Blood Donation Benefits In Hindi रक्तदान किसी का जीवन बचा सकता है। यह लाइन लगभग सभी ने सुनी और पढ़ी होगी और यह सच भी है क्योंकि मानव रक्त का निर्माण मानव शरीर के अलावा और कहीं नहीं किया जा सकता है। लेकिन क्या आपने कभी रक्तदान (ब्लड डोनेट) किया है। क्या आप जानते हैं रक्तदान करने के फायदे और नुकसान के बारे में। अगर नहीं जानते हैं तो इस लेख को अच्छी तरह से पढ़ें। यह आपके मन में उठने वाले हर प्रकार से सवालों का जबाब है। और यह आपकी उन सभी भ्रांतियों का भी तोड़ है जिसे आप अब तक समझ ही नहीं पाए हैं।
रक्तदान के फायदे यह हैं कि यह कैंसर और हेमोक्रोमैटोसिस (hemochromatosis) के खतरे को कम करता है। नियमित रक्तदान करने से मोटापे को कम करने के साथ ही कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य में मदद मिलती है। आइए जाने रक्तदान के फायदे और नुकसान के बारे में। जिन्हें जानकर आप स्वयं ही निर्णय ले पाएगें कि आपको रक्तदान करना चाहिए या नहीं करना चाहिए।
विषय सूची
1. रक्तदान क्या है – What is Blood Donating in Hindi
2. ब्लड डोनेशन कितनी बार किया जा सकता है – Blood donation Kitni Bar Kiya Ja Sakta Hai in Hindi
3. रक्तदान कितनी मात्रा में किया जा सकता हैं – Rakt Daan Kitni Matra Me Kiya Ja Sakta Hai in Hindi
4. ब्लड डोनेट किस उम्र तक किया जा सकता है – Blood Donate Kis Umr Tak Kiya Ja Sakta Hai in Hindi
5. रक्तदान किसे नहीं करना चाहिए – Rakt Daan Kise Nahi Karna Chahiye in Hindi
6. रक्तदान के फायदे – Blood Donation Benefits In Hindi
8. रक्तदान के नुकसान – Blood Donate Ke Nuksan In Hindi
यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें सामान्य रूप से स्वस्थ्य व्यक्ति अपनी मर्जी से किसी जरूरत मंद व्यक्ति को अपना रक्त देता है। प्रत्येक वर्ष लगभग हजारों लोग जीवित रहने के लिए दान किये गए रक्त पर निर्भर करते हैं। रक्तदान खून प्राप्त करने वालों के लिए तो फायदेमंद होता ही है लेकिन यह रक्तदान करने वाले के लिए भी फायदेमंद होता है। लेकिन रक्तदान हमेशा विशेषज्ञों की उपस्थिति में अस्पताल या रक्त बैंक में किया जाना चाहिए। रक्तदान कैंसर से पीड़ित मरीजों, रक्तस्राव विकार, एनीमिया और अन्य खून की कमी से संबंधित बीमारियों के इलाज में मदद करता है। आइए जाने रक्तदान से जुड़े कुछ सामान्य सवालों को।
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किसी स्वस्थ्य व्यक्ति द्वारा एक बार रक्तदान करने के बाद अगला रक्तदान करने के लिए कम से कम 56 दिन या 8 सप्ताह का इंतजार करना पड़ता है। यदि आप किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित हैं तो आपको रक्तदान करने से बचना चाहिए और यदि जरूरी हो तो आपको पहले डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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यदि आप रक्तदान करना चाहते हैं तो ध्यान रखें कि आप हर 8 सप्ताह के बाद 1 यूनिट या 350 मिली लीटर रक्तदान कर सकते हैं। इसके लिए आप किसी रजिस्टर्ड ब्लड बैंक या किसी संगठन द्वारा चलाए जा रहे रक्तदान शिविर में भाग ले सकते हैं और वहां रक्त दान कर सकते हैं। आप किसी अस्पताल में जाकर भी अपना रक्तदान कर सकते हैं।
यह सामान्य सी बात है कि रक्तदान करने के लिए स्वस्थ्य और युवा शरीर की आवश्यकता होती है। इस लिए वह प्रत्येक व्यक्ति जो पूर्ण रूप से स्वस्थ्य हो और उसकी उम्र 18 – 60 वर्ष के बीच हो वह रक्तदान कर सकता है। लेकिन यह भी ध्यान रखना चाहिए उस व्यक्ति का वजन 45 किलो ग्राम से अधिक होना चाहिए। यदि वह इन सभी मापदंड़ों को पूरा करता है तो वह 56 दिनों के अंतराल के बार सुरक्षित रूप से रक्तदान कर सकता है। रक्तदान करने से इन 56 दिनों के अंतराल में रक्तदाता (blood donor) के शरीर में रक्त के स्तर को पूरा किया जा सकता है।
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जिनकी उम्र यदि 18 वर्ष से कम हो या उनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक हो और 110 एलबीएस से कम वजन वाले लोग रक्तदान नहीं कर सकते हैं। इसके साथ जिन लोगों को गंभीर संक्रमण या एचआईवी एड्स (HIV / AIDS) जैसी बीमारिया होती हैं उन्हें भी रक्तदान नहीं करना चाहिए। रक्तदान करने से पहले डॉक्टर से परामर्श ले और उचित जांच के बाद ही अपना रक्तदान करें। यह आपकी और उन लोगों की सुरक्षा के लिए जरूरी है जिन्हें आपके रक्त की आवश्यकता है।
रक्तदान कर आप स्वस्थ्य रह सकते हैं और किसी का जीवन भी बचा सकते हैं। आइए जाने रक्तदान करने के फायेद क्या हैं।
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कुछ जानकार बताते हैं कि रक्तदान करना फायदेमंद होता है। रक्तदान उतना ही जरूरी होता है जितना की रक्त कमी वाले लोगों के लिए रक्त की आपूर्ति जरूरी होती है। रक्तदान करना ग्राहक और रक्तदाता दोनों के लिए ही फायदेमंद होता है। आइए जाने यह दोनों के लिए किस प्रकार से फायदेमंद होता है।
स्वास्थ्य सलाहकार बताते हैं कि रक्तदान करने के कई स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। रक्तदान के फायदों में हेमोक्रामैटोसिस के जोखिम को कम करना भी शामिल है। हेमोक्रामैटोसिस एक स्वास्थ्य से संबंधित बीमारी है जो शरीर द्वारा लोहे के अतिरिक्त अवशोषण (Additional absorption) के कारण उत्पन्न होती है। यह शराब की लत, एनीमिया या अन्य समस्याओं के कारण हो सकता है। नियमित रूप से रक्तदान लोहा अधिभार (iron overload) को कम करने में मदद करता है। जो व्यक्ति रक्तदान के मापदंड़ों को पूरा करता है उसे रक्तदान करना चाहिए। रक्तदान दूसरों के और खुद के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।
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कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि रक्तदान दिल के दौरे की संभावनाओं को 1/3 गुना कम कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि रक्तदान करने से शरीर में उपस्थित आयरन के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है जिससे दिल के दौरे (Heart attack) की संभावनाओं को कम किया जा सकता है। यद्यपि लोहा शरीर के लिए आवश्यक है लेकिन आयरन की अधिक मात्रा शरीर में ऑक्सीडेटिव क्षति का कारण बन सकता है। ऑक्सीडेटिव क्षति (Oxidative damage) विभिन्न प्रकार की बीमारियों जैसे हार्ट अटेक, स्ट्रोक और उम्र बढ़ने संबंधि लक्षणों का बढ़ाने का प्राथमिक कारण माना जाता है। इसलिए शरीर में मौजूद लौह स्तर को नियंत्रित रखने के लिए 3 महिने में एक बार रक्तदान करने की सलाह दी जाती है।
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जो लोग अपना वजन कम (Lose weight) करना चाहते हैं उनके लिए रक्तदान फायदेमंद होता है। नियमित रूप से रक्तदान करने वाले लोगों को अपना वजन कम करने में मदद मिलती है। रक्तदान करना उन लोागों के लिए फायदेमंद होता है जो मोटापे, हृदय संबंधी (cardiovascular) बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य विकारों से ग्रसित होते हैं। हालांकि यह भी सलाह दी जाती है कि निश्चित समय अंतराल के बाद ही रक्तदान किया जाना चाहिए और किसी भी स्वास्थ्य समस्या से बचने के लिए रक्तदान करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना उचित है।
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यकृत (liver) हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो कि हमारे शरीर में खनिजों, वसा, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की चयापचय प्रक्रिया में मदद करता है। इसके अतिरिक्त लिवर शरीर में रक्त को साफ (detoxification) करने और शुद्धिकरण में मदद करता है। यदि शरीर में लोहे की मात्रा ज्यादा होती है तो यह यकृत को गंभीर रूप से हानि पहुंचा सकता है। इसलिए आपको लोहे में समृद्ध खाद्य पदार्थों को अधिक मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि इससे विभिन्न प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं जैसे क्षतिग्रस्त पैनक्रिया (damaged pancreas), जिगर की विफलता, और हृदय असामान्यताएं।
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आप रक्तदान करके अपने लिए कैंसर की संभावनाओं को कुछ हद तक कम कर सकते हैं। रक्तदान करके शरीर में आयरन के स्वस्थ्य स्तर को बनाए रखने में मदद मिलती है। शरीर में उच्च स्तर के लौह के कारण कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। रक्तदाता रक्तदान करके शरीर में लौह स्तर को नियंत्रित कर सकते हैं जिससे आंतों (intestines), यकृत, गले और विभिन्न स्थानों में होने वाले कैंसर (Cancer) की संभावना कम हो जाती है।
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बहुत से लोगों का जीवन आपके द्वारा दिये गए खून से बचाया जा सकता है। रक्तदान के फायदे दानदाता (donor) और लेने वाले दोनों के लिए होते हैं। यदि आप रक्तदान करते हैं तो आप अपने शरीर में उपिस्थति अतिरिक्त कोलेस्ट्रोल को कम कर सकते हैं। उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (lipoprotein) हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होता है जबकि कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन रक्त में अवरोध पैदा कर सकता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। यदि शरीर में लोहे की अधिक मात्रा हो जाती है तो यह कोलेस्ट्रोल ऑक्सीकरण कर सकता है। फास्ट फूड, दूध और मांस जैसे खाद्य पदार्थ शरीर में कोलेस्ट्रोल (Cholesterol) के स्तर को बढ़ा सकते हैं। आप अपने शरीर में कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करने और अन्य प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए रक्तदान कर सकते हैं।
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यदि आप रक्तदान करना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने शरीर को आराम करने की अनुमति दें। यदि आपको घबराहट होती है तो यह आपके लिए परेशानी पैदा कर सकता है। रक्त दान करने के पहले आपको पर्याप्त और पोष्टिक आहार की जरूरत होती है। रक्तदान के पहले यह आवश्यक है कि आपके शरीर में लौह का स्तर उच्च हो और आप जितना संभव हो सके हाइड्रेटेड रहें। आइए जाने रक्तदान करने से पहले खाने वाले खाद्य पदार्थों के बारे में।
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खूब पानी पियें (Drink plenty of water) – आप रक्तदान करने से पहले नींबू पानी (lemonade), या अन्य प्रकार के पेय पदार्थों का सेवन करें। इनका आपके शरीर में लौह स्तर से कोई संबंध नहीं है लेकिन यह आपको रक्तदान के समय पर्याप्त मात्रा मे हाइड्रेट रखने में मदद करता है।
कम वसा युक्त मांस खाएं (Eat less fat meat) – यह विशेष रूप से ध्यान रखें कि लाल मांस (red meat) को बहुत ही कम मात्रा में सेवन करना चाहिए। रक्तदान करने से पहले इसका सेवन करना अच्छा होता है। यह आपके शरीर में हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। बस इस बात का ध्यान रखें कि यह बहुत अधिक वसा युक्त नहीं होना चाहिए।
मसूर की दाल खाएं (Eat lentil pulses) – रक्तदान करने का मन बना रहे हैं तो आप रक्तदान करने से पहले हरी सब्जीयां, मसूर, फलियां, पूरे अनाज आदि का पर्याप्त सेवन करें। यदि मसूर (Lentil) का सेवन किया जाता है तो यह लाल मांस के पोषक तत्वों की कमी को पूरा कर सकता है
पालक का सेवन करें (Eat spinach) – पालक (Spinach) आयरन का सबसे अच्छा स्रोत होता है। रक्तदान करने से पहले आप पालक का सेवन करें। यह आपके शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। आप इसे सलाद के रूप में भी खा सकते हैं जो आपको हाइड्रेटेड (Hydrated) रखने में भी अहम भूमिका निभाता है।
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यदि आपने रक्तदान किया है तो निश्चित ही यह किसी जरूरतमंद व्यक्ति की जान बचा सकता है। लेकिन रक्तदान करने बाद आपके शरीर को अतिरिक्त पोषण की आवश्यकता होती है। ब्लड डोनेट करने के बाद आपको अपने आहार में निम्न खाद्य पदार्थों को जोड़ना चाहिए।
फलों का जूस (Fruit juice) – आप रक्तदान के बाद अनार, नारंगी और अन्य प्रकार के फलों के रस का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा आप रक्तदान के तुरंत बाद कॉफी, चाय, बर्फ, दूध या किसी अन्य प्रकार के मीठे पेय का इस्तेमाल करें। ये मीठे विकल्प आपको हाइड्रेट रखने में मदद करेगें।
कुकीज (Cookies) – कुकी, चॉकलेट आदि यह आपके शरीर को किसी विशेष प्रकार के पोषक तत्व उपलब्ध नहीं कराते हैं। लेकिन यह रक्तदान के बाद आपकी सहायता करने में मदद करते हैं।
अनाज (cereals)– आप रक्तदान करने के बाद अनाज, दूध, मकई, गेंहू, दलिया आदि का सेवन करें। यह आपके शरीर अतिरिक्त पोषण दिलाने में मदद करता है साथ रक्तदान के बाद आने वाली कमजोरी को भी दूर करता है। आप इस समय कम शक्कर वाली किसी भी अनाज से संबंधित खिचड़ी का उपयोग कर सकते हैं।
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ब्लड डोनेट करने बाद आपको तुरंत ही कुछ मीठा खाना चाहिए जो आपके शरीर मे ग्लूकोज (Glucose) के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है।
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खून दान करने से आपको अधिकतर फायदा ही होता है, लेकिन कुछ मामलों में इसके दुष्प्रभाव भी होते हैं जो कि कम समय के लिए होते हैं। यह दुष्प्रभाव दान दाता द्वारा दान किये गए ब्लड की मात्रा, शरीर की सहनशक्ति (Body stamina), दानदाता के स्वास्थ्य और रक्त उत्पादन की क्षमता पर निर्भर करते हैं। ब्लड डोनेट करने के नुकसान में शामिल हैं :
इस प्रकार के दुष्प्रभावों से बचने के लिए रक्तदान करने से पहले पर्याप्त पानी पीना चाहिए। दान दाता को चाहिए कि वह रक्त दान करने से पहले और बाद में संतुलित भोजन करे।
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