Gharelu Nuskhe, Upay for Increase Breast Milk in Hindi आज हम आपको ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के उपाय बताने जा रहे है वर्तमान समय में स्तनपान कराने वाली माताओं के पास खाने के बारे में बहुत से प्रश्न होते है कि उन्हें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए जिससे कि उनके दूध के उत्पादन में वृद्धि हो सके। वैसे तो बहुत सारे खाद्य पदार्थ, फल और सब्जियां है जो स्तनपान के समय आपकी मदद कर सकते हैं। आपको अपने और अपने बच्चे के स्वस्थ विकास के लिए आवश्यक सभी प्रकार के पोषक तत्वों, विटामिन और खनिजों का जितना संभव हो उतना उपभोग करना चाहिए।
आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि शराब, तम्बाकू और धूम्रपान (tobacco and smoking) से हर कीमत में दूर रहना है। यह न केवल मां के दूध को नशीला बना सकता है बल्कि दूध का स्वाद भी खराब कर सकता है जिसके कारण बच्चा दूध पीना कम कर सकता है या पूरी तरह से दूध पीना बंद भी कर सकता है। हालांकि स्तनपान कराने वाली मां (Lactating mother) के द्वारा खाए जाने वाले किसी भी खाद्य पदार्थ या सब्जियों पर कोई प्रतिबंध नहीं हैं लेकिन कुछ पदार्थ हैं जो विशेष रूप से दूध उत्पादन में वृद्धि करने में मदद कर सकते हैं। इस तरह के खाद्य पदार्थ गैलेक्टगॉग (galactagogue) के रूप में जाने जाते है।
विषय सूची
ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने वाले फूड – foods to increase breast milk in Hindi
कैसे पता करें कि आप पर्याप्त स्तनपान करा रहीं हैं – Enough breast milk in Hindi
स्तन में दूध की आपूर्ति कैसे बढ़ाएं – How to increase breast Milk Supply in Hindi
दूध पिलाने वाली महिलाओं में दूध उत्पादन (milk production)की क्षमता में कमी आम समस्या है जो कि कभी कभी गंभीर समस्या बन सकती है जो कि उनके बच्चों के पोषित आहार के लिए बहुत नुकसानदायक हो सकता है। इस लेख में आप जानेगें कि किन किन खाद्य पदार्थों का सेवन कर महिलाएं ब्रेस्टमिल्क के उत्पादन (breast feeding) को बढ़ा सकती हैं।
जई का दलिया (Oatmeal) आयरन का बहुत अच्छा और समृद्ध स्रोत है जो गर्भावस्था के बाद एनीमिया से ग्रसित महिलाओं के लिए बहुत आवश्यक है। अध्ययनों से पता चलता है कि एनीमिया के कारण दूध का कम उत्पादन हो सकता है। आयरन का एक अच्छा स्रोत वाला दलिया रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या बढ़ाने में मदद करता है जो बदले में स्तन दूध के उत्पादन में वृद्धि करता है। ओटमील एक आरामदायक भोजन भी है जो बनाने में बहुत आसान होता है।
(और पढ़े – दलिया खाने के फायदे स्वास्थ्य लाभ और नुकसान)
लहसुन को सबसे अच्छा भोज्य मसाला (food Spice) माना जाता है जो माताओं में दूध उत्पादन में वृद्धि करने में योगदान देता है। इसके अतिरिक्त यह आपके दैनिक भोजन के स्वाद को बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है। हम सभी लहसुन के अन्य स्वास्थ्य लाभों को जानते हैं। यह बच्चों के पेट दर्द को ठीक करने में मदद करता है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए लहसुन (garlic) सबसे उपयुक्त घरेलू उपचार है।
(और पढ़े – लहसुन के चमत्कारी स्वास्थ्यवर्धक गुणों के बारे में)
कच्चा या बिना पका पपीता गैलेक्टगॉग (galactagogue) के रूप में दुनिया भर में मशहूर है। हरे पपीता का सेवन करने से ऑक्सीटॉसिन के उत्पादन में वृद्धि में मदद करता है जो बदले में दूध के उत्पादन में वृद्धि करता है। आप हरे पपीता (green papaya) को उबालकर सेवन कर सकती हैं या इन्हें कच्चे भी खा सकती हैं। थाई रेस्तरां हरे पपीता का बहुत उपयोग करते हैं, आप कुछ थाई व्यंजनों को भी आजमा सकती हैं।
(और पढ़े – पपीता खाना क्यों है सेहत के लिए लाभकारी)
मां के दूध उत्पादन में वृद्धि के लिए गाजर का उपयोग किया जा सकता है। इसमें विटामिन ए बहुत अच्छी मात्रा में होता है जो आपके बच्चे के विकास के लिए बहुत अच्छा होता है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गाजर (Carrots) का उचित मात्रा में सेवन करना चाहिए। (और पढ़े – गाजर खाने के फायदे और स्वास्थ्य लाभ और नुकसान)
पालक लौह तत्व (Iron elements) का एक बड़ा स्रोत होता है। हालांकि इसका सेवन करने से पहले इसे उबाला जाना चाहिए ताकि किसी भी खाद्य-बीमारी से बचा जा सके। इसमें अन्य पोषक तत्व (Nutrients) भी होते हैं जो मां के दूध उत्पादन की प्रक्रिया में सहायता करते हैं। (और पढ़े – पालक खाने के फायदे और नुकसान)
सैल्मन मछली न केवल स्तनपान को बढ़ावा देती है बल्कि डीएचए और ओमेगा-3 (DHA and Omega-3) को उपलब्ध करा कर मां के दूध को और अधिक पौष्टिक बनाता है। सैल्मन मछली से प्राप्त होने वाले पोषक तत्व (Nutrients) मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होते हैं। माताओं के दूध उत्पादन बढ़ाने और अन्य स्वास्थ्य लाभ को ध्यान में रखते हुए इन्हें अपने दैनिक आहार में शामिल करना फायदेमंद होता है।
(और पढ़े – टूना मछली के फायदे और नुकसान)
लौंकी जिसे हम एक सामान्य सब्जी के रूप में जानते हैं, यह नवजात शिशु की मां के शरीर मे पानी के स्तर को बनाए रखने और हाइड्रेटेड (hydrated) रखने में मदद करती है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं (Lactating women) के लिए पानी बहुत आवश्यक होता है, पानी की कमी भी दूध के उत्पादन को प्रभावित कर सकती है।
(और पढ़े – लौकी खाने और लौकी का जूस पीने के बेहतरीन फायदे)
मेथी एक जड़ी बूटी (Herb) है जिसे दूध उत्पादन में वृद्धि के लिए जाना जाता है। दूध प्रवाह में वृद्धि लाने के लिए मेथी को चाय में उबालकर उपयोग किया जा सकता है। ये कैप्सूल के रूप में उपलब्ध होते हैं जिनका सेवन कर माताएं अपने दूध उत्पादन की क्षमता को बढ़ा सकती हैं।
(और पढ़े – मेथी के फायदे और नुकसान)
नट्स फल त्वरित ऊर्जा बूस्टर और प्रोटीन का अच्छा स्रोत होते हैं। यदि आप कैल्शियम के गैर डेयरी उत्पाद की तलाश में हैं तो बादाम का सेवन करें। बादाम में विटामिन ई और ओमेगा-3 अच्छी मात्रा में होते हैं। ओमेगा -3 लैक्टेशन हार्मोन को बढ़ावा देने में मदद करता है। स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए अपने दैनिक आहार में बादाम और अन्य नट्स का सेवन स्तन दूध उत्पादन में वृद्धि करने में मदद करता है। आप इसके लिए मूंगफली
का भी उपयोग कर सकते हैं।माताओं के लिए बादाम का उपयोग
सफल और उचित स्तनपान कराने के बुनियादी नियमों में से एक है अपने आप को हाइड्रेट (hydrate) करना। आपको पानी की एक बोतल हमेशा अपने आस-पास रखनी चाहिए ताकि आपको पानी की जरूरत होने पर तुरंत प्राप्त किया जा सके। आपको अपने दैनिक आहार में कम से कम 2-3 गिलास जूस जरूर पीना चाहिए यह आपको त्वरित ऊर्जा दिलाने में मदद करता है।
(और पढ़े – व्हीटग्रास जूस (गेंहू के जवारे ) के फायदे और नुकसान)
पवित्र तुलसी के पत्ते थियामीन, लौह, नियासिन, विटामिन K और कैरोटीन का अच्छा स्रोत हैं। आयुर्वेद के अनुसार इसका उपयोग स्तनपान कराने वाली माताओं को दूध के उत्पादन में वृद्धि करने में मदद करने के लिए किया जाता है। तुलसी की पत्तियों में एंटीऑक्सीडेंट (antioxidant) गुण अच्छी मात्रा में होते हैं। तुलसी पत्तियों का सेवन मां और बच्चे की प्रतिरक्षा को बढ़ावा देता है और नवजात शिशु को कई बीमारियों से दूर रखता है। तुलसी पत्तियों उपभोग इस प्रकार किया जा सकता है।
हल्दी चिकित्सा गुणों वाला एक औषधीय मसाला के रूप में जाना जाता है। इस जड़ी बूटियों का व्यापक रूप से उपयोग खाना पकाने के लिए किया जाता है। हल्दी में एंटी-इंफ्लामैट्री (anti-inflammatory), एंटीवायरल, जीवाणुरोधी, एंटीऑक्सीडेंट जैसे गुण होते हैं जो बहुत सी बीमारीयों को रोकने में हमारी मदद करते हैं। हल्दी स्तनपान कराने वाली महिलाओं में दूध के उत्पादन में वृद्धि करने में मदद करती है और स्तन संक्रमण से भी बचाती है। आपको इस जड़ी बूटी को कम मात्रा में उपभोग करना चाहिए।
स्तनपान (Brest feeding) कराने वाली महिलाओं के लिए एक गिलास दूध मे ½ छोटा चम्मच हल्दी मिलाएं और इसका सेवन करें।
(और पढ़े – हल्दी के फायदे गुण लाभ और नुकसान)
शतावारी एक लोकप्रिय गैलेक्टैगॉग (galactagogue) है जो स्तन दूध की मात्रा के साथ-साथ दूध की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए भी प्रयोग की जाती है। यह शक्तिशाली जड़ी बूटियों मे से एक है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं द्वारा इसका सेवन मध्यम रूप में करना चाहिए। यह जड़ी बूटी स्तनपान कराने वाले हार्मोन को उत्तेजित करती है, जो उत्तम स्तनपान के लिए आवश्यक है। भारत मे अधिकांश शिशु रोग विशेषज्ञों द्वारा शतावरी (Asparagus) का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
(और पढ़े – शतावरी के चमत्कारी फायदे जो है अमृत समान)
अदरक एक उपयोगी जड़ी बूटी (useful herb ) है, जो आमतौ पर खाना पकाने और स्वाद बढ़ाने के लिए उपयोग की जाती है। इसमें बहुत सारे औषधीय गुण होते हैं जो बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं जैसे अपच, गले मे खराश, खांसी, ठंड, मांसपेशियों में दर्द उच्च रक्तचाप, ऐंठन, कब्ज, उल्टी, बुखार, संक्रामक रोग आदि के इलाज के लिए किया जाता है। अदरक स्तनपान कराने वाली माताओं में दूध उत्पादन (milk production) की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।
(और पढ़े – अदरक के फायदे, औषधीय गुण, उपयोग और नुकसान)
यह प्रोबायोटिक्स (probiotics) का एक बड़ा स्रोत है। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, फास्फोरस और विटामिन बी-12 की अच्छी मात्रा उपलब्ध होती है। स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए यह शरीर में प्रोटीन और कैल्शियम को बनाए रखने में मदद करता है। आहार में नियमित रूप से दही को शामिल करने से यह यह प्रतिरक्षा तंत्र को बढ़ावा देने के साथ ही स्वस्थ्य पाचन तंत्र (Digestive system) को बढ़ावा देने में मदद करता है। स्तनपान कराने वाली माताओं को रोजाना दही खाना चाहिए यह आपके और आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है।
स्तनपान कराने वाली माताओं को सफेद चावल की बजाय ब्राउन चावल का सेवन करना चाहिए। इनमें फाइबर की मात्रा सबसे अधिक होती है। ब्राउन चावल स्तनपान वाले हार्मोन को उत्तेजित करने में मदद करते हैं। यह आपके शरीर में चीनी (sugar level) की उचित मात्रा बनाए रखने में मदद करता है। यह आपकी भूख को बढ़ाने में भी मदद करता है।
कद्दू के बीजों में प्रोटीन और फाइबर अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। आहार फाइबर पाचन तंत्र में सुधार करने में मदद करता है। कद्दू के बीजों में ओमेगा-3 फैटी एसिड भी होता है जो बच्चों के मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के विकास के लिए महात्वपूर्ण हैं। यह डीएचए और अल्फा-लिनोलेनिक एसिड के प्राकृतिक स्रोत भी हैं जो स्तनपान कराने वाली माताओं में दूध उत्पादन (milk production) में सहायता करते हैं।
(और पढ़े – कद्दू के बीज के फायदे और नुकसान)
जब आप अपने बच्चे को स्तनपान करना शुरू करते हैं तो अपने दूध की आपूर्ति के बारे में चिंता करना सामान्य है। आप अकेले नहीं हैं बल्कि कई माताएं इस बात को लेकर चिंतित (worry) रहती हैं कि वे पर्याप्त दूध उत्पादित कर रहीं है या नहीं और क्या उनके बच्चों की बढ़ती जरूरतों को पूरा कर पा रही हैं या नहीं।
महिलाओं में दूध की आपूर्ति को बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि वे अपने बच्चे को अपने स्तन से सीधे ही दूध पिलाएं। यह आपके शरीर में दूध उत्पादन को बढ़ावा देता है क्योंकि आपका बच्चा स्तनपान दौरान नसों को उत्तेजित (stimulations) करता है जिससे अधिक दूध पैदा करने में मदद मिलती है। अगर आपको लगता है कि ऐसा करने से आपके दूध उत्पादन में किसी प्रकार की वृद्धि नहीं हो रही है तो ऊपर बताए गए खाद्य पदार्थों का उपयोग करें। इन खाद्य पदार्थों को दूध उत्तेजक या गैलेक्टैगॉग (galactagogues) कहा जाता है।
(और पढ़े – नवजात बच्चों को इंफेक्शन से बचाता है मां का दूध)
जन्म के तुरंत बाद ही अपने बच्चे को स्तनपान कराना चाहिए यदि कोई चिकित्सकीय परेशानी ना हो, यह तरीका आपके बच्चे को दूध पिलाने के साथ साथ आपके शरीर को ठीक करने में मदद करता है और आपके स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में भी मदद करता है।
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…