Indian diet plan for muscle gain in Hindi: क्या आप भी बॉडी बनाना चाहते हैं और इसके लिए कोई डाइट प्लान ढूंढ रहे हैं। तो अब आप फ्रिक मत कीजिए। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि बॉडी बनाने के लिए कौन सा डाइट प्लान अच्छा है। आज हर कोई अच्छी बॉडी बनाना चाहता है। इसके लिए लोग घंटों जिम में पसीना बहा रहे हैं, तो कुछ दवा के सहारे अपना वजन और बॉडी बिल्डअप कर रहे हैं। इसके बजाए बॉडी बनाने के लिए अगर किसी सही डाइट प्लान को फॉलो किया जाए, तो यह आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा और बॉडी बिल्डिंग में बहुत आसानी होगी।
जब बात बॉडी बनाने की आती है, तो अक्सर लोगों को सही मागदर्शन नहीं मिल पाता और और वे अच्छी बॉडी बनाने में कामयाब नहीं हो पाते। हालांकि कुछ लोगों का यह भी मानना होता है, कि कसरत करने से उनकी मसल्स मजबूत हो जाएंगी, लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि एक्सरसाइज बॉडी बनाने का एक हिस्सा है, लेकिन एक्सरसाइज के साथ प्रोटीन और कार्ब युक्त डाइट प्लान भी अपनाया जाए, तो आप अच्छी बॉडी बनाने में सफल हो सकते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे, कि कैसे आप घर में वेजीटेरियन और नॉन वेजटेरियन डाइट से बॉडी बना सकते हैं। तो चलिए, जानते हैं मस्कुलर बॉडी पाने के लिए इंडियन डाइट चार्ट के बारे में।
विषय सूची
विशेषज्ञ भारतीय बॉडी बिल्डर्स को जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर डाइट प्लान फॉलो करने की सलाह देते हैं। नीचे हम आपको कुछ ऐसे ही जरूरी पोषक तत्वों की जानकारी दे रहे हैं, जिससे आप समझ पाएंगे कि ये सभी न्यूट्रिएंट्स मस्कुलर बॉडी बनाने के लिए क्यों जरूरी हैं।
हम भारतीय अक्सर मानते हैं, कि हाई प्रोटीन डाइट किडनी के लिए खतरनाक है। इसी वजह से हम अपने आहार में प्रोटीन को पूरी तरह से अनदेखा कर देते हैं। लेकिन एक शोध के मुताबिक, उच्च प्रोटीन आहार और हृदय रोग के बीच कोई संबंध नहीं है। यहां तक की इसका सेवन करने से किडनी को भी कोई नुकसान नहीं है। बल्कि उच्च प्रोटीन आहार स्वस्थ व्यक्तियों, एथलीटों के लिए बहुत अच्छा है।
अपनी मांसपेशियों को बिल्ड अप करने के लिए कितने कार्बोहाइड्रेट की जरूरत होगी, ये आप जरूर जानना चाहेंगे। तो हम आपको बता दें, कि एक ग्राम कार्बोहाइड्रेट में चार कैलोरी होती हैं। इस तरह से हर दिन आपको 3000 कैलोरी की आवश्यकता होगी। आपके दैनिक कैलोरी सेवन में 45-55 प्रतिशत कैलोरी शामिल होती है, ऐसे में हमें हर दिन 375 ग्राम काब्र्स हर दिन मिलते हैं। हालांकि, अपने फिटनेस लेवल, गोल्स और मेटाबॉलिक रेट के हिसाब से सभी का कैलोरी इंटेक अलग-अलग हो सकता है।
कार्बोहाइड्रेट की तरह वसा यानि फैट भी आपको भोजन के बाद भरा हुआ महसूस कराता है। मांसपेशियों के निर्माण के लिए हर दिन अनप्रोसेस्ड फैट (जो नट्स, ऑलिव और एवोकैडो में पाए जाते हैं) का सेवन करना चाहिए। आपके कुल कैलोरी का कम से कम 10-20 प्रतिशत हेल्दी फैट जैसे पॉलीअनसैचुरेटेड और मोनोअनसैचुरेटेड वसा के साथ-साथ अंडे की जर्दी, पनीर और अन्य पॉलिट्री आइटम में पाए जाने वाले संतृप्त वसा से आना चाहिए।
आपको बता दें, कि हर बॉडी बिल्डर के शरीर में बहुत अच्छी मात्रा में विटामिन होते हैं। हर भारतीय बॉडी बिल्डर और एथलीट को मिलने वाले महत्वपूर्ण विटामिन्स में से एक है, विटामिन डी। यह हड्डी, मास्तिष्क स्वास्थ्य , प्रोटीन और हार्मोन सिंथेसिस को मजबूत करने में बहुत मददगार है। अगर आप बॉडी बिल्डिंग करना चाहते हैं, तो अन्य महत्वपूर्ण विटामिन जैसे विटामिन बी, सी और ई को भी अपने आहार में शामिल करना चाहिए।
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बॉडी बनाने के लिए अपने डाइट प्लान में प्रोटीन का सेवन ज्यादा करना चाहिए। क्योंकि प्रोटीन से ही मसल्स बनते हैं। कुछ लोगों का मानना होता है कि नॉन-वेज (जैसे मीट, अंडा, मटन, चिकन) खाने से ही बॉडी बनती है, यह काफी हद तक सही है, लेकिन वेजीटेरियन लोग भी कुछ हेल्दी फूड्स का सेवन कर मसल्स बना सकते हैं। उन्हें रोजाना अपनी डाइट में दूध, दलिया और ओट्स को शामिल करना होगा। इनमें हाई क्वालिटी प्रोटीन होता है। अगर आपको अपने आहार में संपूर्ण प्रोटीन नहीं मिल रहा है, तो आप एक अच्छा प्रोटीन सप्लीमेंट भी ले सकते हैं। नीचे हम आपको बॉडी बनाने के लिए भारतीय डाइट प्लान बता रहे हैं। इसे फॉलो कर आप आसानी से मसल्स बना सकते हैं।
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वेकअप मील का महत्व- सुबह नाश्ते से पहले का भोजन या वेकअप मील बॉडी बिल्डिंग बनाने वाले लोगों के लिए बहुत जरूरी है। जब आप रात की 7 से 10 घंटे की नींद के बाद सुबह उठते हैं, तो शरीर पहले से ही कैटाबॉलिक अवस्था में होता है। इसका मतलब यह है, कि आपका शरीर अब दुबले मांसपेशियों के ऊतकों को कार्य के फ्यूल के रूप में जला रहा है। इसके लिए सबसे पहले कैटाबॉलिक स्टेट से बाहर निकलें। नाश्ते से ठीक पहले फास्ट प्रोटीन और फलों का सेवन करें। ये आपको कैटाबॉलिक स्टेट से बाहर निकालने में बहुत मदद करेंगे।
वेजिटेरियन – व्हेय प्रोटीन शेक और फल खाएं।
नॉन वेजिटेरियन – नॉन वेजीटेरियन भी व्हेय प्रोटीन शेक और फल खाएं।
ब्रेकफास्ट का महत्व- दिन के तीन मील में ब्रेकफास्ट सबसे जरूरी मील है। सुबह का नाश्ता टोन सेट करता है और दिनभर शारीरिक और मानसिक रूप से हमारी परफार्मेंस को प्रभावित करता है। दरअसल, सोने के शुरूआती घंटों में हमारा शरीर ब्लड ग्लूकोज और लीवर ग्लाइकोजेन को ऊर्जा की जरूरत पूरी करने के लिए फ्यूल के रूप में इस्तेमाल करता है। हालांकि सुबह जब तक हम उठते हैं, तो ग्लाइकोजन जमा हो जाता है और ग्लूकोज भी बहुत कम हो जाता है। ऐसे में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है। कोर्टिसोल को स्ट्रेस हार्मोन के रूप में भी जाना जाता है, अगर आप नाश्ता नहीं करते, तो कोर्टिसोल का लेवल हाई बना रहता है, जिसका नकारात्मक प्रभाव आपकी सेहत पर पड़ता है।
वेजिटेरियन – 3 मध्यम आकार के पनीर पराठे / पनीर भुर्जी के साथ ग्रीक योगर्ट या लो फैट योगर्ट और एक मध्यम साइज की कटोरी स्प्राउट सलाद खा सकते हैं।
नॉन वेजिटेरियन मांसाहारी लोगों को नाश्ते में अंडे, ओटमील, दूध और नट्स का सेवन करना चाहिए।
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मिड मॉर्निग मील का महत्व- इस बात में बहुत अंतर है, कि आप दो मील में 2000 कैलोरी का सेवन करते हैं और यही 2000 कैलोरी आप तीन मील और दो स्नैक्स में लेते हैं। असल में जब आप 2000 कैलोरी चार से पांच मील में लेते हैं, तो शरीर को इन कैलोरी को आसानी से मेटाबोलाइज्ड करने में मदद मिलती है और खास बात यह है, कि स्नैकिंग भोजन के बीच के गैप को कम कर देतेा है, जिससे अक्सर वजन बढ़ने की समस्या पैदा होती है। नाश्ते के बाद मिड मॉर्निंग मील में आप ब्रोकली जैसी रेशेदार सब्जी के साथ प्रोटीन युक्त शकरकंद का सेवन कर सकते हैं।
वेजिटेरियन – नाश्ते के दो घंटे बाद एक मध्यम कटोरी भुने हुए छोले और एक छोटे आकार का कोई भी फल खाएं। इसके साथ आप एक कटोरी मिक्स वेजीटेबल सलाद भी ले सकते हैं।
नॉन वेजिटेरियन – मांसाहारी लोग मिड मॉर्निंग मील में ब्राउन राइस, चिकन और ब्रोकेली खाएं।
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लंच का महत्व- कुछ कैलोरी के साथ मिड मॉर्निग मील लेने के बाद लंच यानि दोपहर में खाने का बहुत महत्व है। पौष्टिकता से भरपूर लंच कैटाबॉलिज्म को दूर रखने और काम करने के लिए आपको निरंतर ऊर्जा प्रदान करने में मदद करता है।
वेजिटेरियन – मिक्स्ड बीन सब्जी के साथ एक कप ब्राउन राइस और एक कप पका हुआ फूलगोभी या ब्रोकली खाएं।
नॉन वेजिटेरियन – मछली, ब्राउन राइस , मिक्स वेजीस का सेवन करें।
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प्री-वर्कआउट का महत्व- कई अध्ययनों से पता चला है, कि ट्रेनिंग सेशन से 45-60 मिनट पहले भोजन का सेवन एक्सरसाइज के दौरान आपके प्रदर्शन को बढ़ावा दे सकता है। प्रोटीन और कम जीआई काब्र्स से भरपूर प्री-वर्कआउट मील मांसपेशियों को ऊर्जा का एक स्त्रोत प्रदान करता है। यह आपकी मांसपेशियों का निर्माण करेगा।
वेजिटेरियन – साबुत अनाज टोस्ट के साथ एक छोटा कटोरा बेक किया हुआ शकरकंद खाएं।
नॉन वेजिटेरियन – नॉन- वेजिटेरियन लोग शकरकंद और प्रोटीन पाउडर ले सकते हैं।
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पोस्ट वर्कआउट शेक का महत्व- इंटरनेशनल जर्नल ऑफ स्पोट्र्स न्यूट्रिशन एंड एक्सरसाइज मेटाबॉलिज्म के अनुसार दोपहर के लंच के बाद वर्कआउट करना जरूरी है। वर्कआउट के बाद मट्ठा पीना चाहिए। क्योंकि इससे अच्छी मात्रा में शरीर को प्रोटीन मिलता है। कसरत या व्यायाम के बाद का शेक आपको दैनिक प्रोटीन सेवन को प्राप्त करने में मदद करता है।
वेजिटेरियन – व्हेय प्रोटीन शेक और डेक्सट्रोज मोनोहाइड्रेट पी सकते हैं।
नॉन वेजिटेरियन – व्हेय प्रोटीन शेक और डेक्सट्रोज मोनोहाइड्रेट पी सकते हैं।
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फास्ट कार्बोहाइड्रेट- जब आप कसरत खत्म करते हैं, तब तक शरीर का ग्लाइकोजिन लेवल बहुत कम हो जाता है। ग्लाइकोजिन आमतौर पर कार्बोहाइड्रेट का भंडार है, जिसे शरीर जरूरत पड़ने पर फ्यूल के रूप में इस्तेमाल करता है। अगर शरीर में इसकी कमी हो जाए, तो आप ऊर्जा की कमी का अनुभव करते हैं। ऐसे में डेक्सट्रोज मोनोहाइड्रेट जैसे तेज काब्र्स का सेवन ग्लाकोजन की भरपाई करने में मदद करता है।
व्हेय प्रोटीन- व्हेय प्रोटीन दुबले शरीर का द्रव्यमान बढ़ाता है। यह सोया प्रोटीन की तुलना में जल्दी अवशोषित हो जाता है। अप्लाइड फिजियोलॉजी न्यूट्रिशन एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार 10 ग्राम व्हेय प्रोटीन और 21 ग्राम काब्र्स युक्त पोस्ट ड्रिंक का सेवन करने से मांसपेशियों की प्रोटीन संश्लेषण दर बढ़ जाती है।
क्रिएटिन- मांसपेशियों की रिकवरी को तेज करने के लिए आप अपने पोस्ट वर्कआउट प्रोटीन शेक में बीसीएए BCAA ( branched chain amino acid) का सेवन करना बहुत अच्छा है।
डिनर का महत्व – इंसुलिन लेवल को बढ़ाने के लिए डिनर बहुत महत्वपूर्ण है। जो लोग शकाहारी आहार का सेवन करते हैं, वे अपने पोस्ट वर्कआउट प्रोटीन को हरी बीन्स, फलियां, टोफू, पनीर से प्राप्त कर सकते हैं। जबकि मासाहरी लोग चिकन, मछली, अंडे और समुद्री भोजन से प्रोटीन ले सकते हैं । जहां तक काब्र्स की बात है, तो आपको इसके बारे में ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है। आप प्रोटीन युक्त भोजन जैसे ब्राउन राइस, शकरकंद खा सकते हैं।
वेजिटेरियन – एवोकेडो और पनीर ड्रेसिंग के साथ व्हाइट बीन सलाद खा सकते हैं।
नॉन वेजिटेरियन – चिकन और ब्रोकली सलाद खाएं।
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बेडटाइम मील का महत्व- कई लोग कहते हैं कि रात में आठ बजे के बाद कुछ नहीं खाना चाहिए, लेकिन एक अध्ययन के अनुसार सोने से पहले 27.5 ग्राम प्रोटीन, 15 ग्राम काब्र्स, और 0.5 ग्राम वसा का सेवन करने से मांसपेशियों का मास बढ़ता है।
वेजिटेरियन – कॉटेज पनीर या कैसाइन प्रोटीन के साथ व्हेय प्रोटीन और एक चम्मच पीनट बटर खाएं।
नॉन वेजीटेरियन- मांसाहारी लोग भी कॉटेज पनीर या कैसाइन प्रोटीन के साथ व्हेय प्रोटीन और एक चम्मच पीनट बटर खा सकते हैं।
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मसल्स का निर्माण करने के साथ शरीर को एनर्जी की भी आवश्यकता होती है, जो आपको कार्बोहाइड्रेट से मिलती है। आपको लो ग्लाइकेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ खाना चाहिए। ओटमील और शकरकंद इसका बेहतरीन उदाहरण है। चीनी का सेवन बिल्कुल न करें। आप चाहें तो कार्बोहाइ्रेट पाने के लिए फलों का सेवन कर सकते हैं।
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मसल्स बनाने के लिए प्रोटीन के साथ कार्बोहाइड्रेट से भरपूर फल खाना अच्छा है। इसके लिए केला और सेब दोनों अच्छे फल हैं। इनसे कार्बोहाइड्रेट के अलावा फैट, मिनरल, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट भी मिलता है।
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हम आपको कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे हैं, जिनका बॉडी बनाने के दौरान सेवन करने से आपको बचना चाहिए।
शराब- शराब फैट लॉस की क्षमता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। खासतौर से अगर आप इसका सेवन अधिक मात्रा में करते हैं तो।
एक्स्ट्रा शुगर -एक्स्ट्रा शुगर वाले खाद्य पदार्थों में कैंडी, कुकीज, डोनट्स, आइसक्रीम, केक और मीठे पेय शामिल हैं। बॉडी बिल्डिंग के दौरान इनके सेवन से बचना चाहिए।
ऑयली फूड– तला हुआ भोजन शरीर में सूजन पैदा कर सकता है। इसलिए मसल्स बनाने के लिए फ्राइज मछली, फ्रेंच फ्राइज, ऑनियन रिंग्स, चिकन स्ट्रिप्स और दही कर्ड खाने से बचना चाहिए।
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मांसपेशियों के निर्माण के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की जरूरत है। बॉडी बिल्डर्स को रोजाना 10 लीटर तक पानी पीना चाहिए।
बॉडी बनाने के लिए वर्कआउट करना ही काफी नहीं है, बल्कि इसके लिए आपको डाइट प्लान भी फॉलो करना होगा। हमारे द्वारा बताए गए इंडियन डाइट प्लान को फॉलो कर आप आसानी से मस्कुलर बॉडी पा सकते हैं। जरूरी नहीं कि आप हमारे द्वारा बताए गए खाद्य पदार्थों का ही सेवन करें, लेकिन हमेशा ऐसे पदार्थों को चुनें, जिसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, विटामिन और मिनरल्स शामिल हों।
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