Stop Breastfeeding a baby in Hindi: हर महिला मां बनने के बाद बच्चे को स्तनपान यानि ब्रेस्टफीडिंग कराना शुरू कर देती है। लेकिन हर माँ के मन में ये सवाल होता है, कि बच्चे को कब तक ब्रेस्टफीड कराएं। दरअसल, नयी माँ को कोई नहीं बताता कि बच्चे को स्तनपान कराना कब बंद करना है या स्तनपान कब तक कराना है। क्योंकि ये हर महिला की स्थिति पर निर्भर करता है। लेकिन आपकी मदद के लिए हम यहां आपको स्तनपान रोकने से जुड़ी सभी जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं। जिसमे आप जान पायेंगीं की स्तनपान कराना कब और कैसे बंद करना चाहिए।
बच्चे और मां के स्वास्थ्य के लिए ब्रेस्टफीडिंग बहुत जरूरी है। स्तन का दूध आपके शिशु के लिए सबसे जरूरी स्त्रोतों में से एक है। लेकिन जब आपका बच्चा छह महीने का हो जाता है, तो स्तन का दूध आपके बच्चे के पोषण की आपूर्ति करने के लिए काफी नहीं होता। पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा के लिए उसे अब अन्य चीजों को देने की जरूरत होती है। लेकिन कुछ स्थितियों में महिलाएं समझ नहीं पातीं, कि शिशु को ब्रेस्टफीड कब तक कराना है। ये उलझन उनके मन में बनी रहती है, यही वजह है कि कई बार तो मां बच्चे को दो से तीन साल तक दूध पिलाती रहती है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे, कि किस उम्र तक बच्चों को मां का दूध पिलाना सही है या कितने महीने तक मां बच्चे को ब्रेस्टफीड करा सकती है।
विषय सूची
1. स्तनपान क्यों महत्वपूर्ण है – Why is Breastfeeding important in Hindi
2. ब्रेस्टफीडिंग रोकने के कारण – What causes women to stop Breastfeeding in Hindi
3. ब्रेस्टफीडिंग रोकने से होने वाली समस्याएं – Problems by stopping breast feeding in Hindi
4. स्तनपान रोकने का सही समय कौन सा है – When is the right time to stop breastfeeding in Hindi
5. बच्चे को स्तनपान कराने से रोकने के तरीके – How to Stop Breastfeeding a Baby in Hindi
6. रात में स्तनपान कैसे रोकें – How to stop breastfeeding at night in Hindi
7. क्या करें, जब बच्चा स्तन के दूध की मांग करे – What if your baby still demands breast milk in Hindi
8. स्तनपान रोकने के दौरान याद रखने वाली बातें – Things to remember while stopping breastfeeding in Hindi
9. ब्रेस्टफीडिंग रोकने से जुड़े लोगों के सवाल और जवाब – Questions and answers related with stopping breastfeeding in Hindi
स्तन का दूध आपके बच्चे को स्वस्थ रखने में मदद करता है। वहीं यह आपके लिए भी बहुत फायदेमंद है। यह उचित अनुपात में बच्चे में सभी आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है। वहीं एक मां को एलर्जी, बीमारी और मोटापे से भी बचाता है। आपको बता दें की ब्रेस्टफीड कराने से महिलाओं को टाइप 2 डायबिटीज और ब्रेस्ट कैंसर जैसे रोगों का खतरा कम होता है। इसके साथ ही यह मां और बच्चे के बीच के बंधन को मजबूत बनाता है।
(और पढ़े – नवजात बच्चों को इंफेक्शन से बचाता है मां का दूध…)
स्तनपान या ब्रेस्टफीडिंग आपके बच्चे के लिए एक वरदान की तरह है। लेकिन कुछ कारणों से महिलाओं को इसे बंद कराना पड़ता है, जिनके बारे में आप यहां जान सकते हैं।
यदि एक मां अपने बच्चे के लिए पर्याप्त दूध का उत्पादन नहीं कर पा रही है, तो उसे जल्दी स्तनपान कराना छोड़ना पड़ता है। अनुचित लैचिंग की स्थिति भी अपर्याप्त दूध की आपूर्ति का कारण बन सकती है। इसलिए, आपको अपने बच्चे की लैचिंग स्थिति पर ध्यान देना चाहिए। (और पढ़े – ब्रेस्ट मिल्क (मां का दूध) बढ़ाने के लिए क्या खाएं…)
स्तनपान के प्रति बच्चे का असंतुष्ट होना भी स्तनपान छुड़ाने का मुख्य कारण है। कभी-कभी मां दूध का उत्पादन तो ठीक करती है, लेकिन बच्चे की दूध की मांग को पूरा नहीं कर पाती, जिससे बच्चे का पेट नहीं भर पाता। इससे वह असंतुष्ट और चिड़चिड़ा हो जाता है। (और पढ़े – बच्चे को स्तनपान कराने से होते हैं ये बड़े फायदे…)
कई बार बच्चे कुछ ही समय तक मां का दूध पीते हैं, जो जल्दी स्तनपान छुड़ाने का एक कारण है। कुछ बच्चों को ठोस पदार्थ या फॉमूर्ला मिल्क का स्वाद इतना पसंद आता है, कि उन्हें मां के दूध में कोई दिलचस्पी नहीं होती और वे स्तन का दूध नहीं लेते।
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बच्चे की पौष्टिक आवश्यकताओं में वृद्धि होने के कारण भी मां को मजबूरन स्तनपान रोकना पड़ता है। दरअसल, जैसे-जैसे बच्चा बढ़ता है, स्तन का दूध उसकी बढ़ी हुई पोषण संबंधी मांगों को पूरा नहीं कर सकता। जिसके लिए उसे ठोस आहार देने की जरूरत पड़ने लगती है। इसलिए, मां बच्चे का स्तनपान रोकना ही बेहतर समझती है। (और पढ़े – आपके बढ़ते बच्चे के लिए जरूरी हैं ये पोषक तत्व…)
स्वास्थ्य ठीक न होने की वजह से भी मां बच्चे को स्तनपान कराने में सक्षम नहीं होती। कभी-कभी कुछ दवाओं के कारण भी मां को बच्चे को स्तनपान कराने से रोकना पड़ सकता है।
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कामकाजी महिलाओं को मैटरनिटी लीव खत्म होने के बाद फिर से काम पर लौटना होता है। इससे उनके फीडिंग कराने की आवृति कम हो सकती है या वे पूरी तरह से बच्चे को ब्रेस्टफीड कराना बंद कर सकती हैं।
कभी-कभी बच्चे को स्तनों का दूध पीने से ज्यादा स्तनों को काटने में दिलचस्पी होती है। खासकर, तब जब आपका बच्चा निपल्स को एक खिलौना समझने लगे। इससे महिला को स्तन पर कट्स या चोट लग सकती है, जिससे दर्द हो सकता है और कई बार संक्रमण भी पैदा हो जाता है। इसके बाद मां को बच्चे को स्तनपान कराना बंद करना ही पड़ता है।
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एक मां के लिए बच्चे को स्तनपान कराना बहुत जरूरी होता है। इससे दोनों के बीच मजबूत रिश्ता कायम होता है। इसके अलावा स्तन का दूध बच्चे को जरूरी पोषण भी प्रदान करता है। इसलिए, इससे पहले कि आप ब्रेस्टफीडिंग करना बंद करें, आपको पता होना चाहिए कि स्तनपान रोकने की सही उम्र क्या है।
डॉक्टर्स के अनुसार छह महीने की उम्र तक जब तक आप बच्चे को ठोस आहार देना शुरू नहीं करते, तब तक स्तन का दूध उनके पोषण का मुख्य स्त्रोत है। हालांकि, ठोस आहार देने के साथ भी कुछ समय तक आपको बच्चे को ब्रेस्टफीड कराना चाहिए, क्योंकि अभी भी इससे आपके बच्चे को पोषण मिलता है।
जब आपका बच्चा एक साल तक हो जाता है, तो आप वीनिंग यानि शिशु को माँ के दूध के साथ अन्य आहार देना शुरू कर देतीं हैं तब स्तनपान रोकने पर विचार कर सकती हैं। लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होना चाहिए। बच्चे का दूध छुड़ाना पूरी तरह इस बात पर निर्भर करता है, कि आप और आपका शिशु इसके लिए कितने तैयार हैं।
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अपने बच्चे को स्तनपान कराने से रोकने के लिए कुछ तरीके बड़े काम आते हैं। जिनका उपयोग आप आसानी से कर सकते हैं।
यदि आप अपने बच्चे को वीन कराना चाहती है, तो बच्चे की भूख को कम करने के लिए वैकल्पिक तरीके तलाशने होंगे। फॉमूर्ला दूध बच्चे की दूसरी पसंद होती है, जो स्वाद में स्तन के दूध जैसा ही लगता है। फॉमूर्ला दूध स्तन के दूध की तुलना में हैवी होता है और इस तरह यह आपके बच्चे का पेट काफी देर तक भरा हुआ महसूस करा सकता है।
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कभी-कभी शिशु भूख के कारण स्तन को चूस नहीं पाता, लेकिन वह बस आपके करीब रहना चाहता है। इसलिए वह स्तनों को मुंह से लगाए रखता है। इस स्थिति से बचने के लिए उसे किसी एक्टिविटी में इन्वॉल्व करें। इससे बच्चे का ध्यान स्तन से हटकर कहीं और लग जाएगा और आपको भी आराम मिलेगा।
आपका बच्चा छह महीने की उम्र तक ठोस आहार के लिए तैयार हो जाता है। यह बच्चे द्वारा स्तन का दूध छुड़ाने में आपकी बहुत मदद करेगा।
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रात में बच्चे को सुलाने के दौरान एक मां को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ज्यादातर मामलों में महिला का शरीर सुबह और रात को दूध का अच्छा उत्पादन करने में सक्षम होता है। इसलिए आप दिन के दौरान बच्चे को उच्च कैलोरी आहार दे सकती हैं, ताकि आपका बच्चा सोने के समय पेट को भरा हुआ महसूस करे। इसके अलावा आप दोपहर एक बजे से शाम सात बजे के बीच बच्चे को स्तनपान करा सकती हैं। इससे बच्चा रात में आराम से सो जाएगा और आपको उसे ब्रेस्टफीड भी नहीं कराना पड़ेगा।
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जहां कुछ बच्चे खुशी-खुशी स्तन का दूध छोड़ देते हैं, वहीं कुछ बच्चों के लिए ये इतना भी आसान नहीं होता। वे अपनी मां से चिपके रहते हैं और स्तनपान की मांग करते हैं। यह एक मां के लिए ये मुश्किलभरी स्थिति हो सकती है। इन स्थितियों से निपटने के लिए नीचे दिए गए सुझावों का उपयोग कर सकते हैं।
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स्तनपान रोकना हर मां के लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इसलिए इसे रोकने के दौरान कुछ बातों का बेहद ध्यान रखना होता है।
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अपने बच्चे को स्तनपान कराने से रोकने के बाद परेशानी से जूझते हुए देखने में आपको बुरा लग सकता है। लेकिन आप चाहें, तो वीनिंग के बाद यानि स्तनपान रोकने के बाद फिर से बच्चे को स्तन का दूध पिला सकती हैं, जिसे री-लैक्टेशन कहा जाता है। लेकिन ये तभी प्रभावी हो सकता है, जब इसे वीनिंग के तुरंत बाद शुरू किया जाए।
यह हर शिशु से शिशु पर निर्भर करता है। हालांकि, कुछ बच्चों को स्तनपान छोड़ने में कुछ हफ्तों से लेकर महीनों तक लग जाते हैं। यह इस बात पर भी निर्भर करता है, कि आप कितने प्रभावी ढंग से वीनिंग प्रक्रिया अपना रही हैं।
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वीनिंग के कुछ दिनों बाद ही आपके स्तनों का दूध सूख सकता है। हालांकि, स्तनों के दूध को सूखने में पूरी तरह से एक से दो साल तक लग सकते हैं। जब आप बच्चे को स्तनपान कराना बंद करेंगी, तब भी आप निपल्स में से दूध की बूंदों को नोटिस का सकती हैं।
बच्चे को स्तनपान का दूध पिलाने से रोकने के लिए इस प्रक्रिया को धीरे-धीरे करें। बीच में उसे बोतल से दूध पिलाएं और फिर कुछ दिनों में या एक हफ्ते में स्तन का दूध दें। जब वह बोतल का आदी हो जाएगा, तो खुद ही ब्रेस्टफीड करना छोड़ देगा।
बच्चों का विकास बहुत तेजी से होता है, इसलिए हर मां को जल्द ही बच्चे की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए अन्य तरीकों के बारे में सोचने की जरूरत होती है, जो उसे स्तन के दूध से दूर कर सकते हैं। इस लेख में हमने आपको सभी आसान विकल्पों को बताने का प्रयास किया है, जो आपको आसानी से ब्रेस्टफीडिंग रोकने में मदद कर सकते हैं। अगर आपके कोई सुझाव हैं तो आप कमेंट कर हमसे शेयर कर सकतीं हैं।
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