करते हैं और आपके शरीर को फ्री रेडिकल को क्षति से बचाते हैं। रक्त पसिंचरण को बेहतर बनाने के लिए रोजाना एक कटोरी ओट्स का सेवन करें। आप ओट्स को अपनी पसंदीदा स्मूदी के साथ भी मिला सकते हैं और इसका सेवन कर सकते हैं। (15) (16)
(और पढ़ें – ओट्स खाने के फायदे एवं नुकसान)
हम जानते हैं कि हम जो भी आहार खाते हैं वे हमारे स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव डालते हैं। जिस तरह से रक्त पसिंचरण को बढ़ाने में आहार सहायक होते हैं। ठीक उसी तरह कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे भी हैं जिनका सेवन करने से रक्त पसिंचरण में समस्या आ सकती है। आइए जाने रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाने के लिए किन खाद्य पदार्थों का सेवन सावधानी से करना चाहिए।
सभी जानते हैं कि नमक के बिना आहार पूरा नहीं होता है। लेकिन जिन लोगों को खराब रक्त पसिंचरण संबंधी समस्या है उन्हें नमक का बहुत ही कम मात्रा में सेवन करना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि शरीर में नमक की अधिक मात्रा उच्च रक्तचाप का कारण बन सकती है। यदि आप अधिक मात्रा में नमक का सेवन करते हैं तो यह आपके रक्त परिसंचरण प्रणाली को खराब कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि नमक की अधिक मात्रा पूरे शरीर में रक्त ले जाने वाली धमनियों को कठोर बना सकती हैं। जिससे उचित रक्त प्रवाह करने में परेशानी होती है।
(और पढ़ें – नमक के पानी के फायदे और नुकसान)
कुछ अध्ययन यह बताते हैं कि अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन हृदय संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकता है। हालांकि कॉफी में भी कैफीन होती है लेकिन कम मात्रा में इसका सेवन शरीर के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन यदि आप आवश्यकता से अधिक कैफीन युक्त पेय और अन्य पदार्थों का सेवन करते हैं तो यह आपके रक्त परिसंचरण के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके अलावा अधिक कैफीन शरीर में पानी की कमी और मस्तिष्क कार्य क्षमता को कमजोर कर सकता है। इसलिए न केवल बेहतर रक्त परिसंचरण बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए कैफीन का बहुत ही कम मात्रा में सेवन करना चाहिए।
(और पढ़ें – कैफीन के फायदे, नुकसान और उपयोग)
अध्ययनों से पता चलता है कि कम मात्रा में शराब का सेवन शरीर के लिए नुकसानदायक नहीं होता है। लेकिन अधिक मात्रा में शराब का सेवन आपके शरीर को कमजोर करने और कई प्रकार की गंभीर समस्याओं को बढ़ाने का कारण भी हो सकता है। ऐसा इसलिए है कि अधिक मात्रा में शराब का सेवन करने से उच्च रक्तचाप की समस्या हो सकती है। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि रक्त परिसंचरण संबंधी समस्याओं से बचने के लिए शराब का सेवन बिल्कुल भी न करें।
(और पढ़ें – शराब पीने के बाद क्या नहीं खाना चाहिए)
आप अपने शरीर को स्वस्थ रखने और उचित रक्त परिसंचरण के लिए आयुर्वेद की मदद भी ले सकते हैं। ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक उपायों को अपनाना फायदेमंद होता है। क्योंकि इन उपायों के कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। आइए जाने रक्त परिसंचरण को ठीक करने के आयुर्वेदिक उपाय क्या हैं।
किसी भी वाहक तेल का उपयोग कर एक सम्पूर्ण शरीर की मालिश आपके शरीर में रक्त के संचलन को बढ़ाने का एक अच्छा और व्यापक तरीका है (20), (21)। बेहतर रक्त प्रवाह भी अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। आप अतिरिक्त लाभों के लिए पेशेवर या चिकित्सीय मालिश चिकित्सा का विकल्प चुन सकते हैं।
(और पढ़ें – बॉडी मसाज के लिए बेस्ट तेल और इनके फायदे)
अपने आप को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखें पर्याप्त पानी पिएं और अपने शरीर में रक्त के प्रवाह को बढ़ाने के लिए खुद को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखें।
आप अपने शरीर में रक्त प्रवाह की गति को बेहतर बनाने के लिए कुछ आवश्यक तेलों का उपयोग कर सकते हैं। जैसे कि
अदरक का तेल – अदरक के तेल में ज़िंगिबैन नामक एक सक्रिय यौगिक होता है जो शरीर के आंतरकि और बाहृ अंगों की सूजन को कम करने में सहायक होता है। अपने रक्त पसिंचरण को स्वस्थ रखने के लिए आप अदरक के तेल को नारियल या बादाम के तेल में मिलाकर मालिश करें। आप अपने स्नान के 30 मिनिट पहले इस तेल से 5 मिनिट तक मालिश करें और फिर कुछ देर आराम करें। इसके बाद आप स्नान कर लें। नियमित रूप से सप्ताह में 2 से 3 बार यह मालिश लेना फायदेमंद होता है। (13, 14 )
(और पढ़ें – अदरक के तेल के फायदे और नुकसान)
नीलगिरी का तेल – शरीर के किसी भी हिस्से में मालिश करना रक्त प्रवाह को उत्तेजित करता है। नीलगिरी के तेल में मौजूद औषधीय गुण रक्त वाहिकाओं को आराम दिलाने में सहायक होते हैं। इस तेल का उपयोग भी अदरक के तेल के समान ही अन्य तेलों के साथ मिलाकर करना चाहिए। यह आपके ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में सहायक होता है। (15)
(और पढ़ें – नीलगिरी तेल के फायदे और नुकसान)
संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए योग बहुत ही महात्वपूर्ण होते हैं। लेकिन नियमित योग ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने का एक अच्छा तरीका है। आप अपने आहार में ऊपर बताए खाद्य पदार्थों का उपयोग करने के साथ ही दैनिक जीवन में योग भी शामिल करें। यह न केवल आपके रक्त परिसंचरण को सुधारता है बल्कि कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को भी दूर रखता है।
गहरी साँस लेना: यह जितना आश्चर्यजनक लगता है, उतना ही गहरी सांस लेने का एक सत्र आपके रक्त प्रवाह को बढ़ाने में मदद कर सकता है। जब आप गहरी सांस लेते हैं, तो आपकी मांसपेशियों को आराम मिलता है। यह बदले में, रक्त वाहिकाओं को पतला करने में मदद करता है, जिससे रक्त परिसंचरण में सुधार होता है
विपरीता करणी योग: यह रक्त परिसंचरण को बढ़ाने के लिए सबसे अच्छे व्यायामों में से एक है क्योंकि यह आपके शरीर के निचले अंगों में रक्त के प्रवाह को बढ़ावा देता है।
तड़ासन (पर्वत मुद्रा) योग: तड़ासन या माउंटेन पोज़ रक्त वाहिकाओं की लोच को बढ़ाकर रक्त परिसंचरण में सुधार करता है।
उत्कटासन (चेयर पोज़) योग: उत्कटासन या चेयर पोज़ आपके शरीर को फैलाने में मदद करता है और सभी अंगों में रक्त के प्रवाह को बढ़ावा देता है।
पैदल चलना: 20 से 30 मिनट पैदल चलना, एक कार्डियक व्यायाम होने के नाते, आपके पूरे शरीर में रक्त पंप करने में मददगार साबित हो सकता है।
(और पढ़ें – पैदल चलने के फायदे हिंदी में)
वजन प्रशिक्षण: भार उठाने से न केवल मांसपेशियों के निर्माण में मदद मिलती है, बल्कि रक्त प्रवाह को भी बढ़ावा मिलता है और आपके हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है।
(और पढ़ें – वेट लिफ्टिंग (वजन उठाने) के फायदे और नुकसान)
एक्यूप्रेशर: एक्यूप्रेशर एक थेरेपी है जिसमें पैर पर कुछ एक्यूपॉइंट्स की मालिश करना शामिल है। यह आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और आपके पूरे शरीर में रक्त परिसंचरण में सुधार करने के लिए जाना जाता है
आप इस लेख में बताये गये खाद्य पदार्थों और उपायों की मदद से आसानी से धीमे या खराब रक्त परिसंचरण को ठीक कर सकते हैं। इसके अलावा, ध्यान रखें कि कुछ स्वस्थ जीवन शैली के विकल्प और परिवर्तन यह सब आपके रक्त प्रवाह को बढ़ाने और किसी भी जटिलता से लड़ने के लिए फायदेमंद होते हैं। इसलिए हमेशा अपने जीवन में एक स्वस्थ्य जीवन शैली को शामिल करने की कोशिश करें।
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