ब्रेस्ट कैंसर या स्तन कैंसर सबसे कॉमन कैंसर में से एक है भारतीय औरतों में स्तन कैंसर होने की औसत उम्र घटती जा रही है। 22 में से एक महिला को जीवन में स्तन कैंसर से ग्रस्त होने का जोखिम होता है लेकिन स्तन या ब्रेस्ट कैंसर के क्षेत्र में एक अच्छी बात यह है कि इसके ठीक होने की संभावना ज़्यादा होती है। स्तन कैंसर होने का पता साधारणतः पहले या दूसरे चरण में ही चल जाता है। इसलिए इसका इलाज सही समय पर हो पाता है। लेकिन इसके लिए ज़रूरी है हर किसी को इस बारे में सही जानकरी हो और वे सचेत हो। स्तन कैंसर से बचने का सबसे पहला कदम है जागरूकता। उसके बाद आता है इस रोग से बचने के उपाय। जीवनशैली में बदलाव और सचेतता ही आपको कष्टदायक स्तन कैंसर से बचा सकता है।
क्या है कैंसर – What is cancer in hindi
शरीर के किसी अंग में होने वाली कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि कैंसर का प्रमुख कारण होती है। शरीर की आवश्यकता अनुसार यह कोशिकाएं बंट जाती है, लेकिन जब यह लगातार वृद्धि करती हैं तो कैंसर का रूप ले लेती हैं। इसी प्रकार स्तन कोशिकाओं में होने वाली अनियंत्रित वृद्धि, स्तन कैंसर का मुख्य कारण है। कोशिकाओं में होने वाली लगातार वृद्धि एकत्र होकर गांठ का रूप ले लेती है, जिसे कैंसर ट्यूमर कहते हैं।
स्तन कैंसर के कारण – Causes of Breast Cancer in hindi
- बढ़ती उम्र
- ज़्यादा उम्र में पहले बच्चे का जन्म
- आनुवांशिकता (heredity)
- शराब जैसे पेय पदार्थ का अधिक सेवन
- खराब जीवनशैली
स्तन कैंसर के लक्षण – Symptoms of breast cancer in hindi
यदि आप स्तर कैंसर के प्रति जागरूक हैं, तो इसके लक्षणों को पहचानकर आप इसका इलाज सही समय पर करवा सकते हैं।
1. स्तन या बाँह के नीचे गांठ होना – Lump in the Breast or Armpit in hindi
स्तन या बाँह के आसपास गांठ का होना ब्रैस्ट कैंसर का शुरुआती संकेत हो सकता है। यह गांठ ज्यादातर ठोस होती है और इसमें कोई दर्द नहीं होता। लेकिन कुछ मामलों में इसमें दर्द भी हो सकता है यदि आपको गांठ है तो भयभीत न हों, क्योंकि यह हमेशा कैंसर का कारण नहीं होती। स्तन में गांठ होने के अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे शरीर में हॉर्मोन्स का बदलाव, ब्रैस्ट में इन्फेक्शन होना या टिश्यू का डैमेज होना। इसलिए जब भी आपको ब्रैस्ट या बाँह में गांठ महसूस हो तो डॉक्टर से जाँच कराकर इसके होने का सही कारण पता लगायें। और चिंता मुक्त रहें |
2. स्तन में सूजन होना – Red or Swollen Breasts in hindi
जब भी ब्रैस्ट में गर्माहट महसूस होती है और यह लाल दिखने लगते हैं तो उन्हें लगता है कि यह इन्फेक्शन के कारण है और कुछ दिनों में ठीक हो जायेगा। लेकिन ब्रैस्ट में सूजन,दर्द और रेडनेस होना भी कैंसर का शुरुआती लक्षण हो सकता है। स्तन के अन्दर मौजूद ट्यूमर टिश्यू के ऊपर दबाव डालता है जिससे उनमें सूजन, दर्द और रेडनेस होने लगती है। कुछ मामलों में यह सूजन कांख या पसली के आसपास भी हो सकती है। इसलिए यदि आपको यह लक्षण दिखाई दें तो डॉक्टर से संपर्क जरुर करें
3.स्तन से रस जैसे कुछ पदार्थ का निकलना – Nipple Discharge in Hindi
निप्पल को बिना दबाये या टच करे ही यदि वह डिस्चार्ज हो जाते हैं तो यह भी एक कैंसर का कारण हो सकता है। यदि स्तन से दूध के आलावा कोई और पदार्थ जैसे मवाद, रक्त आदि निकलता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। जब दुग्ध नलिकाओं (milk ducts) में ट्यूमर बनने लगता है तो यह उनमें प्रेशर पैदा करने लगता है जिससे अपने निप्पल डिस्चार्ज होने लगता है।
4. स्तनों या छाती के आसपास दर्द होना – Pain in the Breast or Chest Area in Hindi
यदि आपको ब्रैस्ट या छाती के आसपास दर्द, खुजली या तेज चाकू लगने जैसा अनुभव होता है तो यह अच्छा संकेत नहीं है। ब्रैस्ट में तेज दर्द होना या करंट लगने जैसा अनुभव होना भी ब्रैस्ट कैंसर का शुरुआती लक्षण हो सकता है। चूंकि यह जरूरी नहीं कि स्तनों में दर्द होने पर कैंसर ही हो,क्योंकि किसी अन्य अन्य स्वास्थ समस्या के कारण भी यह समस्या हो सकती है। कई बार शरीर में हार्मोनल परिवर्तन के कारण भी स्तनों में दर्द होने लगता है। इसलिए जब भी आपको दर्द हो तो डॉक्टर से जाँच कराकर उचित ट्रीटमेंट लें।
5. स्तन के आकार में बदलाव – Changes in Breast size in hindi
स्तन के शेप या साइज में किसी भी प्रकार का बदलाव आना भी चिंता का विषय हो सकता है। आपको अपने स्तनों की साइज, विषमता और सरफेस में बदलाव का ध्यान रखना भी जरूरी है। ब्रैस्ट के अन्दर अनियमित टिश्यू ग्रोथ होने के कारण उसके शेप और साइज में बदलाव आता है। चूंकि इन बदलावों को देख कर ही पता लगाया जा सकता है,इसलिए हफ्ते में कम से कम एक बार आइने के आगे अपने स्तनों के शेप,साइज और सरफेस की जाँच किया करें।
6. निप्पल का संवेदनशील होना – Nipples Become Sensitive in hindi
निप्पल दिखावट या संवेदनशीलता में बदलाव आना भी ब्रैस्ट कैंसर का शुरुआती लक्षण हो सकता है। अक्सर ब्रैस्ट कैंसर निप्पल के बिलकुल नीचे मौजूद होता है जिससे निप्पल की दिखावट और संवेदनशीलता में बदलाव आ सकते हैं। इसके आलावा निप्पल टेड़ा, चपटा या दांतेदार भी हो सकता है।
7. स्तनों में खुजली होना – Itching on the Breasts in hindi
स्तनों में बिना किसी कारण खुजली होना भी ब्रैस्ट कैंसर का शुरुआती लक्षण हो सकता है, लेकिन यह बहुत ही दुर्लभ कारण है। यह ज्यादातर इन्फ्लामेट्री ब्रैस्ट कैंसर के केसेस में होता है। ट्यूमर के कारण ऊपर की स्किन लाल, सूजी हुई, दर्दनाक और खुजलीदार हो सकती है।
इस दौरान खुजली काफी ज्यादा होती है और आपको खरोंच-खरोंच कर खुजाने का मन करता है। लेकिन काफी खुजाने के बाद भी और दवा या लोशन लगाने के बाद भी खुजली से आराम नहीं मिलता। दि आपको अपने स्तनों में अत्यधिक होती है जो खुजलाने के बाद या दवा लगाने के बाद भी ठीक नहीं होती तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
8. स्तन को दबाने पर दर्द न होना – No pain on breast pressing in hindi
महिलाओं के स्तन में दर्द के कई कारण होते हैं। कभी कभी पीरियड्स आने के समय हार्मोन्स असंतुलित होने की वजह से भी स्तन में दर्द की शिकायत रहती है। इस दर्द को चक्रीय दर्द कहा जाता है। चक्रीय दर्द, माहवारी आने के एक या दो हफ्ते पहले शुरू होता है और माहवारी के बाद यह दर्द बंद हो जाता है। इसके अलावा गैर चक्रीय कारण भी हैं जो कि स्तन में दर्द का कारण बनता है। लेकिन यदि आपको एसा किसी भी प्रकार का दर्द नहीं हो रहा और खासकर स्तन को दबाने पर तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह जरुर लेनी चाहिए
ब्रेस्ट कैंसर की जाँच व इलाज – Breast cancer screening and treatment in hindi
स्तनों में पड़ने वाली गांठ को मेमोग्राफी के ज़रिए पता किया जा सकता है। इससे ब्रेस्ट कैंसर का भी पता लगाया जा सकता है और मेमोग्राफी कराने में ज्य़ादा पैसे भी नहीं लगते। 30 से 35 साल की महिला को एक बार मेमोग्राफी ज़रूर करानी चाहिए। ब्रेस्ट में गांठ और समय के साथ इसका आकार बढ़ना, ब्रेस्ट का असामान्य तरीके से बढ़ना, बगल में सूजन आना, निप्पल का लाल पड़ना या उनसे खून आना, यदि आपके स्तन में कोई उभार या असामान्य मोटाई लगे तो तुरंत अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें।
यह आवश्यक है कि 30 साल की उम्र से प्रत्येक महिला माहवारी के बाद अपने स्तनों और इसके इर्दगिर्द होने वाले बदलावों की स्वय जाच करे। इसी तरह 40 साल की उम्र से प्रत्येक महिला को साल में एक बार ब्रेस्ट स्पेशलिस्ट से अपनी जाच कराकर उनके परामर्श से स्तनों का एक्सरे कराना चाहिए। इस एक्सरे को मैमोग्राम कहते हैं। मैमोग्राम के जरिये चावल के दाने जितने सूक्ष्म कैंसरग्रस्त भाग का पता लगाया जा सकता है। इस स्थिति में कैंसर के इलाज में पूरे स्तन को निकालने की जरूरत नहीं पड़ती। इस अवस्था में पता चलने वाले स्तन कैंसर के रोगियों का 90 से 95 प्रतिशत तक सफल इलाज हो सकता है। जब स्तन कैंसर का बाद की अवस्था (एडवास्ड स्टेज) में पता चलता है, तो इसके इलाज के लिए पूरे स्तन को ऑपरेशन के जरिये निकालना पड़ता है।
नींबू से समझिए स्तन कैंसर की निशानियां
स्तन में आने वाले बदलावों को लेकर अक्सर महिलाओं के मन में उलझन रहती है.
‘नो योर लेमन्स’ कैंपेन में अंडों रखने वाले डिब्बे में नींबुओं की तस्वीर से महिलाओं को स्तन कैंसर के लक्षणों की समझ बड़ी आसानी से मिल सकती है.
कॉरीन कहती हैं कि कई मरीज़ स्तन के बारे में बात करना या उनकी तरफ़ देखना नहीं चाहते. लेकिन इस तस्वीर से कम पढ़ी-लिखी महिलाएं भी इसकी समझ हासिल कर सकती हैं.
कई लोगों का मानना है कि नींबुओं की तस्वीर एकदम साफ़ और रंगीन है, ये तस्वीर, अक्सर सैकड़ों शब्दों के बीच खो जाने वाली अहम जानकारी को एकदम साफ़-साफ़ सामने रख देती है.
स्तन कैंसर को रोकने के घरेलू उपाय – Home remedies to prevent breast cancer in hindi
- ज़्यादा मात्रा में ध्रूमपान और शराब का सेवन न करें
- खुद भी अपने स्तनों की नियमित जांच करें और कोई बदलाव दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
- शारीरिक रूप से ज़्यादा सक्रिय हो, व्यायाम आदि नियमित रूप से करें
- कम मात्रा में रेड मीट का सेवन करें
- नमक का सेवन कम करें
- सूर्य के तेज किरणों के प्रभाव से बचें
- यदि आप माँ बन चुकी हैं तो कम से कम 8 महीने के लिए अपने बेबी को दूध पिलाती रहें।
- गर्भनिरोधक गोलियों (contraceptive pill) का लगातार सेवन डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही करें
इन बातों का ध्यान रखें और स्तन कैंसर के खतरे को कम करें।
इसके अलावा कुछ अन्य घरेलू उपाय और खाद्य पदार्थ हैं जिन्हें अपनी दिनचर्या में शामिल कर आप स्तर कैंसर के खतरे से बच सकते हैं।
नियमित रूप से काली चाय का सेवन करना स्तन कैंसर से आपकी रक्षा करता है। इसक प्रमुख कारण इसमें पाया जाने वाला एपिगैलो कैटेचिन गैलेट नामक तत्व है, जो ट्यूर की कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि को रोकने में मदद करता है।
- ग्रीन टी सेवन भी स्तन कैंसर से रक्षा करने में सहायक है। इसमें पाए जाने वाले एंटी-इन्फ्लैमेटरी गुण स्तन कैंसर को बढ़ने से रोकने में मदद करते हैं।
- चाय को अत्यधिक गर्म करके पीना भी स्तन कैंसर का कारण हो सकता है, क्योंकि गर्म तापमान कैंसर कोशिकाओं में वृद्धि करते हैं। ऐसे में हल्की गर्म चाय का ही सेवन करें।
- विटामिन डी का सेवन कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि रोकने में सहायक है। इसके लिए दूध व दही का सेवन करना फायदेमंद होता है।
- विटामिन सी भी आपको स्तन कैंसर से बचाता है। यह आपके प्रतिरक्षी तंत्र को मजबूत करके कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है।
- कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि रोकने के लिए गेहूं के जवारे भी बेहद कारगर उपाय है। यह न केवल हानिकारक पदार्थों का बाहर निकालने में सहायक है बल्कि आपके प्रतिरक्षी तंत्र को भी मजबूत करते हैं। इसका जूस पीना फायदेमंद है।
खाद्य पदार्थ हैं जिन्हें अपनी दिनचर्या में शामिल कर आप स्तर कैंसर के खतरे से बच सकते हैं।
- हल्दी मेंcurcumin नामक कंपाउंड होता है जो विभिन्न प्रकारके कैंसर सेल्स जैसे ब्रैस्ट, गैस्ट्रोइंटेस्टिनल, लंग और स्किन कैंसर को रोकता है
- सैल्मन मछली में भरपूर मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स होते हैं जोकैंसर ट्यूमर की ग्रोथ को कम कर देते हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देते हैं।
- टमाटर का नियमित सेवन करने से रजोनिव्रत्ति के बाद की महिलायों में ब्रैस्ट कैंसर होने की सम्भावना काफी कम हो जाती है
- कई शोधों से पता चला है कि लहसुन में मौजूद सल्फर कंपाउंड्स, flavones औरflavonols ब्रैस्ट कैंसर को रोकते हैं। अधिक फायदा लेने के लिए पहले लहसुन को अच्छी तरह से छीलकर काट लें और फिर 15 मिनट के लिए एक जगह रख दें। इसके बाद इन्हें पकाकर सेवन करें।
- अलसी में अत्यधिक मात्रा मेंlignans पाए जाते हैं जो एस्ट्रोजन-डिपेंडेंट कैंसर जैसे ब्रैस्ट को बनने से रोकते हैं। अलसी और अलसी का तेल, ALA नामक एसेंशियल ओमेगा-3 फैटी एसिड्स का गिने चुने हुए स्त्रोतों में से एक है, जो कैंसर सेल्स के विरुद्ध प्रोटेक्टिव शील्ड बनाता है।
- पालक मेंlutein नामक एंटीऑक्सीडेंट होता है जो स्तन, मुंह और पेट के कैंसर से प्रोटेक्ट करता है। इसमेंzeaxanthin और carotenoids भी भरपूर मात्रा में होते हैं जो शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स को बाहर निकलने में मदद करते हैं।
- अमेरिकन रिसर्च से पता चला है कि अनार में urolithin B जैसे नेचुरल कंपाउंड्स पाए जाते हैं जो एस्ट्रोजन को रोकते हैं, जिससे हॉर्मोन के कारण होने वाले ब्रैस्ट कैंसर को रोकने में मदद मिलती है।
- अखरोट में अत्यधिक मात्रा में पोषक पदार्थ पाए जाते हैं जो शरीर की इन्फ्लामेशन से लड़ने में मदद करते हैं और स्तन कैंसर कि ग्रोथ को रोकते हैं।
- ब्रोकोली मेंindole-3-carbinol नामक कैंसर-फाइटिंग कंपाउंड्स पाए जाते हैं एस्ट्रोजन मेटाबोलिज्म को बदलकर ट्यूमर की ग्रोथ को रोकने में मदद करते हैं।
Censar test karana hai.