Boils in Hindi बालतोड़ एक प्रकार का त्वचा में होने वाला फोड़ा होता है। हम में से अधिकांश लोगों का मानते हैं कि यह हमारी त्वचा के बालों के उखड़ने के कारण होता है जो कि गलत है। बालतोड़ एक संक्रमण के कारण होता है जो कि स्टैफिलोकोकस ऑरियस (Staphylococcus aureus) नामक जीवाणु के कारण होता है। यह बाल कूप (hair follicle) या तेल ग्रंथि में शुरू होता है। इसे त्वचा के फोड़ा के रूप में भी जाना जाता है। यह त्वचा की गहराई में होने वाले संक्रमण का नतीजा होता है। आइए विस्तार से जाने बालतोड़ के कारण लक्षण और इलाज के बारे में जो आपको इससे होन वाली परेशानियों से बचा सकते हैं।
विषय सूची
1. बालतोड़ (फोड़े, फुंसी) क्या है – Baltod Kya Hai in Hindi
2. बालतोड़ (फोडे़ फुंसी) के प्रकार – Types of Boils in Hindi
3. बालतोड़ (फोड़े) होने के कारण – Baltod Hone Ke Karan in Hindi
4. बालतोड़ (फोड़े) के लक्षण – Baltod Ke Lakshan in Hindi
5. बालतोड़ (फोड़े, फुंसी) की जांच – Baltod (Boils) Ki janch in Hindi
6. बालतोड़ (फोड़े) का इलाज – Baltod (Boils) Ka ilaj in Hindi
7. बार बार बालतोड़ होने से बचने के उपाय – Baltod (Boils) Ki Roktham in Hindi
8. बालतोड़ के घरेलू उपचार – Baltod Ke Gharelu Upchar in Hindi
यह एक प्रकार का फोड़ा है जो बहुत ही दर्द और समस्याओं को लेकर आता है। इस स्थिति में सबसे पहले त्वचा संक्रमण के क्षेत्र लाल हो जाता है और एक गांठ विकसित होती है। चार से सात दिनों के बाद गांठ के आसपास का क्षेत्र कठोर और दर्द युक्त हो जाता है। इस प्रकार के फोड़े के लिए सबसे आम जगह चेहरा (Face), गर्दन, बगल, कंधे और कमर के नीचे के भाग होते हैं। यदि इस प्रकार के फोड़े समूह में होते हैं तो यह गंभीर प्रकार का संक्रमण हो सकता है जिसे नासूर या कर्बंक्ल (carbuncle) कहा जाता है। आइए जाने बालतोड़ कितने प्रकार के होते हैं।
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शरीर के विभिन्न हिस्सों में कई प्रकार के फोड़े विकसित हो सकते हैं। इन फोड़ों को फुंसी (furuncle) के नाम से भी जाना जाता है। इन फुंसीयों के अन्य प्रकार इस तरह हैं :
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सामान्य रूप से बालतोड़ होने का प्रमुख कारण स्टेफिलोकोकस ऑरियस (Staphylococcus aureus) नामक बैक्टीरिया होता है जो कि आमतौर पर त्वचा और नाक के अंदर पाए जाने वाले बैक्टीरिया का एक प्रकार है। यह रोगाणु (Germs) सामान्य त्वचा में उपस्थित हो सकता है और त्वचा में छोट घावों के माध्यम से बालों के रोम तक पहुंच सकता है। जो कि त्वचा में गंभीर स्थिति वाले फोड़ों को जन्म देता है। यदि समय पर इनका इलाज न किया जाए तो ये बहुत ही कष्टदायक हो सकते हैं।
आमतौर पर बालतोड़ आपके शरीर के विभिन्न भाग जो कि विशेष रूप से मांसल्य होते हैं उनमें होने की संभावना ज्यादा होती है जैसे कि आपकी भुजाओं, जाघों, नितंबों, गर्दन जैसे स्थानों पर। बालतोड़ सामान्य रूप से एक उभारी हुई गांठ होती जो कि :
इस प्रकार के फोड़े आमतौर पर एक मटर के आकार (Peas shapes) से शुरु होते हैं और धीरे-धीरे अपना आकार बढ़ा सकते हैं। जो कि कुछ समय के बाद नरम हो जाते और पीले या सफेद मवाद का रिसाव करते हैं। इसके प्रकार के फोड़े एक गोल्फ की गेंद के आकार तक बड़े हो सकते हैं।
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आपके शरीर पर होने वाले फोड़ या बालतोड़ का निदान सरल होता है, क्योंकि इसका परीक्षण करने बाले स्वास्थ्य सलाहकार इसे केवल देखकर ही इसका परिक्षण कर सकते हैं। यदि इससे मवाद (Pus) निकल रहा है तो वे बैक्टीरिया विशेष रूप से एमआरएसए की उपस्थिति के परीक्षण के लिए एक नमूना एकत्र कर सकते हैं।
यदि आप मधुमेह (diabetes), प्रणालीगत संक्रमण या किसी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के साथ बालतोड़ से ग्रसित हैं तो आपका डॉक्टर मूत्र और रक्त के नमूने भी ले सकता है।
इन सभी नमूनों (Samples) का परीक्षण कर वह यह पता लगाने की कोशिश करता है कि क्या एमआरएसए बैक्टीरिया उपस्थित है या नहीं।
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फोड़े का इलाज घर पर ही बड़ी सरलता के साथ किया जा सकता है। जैसे ही आप अपनी त्वचा में कोई फोड़ा (boil) देखें, उसका उपचार शुरु कर दें, क्योंकि प्रारंभिक उपचार बाद की परेशानियों को रोक सकता है। अधिकांश फोड़ों के लिए प्राथमिक उपचार गर्मी का उपयोग होता है, आमतौर पर गर्म पैक का उपयोग करने से प्रभावित क्षेत्र में परिसंचरण (Circulation) को बढ़ाया जा सकता है और संक्रमण बाले स्थान पर सफेद रक्तकोशिकाओं को लाकर शरीर को संक्रमण से लड़ा जा सकता है।
यदि आपका फोड़ा बड़ा है तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। क्योंकि वही इसका अच्छा इलाज कर सकता है। आपके डॉक्टर फोड़े की मवाद निकालने के लिए चीरा और जल निकासी प्रकिया का उपयोग कर सकता है। यदि संक्रमण गंभीर है तो आपका डॉक्टर आपको कुछ एंटीबायोटिक्स लिख सकता है।
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नियमित रूप से शरीर की सफाई जैसे कि स्नान और अपने हाथों को साफ रखने से फोड़े के संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। इस प्रकार के फोड़े के बैक्टीरिया संक्रामक (Infectious) होते हैं इसलिए इनके फैलने के खतरे को कम करने के लिए कुछ विशेष कदम उठाने चाहिए जो कि इस प्रकार हैं:
भविष्य में इस प्रकार के संक्रमण को रोकने में मदद के लिए डॉक्टर से संपर्क किया जाना चाहिए। डॉक्टर इन बैक्टीरिया से बचने के लिए एंटीबायोटिक मलहम और औषधीय साबुन आदि का उपयोग निर्धारित कर सकता है।
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फोड़े एक सामान्य समस्या है जो कि संक्रमण के कारण होती है। लेकिन यदि इनका उपचार समय पर नहीं किया जाता है तो यह गंभीर भी हो सकते हैं। बालतोड़ को ठीक करने के लिए कुछ घरेलू उपाय (home remedies) भी होते हैं जिनका उपयोग कर आप इनसे छुटकारा पा सकते हैं। आइए जाने बालतोड़ के घरेलू उपाय क्या हैं।
चाय पेड़ के तेल का उपयोग कर आप बालतोड़ का इलाज कर सकते हैं। इस तेल में जीवाणुरोधी और एंटीसेप्टिक (antiseptic) गुण होते हैं, जो फोड़े में उपस्थित जीवाणु संक्रमण (bacterial infection) का इलाज करने में मदद करते हैं। टी ट्री आयल को सीधे ही त्वचा में उपयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे त्वचा में जलन हो सकती है। 1 चम्मच नारियल या जैतून तेल के साथ टी ट्री आयल (Tea Tree Oil) की 5 बूंदे मिलाएं। किसी सूती कपड़े या पट्टी में इस तेल को ड़ालें और इसे प्रतिदिन 2 से 3 बार प्रभावित क्षेत्र में लगाए़ं जब तक की फोड़ा पूरी तरह से ठीक न हो जाए।
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एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इन्फ्लामेट्री गुणों के कारण हल्दी (turmeric) फोड़ों का उपचार करने में बेहद उपयोगी होती है। हल्दी के ये गुण फोड़ों को ठीक करने और इनसे जल्दी छुटकारा पाने में मदद करती है। फोड़ों के उपचार के लिए आप हल्दी का सेवन कर सकते हैं, या फिर हल्दी को फोड़े के ऊपर लगा सकते हैं। इसका सेवन करने के लिए आप इसे पानी या दूध को गर्म करने के बाद इसमे 1 चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर सेवन कर सकते हैं। आप अदरक और हल्दी (Ginger and turmeric) का पेस्ट बनाकर फोड़े पर दिन में दो बार लगाएं।
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फोड़े का इलाज करने सहित सेंधा नमक (Epsom Salt) के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। नमक वास्तव में मवाद को सुखाने में मदद करता है जिससे फोड़ा ठीक हो जाता है। फोड़े के उपचार के लिए सेंधा नमक को गर्म पानी (Hot water) में डालें और इसमें सूती कपड़े को डालें। आप इस कपड़े को 20 मिनिट तक प्रभावित क्षेत्र में लगाएं। इस प्रक्रिया को दिन में तीन बार करें जब तक की आपका फोड़ा खत्म नहीं हो जाता है।
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कास्टर आयल में एक यौगिक होता है जिसे रेजिनोलिक एसिड (ricinoleic acid) कहा जाता है, जो कि एक प्राकृतिक लेकिन शक्तिशाली एंटी-इन्फ्लामेट्री होता है। इसमें उपस्थित जीवाणुरोधी गुण इसे फोड़े के लिए प्रभावी उपचार बनाते हैं। फोड़ा होने की स्थिति में इस अंडी के तेल की बूंदों (Castor oil drops) को दिन में कम से कम 3 बार फोड़े के ऊपर लगाएं। यह फोड़े को जल्दी ठीक करने में मदद करता है।
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जब आपका शरीर गर्म होता है तो आपके शरीर में सफेद रक्तकोशिकाओं (White blood cells) का प्रवाह बढ़ जाता है। इसी कारण फोड़ा प्रभावित क्षेत्र में सिकाई करने से वहां सफेद रक्तकोशिकाओं और एंटीबॉडी (Antibody) का प्रवाह बढ़ जाता है जिसके कारण वहां उपस्थित संक्रमण को दूर किया जा सकता है। फोड़ो का उपचार करने का यह सबसे सरल और अच्छा घरेलू उपाय होता है। एक बार में कम से कम 20 मिनिट की सिकाई की जानी चाहिए। जब तक आपका फोड़ा (Abscess) ठीक नहीं हो जाता है तब तक आप इसे दिन में 3 बार दोहराएं।
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त्वचा संक्रमणों (Skin infections) को दूर करने के लिए प्राचीन समय से ही नीम के उत्पादों का उपयोग किया जाता है जिनमे नीम तेल भी शामिल है। नीम तेल में एंटीसेप्टिक, जीवाणुरोधी और एंटीमाइक्रोबायल गुण होते हैं जो त्वचा संक्रमण का इलाज करने में मदद करते हैं। नीम तेल से फोड़े का इलाज करने के लिए इस तेल को फोड़े के ऊपर प्रतिदिन 3 से 4 बार लगाना चाहिए। यह भी ध्यान रखें कि फोड़े पर इसे लगाने से पहले और बाद में अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं।
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