Blood Group Test in Hindi रक्त समूह परीक्षण (ब्लड ग्रुप टेस्ट) व्यक्तियों में रक्त के समूह (ब्लड ग्रुप) और प्रकार का पता लगाने के लिए किया जाने वाला एक सामान्य परीक्षण है। व्यक्ति द्वारा रक्त को दान करने या रक्त को प्राप्त करने के दौरान रक्त समूह की जानकारी होना आवश्यक है। व्यक्ति केवल अपने संगत रक्त को ही ग्रहण कर सकता है। कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार के असंगत रक्त को ग्रहण नहीं कर सकता है, क्योंकि दो भिन्न प्रकार के रक्त आपस में प्रतिक्रिया कर जीवन के लिए घातक प्रभाव प्रदर्शित करते हैं। कुछ बीमारियों का इलाज करने के लिए ब्लड स्थानांतरण की आवश्यकता होती है, अतः इस स्थिति में उचित रक्त प्राप्त करने के लिए रक्त समूह परीक्षण आवश्यक हो जाता है।
आज के इस लेख में आप जानेंगे कि रक्त समूह परीक्षण (ब्लड ग्रुप टेस्ट) क्या है, रक्त समूह कितने प्रकार के होते हैं, यह क्यों आवश्यक है तथा इसकी प्रक्रिया, जोखिम और कीमत के बारे में।
विषय सूची
1. ब्लड ग्रुप टेस्ट इन हिंदी – Blood Group Test in Hindi
2. रक्त की संरचना – Composition Of Blood in hindi
3. रक्त समूह (ब्लड ग्रुप) में भिन्नता का कारण – Blood Group Variation Causes In Hindi
4. ब्लड ग्रुप के प्रकार – Blood Group Types in hindi
5. ब्लड ग्रुप टेस्ट क्यों आवश्यक है – Why Blood Group Test Is Necessary In Hindi
6. ब्लड ग्रुप टेस्ट प्रोसीजर – Blood Group Test Procedure In Hindi
7. रक्त समूह परीक्षण के जोखिम – Risks of Blood Typing in Hindi
8. ब्लड ग्रुप टेस्ट किट – Blood Group Test Kit in Hindi
9. ब्लड ग्रुप टेस्ट की कीमत – Blood Group Test Price In Hindi
रक्त समूह परीक्षण (Blood Group Test) एक प्रयोगशाला परीक्षण है, जो किसी व्यक्ति में रक्त के प्रकार या रक्त समूह पता लगाने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। ब्लड ग्रुप टेस्ट व्यक्ति में उपस्थित रक्त के प्रकार को बताता है, ताकि जरुरत पड़ने पर सुरक्षित रूप से रक्त दान किया जा सके या रक्त को स्थानांतरित किया जा सके।
सभी लोगों के रक्त समूह एक सामान नहीं होते हैं, क्योंकि रक्त समूह के अलग-अलग प्रकार होते हैं। इनमें से कुछ समूह, अन्य समूह की तुलना में अधिक सामान्य हैं या अधिक व्यापक रूप में पाए जाते हैं।
यदि किसी व्यक्ति का ब्लड ग्रुप किसी अन्य व्यक्ति के ब्लड ग्रुप से मेल खाता है, तो इसे “संगत” (compatible) कहा जाता है और आवश्यकता होने पर व्यक्ति, अपने संगत ब्लड ग्रुप वाले व्यक्ति के रक्त को प्राप्त कर सकते हैं।
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एक स्वास्थ्य व्यक्ति के शरीर में लगभग 4 से 6 लीटर तक रक्त होता है। रक्त विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बना होता है, जो प्लाज़्मा नामक तरल पदार्थ में तैरती हैं। रक्त में निम्न घटक पाए जाते हैं:
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रक्त में भिन्नता का प्रमुख कारण, इसमें उपस्थित प्रोटीन अणुओं का अद्वितीय संयोजन है, जिसे एंटीजन और एंटीबॉडी कहा जाता है। एंटीजन (antigens), लाल रक्त कोशिकाओं की सतह पर पाए जाते हैं। जबकि एंटीबॉडी रक्त प्लाज्मा में उपस्थित रहती हैं। रक्त में एंटीजन और एंटीबॉडी का संयोजन रक्त के प्रकार को स्पष्ट करता है।
वास्तव में मौजूदा रक्त के प्रकार में बहुत सारी विविधताएं पाई जाती हैं। आमतौर पर आठ अलग-अलग प्रकार के रक्त समूह पाये जाते हैं, और व्यक्ति के पास रक्त का प्रकार, माता-पिता से प्राप्त जीन द्वारा निर्धारित होता है।
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रक्त समूह मुख्य रूप से चार होते हैं तथा आठ अलग-अलग प्रकार के रक्त पाये जाते हैं। यह रक्त समूह दो विशिष्ट एंटीजन- ए और बी पर आधारित है।
रक्त समूह निम्न प्रकार हैं:
आरएच कारक (Rh factor) नामक एक तीसरे प्रकार का एंटीजन भी है। जो चार प्रकार के रक्त समूहों को आठ प्रकारों में बांटने का कार्य करता है। अतः यदि रक्त में यह एंटीजन उपस्थित है, तो रक्त का प्रकार “आरएच +” या “पॉजिटिव” है और यदि रक्त में आरएच कारक एंटीजन नहीं है तो रक्त प्रकार “आरएच -” या “नेगेटिव” है।
इस प्रकार रक्त के आठ प्रकार निम्न हैं:
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रक्त के स्थानांतरण से पहले या दाता के रक्त की जानकारी प्राप्त करने के लिए ब्लड ग्रुप टेस्ट (रक्त समूह परीक्षण) आवश्यक हो जाता है। ब्लड ग्रुप टेस्ट यह सुनिश्चित करने का एक आसान तरीका है, कि सर्जरी के दौरान या चोट के बाद आवश्यकतानुसार सही प्रकार का रक्त उपलब्ध हो सके। यदि व्यक्ति को असंगत रक्त दिया जाता है, तो यह रक्त क्लिपिंग (clumping) या एग्ग्लुनेशन (agglutination) का कारण बन सकता है, जो जीवन के लिए घातक हो सकता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए रक्त समूह परीक्षण विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है। अगर मां का रक्त आरएच-निगेटिव है और पिता का आरएच पॉजिटिव है, तो जन्म लेने वाले बच्चे का ब्लड ग्रुप आरएच पॉजिटिव होगा। इन स्थिति में, गर्भवती मां को RhoGAM (RHo (D) immune globulin) नामक एक दवा लेने की आवश्यकता होती है। यह दवा गर्भवती महिला के शरीर में एंटीबॉडी बनाने से रोकती है, जिससे कि यह एंटीबॉडी बच्चे की रक्त कोशिकाओं पर हमला न कर सके, और बच्च पूर्णतः सुरक्षित रहे।
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आइये जानते हैं कि ब्लड ग्रुप टेस्ट प्रक्रिया क्या-क्या होता हैं।
ब्लड ग्रुप टेस्ट (Blood Group Test) के लिए कोई विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं होती है। न ही किसी भी तरह के उपवास रखने की आवश्यकता होती है। टेस्ट के लिए जाने से पहले संबन्धित व्यक्ति, अपने साथ घर के किसी व्यक्ति को ले जाना सुनिश्चित कर सकता है, जिससे कि परीक्षण के दौरान कोई समस्या उत्पन्न न हो।
रक्त समूह परीक्षण (Blood Group Test) के दौरान व्यक्ति के रक्त समूह की जांच करने के लिए रक्त नमूना लिया जाता है और उसे प्रयोगशाला परीक्षण के लिए भेज दिया जाता है। रक्त नमूना लेते समय सीरेंज या सुई का प्रयोग किया जाता है। संक्रमण को रोकने के लिए त्वचा को एंटीसेप्टिक से साफ किया जाता है। रक्त के प्रकार या रक्त समूह को निर्धारित करने के लिए रक्त नमूने को प्रयोगशाला में भेजा जाता है।
एबीओ परीक्षण (ABO test in hindi) – इस परीक्षण के तहत, प्रयोगशाला में 2 प्रकार के विलयन की मदद से रक्त नमूने का प्रकार निर्धारित किया जाता है – पहला जिसमें A एंटीजन (A antigen) के खिलाफ एंटीबॉडी होती है, इसे एंटी-ए एंटीबॉडी (Anti-A antibodies) कहा जाता है तथा दूसरा जिसमें B एंटीजन के खिलाफ एंटीबॉडी होती है, इसे एंटी-बी एंटीबॉडी कहा जाता है। अतः यदि रक्त नमूना में जिस प्रकार की एंटीबॉडी को मिलाने पर प्रतिक्रिया होती है, तो रक्त में उस प्रकार के एंटीजन मौजूद होते हैं। उदाहरण के लिए, यदि एंटी-ए एंटीबॉडी को रक्त मे मिलने पर रक्त कोशिकाएं एक साथ चिपक जाती हैं या गुच्छा बना लेती हैं, तब उस रक्त नमूने में ए एंटीजन उपस्थित होता है, अतः इस स्थिति में रक्त समूह A होता है। यदि दोनों प्रकार के एंटीबॉडी प्रतिक्रिया नहीं करते हैं, तो यह O समूह होना चाहिए।
आरएच फैक्टर परीक्षण (Rh test in hindi) – यह रक्त के प्रकार आरएच फैक्टर का निर्धारण करने के लिए एक परीक्षण है, जो रिसस रक्त के प्रकार (Rhesus blood type) को निर्धारित करने में मदद कर सकता है। इस परीक्षण में, आरबीसी (RBC) के एक छोटे से नमूने को, RhD एंटीबॉडी युक्त विलयन के साथ मिलाया जाता है। यदि रक्त RhD एंटीबॉडी के साथ प्रतिक्रिया करता है, तो रक्त को आरएच पॉजिटिव कहा जाता है, और यदि कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है, तो यह आरएच निगेटिव होता है।
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रक्त समूह परीक्षण (Blood Group Test) के बाद परिणाम आने में कुछ मिनटों का समय लगता है। अतः परीक्षण के बाद रक्त समूह का पता चलने के बाद संबन्धित व्यक्ति आसानी से रक्त दान कर सकता है या उसी ग्रुप का रक्त प्राप्त कर सकता है।
ब्लड ग्रुप टेस्ट (Blood Group Test) के दौरान बहुत कम मामलों में इसके जोखिमों को देखा जा सकता है, इस परीक्षण के जोखिमों में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
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ब्लड ग्रुप टेस्ट किट घर पर रक्त समूह की जांच करने के लिए सभी जरूरी समान युक्त एक बॉक्स होता है। इस किट को कोई भी व्यक्ति क्लीनिक या बाजार से खरीद सकता है। ब्लड ग्रुप टेस्ट करते समय किट का सही तरीके से प्रयोग करने के तरीकों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए निर्देश पुस्तिका को अच्छी तरीके से पढ़े। हालांकि घर पर किया गया परीक्षण, प्रयोगशाला परीक्षण की तुलना में कम विश्वसनीय होता है। ध्यान रहे कि इस परीक्षण का उपयोग ट्रांसफ्यूजन के उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
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रक्त समूह परीक्षण (Blood Group Test) की कीमत अलग अलग शहरों में अलग अलग हो सकती है। ब्लड ग्रुप टेस्ट की कीमत प्रयोगशाला पर भी निर्भर करती है। इंडिया मे ब्लड ग्रुप टेस्ट प्राइस Rs. 50 से Rs. 200 के बीच हो सकता है। रक्त समूह टेस्ट किट की कीमत उसमें उपस्थित समान के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकती है। अन्य स्थानों पर इसकी कीमत Rs. 80 से लेकर Rs. 1000 या इससे अधिक भी हो सकती है।
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