Setu Bandhasana in Hindi जानिए सेतुबंधासन करने की विधि, सेतुबंधासन के फायदे, लाभ के बारे में, सेतु बंधासन संस्कृत भाषा का शब्द है जहां सेतु का अर्थ पुल(Bridge), बंध का अर्थ बांधना (Lock) और आसन का अर्थ मुद्रा (Posture) से है। इस आसन को अंग्रेजी में ब्रिज पोज (Bridge Pose) कहा जाता है। इस आसन को सेतुबंधासन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस आसन का अभ्यास करते समय शरीर पुल की आकृति (Pose) बनाता है। सेतुबंधासन एक ऐसा आसन है जो थॉयराइड, कमर दर्द और तंत्रिता तंत्र (nervous system) सहित शरीर की कई अन्य समस्याओं को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
शरीर को रोगों से दूर रखने और मांसपेशियों का लचीलापन (flexibility) बढ़ाने के लिए लोगों के बीच यह आसन बहुत लोकप्रिय है। आमतौर पर यह आसन सुबह किया जाता है लेकिन शाम को भी इस आसन का अभ्यास किया जा सकता है। लेकिन शाम को इस आसन का अभ्यास करने से पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि आपके पेट का भोजन अच्छी तरह पच चुका हो।
विषय सूची
1. सेतुबंधासन करने की विधि – Steps of Setu Bandhasana (Bridge Pose) in Hindi
2. सेतुबंधासन करने का विडियो – Video on how to do Setu Bandhasana (Bridge Pose) in Hindi
3. सेतुबंधासन के फायदे – Setu Bandhasana (Bridge Pose) Benefits in Hindi
4. सेतुबंधासन करते समय सावधानियां – Setu Bandhasana (Bridge Pose) Precautions in Hindi
इस आसन का अभ्यास करने से पहले इसे करने के सही तरीकों के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
आइये जानें सेतु बंधासन करने का तरीका-
यह एक सामान्य आसन है और कोई भी व्यक्ति इस आसन का अभ्यास बहुत आसानी से कर सकता है। सेतु बंधासन करने में अधिक कठिनाई नहीं होती है और यह शरीर की कई समस्याओं को दूर करने में बहुत मदद करता है। आइये जानते हैं कि सेतु बंधासन करने के फायदे क्या हैं।
सेतु बंधासन करने से पीठ की मांसपेशियां लचीली (flexible) और मजबूत होती हैं। यह मांसपेशियों में खिंचाव (stretch) उत्पन्न करता है और मांसपेशियों में तनाव से राहत प्रदान करने में मदद करता है। इसके अलावा यह आसन रीढ़ की हड्डी, सीने(chest) और गर्दन में खिंचाव उत्पन्न कर उन्हें टोन करने का काम करता है।
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इस आसन का प्रतिदिन और सही तरीके से अभ्यास करने से डिप्रेशन, स्ट्रेस और चिंता दूर हो जाती है और व्यक्ति का मस्तिष्क शांत रहता है। मन को शांत रखने के लिए सेतु बंधासन काफी लोकप्रिय आसन माना जाता है। माइग्रेन की समस्या को दूर करने में भी यह आसन बहुत सहायक होता है।
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सेतुबंधासन करते समय फेफड़े खुलते हैं और इस कारण थॉयराइड से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इस आसन को करने से नितंब मजबूत होते हैं और थके हुए पैरों को भी राहत मिलती है। इसके अलावा यह अर्थराइटिस को दूर करने में भी मदद करता है।
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सेतुबंधासन पाचन अंगो (digestive organs) विशेषरूप से कोलन का मसाज करने का काम करता है इसलिए इस आसन का प्रतिदिन अभ्यास करने से पाचन क्रिया ठीक रहती है।
माना जाता है कि सेतु बंधासन स्त्रियों में मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द को दूर करने में बहुत सहायक होता है। यह अधिक उम्र की स्त्रियों में मेनोपॉज के लक्षणों को दूर करने में प्रभावी रूप से कार्य करता है। गर्भवती महिलाओं के लिए भी यह आसन अच्छा माना जाता है।
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इस आसन को करने से उच्च रक्तचाप की समस्या दूर हो जाती है। इसके अलावा यह ब्लड सर्कुलेशन को भी ठीक रखने में मदद करता है। सेतु बंधासन अस्थमा, अनिद्रा(insomnia) और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों को दूर करने में भी बहुत महत्वपूर्ण साबित होता है।
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