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कूटू के फायदे, उपयोग और नुकसान – Buckwheat (Kuttu) Benefits and Side Effects in Hindi

Buckwheat In Hindi: कूटू एक प्रकार का आनाज है जो गेहूं का सबसे अच्‍छा विकल्‍प माना जाता है। एक सुपर फूड होने के नाते कूटू खाने के फायदे कई आयुर्वेदिक लाभ के लिए होते हैं। क्‍योंकि कूटू में बहुत से पोषक तत्‍व और औषधीय गुण होते हैं। कूटू का उपयोग सामान्‍य रूप से खाद्य आहार के रूप में किया जाता है। कूटू का इस्‍तेमाल करना आपको हृदय रोग, डायबिटीज, कैंसर, पाचन आदि समस्‍याओं से बचा सकता है।

कुट्टू के आटे का सेवन सबसे ज्‍याद व्रत रखने के दौरान किया जाता है। कुट्टू के आटे का सेवन करना आपको न केवल ऊर्जा बल्कि स्‍वास्‍थ्‍य लाभ भी दिलाता है। अपने पौष्टिक तत्‍व और तासीर के कारण कुट्टू खाद्य पदार्थों के रूप में एक अच्‍छा विकल्‍प है। इस लेख में हम आपको कुट्टू खाने के फायदे और नुकसान संबंधी जानकारी बता रहे हैं। आइए जाने कुट्टू के बारे में।

विषय सूची

कुट्टू क्‍या है – Kuttu (Buckwheat) Kya Hai in Hindi

बकव्‍हीट (Buckwheat) या कुट्टू एक खाद्य पदार्थ है जिसके नाम से ऐसा लगता है कि यह गेहूं के समान है। लेकिन ऐसा नहीं है कुट्टू गेहूं या अनाज से संबंधित नहीं है। कुट्टू का वानस्पतिक नाम फागोपाइरम एस्‍कुलेंटम मोएंक (Fagopyrum esculentum Moench) है जो कि पोलियगनेसी (Polygonaceae) फेमिली से संबंधित है।

यह एक प्रकार की घास है जो कि एक प्रकार के फल (rhubarb) का बीज होते हैं। हालांकि इसे बकव्‍हीट कहा जाता है क्‍योंकि इसे गेहूं की तरह ही उपयोग किया जाता है। कुट्टू का आटा बहुत ही लोकप्रिय है क्‍योंकि यह लस मुक्‍त और बेहद स्‍वास्‍थ्‍य वर्धक होता है। कुट्टू में पोषक तत्‍व भी भरपूर और उच्‍च मात्रा में होते हैं।

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कुट्टू की तासीर क्‍या होती है – Kuttu Ki Taseer Kya Hoti Hai in Hindi

जानकारों के अनुसार कुट्टू के आटे का सेवन करना बहुत ही फायदेमंद होता है। क्‍योंकि कुट्टू की तासीर गर्म होती है। आमतौर पर व्रत रखने के दौरान कुट्टू के आटे का उपयोग विभिन्‍न प्रकार के व्‍यंजनों को तैयार करने के लिए किया जाता है। लेकिन अपनी गर्म तासीर होने के कारण कुट्टू का इस्‍तेमाल कई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं के लिए औषधी के रूप में भी किया जाता है।

कुट्टू का पेड़ – Buckwheat Tree in Hindi

यह एक प्रकार का खाद्य अनाज वाला पेड़ है जो सामान्‍य रूप से घास परिवार से संबंधित है। इसे कुछ लोग टेटी या ब्‍लेट टिटी (Titi or Black Titi) भी कहते हैं। यह एक प्रकार की सदाबहार झाड़ी है या Cyrillaceae परिवार से संबंधित छोटे पेड़ होते हैं। यह पौधा 15 मीटर (लगभग 50 फीट तक) तक बढ़ सकता है। इस पौधे के पत्ते 4-5 सेमी (लगभग 1.5-2 इंच) तक लंबे हो सकते हैं। इस पौधे में सफेद या गुलाबी रंग के सुगंधित फूल होते हैं।

बकव्‍हीट का आटा किससे बनता है – Kuttu Ka Aata Kis se Banta Hai in Hindi

खाद्य आहार के रूप में उपयोग किये जाने वाले कुट्टू के बारे में अधिकांश लोग पूछते हैं कि कुट्टू का आटा किससे बनता है। कुट्टू को बकव्‍हीट (Buckwheat) के नाम से जाना जाता है। देखने और सुनने में यह लगता है कि कुट्टू आनाज परिवार से संबंधित है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी की यह अनाज न होकर घास परिवार के एक फल का बीज है।

बकव्‍हीट के पौधे के एक तिकोना फल प्राप्‍त होता है जिसके बीज भी तिकोने होते हैं। इन बीजों को पीसकर ही कुट्टू का आटा प्राप्‍त किया जाता है। बकव्‍हीट पाउडर को ही कुट्टू के आटे के रूप में इस्‍तेमाल किया जाता है।

कुट्टू के पोषक तत्‍व – Kuttu Ke Poshak Tatva in Hindi

कुट्टू का आटा अपने पोषक तत्‍वों की उच्‍च मात्रा के कारण औषधीय आहार के रूप में खाने के लिए उपयोग किया जाता है। कुट्टू के आटे में प्रोटीन की उच्‍च मात्रा होने के साथ ही बहुत से यौगिक भरपूर मात्रा में होते हैं। इस अद्भुट खाद्य पदार्थ में एंटीऑक्‍सीडेंट और खनिज पदार्थ बहुत अधिक मात्रा में होते हैं। जिसके कारण ही कुट्टू को दैनिक आहार में शामिल करना आपके लिए लाभकारी हो सकता है। लगभग 100 ग्राम कुट्टू में पाए जाने वाले पोषक तत्‍व इस प्रकार हैं।

दैनिक आधार पर खनिज पदार्थों की आवश्‍यक मात्रा इस प्रकार है।

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कुट्टू खाने के फायदे – Kuttu Khane Ke Fayde in Hindi

बकव्‍हीट खाने के लाभ इसके अंदर मौजूद कई गुणों के कारण होते हैं। जिसके कारण कूटू के आटे का सेवन करना स्‍वास्‍थ्‍य, त्‍वचा सौंदर्य और बालों के लिए अच्‍छा माना जाता है। कई अध्‍ययनों से पता चलता है कि कुट्टू ग्‍लूटने फ्री स्‍यूडोसेरेल (Pseudocereal) खाद्य पदार्थ है। इस चमत्‍कारिक औषधीय खाद्य पदार्थ का सेवन करना आपको कई गंभीर बीमारियों से बचा सकता है।

यदि कुट्टू के गुण के बारे में लोग पूछते हैं है कि कुट्टू में कौन-कौन से गुण पाए जाते हैं। कुट्टू के आटे में न्‍यूरोप्रोटेक्‍शन, एंटीकैंसर, एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटीडायबिटिक आदि गुण होते हैं। इसके अलावा कुट्टू के आटे का इस्‍तेमाल उच्‍च रक्‍तचाप संबंधी लक्षणों को भी कम कर सकता है। इन्‍हीं गुणों के आधार पर हम इस लेख में कुट्टू के फायदे और नुकसान संबंधी बता रहे हैं।

कुट्टू के फायदे सेहत के लिए – Buckwheat Benefits in Hindi

औषधीय लाभ से भरपूर कुट्टू स्‍वास्‍थ्‍य के लिए एक टॉनिक माना जाता है। हालांकि उपलब्‍धता के अभाव के कारण लोग इसे बहुत ही कम या विशेष अवसरों पर उपभोग करते हैं। लेकिन कम मात्रा में भी कुट्टू का सेवन करना आपको कई संभावित स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं से बचा सकता है। कुट्टू को आहार के रूप में शामिल करने से प्राप्‍त होने वाले लाभ इस प्रकार हैं।

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कुट्टू के फायदे वजन कम करने में – Kuttu Benefits For Weight Loss in Hindi

मोटापा घटाने का प्रयास करने वाले लोगों के लिए कुट्टू के लाभ हो सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि कुट्टू में फाइबर की उच्‍च मात्रा होती है। फाइबर की पर्याप्‍त मात्रा होने के कारण कुट्टू का सेवन करने से पेट अधिक समय तक भरा हुआ महसूस होता है। जिससे भूख को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। फाइबर शरीर को पर्याप्‍त ऊर्जा दिलाने के साथ ही चयापचय प्रणाली को भी बेहतर बनाता है।

जिससे शरीर में जमा अतिरिक्‍त कैलोरी और वसा को ऊर्जा के रूप में परिवर्तित करने में मदद मिलती है। इन गुणों के कारण कुट्टू खाना मोटापा और बेली फैट को कम करने में प्रभावी माना जाता है। यदि आप भी अपने अतिरिक्‍त वजन को कम करना चाहते हैं तो कुट्टू का इस्‍तेमाल अपने दैनिक आहार में कर सकते हैं।

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कूटू के फायदे कोलेस्‍ट्रॉल कम करे – Kuttu For Reduce Cholesterol in Hindi

शरीर में खराब कोलेस्‍ट्रॉल की उच्‍च मात्रा कई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं का कारण बन सकता है। खराब कोलेस्‍ट्राल (LDL) को कम करने के लिए कुट्टू का उपयोग फायदेमंद माना जात है। उच्‍च कोलेस्‍ट्रॉल या हाइपरकोलेस्‍ट्रोलेमिया (hypercholesterolemia) मधुमेह, मोटापा और गठिया जैसी समस्‍याओं कारण बन सकता है।

लेकिन कुट्टू के गुण शरीर में खराब और अच्‍छे कोलेस्‍ट्रॉल (HDL) के बीच संतुलन बनाए रखने में सहायक हो सकते हैं। कुट्टू में मौजूद सक्रिय तत्‍व लिवर से पित्त एसिड के उत्‍सर्जन में सुधार करते हैं जो कोलेस्‍ट्रॉल के अवशोषण में मदद कर सकते हैं। इन सभी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं की संभावना को कम करने के लिए घरेलू उपाय के रूप में कुट्टू का उपयोग किया जा सकता है।

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कुट्टू खाने के फायदे हृदय रोग के लिए – Kuttu Khane Ke Fayde for Heart in Hindi

बकव्‍हीट में विशेष रूप से फ्लेवोनोइड्स (flavonoids) की उच्‍च मात्रा होती है जो कि एक फाइटोन्‍यूट्रिएंट्स (phytonutrients) है। ये महात्‍वपूर्ण यौगिक शरीर के लिए एंटीऑक्‍सीडेंट का काम करते हैं। ये एंटीऑक्‍सीडेंट हमारे शरीर को फ्री रेडिकल्‍स से बचाते हैं, और कोशिका चयापचय के रासायनिक उपोत्‍पाद (byproduct) को समाप्‍त करते हैं, जो हृदय रोगों का कारण बनते हैं। एक अध्‍ययन से पता चलता है कि फ्लेवोनॉयड्स रक्‍त में खराब कोलेस्‍ट्रॉल के स्‍तर को कम करते हैं।

जिससे एथेरोस्‍क्‍लेरोसिस (atherosclerosis), दिल का दौरा और स्‍ट्रोक जैसी संभावनाओं को कम करने में मदद मिल सकती है। कूटू में मौजूद अन्‍य खनिज पदार्थ जैसे फास्‍फोरस, मैग्‍नीशियम, आयरन और मैंगनीज आदि भी रक्‍त परिसंचरण को बेहतर बनाने में सहायक होते हैं जो हृदय के लिए फायदेमंद होता है।

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कुट्टू के लाभ कैंसर उपचार के लिए – Kuttu ke Labh Cancer Ke Liye in Hindi

कुट्टू का खाने का एक और विशेष फायदा कैंसर की संभावना को कम करने के लिए होता है। 2007 में हुए एक अध्‍ययन से पता चलता है कि कुट्टू को अपने आहार में शामिल करना कैंसर की रोकथाम करने में मदद कर सकता है। इसमें फाइबर की उच्‍च मात्रा होती है जो गैस्‍ट्रोइंटेस्‍टाइनल (gastrointestinal), कोलन कैंसर, गैस्ट्रिक और स्‍तन कैंसर की संभावना कम करने में प्रभावी होता है।

1 कप कुट्टू का सेवन करने से दैनिक आवश्‍यकता का लगभग 20 प्रतिशत फाइबर प्राप्त किया जा सकता है जिसमें किसी प्रकार की कैलोरी नहीं होती है। इसके अलावा एक अन्‍य अध्‍ययन से यह भी पता चलता है कि कुट्टू में एंटी-कार्सिनोजेनिक (anti-carcinogenic) प्रभाव भी होते हैं। यह मुख्‍य रूप से पोस्‍टमेनोपॉजल महिलाओं में स्‍तन कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में सहायक होता है।

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कुट्टू खाने के लाभ मधुमेह के लिए – Kuttu Benefits For Diabetes in Hindi

डायबिटीज के रोगियों के लिए कुट्टू का इस्‍तेमाल करना फायदेमंद हो सकता है। मधुमेह के लक्षणों को कम करने के लिए खाद्य आहार बेहतर विकल्‍प के रूप में कुट्टू का उपयोग किया जा सकता है। अध्‍ययनों से पता चलता है कि कुट्टू में मौजूद उच्‍च फाइबर रक्‍त शर्करा के स्‍तर को नियंत्रित करने में स‍हायक होते हैं। द इंग्‍लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार आहार फाइबर रक्‍त शर्करा के स्‍तर को काफी कम (यहां तक कि केवल 1 या 2 घंटों के भीतर ही) कर सकता है।

कुट्टू में ब्‍लड ग्‍लूकोज कम करने वाले गुण इसमें मौजूद चिरो-इनोसिटोल (chiro-inositol) नामक यौगिक की मौजूदगी के कारण होते हैं। जिसके कारण मधुमेह टाइप 1 के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। यदि आप भी मधुमेह रोगी हैं तो कुट्टू आपके लिए एक बेहतर आहार विकल्‍प हो सकता है।

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कुट्टू के गुण पाचन में सुधार करे – Kuttu Ke Gun Pachan Me Sudhar Kare in Hindi

पाचन संबंधी समस्‍याओं को दूर करने के लिए अक्‍सर फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। कुट्टू में भी फाइबर की उच्‍च मात्रा होती है जो पाचन प्रक्रिया को तेज करने और मल में थोक बढ़ाने में सहायक होता है। जिससे आंतों द्वारा मल को आसानी से प‍ारित करने में मदद मिलती है।

कुट्टू के औषधीय गुण आंतों की मांसपेशियों के संकुचन को उत्‍तेजित करने में सहायक होते हैं जिससे चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम और दस्‍त को कम करने में मदद मिल सकती है। क्‍या आप भी पाचन संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। यदि ऐसा है तो आयुर्वेदिक उपचार के रूप में कुट्टू का प्रयोग किया जा सकता है।

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कुट्टू का उपयोग प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ाये – Kuttu Ka Upyog Immunity Badhaye in Hindi

बकव्‍हीट के फायदे बहुत अधिक हैं जिनमें इम्‍यूनिटी बूस्‍ट करना भी शामिल है। नियमित रूप से कुट्टू का उपभोग करना आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि इसमें कई शक्तिशाली एंटीऑक्‍सीडेंट होते हैं जो फ्री रेडिकल्‍स से हमारे शरीर की रक्षा करते हैं। इसके अलावा कुट्टू में टोकोफेरोल, फेनोलिक एसिड, सेलेनियम और फ्लेवोनोइड जैसे एंटीऑक्‍सीडेंट घटक होते हैं।

कुट्टू के बीजों में विटामिन सी भी होता है जो कि एक विशेष एंटीऑक्‍सीडेंट है। इन सभी घटाकों की मौजूदगी के कारण कट्टू हमारी सेहत के लिए बेहतर विकल्‍प माना जाता है। साथ ही यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और कई वायरल स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं से बचाने में प्रभावी होता है।

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कुट्टू के औषधीय गुण अस्‍थमा के लिए – Kuttu For Treat Asthma in Hindi

बकव्‍हीट के बीजों में मैग्नीशियम और विटामिन ई की उच्‍च मात्रा होती है। इन दोनों घटकों की पर्याप्‍त मात्रा बच्‍चों को अस्‍थमा जैसी श्वसन समस्‍याओं से बचाने में प्रभावी होते हैं। इसके अलावा अस्‍थमा के लिए कुट्टू खाने के फायदे इसलिए भी होते हैं क्‍योंकि इसमें प्रोटीन, फाइबर, फोलेट आदि की भरपूर मात्रा होती है।

नीदरलैंड में हुए एक अध्‍ययन से पता चलता है कि जिन बच्‍चों को पर्याप्‍त मात्रा में कुट्टू का सेवन कराया जाता है उनमें अन्‍य बच्‍चों की तुलना में अस्‍थमा होने की संभावना कम होती है। कुट्टू में मौजूद पोषक प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में और अस्‍थमा के लक्षणों को कम करने में अहम योगदान देते हैं। आप भी कुट्टू के ये सभी लाभ प्राप्‍त कर सकते हैं।

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कुट्टू के प्रभाव एनीमिया रोके – Kuttu For Prevent Anemia in Hindi

कट्टू का उपभोग करना शरीर में खून की कमी को रोक सकता है। क्‍योंकि इसमें आयरन की पर्याप्‍त मात्रा होती है जो लाल रक्‍त कोशिकाओं के उत्‍पादन को बढ़ाने में सहायक होता है। शरीर में आयरन की कमी से एनीमिया हो सकता है। जिससे थकान, मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य में कमी, सुस्‍ती, सिरदर्द और अन्‍य गंभीर दुष्‍प्रभाव हो सकते हैं। एनीमिया का घरेलू उपचार करने के बेहतर विकल्‍प के रूप में कुट्टू का इस्‍तेमाल किया जा सकता है।

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बकव्‍हीट के फायदे रक्‍तचाप के लिए – Buck Wheat Benefits for Blood Pressure in Hindi

उच्‍च रक्‍तचाप संबंधी समस्‍याओं को कम करने में कुट्टू के फायदे होते हैं। क्‍योंकि कुट्टू में मैग्‍नीशियम की उच्‍च मात्रा होती है। मैग्‍नीशियम रक्‍त वाहिकाओं में रक्‍त परिसंचरण को बेहतर बनाने और इन्‍हें नरम रखने में मदद करता है। जिससे रक्‍त वाहिकाओं को आराम मिलता है। नियमित रूप से कट्टू का सेवन करना बिना किसी दुष्‍प्रभाव के उच्‍च रक्‍तचाप को नियंत्रित कर सकता है।

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कूटू के गुण करे पथरी का इलाज – Kuttu For Gallstones in Hindi

बकव्‍हीट या कट्टू में अघुलनशील फाइबर और प्रोटीन की उच्च मात्रा होती है। ये दोनों ही घटक पित्‍त की पथरी के निर्माण को रोकने में सहायक होते हैं। साथ ही यह शरीर में कोलेस्‍ट्रॉल के स्‍तर को भी नियंत्रित करता है। नियमित रूप से कुट्टू का सेवन करने से शरीर में बाइल एसिड के उत्‍पादन में वृद्धि हो सकती है। जो पित्त की पथरी से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।

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बकव्‍हीट के लाभ हड्डियां मजबूत करे – Buck Wheat For Strong Bone in Hindi

कुट्टू का नियमित सेवन करना आपकी हड्डियों को मजबूती दिलाने में मदद कर सकता है। क्‍योंकि कुट्टू में कैल्शियम, मैग्नीशियम, प्रोटीन, फास्‍फोरस और पोटेशियम आदि की अच्‍छी मात्रा होती है। कूटू का उपयोग करने से शरीर में इन सभी पोषक तत्वों की कमी को पूरा किया जा सकता है। आप भी अपनी हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कुट्टू के औषधीय गुणों और पोषक तत्‍वों का इस्‍तेमाल कर सकते हैं।

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कुट्टू के आटे का सेवन मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए – Kuttu For Mental Health in Hindi

मस्तिष्‍क स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने के लिए कुट्टू के आटे का सेवन करना लाभदायक हो सकता है। कुट्टू के आटे में विभिन्‍न प्रकार के एंटीऑक्‍सीडेंट और तनाव रोधी गुण होते हैं। जिसके कारण कट्टू के आटे से बने व्‍यंजनों को खाने का फायदा आपके तनाव को कम करने में सहायक हो सकता है।

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कुट्टू के फायदे स्किन के लिए – Buckwheat Benefits for Skin in Hindi

स्‍वास्‍थ्‍य लाभ होने के साथ ही कुट्टू के आटे के फायदे त्‍वचा के लिए भी होते हैं। आप कूटू का इस्‍तेमाल त्‍वचा संबंधी विभिन्‍न समस्‍याओं का प्राकृतिक उपचार करने के लिए भी कर सकते हैं। स्‍वस्‍थ और सुंदर त्‍वचा के लिए पर्याप्‍त मात्रा में पोषक तत्‍वों की आवश्‍यकता होती है। ऐसा माना जाता है कि कुट्टू में त्‍वचा को स्‍वस्‍थ रखने वाले लगभग सभी पोषक तत्व होते हैं। आइए जाने कुट्टू का आटा हमें किस प्रकार के त्‍वचा लाभ दिलाने में मदद करता है।

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कुट्टू के आटे के लाभ ग्‍लोइंग स्किन के लिए – Kuttu For Glowing Skin in Hindi

हर महिला और पुरुष की इच्‍छा होती है कि उनकी स्किन ग्‍लो करे। लेकिन आज पर्यावरणीय प्रदूषण के कारण ऐसा कर पाना मुश्किल लगता है। लेकिन ग्‍लोइंग स्किन के लिए कुट्टू का उपयोग किया जा सकता है। कुट्टू के आटे में विटामिन सी और विटामिन ई की अच्‍छी मात्रा होती है। जो त्‍वचा सौंदर्य को बढ़ाने में सहायक होते हैं। साथ ही विटामिन सी एंटीऑक्‍सीडेंट के रूप में त्‍वचा कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्‍स के प्रभाव से बचाने में भी सहायक होते हैं।

ग्‍लोइंग स्किन पाने के लिए कुट्टू का उपयोग –

अपने चेहरे को सुंदर बनाए रखने के लिए आपको निम्‍न चीजों की आवश्‍यकता होती है।

इन तीनों अवयवों को आपस में अच्‍छी तरह मिलाएं और एक फेस पैक की तरह चेहरे पर लगाएं। जब फेस पैक पूरी तरह से सूख जाए तब अपने चेहरे को सामान्‍य पानी से धो लें। नियमित रूप से इस फेस पैक का उपयोग सप्‍ताह में 2-3 बार किया जा सकता है।

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कूटू के आटे के लाभ त्‍वचा की सुरक्षा करे – Benefits of Kutu flour Protect skin in Hindi

एंटीऑक्‍सीडेंट की भरपूर मात्रा होने के कारण कुट्टू फ्री रेडिकल्‍स से हमारी त्वचा कोशिकाओं को बचाता है। इसके अलावा ये एंटीऑक्‍सीडेंट लिपिड पेरोक्‍सीडेशन (Lipid peroxidation) के स्‍तर को भी कम करने में सहायक होते हैं। जिसके कारण कुट्टू के आटे का इस्‍तेमाल त्‍वचा को सूरज की पराबैंगनी किरणों से बचाने में मदद कर सकता है।

त्‍वचा के लिए कुट्टू का उपयोग –

आप अपनी त्‍वचा की सुरक्षा करने के लिए केवल कुट्टू के आटे और गुलाब जल के मिश्रण का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आपको 1 चम्‍मच कुट्टू का आटा और 2 चम्‍मच गुलाब जल की आवश्‍यकता होती है। इन दोनों का मिश्रण बनाएं और 15 से 20 मिनिट के लिए इसे अपने चहरे पर लगाएं।

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कुट्टू का इस्‍तेमाल एंटी-एजिंग गुण से भरपूर – Kuttu For Anti-Aging in Hindi

समय से पहले उम्र बढ़ने के संकेत त्‍वचा के लिए पोषक तत्‍वों की कमी का इशारा करते हैं। कुट्टू में न्‍यूक्लिक एसिड (nucleic acids) की भरपूर मात्रा होती है जिसमें एंटी-एजिंग गुण होते हैं। नियमित रूप से कुट्टू का उपयोग करना एंजाइम क्रिया और हार्मोन संतुलन में भी सहायक हो सकता है।

एंटी-एजिंग के लिए कुट्टू का प्रयोग –

उम्र बढ़ने संबंधी लक्षणों को कम करने के लिए कुट्टू का आटा एक प्राकृतिक उपाय हो सकता है। इसके लिए आपको केवल 1 चम्‍मच कुट्टू का आटा और 2 चम्‍मच दूध की मलाई लेने की आवश्‍यकता है। आप इन दोनों का मिश्रण बनाएं और इसे अपने चेहरे पर लगाएं। यह मिश्रण आपके चहरे पर मौजूद झुर्रियों को दूर करने में मदद कर सकता है।

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कुट्टू के फायदे बालों के लिए – Buckwheat Benefits for Hair in Hindi

त्‍वचा और स्‍वास्‍थ्‍य लाभ दिलाने के साथ ही कुट्टू के फायदे बालों के लिए भी होते हैं। आप अपनी बालों संबंधी विभिन्‍न समस्‍याओं का घरेलू उपचार करने के लिए कुट्टू का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। आइए जाने बालों के लिए कुट्टू के फायदे क्‍या हैं और यह कौन सी हेयर प्रोब्‍लम को दूर कर सकता है।

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कुट्टू के लाभ हेयर ग्रोथ के लिए – Kuttu For Hair Growth in Hindi

आप अपने बालों में सामान्‍य रूप से होने वाली वृद्धि को और अधिक बढ़ाने के लिए कूटू का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। कुट्टू में अमीनो एसिड की भरपूर मात्रा होती है। अमीनो एसिड बालों को हेल्‍दी बनाने के साथ ही उनकी ग्रोथ को भी बढ़ाने में सहायक होता है। कुट्टू खाना आपकी सेहत के साथ ही बालों के लिए भी अच्‍छा हो सकता है।

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कूटू के फायदे हेयर फॉल के लिए – Kuttu Benefits for Hair Fall in Hindi

क्‍या आप अपने झड़ते बालों से परेशान हैं। परेशान न हों क्‍योंकि कुट्टू का सेवन करना आपकी इस समस्‍या का भी समाधान कर सकता है। कुट्टू में पाया जाने वाला अमीनो एसिड बालों की वृद्धि के साथ उन्‍हें टूटने और बाल झड़ने से बचाने में मददगार हो सकता है।

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हेयर प्रॉब्लम के लिए कुट्टू का उपयोग कैसे करें – How to Use Kuttu For Hair Problem in Hindi

बालों की रूकी हुई वृद्धि को बढ़ाने और उन्‍हें बालों को झड़ने से बचाने के लिए कुट्टू के आटे का प्रयोग हेयर पैक के रूप में किया जा सकता है।

इस हेयर पैक को बनाने के लिए आपको कुट्टू का आटा और दही चाहिए। आप एक कटोरी में दोनों की बराबर मात्रा लें और एक पेस्‍ट बनाएं। इस पेस्‍ट को नहाने से पहले अपने बालों में लगाएं। लगभग 25 से 30 मिनिट के बाद आप अपने बालों को धो लें।

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खाने के लिए कुट्टू का उपयोग कैसे करें – How to use kuttu for food in Hindi

पोषक तत्‍वों और औषधीय गुणों से भरपूर कुट्टू का उपयोग आहार के रूप में विभिन्‍न प्रकार से किया जा सकता है। आप भी अपनी सुविधा और पसंद के अनुसार कुट्टू का उपयोग कर व्‍यंजन तैयार कर सकते हैं। सामान्‍य रूप से कुट्टू का प्रयोग निम्‍न व्‍यंजनों को बनाने के लिए किया जाता है।

कुट्टू के आटे का इस्‍तेमाल कई प्रकार के व्‍यंजनों को बनाने के लिए किया जाता है। जो हमें कई हेल्‍थ बेनिफिट्स भी दिलाते हैं।

  • आमतौर पर विशेष अवसरों और व्रत आद‍ि के मौकों में फलाहार के रूप में कुट्टू का प्रयोग किया जाता है।
  • आप बकव्‍हीट फ्लोर का उपयोग करके स्‍वादिष्‍ट पुडियां और पकोड़े भी बना सकते हैं।
  • बच्‍चों को खुश करने के लिए कुट्टू के पराठे भी बनाए जा सकते हैं।
  • आप इडली या डोसा बनाने के लिए भी चावल के आटे में कूटू के आटे का इस्‍तेमाल कर सकते हैं।
  • भगवान को भोग लगाने के लिए कुट्टू का हलवा तैयार किया जा सकता है।

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कुट्टू का सेवन कब करना चाहिए – When should you eat Buckwheat in Hindi

कुट्टू का सेवन करने का कोई समय निश्चित नहीं किया गया है। लेकिन विशेष रूप से कुट्टू का सेवन व्रत या उपवास रखने के दौरान किया जाता है। क्‍योंकि यह व्रत रखने के दौरान सबसे अच्‍छे फलाहारी विकल्‍प में से एक है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि यह कोई अनाज न हो कर एक जंगली फल के बीज होते हैं। उपवास के दौरान कुट्टू खाना शरीर को ऊर्जा दिलाने में सहायक होते हैं।

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कुट्टू के आटे को कितने समय तक रखा जा सकता है – How Long The Buckwheat Can Be Protected in Hindi

कुट्टू का आटा बहुत ही पौष्टिक और विशेष खाद्य पदार्थों में से एक है। कुट्टू के आटे को उपयोग करने के बाद हवा बंद कंटेनर में रखना चाहिए। लेकिन आपको सलाह दी जाती है कि लगभग 1 माह के अंदर कुट्टू के आटे का इस्‍तेमाल कर लिया जाना चाहिए। अन्‍यथा कुट्टू के आटे में कीड़े हो सकते हैं।

बकव्‍हीट का उपयोग कितना करना चाहिए – How Much Kuttu Should Be Used in Hindi

आयुर्वेद के अनुसार कुट्टू में औषधीय गुण होते हैं जो हमारे शरीर को स्‍वास्‍थ्‍य लाभ दिलाने में मदद करते हैं। लेकिन पौष्टिक होने के बाद भी इसका सेवन कम मात्रा में करना चाहिए। किसी व्‍यक्ति के लिए 2000 कैलोरी वाले आहार में फाइबर का दैनिक सेवन लगभग 25 ग्राम होना चाहिए। कुट्टू के आटे से 25 से 30 ग्राम प्रतिदन के अनुसार सेवन कर सकते हैं। अधिक मात्रा में सेवन करने पर कुट्टू खाने के नुकसान या दुष्‍प्रभाव भी हो सकते हैं।

(और पढ़े – आयुर्वेद के अनुसार भोजन के नियम…)

बकव्‍हीट के आटे का चीला बनाने की विधि – Kuttu ke Aate ka Cheela Banane ki Recipe in Hindi

कुट्टू के चीले बहुत ही स्‍वादिष्‍ट होते हैं जो उपवास के दौरान खाने के लिए सबसे अच्‍छे विकल्‍पों में से एक है। आप इस दौरान कुट्टू के आटे से बने चीले का स्‍वाद ले सकते हैं जो आपको ऊर्जा दिलाने के साथ ही स्‍वादिष्‍ट भी होते हैं। कुट्टू के चीले बनाना बहुत ही आसान है। आइए जाने कुट्टू के आटे से चीला बनाने की रेसिपी क्‍या है।

चीला बनाने के लिए आपको चाहिए –

कुट्टू का चीला बनाने का तरीका –

चीला बनाने से पहले आप कुट्टू के मोटे आटे या दलिया को किसी बर्तन में 4 घंटों तक भिगोएं। अच्‍छी तरह से फूलने के बाद इसका सारा पानी निकाल दें। अब एक ब्‍लेंडर में कुट्टॅ, अंडा, ब्राउन शुगर दालचीनी, नमक और आधा कप पानी मिलाएं और ब्‍लेंडर को चालू करें। आप ब्‍लेंडर को तब तक चलाएं जब तक आपको चिकना पेस्‍ट और हल्‍का पतला प्राप्‍त न हो। मध्‍यम आंच में एक कढ़ाई को गर्म करें और इसे अंदर से तेल लगाकर चिकना बनाएं। अब कढ़ाई में तैयार किये हुए घोल की 1/3 कप मात्रा डालें और अच्‍छी तरह से कढ़ाई में फैलाएं। आंच को तेज करें और मिश्रण को 2 मिनिट तक पकने दें। इसके बाद आप चीले को दूसरी तरफ पलटाकर भी सेकें। आपका कुट्टू के आटे से बना चीला तैयार हैं।

कुट्टू खाने के नुकसान – Kuttu Khane Ke Nuksan in Hindi

कुट्टू खाना स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अच्‍छा होता है। कुट्टू का सेवन करने के दौरान कोई गंभीर दुष्‍प्रभाव नहीं होते हैं। लेकिन फिर भी आपको सलाह दी जाती है इसका बहुत ही कम मात्रा में सेवन करना चाहिए। क्‍योंकि पोषक तत्‍वों की उच्‍च मात्रा का उपभोग करना आपकी अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं का कारण बन सकता है। कुट्टू खाने के संभावित साइड इफैकट्स इस प्रकार हैं।

  • अधिक मात्रा में कुट्टू का सेवन करने से त्वचा में सूजन और चकते हैं जो एलर्जी के कारण हो सकता है।
  • अधिक समय से रखे हुए कट्टू के आटे का उपभोग नहीं करना चाहिए। क्‍योंकि सामान्‍य रूप से कूटू का आटा 1 महिने में खराब हो सकता है।
  • फाइबर की उच्‍च मात्रा होने के कारण अधिक मात्रा में कुट्टू का सेवन पाचन संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकता है। जिससे कब्‍ज और अपच जैसी समस्‍याएं हो सकती हैं।
  • यदि आप किसी विशेष प्रकार की दवाओं का सेवन कर रहे हैं। ऐसी स्थिति औषधीय प्रयोजन हेतू कुट्टू का सेवन करने से पहले अपने चिकित्‍सक से सलाह लेना आवश्‍यक है।

(और पढ़े – कब्ज में क्या खाएं और क्या ना खाएं…)

कूटू के फायदे, उपयोग और नुकसान (Buckwheat (Kuttu) Benefits and Side Effects in Hindi) का यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।

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