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ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण, कारण और उपाय – Breast Cancer Symptoms, Causes And Prevention In Hindi

त्वचा कैंसर के बाद महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे अधिक आम कैंसर है। ब्रेस्ट कैंसर पुरुषों और महिलाओं दोनों में हो सकता है, लेकिन यह महिलाओं को अधिक प्रभावित करता है। स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता और सम्पूर्ण ज्ञान स्तन कैंसर के निदान और उपचार में सहायक होता है। स्तन कैंसर का समय पूर्व निदान और उपचार करने के लिए, इस बीमारी को बेहतर तरीके से समझना और व्यक्तिगत दृष्टिकोण को बदलना बेहद जरुरी है। आज के इस लेख में आप ब्रेस्ट कैंसर क्या है, इसके कारण, लक्षण, जांच, इलाज, बचाव और घरेलू उपाय के बारे में जानेगें।

1. ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर) क्या है – What is Breast Cancer in Hindi
2. ब्रेस्ट कैंसर के प्रकार – Breast Cancer Types in Hindi
3. ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण – Breast Cancer symptoms in hindi
4. ब्रेस्ट कैंसर के कारण – Breast Cancer causes in Hindi
5. ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम कारक – Breast Cancer Risk factors in Hindi
6. ब्रेस्ट कैंसर से बचने के उपाय – Breast Cancer Prevention in Hindi

ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर) क्या है – What is Breast Cancer in Hindi

ब्रेस्ट कैंसर पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन इसके अधिकतर केस महिलाओं से सम्बंधित होते हैं। ब्रेस्ट कैंसर, स्तन कोशिकाओं और ऊतकों में अनावश्यक परिवर्तन और वृधि की स्थिति है। स्तन कैंसर की स्थिति में कोई भी व्यक्ति स्तन के आस-पास की त्वचा पर एक या अनेक परिवर्तनों को महसूस कर सकता है। आमतौर पर ब्रेस्ट कैंसर की प्रारंभिक अवस्था में किसी भी प्रकार के लक्षणों को महसूस कर पाना मुश्किल होता है।

स्तन कैंसर पुरुषों की अपेक्षा में महिलाओं में 100 गुना अधिक पाए जाने की संभावना होती है। यदि समय पर निदान नहीं किया गया, तो यह कैंसर ज्यादातर महिलाओं की मौत का भी कारण बन सकता है।

ब्रेस्ट कैंसर के प्रकार – Breast Cancer Types in Hindi

महिलाओं और पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के अनेक प्रकार हो सकते हैं। कुछ प्रमुख प्रकार के ब्रेस्ट कैंसर निम्न है, जैसे:

एंजियोसारकोमा (Angiosarcoma of the breast)

एंजियोसारकोमा, स्तन और हाथों की त्वचा को प्रभावित करने वाला एक दुर्लभ कैंसर है। एंजियोसारकोमा नामक कैंसर रक्त वाहिकाओं और लिम्फ वाहिकाओं (lymph vessels) के अस्तर में उत्पन्न होता है।

डक्टल कार्सिनोमा इन सीटू (Ductal carcinoma in situ (DCIS))

डक्टल कार्सिनोमा इन सीटू (DCIS) नॉन-इनवेसिव ब्रेस्ट कैंसर है। यह कैंसर, ब्रेस्ट में एक दूध वाहिनी (milk duct) के अंदर असामान्य कोशिकाओं की उपस्थिति है।

इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर (Inflammatory breast cancer)

यह तेजी से विकसित होने वाले स्तन कैंसर का एक दुर्लभ रूप है, जिसमें प्रभावित स्तन पर लालिमा, सूजन और कोमलता जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर तब होता है, जब कैंसर कोशिकाएं स्तन को ढकने वाली त्वचा में उपस्थित लसीका वाहिकाओं (lymphatic vessels) को अवरुद्ध कर देती हैं।

इन्वेसिव लोब्यूलर कार्सिनोमा (Invasive lobular carcinoma)

इनवेसिव लोब्युलर कार्सिनोमा स्तन कैंसर का एक प्रकार है, जो स्तन की दूध निर्माण करने वाली ग्रंथियों (lobules) से शुरू होता है और अन्य लिम्फ नोड्स (lymph nodes) में फ़ैल सकता है।

लोब्युलर कार्सिनोमा इन सीटू (Lobular carcinoma in situ (LCIS))

यह एक असामान्य स्थिति है, जिसमें स्तन की दूध ग्रंथियों (lobules) में असामान्य कोशिकाओं का निर्माण होता है। लोब्युलर कार्सिनोमा इन सीटू (LCIS) कैंसर नहीं है, लेकिन यह ब्रेस्ट कैंसर के उच्च जोखिम को इंगित करता है।

स्तन का पेजेट रोग (Paget’s disease of the breast)

स्तन की पेजेट बीमारी (Paget’s disease) एक प्रकार का ब्रेस्ट कैंसर है, जो बाह्य रूप से एक्जिमा (eczema) जैसा दिखाई दे सकता है। यह बीमारी स्तन के निप्पल की त्वचा में परिवर्तन का कारण बनती है।

आवर्तक स्तन कैंसर (Recurrent breast cancer)

आवर्ती स्तन कैंसर (Recurrent breast cancer) वह कैंसर है, जो प्रारंभिक उपचार के बाद वापस उत्पन्न होता है।

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण – Breast Cancer symptoms in Hindi

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण क्या होते है? स्तन कैंसर के संभावित संकेत और लक्षणों में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:

  • ब्रेस्ट में गांठ या सूजन की उपस्थिति, जो अक्सर दर्द रहित होती है या कुछ स्थितियों में दर्द का कारण भी बन सकती है।
  • स्तन के आसपास के ऊतक में कुछ परिवर्तन महसूस होना।
  • एक स्तन के आकृति, आकार या रूप में परिवर्तन दिखाई देना।
  • स्तन के ऊपर की त्वचा में परिवर्तन, जैसे डिंपलिंग (dimpling) ।
  • निप्पल का अंदर की ओर मुड़ना।
  • निप्पल या स्तन की त्वचा पर लालिमा या स्केलिंग (scaling) ।
  • ब्रेस्ट या निप्पल से डिस्चार्ज होना या तरल पदार्थ का निकलना, इत्यादि।

कभी-कभी ब्रेस्ट कैंसर कॉलर बोन (collar bone) या बांह के नीचे लिम्फ नोड्स में भी फैल सकता है। ये सभी लक्षण और संकेत हमेशा कैंसर का कारण नहीं होते हैं, लेकिन यदि किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार से स्तन में परिवर्तन महसूस होता है, तो उसे जल्द से जल्द डॉक्टर या ऑन्कोलॉजिस्ट (oncologist) को दिखाना चाहिए। आइये ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षण को बिस्तर से जानतें हैं –

(और पढ़े – ब्रेस्ट कैंसर का संकेत देते हैं ये लक्षण जानें स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या हैं?)

ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षण त्वचा की बनावट में बदलाव – Early symptoms of Breast Cancer Changes to the skin texture in Hindi

त्वचा में परिवर्तन और सूजन, स्तन कैंसर का एक प्रारंभिक संकेत या लक्षण हो सकता है। पेजेट रोग (Paget’s disease) नामक एक दुर्लभ स्तन कैंसर की स्थिति में त्वचा परिवर्तन से सम्बंधित लक्षण देखने को मिलते हैं। ब्रेस्ट कैंसर की स्थिति में स्तन की त्वचा में निम्न परिवर्तनों को देखा जा सकता है, जैसे:

  • निप्पल (nipple) और एरिला (areola) के चारों ओर पपड़ीदार त्वचा
  • ब्रेस्ट के किसी भी भाग की त्वचा का मोटा होना
  • स्तन की त्वचा का सिकुड़ जाना
  • स्तन में खुजली होना, इत्यादि।

(और पढ़े – महिलाओं में कैंसर के लक्षण…)

ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण निप्पल डिस्चार्ज – symptom of Breast Cancer Nipple discharge in Hindi

स्तन कैंसर से पीड़ित महिला निप्पल से तरल पदार्थ के रिसाव का अनुभव कर सकती है। निप्पल से निकलने वाला तरल पदार्थ पतला या मोटा और स्पष्ट रंग जैसे दूधिया, पीला, हरा या लाल हो सकता है। स्तनपान कराने की स्थिति में निपल्स से एक दूधिया तरल पदार्थ का रिसाव होना सामान्य बात है, लेकिन अन्य स्थितियों में निप्पल से तरल का रिसाव होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। नॉन कैंसर की स्थिति में भी व्यक्तियों में निप्पल डिस्चार्ज हो सकता है। निप्पल डिस्चार्ज के अन्य संभावित कारणों में शामिल हैं:

  • स्तन संक्रमण
  • कुछ दवाओं या जन्म नियंत्रण की गोलियों का साइड इफेक्ट
  • शारीरिक क्रिया में बदलाव
  • कुछ चिकित्सा स्थितियां, जैसे थायराइड रोग, इत्यादि।

(और पढ़े – गर्भावस्था के बिना निप्पल से रिसाव या निर्वहन के कारण, लक्षण और इलाज…)

ब्रेस्ट कैंसर का संकेत है डिम्पलिंग – Breast Cancer symptoms is Dimpling in Hindi

स्किन डिम्पलिंग (Skin dimpling) कभी-कभी इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर (inflammatory breast cancer) की ओर संकेत देता है। इस स्थिति में कैंसर कोशिकाएं स्तन में लिम्फ द्रव (lymph fluid) के निर्माण का कारण बन सकती हैं, जिससे सूजन के साथ-साथ त्वचा पर छोटे गड्ढे (डिंपल) उत्पन्न हो सकते हैं। अतः यदि कोई व्यक्ति स्तन की त्वचा पर स्किन डिम्पलिंग को नोटिस करता है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

(और पढ़े – स्तन (ब्रेस्ट) से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य और मिथक…)

ब्रेस्ट कैंसर का संकेत लिम्फ नोड में परिवर्तन – Breast Cancer Sign Lymph node change in Hindi

लिम्फ नोड्स, छोटे, गोल प्रतिरक्षा प्रणाली संग्रह वाले ऊतक होते हैं, जो द्रव को फ़िल्टर करते हैं और हानिकारक कोशिकाओं जैसे- बैक्टीरिया, वायरस और कैंसर कोशिकाओं आदि को कैप्चर करते हैं।

अतः एक कैंसर कोशिका स्तन के आस-पास के लिम्फ नोड को भी प्रभावित कर सकती है। इससे स्तन के आस-पास के क्षेत्र में सूजन उत्पन्न हो सकती है। अतः कैंसर के स्थिति में लिम्फ नोड्स में परिवर्तन से सूजन, दर्द और गांठ को महसूस किया जा सकता है।

(और पढ़े – स्तन (ब्रेस्ट) में गांठ क्या है कारण, लक्षण, जांच, इलाज और बचाव…)

ब्रेस्ट कैंसर की पहचान स्तन या निप्पल में दर्द – Breast or nipple pain Breast Cancer symptoms in Hindi

स्तन कैंसर की स्थिति में त्वचा की कोशिकाओं में परिवर्तन की स्थिति दर्द, संवेदनशीलता और स्तन में असुविधा की भावना आदि को उत्पन्न करती है। हालांकि कुछ अधिकांश स्थितियों में स्तन कैंसर अक्सर दर्द रहित होता है। अतः महत्वपूर्ण है कि किसी भी व्यक्ति को स्तन कैंसर से सम्बंधित किसी भी प्रकार के संकेत या लक्षण को अनदेखा नहीं करना चाहिए।

(और पढ़े – निप्पल में दर्द के 7 बड़े कारण और घरेलू इलाज…)

ब्रेस्ट कैंसर के कारण निप्पल का पीछे हटना या उलटा होना – Nipple retraction or inversion in breast cancer in Hindi

स्तन कैंसर की स्थिति में निप्पल के पीछे की कोशिका में परिवर्तन होने के परिणामस्वरूप निप्पल पीछे और अन्दर की ओर धंस सकता है। इसके अतिरिक्त निपल्स में परिवर्तन अक्सर ओव्यूलेशन (ovulation) या मासिक धर्म चक्र (menstrual cycle) के दौरान भी हो सकता है। अतः व्यक्तियों को निप्पल में किसी भी प्रकार के परिवर्तन की स्थिति में डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

(और पढ़े – 9 आकार के होते है महिलाओं के स्तन, जानिए स्तनों के आकार के बारे में…)

ब्रेस्ट कैंसर के कारण लालिमा उत्पन्न होना – Redness due to breast cancer in Hindi

स्तन कैंसर त्वचा और स्तन कोशिकाओं में परिवर्तन का कारण बन सकता है, जिससे कैंसर प्रभावित त्वचा के रंग में परिवर्तन भी देखने को मिल सकता है। कैंसर की स्थिति में त्वचा लाल, नीले या बैंगनी रंग की दिखाई दे सकती है। अतः स्तन पर लालिमा या किसी भी प्रकार के परिवर्तन की स्थिति में डॉक्टर को दिखाना सुनिश्चित करें।

(और पढ़े – प्राकृतिक तरीकों से ब्रेस्ट को सही शेप में कैसे लाएं…)

ब्रेस्ट कैंसर का शुरूआती लक्षण है सूजन – Swelling is early symptom of breast cancer in Hindi

स्तन कैंसर पूरे स्तन या स्तन के आस-पास के क्षेत्र में सूजन का कारण बन सकता है। सूजन की स्थिति बिना किसी गांठ के भी उत्पन्न हो सकती है, और एक स्तन, दूसरे स्तन की तुलना में आकार में भिन्न दिखाई दे सकता है। अतः स्तन के सामान्य आकार में बदलाव महसूस होने पर या स्तन में भारीपन महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

नोट – ऊपर बताये गए लक्षण हमेशा ही कैंसर के नहीं होते यदि आपको इनमे से कोई भी लक्षण दिखे तो इसका यह मतलब नहीं है कि आपको ब्रेस्ट कैंसर ही है इसलिए अपने लक्षणों की जांच करने के लिए किसी पेशेवर डॉक्टर से स्तन कैंसर की जांच कराएँ, हो सकता हैं आपको ये लक्षण किसी अन्य स्थति के कारण हो रहें हों।

(और पढ़े – ब्रेस्ट में सूजन के लक्षण, कारण, जांच, इलाज और बचाव…)

ब्रेस्ट कैंसर के कारण – Breast Cancer causes in Hindi

स्तन कैंसर की स्थिति में, कैंसर कोशिकाएं स्वस्थ कोशिकाओं की तुलना में अधिक तेजी से विभाजित होती हैं, और एक गांठ या मांस के जमाव का कारण बनती हैं। ब्रेस्ट कैंसर मुख्य रूप से संवेदनशीलता और दर्द जैसे लक्षणों को उत्पन्न करता है। चूँकि ब्रेस्ट कैंसर के प्रमुख्य कारणों का पता लगा पाना आसान नहीं है। अतः ब्रेस्ट कैंसर के संभावित कारणों में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:

(और पढ़े – क्या आप जानती है गर्भ निरोधक गोली के साइड इफ़ेक्ट…)

ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम कारक – Breast Cancer Risk factors in Hindi

ब्रेस्ट कैंसर के लिए कोई भी एक जोखिम कारक कैंसर के विकास को ट्रिगर कर सकता है।  ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ाने वाले कारको में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:

लिंग

पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को स्तन कैंसर विकसित होने की संभावना अधिक होती है।

बढ़ती उम्र

उम्र बढ़ने के साथ-साथ स्तन कैंसर होने का खतरा भी बढ़ता जाता है। (और पढ़े – 30 साल की उम्र के बाद हर महिला को करवाने चाहिए ये मेडिकल टेस्ट…)

स्तन कैंसर का व्यक्तिगत इतिहास

यदि कोई व्यक्ति स्तन कैंसर से गुजर चुका है, तो उसे ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।

स्तन कैंसर का पारिवारिक इतिहास

स्तन कैंसर का पारिवारिक इतिहास होने पर कम उम्र में ही उस परिवार के अन्य सदस्यों में स्तन कैंसर होने का खतरा अधिक होता है।

इनहेरिटेड जीन (Inherited genes)

स्तन कैंसर के जोखिम को बढ़ाने वाले कुछ जीन म्यूटेशन (gene mutations), माता-पिता से बच्चों में स्थानांतरित किये जा सकते हैं। सबसे प्रसिद्ध जीन म्यूटेशन को BRCA1 और BRCA2 के रूप में जाना जाता है। यह जीन स्तन कैंसर और अन्य कैंसर के जोखिम वृद्धि कर सकते हैं।

रेडिएशन एक्सपोज़र

रेडिएशन एक्सपोज़र एक प्रमुख कैंसर कारक है। यदि किसी बच्चे या युवा वयस्क के सीने का विकिरण उपचार किया गया है, तो इस स्थिति सम्बंधित व्यक्ति को स्तन कैंसर का खतरा अधिक होता है।

मोटापा

मोटे व्यक्तियों में दुबले व्यक्तियों की अपेक्षा ब्रेस्ट कैंसर होने का जोखिम अधिक होता है। (और पढ़े – मोटापे से होने वाले रोग और उनसे बचाव…)

कम उम्र में पीरियड शुरू होना

12 साल की उम्र से पहले पीरियड शुरू होने से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। (और पढ़े – लड़की के पहले मासिक धर्म या पीरियड से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी…)

कम उम्र में रजोनिवृत्ति की शुरुआत

जिन महिलाओं में कम उम्र में रजोनिवृत्ति की शुरूआत होती है, तो उनमें स्तन कैंसर होने का जोखिम अधिक होता है।

अधिक उम्र में पहले बच्चे को जन्म देना

जो महिलाएं 30 साल की उम्र के बाद अपने पहले बच्चे को जन्म देती हैं, उनमें स्तन कैंसर होने की संभावना अधिक हो सकतीहै।

गर्भवती न होना

अधिक गर्भधारण करने वाली महिलाओं की तुलना में, गर्भवती न होने वाली महिलाओं  में स्तन कैंसर का खतरा अधिक होता है।

रजोनिवृत्ति उपरांत हार्मोन थेरेपी (Postmenopausal hormone therapy)

जो महिलाएं रजोनिवृत्ति के लक्षणों के इलाज के लिए हार्मोन थेरेपी से सम्बंधित दवओं का सेवन करती हैं, उनको ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

शराब

शराब का अत्यधिक मात्रा में सेवन स्तन कैंसर के जोखिम में डाल सकता है।

(और पढ़े – शराब पीना कैंसर का कारण बन सकता है…)

ब्रेस्ट कैंसर से बचने के उपाय – Breast Cancer Prevention in Hindi

स्तन कैंसर की रोकथाम के लिए दैनिक जीवन में परिवर्तन करने और अच्छी आदतें अपनाने की सलाह दी जाती है। एक स्वास्थ्य देखभाल ब्रेस्ट कैंसर से बचने और इसके जोखिम को कम करने का एक उचित तरीका हो सकता है। ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए निम्न उपाय अपनाए जा सकते हैं, जैसे:

ब्रेस्ट सेल्फ एग्जाम (Breast self-exam)

स्तन कैंसर के जोखिम को कम करने और इसका प्रारंभिक निदान करने के लिए स्तनों का नियमित रूप से आत्म-परीक्षण करना आवश्यक होता है। ब्रैस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन के दौरान स्तनों में कोई भी नया परिवर्तन, गांठ या अन्य असामान्यताओं का पता लगाया जाता है। इसके अतिरिक्त स्तनों की नियमित जाँच के लिए डॉक्टर की सहायता ली जा सकती है। (और पढ़े – महिलाएं अपने स्तन की जांच कैसे करें…)

नशा न करें

शराब का सेवन कम मात्रा में करने से स्तन कैंसर के जोखिम को कम करने में सहायता मिलती है। शराब का अत्यधिक सेवन, धुम्रपान और अन्य नशीली दवाओं के सेवन से ब्रेस्ट कैंसर का ख़तरा बढ़ जाता है। अतः जो व्यक्ति स्तन कैंसर के लक्षणों को महसूस कर रहे है, उन्हें नशे का पूरी तरह से त्याग कर देना चाहिए। (और पढ़े – अपनी शराब पीने की जिम्मेदारी कैसे समझे…)

व्यायाम करें

ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को कम करने एवं इससे बचने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट के लिए व्यायाम करने का लक्ष्य रखना चाहिए। उचित व्यायाम अपनाने के लिए डॉक्टर से सलाह ली जा सकती है।

(और पढ़े – व्यायाम (एक्सरसाइज) के प्रकार, महत्व, करने का तरीका, लाभ और हानि…)

रजोनिवृत्ति हार्मोन थेरेपी को सीमित करें (Limit postmenopausal hormone therapy)

कॉम्बिनेशन हार्मोन थेरेपी का लम्बे समय तक उपयोग करने से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। अतः हार्मोन थेरेपी के लाभों और संभावित जोखिमों के बारे में डॉक्टर से चर्चा करनी चाहिए। ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम से बचने के लिए, कम से कम समय के लिए हार्मोन थेरेपी की सबसे कम खुराक का उपयोग करना लाभदायक हो सकता है, इसके लिए डॉक्टर से जरुर सलाह लें। (और पढ़े – हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी क्या है, क्यों की जाती है, फायदे और नुकसान…)

स्वस्थ वजन बनाए रखें

आपका स्वस्थ वजन अनेक रोगों से बचने का एक सुरक्षित उपाय है। अधिक वजन ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है। अतः व्यक्ति को वजन कम करने और कैंसर से बचने के लिए उचित प्रयास करने चाहिए। स्वस्थ वजन बनाये रखने के लिए प्रतिदिन के भोजन में कैलोरी को कम करने और धीरे-धीरे व्यायाम में वृद्धि करने की सलाह दी जाती है। (और पढ़े – वजन घटाने के लिए रोज कितनी कैलोरी की जरूरत होती है…)

स्वस्थ आहार चुनें

जो महिलाएं अतिशुद्ध जैतून के तेल (olive oil) और मिश्रित नट्स के साथ मेडिटेरेनियन डाइट (Mediterranean diet) का सेवन करती हैं, उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बहुत कम हो जाता है। मेडिटेरेनियन डाइट में ज्यादातर पौधों पर आधारित खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाता है, जैसे- फल और सब्जियां, साबुत अनाज, फलियां और नट्स। स्तन कैंसर की स्थिति में लाल मांस के बजाय स्वस्थ वसा, जैसे कि जैतून का तेल, मक्खन और मछली का चयन करना लाभदायक हो सकता है। (और पढ़े – खाएं ये चीजें, नहीं होगा ब्रेस्ट कैंसर…)

निवारक दवाएं (Preventive medications or chemoprevention)

एस्ट्रोजन-अवरोधक दवाएं, जैसे- सेलेक्टिव एस्ट्रोजन रिसेप्टर मॉड्यूलेटर और एरोमाटेज़ इनहिबिटर (aromatase inhibitors), बीमारी के उच्च जोखिम वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को कम करने में लाभदायक हो सकती हैं। चूँकि ये दवाएं कुछ साइड इफेक्ट उत्पन्न कर सकती हैं, इसलिए डॉक्टर द्वारा इन दवाओं की सिफारिश केवल उन महिलाओं के लिए की जाती है, जिन्हें स्तन कैंसर का उच्च जोखिम होता है। अतः दवाओं का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।

(और पढ़े – कीमोथेरेपी क्या है फायदे और नुकसान…)

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Pratistha

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