Home Remedies For Weakness In Old Age In Hindi: आमतौर पर हर किसी को कभी ना कभी कमजोरी जरूर महसूस होती है। लेकिन बुढ़ापे में कमजोरी होना एक आम बात है। बुढ़ापे में कमजोरी होना जितना ही आम है उससे निपटना उतना ही मुश्किल काम होता है। इसलिए अक्सर लोग एक ही सवाल पूछते हैं कि बुढ़ापे की कमजोरी को कैसे दूर करें? वास्तव में जब शरीर बूढ़ा हो जाता है तो इसे अतिरिक्त देखभाल की जरुरत पड़ती है और इसके अभाव में कमजोरी, थकान जैसी समस्याएं हो जाती हैं। यही नहीं कमजोरी के कारण बुजुर्गों को दूसरी भी कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में एक बैलेंस डाइट, अच्छी नींद, प्रॉपर एक्सरसाइज और अच्छी लाइफस्टाइल की जरूरत होती है। यही वो चीजें हैं जिन्हें जीवन में शामिल करके बुढ़ापे की कमजोरी दूर कर बॉडी को एनर्जेटिक बनाया जा सकता है। तो आइये जानते हैं बुढ़ापे में कमजोरी दूर करने के उपाय क्या हैं।
ऐसी अवस्था जब शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है और व्यक्ति को उठने, बैठने एवं काम करने में थकान और सुस्ती का अनुभव होता है तो उसे कमजोरी कहते हैं। कमजोरी होने पर कई लोगों को चक्कर भी आता है और मांसपेशियों में भी दर्द होता है। कमजोरी यानि वीकनेस को एस्थेनिया (Asthenia) भी कहा जाता है। वैसे तो कमजोरी किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है लेकिन बुढ़ापे में कमजोरी होना बहुत ही आम बात है। हालांकि यह अस्थायी होती है लेकिन अगर शरीर में कमजोरी लगातार बनी हो तो कुछ मामलों में यह गंभीर भी हो सकती है।
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एनीमिया: बुढ़ापे में बॉडी में आयरन की मात्रा घट जाती है जिसके कारण लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन बनना बंद हो जाता है। इसकी वजह से बूढ़े लोगों को कमजोरी हो जाती है जिससे सांस लेने में तकलीफ के साथ शरीर पीला पड़ जाता है।
पोषक तत्वों की कमी: बुढ़ापे में शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट एवं शुगर का सेवन करने से ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है जिससे कमजोरी महसूस होती है।
दवाओं का दुष्प्रभाव: ज्यादातर बुजुर्ग बीमारी होने पर लंबे समय तक दवाएं खाते हैं जिसके दुष्प्रभाव के कारण उन्हें कमजोरी महसूस होती है और चक्कर आता है।
पर्याप्त नींद न लेना: बुढ़ापे में कई कारणों से नींद बाधित हो जाती है। इनमें प्रदूषण, शोरगुल, बहुत ज्यादा या कम तापमान और शरीर में विभिन्न प्रकार का दर्द मुख्य कारण हो सकता है जिसकी वजह से बुढ़ापे में कमजोरी हो जाती है।
इसके अलावा थॉयराइड, संक्रमण, विटामिन बी12 की कमी, मांसपेशियों की बीमारी, कीमोथेरेपी, कैंसर, स्ट्रोक, हार्ट अटैक, दवाओं का ओवरडोज और मूड स्विंग सहित कई कारणों से बुढ़ापे में कमजोरी महसूस होती है।
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बुढ़ापे में कमजोरी होने पर शरीर की गतिविधियों में बदलाव होने लगता है। इन लक्षणों से कमजोरी को बहुत आसानी से पहचाना जा सकता है।
ये सभी स्थितियां बुढ़ापे में कमजोरी के लक्षण हैं। इनमें से कुछ लक्षण गंभीर और कुछ सामान्य हैं। बुजुर्गों को कमजोरी महसूस होने पर डॉक्टर से मिलना चाहिए और कमजोरी दूर करने के लिए जल्दी ही कोई उपाय भी करना चाहिए।
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आप को ज्ञात होना आवश्यक है कि, बुढ़ापे की कमजोरी दूर करने के लिए किसी दवा की नहीं बल्कि घरेलू उपायों एवं संयमित जीवनशैली की जरूरत होती है। निम्न उपायों को आजमाने से कमजोरी काफी हद तक दूर हो जाती है।
बुढ़ापे में कमजोरी दूर करने का सबसे बेहतर उपाय है बैलेंस डाइट लेना। एक हेल्दी और संतुलित आहार लेने से बॉडी में ऊर्जा का स्तर बना रहता है जिसके कारण कमजोरी नहीं होती है। बुढ़ापे में अपने लिए एक डाइट निर्धारित कर लेनी चाहिए और उसका नियमित पालन करना चाहिए। आपकी डाइट में पोषक युक्त ताजे खाद्य पदार्थ, पर्याप्त प्रोटीन, दूध, फाइबर और एंटी इंफ्लैमेटरी गुणों से युक्त आहार शामिल होना चाहिए। बुढ़ापे में बैलेंस डाइट लेने से बॉडी डिटॉक्स होती है और डाइजेशन भी बेहतर होता है। जिससे बुढ़ापे में कमजोरी और थकान महसूस नहीं होती है।
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बुढ़ापे में शरीर की कमजोरी को दूर करने के लिए आलू के पानी का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है और यह बहुत फेमस घरेलू उपाय है। वास्तव में पोटैशियम शरीर में नहीं बनता है बल्कि इसे भोजन के माध्यम से लेना पड़ता है। बुढ़ापे में कम भूख लगने, खानपान गड़बड़ होने सहित अन्य कारणों से जब शरीर को पर्याप्त पोटैशियम नहीं मिल पाता है तो कमजोरी होना आम बात है। आलू को पानी से अच्छी तरह धोएं और एक बर्तन में साफ पानी डालें और उसमें आलू डालकर उबालें। जब आलू उबल जाए तो आलू को निकालकर अलग रख लें और पानी को ठंडा करके उसका सेवन करें। यह शरीर में पोटैशियम की भरपायी कर देता है और शरीर को पर्याप्त ऊर्जा प्राप्त होती है।
ओल्ड एज में बॉडी की वीकनेस को दूर करने के लिए रोजाना खट्टे पेय पदार्थों का सेवन करना एक बेहतर घरेलू उपाय है। आमतौर पर नींबू और संतरे के जूस को बुढ़ापे की कमजोरी दूर करने के लिए ज्यादातर घरों में इस्तेमाल किया जाता है। रोजाना एक गिलास संतरे का जूस या नींबू पानी पीने से बॉडी हाइड्रेट होती है जिससे कि शरीर की थकान और कमजोरी दूर होती है। नींबू पानी बुढ़ापे के कई विकारों को दूर करने के साथ ही कब्ज से भी बचाता है और बॉडी को चुस्त दुरुस्त रखता है।
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ओल्ड एज या बुढ़ापे में कई बार इतनी ज्यादा कमजोरी और थकान महसूस होती है कि चलने फिरने या तेजी से उठने में चक्कर आता है। इस कंडिशन में बूढ़े लोग जमीन पर भी गिर जाते हैं। इससे उबरने के लिए अपनी रुमाल या टिश्यू प दो बूंद पिपरमिंट ऑयल डालें और नाक के पास रखकर गहरी सांस लें। इसके अलावा नहाने के पानी में भी पिपरमिंट ऑयल और रोजमेरी ऑयल की कुछ बूंदें डालकर स्नान करें। इससे आपके मस्तिष्क की मांसपेशियां उत्तेजित होंगी जिसके कारण कमजोरी और थकान महसूस नहीं होगी और बॉडी एक्टिव रहेगी।
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बुढ़ापे में कई कारणों से कमजोरी महसूस होती है। यह बिल्कुल जरुरी नहीं है कि खानपान के कारण ही बॉडी में वीकनेस फील हो। कई बार हमेशा लेटे या बैठे रहने, आवश्यकता से अधिक आराम करने से भी शरीर में ऊर्जा का स्तर कम हो जाता है। इसलिए बुढ़ापे में नियमित एक्सरसाइज करनी चाहिए। रेगुलर एक्सरसाइज बॉडी में एंडोर्फिन को रिलीज करता है जिसके कारण बुढ़ापे में होने वाली कमजोरी, सुस्ती और थकान की समस्या से मुक्ति मिल जाती है।
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बुढ़ापे में अगर कमजोरी महसूस होती है तो इसे दूर करने के लिए सबसे अच्छा घरेलू उपाय है रोजाना किशमिश खाना। आमतौर पर बुजुर्गों को थकावट और कमजोरी होने का एक सबसे आम करना शरीर में आयरन या लोहे की कमी होना होता है। किशमिश प्राकृतिक रुप से आयरन से समृद्ध होता है और रोजाना किशमिश खाने से शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ती है जिसके कारण बूढ़े लोगों के शरीर में पर्याप्त मात्रा में खून बनता है और शरीर की कमजोरी, चक्कर आना, सुस्ती एवं थकान जैसी दिक्कतें दूर हो जाती हैं।
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ओल्ड एज के लोगों को कमजोरी होने पर कई घरेलू और चिकित्सकीय उपाय किए जाते हैं। लेकिन बुढ़ापे की कमजोरी दूर करने के लिए यह घरेलू उपाय सबसे अच्छा माना जाता है। बुढ़ापे की उम्र ऐसी होती है जब पाचन क्रिया कमजोर और धीमी पड़ जाती है जिससे बुजुर्गों को कमजोरी होना आम बात है। इसलिए बुढ़ापे में वीकनेस दूर करने के लिए दही का सेवन करना एक बेस्ट घरेलू उपाय है। दही में उच्च मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और हेल्दी प्रोबायोटिक पाया जाता है जो आंत को स्वस्थ रखता है और कमजोरी एवं थकान के कई लक्षणों को दूर करता है। इसके अलावा बूढ़े लोगों को दही अन्य सॉलिड फूड की अपेक्षा बहुत आसानी से पच जाता है और एनर्जी को बढ़ाता है जिससे कमजोरी पूरी तरह से दूर हो जाती है।
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ज्यादातर बूढ़े लोग बहुत चिड़चिड़े होते हैं और उन्हें गुस्सा भी अधिक आता है। इसे बुढ़ापे का संकेत भी माना जाता है। चिड़चिड़े स्वभाव के कारण बूढ़े लोगों को तनाव सबसे ज्यादा होता है जिससे हार्मोन असंतुलित होने के साथ ही नींद का पैटर्न भी खराब हो जाता है। इस कारण शरीर की ऊर्जा नष्ट होने लगती है और बूढ़े लोगों को कमजोरी महसूस होती है। इससे बचने के लिए शरीर की अच्छी तरह मालिश करवाएं ताकि बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन बना रहे। मेडिटेशन करें, बच्चों के बीच रहें और खूब हंसे। इससे आप बहुत एनर्जेटिक महसूस करेंगे।
ऊपर लेख में आपने जाना किस तरह आप आसान घरेलू उपाय को अपनाकर बुढ़ापे की कमजोरी को दूर कर सकते हैं यदि इन उपायों को करने के बाद भी आपकी कमजोरी दूर न हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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