जड़ीबूटी

ब्राह्मी के फायदे और नुकसान – Brahmi ke fayde aur nuksan in Hindi

Brahmi ke fayde aur nuksan in Hindi ब्राम्‍ही आयुर्वेद की महान खोज है जो सबसे अनूठे और महत्‍वपूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य लाभों जैसे संज्ञानामक क्षमता में सुधार, तनाव से छुटकारा पाने, कैंसर को रोकने, यौन संबंध का समय बढ़ाने, शरीर से हानिकारक तत्‍वों को बाहर करने, श्वसन संबंधि समस्‍या का इलाज करने, मानसिक कमजोरी (mental degeneration) के खिलाफ सुरक्षा, प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने और सूजन को कम करने में मदद करती है। इस तरह आप समझ सकते हैं कि ब्राम्‍ही के फायदे हमारे लिए कितने अधिक है ब्राम्‍ही एक संस्‍कृत शब्‍द हौ जो सार्वभौमिक चेतना के साथ साथ रचनात्‍मक क्षमता को संदर्भित करता है।

विषय सूची

1. ब्राह्मी क्‍या है – What is Brahmi in Hindi
2. ब्राह्मी का पौधा – Brahmi ka podha in hindi
3. ब्राम्‍ही के फायदे – Brahmi ke fayde in Hindi

4. ब्राह्मी के नुकसान – Brahmi ke Nuksan in Hindi

ब्रम्‍ही क्‍या है – What is Brahmi in Hindi

इसका वैज्ञानिक नाम बाकोपा मोननिएरी (Bacopa monnieri) है। पुराने समय से दुनिया भर में आयुर्वेदिक और पारंपरिक दवाओं में इस बारहमासी जड़ी बूटी का उपयोग किया जा रहा है। इसको अन्‍य नाम से भी जाना जाता है जैसे कि वाटर हाइसोप (water hyssop) या हर्ब आफ ग्रेस, लेकिन ब्राम्‍ही सबसे आम नाम है। ब्राम्‍ही में पाए जाने वाले कुछ मूल्‍यवान एल्‍कोलाइड और ट्राइटरपेन सैपोनिन होते हैं जो कई अन्‍य कार्बनिक यौगिकों और बंधने वाले घटकों के साथ शरीर पर मजबूत प्रभाव डालते हैं।

यह आमतौर पर एक सलाद के रूप में ताजा ही उपयोग किया जाता है, लेकिन इसे सूखी जड़ी बूटी, पाउडर (dried and powder) या अन्‍य औषधीयों के साथ मिला कर प्रयोग किया जा सकता है। इसका स्‍वाद अपेक्षाकृत हल्‍का है, लेकिन ब्राम्‍ही का उपयोग करने का वास्‍तविक कारण मानव स्‍वास्‍थ्‍य पर पड़ने वाले अच्‍छे प्रभाव के लिए है। इस लेख में आप जानेगें कि ब्राम्‍ही के उन गुणों और लाभों के बारे में बारे में जो इसे हमारे लिए उपयोगी बनाते हैं।

ब्राह्मी का पौधा – Brahmi ka podha in hindi

ब्राह्मी जिसका वैज्ञानिक नाम बाकोपा मोननिएरी (Bacopa monnieri) है भूमि में फैलते हुये बड़ा होता है। ब्राह्मी के पौधे के तने और पत्तियाँ मुलामय, और गूदेदार होती है इसके फूल सफेद होते है। यह पौधा अधिकतर नमी वाले स्‍थानों में पाया जाता है, तथा भारत में यह आसानी से मिल जाता है क्योकि भारत ही इसकी उपज भूमि मानी जाती है। ब्राह्मी का पौधा पूर्ण रूप से औषधीय पौधा होता है। आइये जानते है ब्राह्मी के फायदे, उपयोग और स्वास्थ्य लाभ के बारे में।

ब्राम्‍ही के फायदे – Brahmi ke fayde in Hindi

ब्राह्मी आयुर्वेद में एक बहुत ही उपयोगी जड़ी बूटी है इसके हमारे स्वस्थ के लिए कई लाभ होते है। ब्राम्‍ही के कुछ प्रमुख लाभ निम्न है –

अल्‍जाइमर के उपचार के लिए ब्राम्‍ही के फायदे – Brahmi ke fayde for Alzheimer’s in Hindi

न्‍यूरॉन में एमिलॉयड (amyloid) यौगिक की उपस्थिति मस्तिष्‍क के नुकसान और अल्‍जाइमर रोग को बढ़ाने के लिए जिम्‍मेदार है। ब्राम्‍ही में जैव-रासायनिक बाकोसाइड यौगिक मस्तिष्‍क कोशिकाओं को प्रभावित करता है और मस्तिष्‍क के ऊतक (brain tissue) के पुन: निर्माण में मदद करता है। इस प्रकार अल्‍जाइमर रोग के उपचार के‍ लिए ब्राम्‍ही फायदेमंद होता है।

(और पढ़े – अल्जाइमर डिजीज क्या है…)

ब्राह्मी तेल के फायदे बालों को झड़ने से रोके –  Brahmi Oil for Hair loss in Hindi

आप अपने गिरते बालों को कम करने के लिए ब्राम्‍ही के तेल (Brahmi oil) का उपयोग कर सकते हैं। इस तेल को सिर पर लगाने से यह बालों की जड़ों को मजबूत करता है। इस तेल से सिर की मालिश करने से रूसी, सिर की खुजली (itchiness), और बालों के उलझने को रोकने के लिए फायदेमंद होता है।

(और पढ़े – गंजेपन का घरेलू इलाज…)

ब्राम्‍ही के गुण त्‍वचा को स्‍वस्‍थ्‍य रखने में – Brahmi for fair skin in Hindi

आयुर्वेदिक जड़ी बूटीयों में एंटीऑक्‍सीडेंट (antioxidants) की उपस्थिति शरीर से विषाक्‍त पदार्थों को दूर करने में मदद करती है, खासतौर से त्‍वचा की ऊपरी परत की समस्‍याओं में सुधार करता है और त्‍वचा कोशिकाओं के पुनर्जन्‍म को उत्‍तेजित करता है। यह आंतरिक त्‍वचा के लिए भी अच्‍छा होता है जो पाचन तंत्र में उपस्थित सूक्ष्‍मजीवों (microbes) के कार्यो में मदद करता है। ब्राम्‍ही का उपयोग सोरायसिस (psoriasis), एक्जिमा, फोड़ा के इलाज में किया जाता है।

(और पढ़े – एप्पल साइडर विनेगर करेगा स्किन से जुड़ी परेशानियों को दूर…

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अनिद्रा को दूर करने में ब्राह्मी तेल के फायदे – Brahmi Oil for insomnia in Hindi

आप अपने सिर की मालिश (scalp massage) ब्राम्‍ही तेल से करके नींद विकार को दूर कर सकते हैं, जिससे अवसाद, तनाव और चिंता आदि को ठीक करने में मदद मिलती है। यदि कोई व्‍यक्ति नकारात्‍मक विचारों (negative domains) से पीड़ित है तो ऐसे व्‍यक्ति को ब्राम्‍ही तेल को उपयोग करने की सलाह दी जाती है। ऐसे व्‍यक्ति को प्रतिदिन रात में इस तेल से अपने सिर की मालिश करना चाहिए। यह अति सक्रिय बच्‍चों (hyperactive children) के लिए भी फायदेमंद होता है।

(और पढ़े – अनिद्रा के कारण, लक्षण और उपचार…)

ब्राम्‍ही की चाय का उपयोग करे तनाव को कम – Brahmi tea for stress reduction in Hindi

मस्तिष्‍क में उपस्थित कोर्टिसोल (cortisol) तनाव का प्रमुख कारण माना जाता है। कार्टिसोल हार्मोन (cortisol hormen) के स्‍तर को कम करने के लिए ब्राम्‍ही का उपयोग किया जा सकता है जो तनाव को कम करने और मूड को ठीक करने के रूप में कार्य करता है। ब्राम्‍ही तनावपूर्ण स्थितियों को अपनाने के दौरान अनुकूलन बनाने में सहायता करता है। ब्रम्‍ही और तुलसी के पत्‍तों की चाय लेना मुश्किल समय (rough times) का सामना करना आसान बनाता है। यदि आप भी ऐसी ही किसी परेशानी का शिकार हैं तो ब्रम्‍ही का उपयोग करे यह आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।

(और पढ़े – मानसिक तनाव के कारण, लक्षण एवं बचने के उपाय…)

याददास्‍त बढ़ाने के लिए ब्राह्मी चूर्ण के फायदे – Brahmi churna benefits for memory in Hindi

हमारे याद रखने की क्षमता का सीधा संबंध मस्तिष्‍क की कार्यप्रणाली से होता है। ब्राम्‍ही मस्तिष्‍क के हिप्‍पोकैम्‍पस हिस्‍से (hippocampus part) को प्रभावित करता है जो चतुराई, स्‍मृति और एकाग्रता के लिये जिम्‍मेदार है। ब्राम्‍ही का पाउडर अति सक्रिय बच्‍चों के लिए भी फायदेमंद होता है। ब्राम्‍ही सेरिबैलम के साथ लाभदायक गुण दिखाता है जिससे स्‍मृति और एकाग्रता को बढ़ाने में मदद मिलती है।

(और पढ़े – अपनी सोच को सकारात्मक बनाने के 5 तरीके…)

ब्राह्मी के उपयोग से करें मिर्गी का उपचार – Brahmi for epilepsy treatment in Hindi

बाकोपा (ब्राह्मी का प्रयोग लंबे समय से न्‍यूरोलॉजिकल टानिक और संज्ञानात्‍मक सुधार (cognitive improvement) के रूप किया जा रहा है। वाचा (Vacha) के साथ ब्राम्‍ही का सेवन न्‍यूरोलॉजिकल समस्‍या (मिर्गी) के इलाज में किया जाता है। रसायन बाकोसाइड्स ए और बी मस्ति‍ष्‍क कोशिकाओं के बीच न्‍यूरो-ट्रासमिशन में सुधार करता है और न्‍यूरॉन क्षति की मरम्‍मत करने में भी मदद करते हैं। ब्राम्‍ही के गुण न्‍यूरो-अपघटन (neuro-degeneration) को कम करते है।

(और पढ़े – मिर्गी के कारण, लक्षण, जाँच और इलाज…)

श्वसन समस्‍याओं के लिए ब्राम्‍ही बटी के उपयोग – Brahmi Improves Respiratory Health in Hindi

जब ब्राम्‍ही को चाय के रूप में सेवन किया जाता है या सीधे ही पत्‍तों को चबाया जाता है, तो यह आपके श्वसन स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ा सकता है। इसका उपयोग ब्रोंकाइटिस, congestion, छाती की सर्दी, नाड़ी अवरोध के लिए आयुर्वेदिक उपचार में किया जाता है। ब्राम्‍ही अतिरिक्‍त कफ और श्‍लेष्‍म को साफ कर सकता है और श्वसन तंत्र में सूजन से आपको राहत प्रदान करने के लिए उपयोगी होता है।

(और पढ़े – अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे और करने का तरीका…)

ब्राम्‍ही की पत्तियां प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए – Brahmi Leaves for Boost Immunity in Hindi

ब्राह्मी (Bacopa) की पत्तियों को चाय या अन्‍य प्रकार से सेवन करते हैं तो ब्राम्‍ही आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करती है। पोषक तत्‍व एंटीऑक्‍सीडेंट यौगिकों द्वारा पूरे होते हैं जो रोगजनक वायरस या जीवाणु संक्रमण के खिलाफ हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली (Immunity system) को बढ़ाने के लिए हमारी मदद करते हैं।

(और पढ़े – रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय..)

ब्राह्मी का सेवन कैसे करें शुगर को नियंत्रित – Brahmi for Blood sugar in Hindi

अध्‍ययनों से पता चलता है कि ब्राम्‍ही को रक्‍त शर्करा के स्‍तर में वृद्धि करने में मदद करती है। इसलिए मधुमेह के लक्षणों के आधार पर यह आपके हाइपोग्‍लाइसेमिया को बेहतर बनाने में मदद करता है और आपके सामान्‍य और स्‍वस्‍थ्‍य जीवन (healthy life) जीने में मदद करता है। यदि आपके शरीर में शुगर का स्‍तर कम हो तो आप ब्राम्‍ही का उपयोग कर सकते हैं लेंकिन फिर भी आपको सलाह दी जाती है कि इसका सेवन करने से पहले एक बार अपने डाक्‍टर से जरूर संपर्क करें।

(और पढ़े – शुगर ,मधुमेह लक्षण, कारण, निदान और बचाव के उपाय…)

अच्छे पाचन में ब्राह्मी चूर्ण के फायदे – Brahmi churna benefits for Digestion in Hindi

पीड़ा नाशक और सुखदायक (sedative and soothing herb) जड़ी बूटी के रूप में ब्राम्‍ही को जाना जाता है। इन गुणों के साथ साथ ब्राम्‍ही में एंटी-इंफ्लामैट्री गुण भी होते हैं जो अल्‍सर और पेट की अन्‍य समस्‍याओं से राहत दिलाने में मदद करते हैं। यह आपके पाचन तंत्र (digestive system) के लिए भी लाभकारी होते है। यदि आप पाचन से सं‍बंधित किसी परेशानीयों का सामना कर रहे हैं तो ब्राम्‍ही का उपयोग करें यह आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।

(और पढ़े – अपच या बदहजमी (डिस्पेप्सिया) के कारण, लक्षण, इलाज और उपचार…)

ब्राह्मी के नुकसान – Brahmi ke Nuksan in Hindi

  • गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करते समय महिलाओं को ब्राम्‍ही का इस्‍तेमाल करने से बचना चाहिए।
  • अगर आप एस्‍ट्रोजन से संबंधित किसी भी चिकित्‍सा को ले रहें हैं तो ब्राम्‍ही का उपयोग को टालना चाहिए।
  • यदि आप ब्राम्‍ही पाउडर का उपयोग करते हैं तो इसे एक बार में अधिकतम 2 चम्‍मच से ज्‍यादा नहीं लेना चाहिए।
  • ब्राह्मी मूत्र पथ (urinary tract) में स्राव बढ़ा सकती है। इसका अधिक सेवन करने से मूत्र संबंधी परेशानियों की संभावना बढ़ जाती है।
  • ब्राह्मी पेट और आंतों (stomach and intestines) में स्राव बढ़ा सकती है। जो आपके अल्‍सर को प्रभावित कर सकता है।

(और पढ़े – गुड़मार के फायदे और नुकसान…)

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