Home remedies for fever in Hindi बुखार कम करने के घरेलू उपाय (Bukhar kam karne ka gharelu upay) यदि आपको या आपके बच्चें को बुखार हो तो आप स्वाभाविक रूप से इसे जितना जल्दी हो सके कम करना चाहेंगें। बुखार को कम करना सबसे पहला उद्देश्य होता है। हालाकि शरीर का अधिक तापमान प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करने और संक्रामक एजेंटों (Infectious agents) को मारने के लिए जाना जाता है। इसलिए कम से कम थोड़ी देर के लिए बुखार को सामान्य रूप से आगे बढ़ने देना आपके लिए अच्छा हो सकता है। हालाकि हम बुखार को जितनी जल्दी हो सके नियंत्रित करना चाहते हैं ताकि आप या आपका बच्चा जितना संभव हो आरामदायक महसूस कर सकें और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) अपना काम कर सके। इस आर्टिकल में आप जानेंगे बुखार कम करने के घरेलू उपाय, बुखार भगाने के उपाय, वायरल बुखार के घरेलू नुस्खे, बुखार का रामबाण इलाज, दवा, उपचार, के बारे में।
बुखार का उपचार करने से पहले यह जानना बहुत जरूरी है कि बुखार क्यों होता है। बुखार संक्रमण से लड़ने के लिए मानव शरीर द्वारा उपयोग की जाने वाली एक आत्मरक्षा तंत्र (self-defence mechanism) है। उच्च तापमान शरीर में श्वेत रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करता है जो संक्रमण के खिलाफ रक्षा प्रदान करते हैं और वायरस या बैक्टीरिया के विकास को रोकते हैं। दिलचस्प बात यह है कि बुखार को कम करने से शरीर को संक्रमण से लड़ने के लिए प्राकृतिक तंत्र में बाधा आ सकती है।
विषय सूची
1. बुखार आने का कारण – Fever Causes in Hindi
2. बुखार के लक्षण क्या हैं – Symptoms of fever in Hindi
3. बुखार के प्रकार – Types of fever in Hindi
4. बुखार का निदान कैसे करें – How to diagnose fever in Hindi
5. बुखार भागने के घरेलू उपाय और तरीके – Home remedies for Fever in Hindi
फीवर (बुखार) आना शरीर की एक सामान्य क्रिया है। लेकिन यह कभ- कभी गंभीर स्थिति पैदा कर सकती है। आइए जाने बुखार किन कारणों से आता है :
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फीवर (बुखार) के संकेत और लक्षण स्पष्ट या सूक्ष्म (obvious or subtle) हो सकते हैं। यदि आपका बच्चा छोटा हो तो बुखार के लक्षण और अधिक सूक्ष्म हो सकते हैं।
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बुखार का वर्गीकर किया जा सकता है कि वे कितने समय तक चलते हैं, बुखार किस स्तर का है, उसकी तीव्रता क्या है।
फीवर निम्न प्रकार का हो सकता है :
तापमान की स्थिति यह समझाने में मदद कर सकती है कि मरीज को किस प्रकार की समस्या है।
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फीवर के सामान्य लक्षण होने पर, एक थर्मामीटर की सहायता से बुखार की पुष्टी हो सकती है। बच्चों या वयस्कों में 100.4 F से अधिक तापमान होना बुखार का सूचक होता है। बुखार के कारण का निर्धारण करने के लिए डाक्टर रक्त परिक्षण और इमेजिंग जैसे विभिन्न परिक्षणों द्वारा बुखार की पुष्टी करता है और यह जानकारी हासिंल करता है कि आपको किस स्तर का बुखार (Fever) है। यह ज्ञात होने के बाद वह आपके बुखार का इलाज अन्य दवाओं की सहायता से करता है। इस लेख में आप जानेगें सामान्य बुखार को ठीक करने के घरेलू उपाय जिनका उपयोग कर आप बुखार को ठीक कर सकते हैं।
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बुखार से पीडित व्यक्ति को गर्म या गुनगुने पानी से स्नान करना चाहिए। यह पीडित व्यक्ति को आराम दिलाने में मदद करता है। गर्म पानी का उपयोग करने से शरीर का तापमान धीरे धीरे कम होने लगता है।
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इस विधि का उपयोग करने से रोगी को रात भर आराम मिलता है। एडियों को ढ़कने के लिए एक जोड़ी सूती मोजों को ठंडे पानी में गीला करें और मोजों को निचोड़कर (wring out) अतिरिक्त पानी को निकाल दें। और बुखार से पीड़ित व्यक्ति को पहना दें और यदि आवश्यक्ता पड़े तो इन मोजों के ऊपर से ऊनी मोजों को भी पहना जा सकता है। ऐसा करने से बुखार पीडित व्यक्ति को रात भर आराम मिलेगा। रात को सोते समय वयक्ति को कंबल से खुद को ढंक कर सोना चाहिए।
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एक तौलिया ले और उसे थंडे पानी में गीला करें। तौलिया को निचोड़कर (Wring out) अतिरिक्त पानी निकाल दें और तौलिया को गर्दन के चारों ओर लपेटें। यह आपके शरीर के तापमान (body temperature) को कम करने में मदद करेगा जिससे आपका बुखार कम होने लगता है।
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आपने सुना होगा कि सरसों का तेल (mustard oil) और लहसुन बुखार के लिए प्रभावी ढंग से काम करता है। यह बिल्कुल सच है, इसके अलावा यह शरीर के दर्द को कम करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों (toxic substances) को हटाने के लिए पसीने बढ़ाने में मदद करता है। इसके लिए आपको बस 2 चम्मच सरसों के तेल को गर्म करना है और इसमें 1 चम्मच लहसुन पेस्ट (garlic paste) को मिलाना है। 2 मिनिट के लिए मिश्रण को ऐसे ही छोड़ दें। फिर इस तेल से अपने बच्चे या बुखार से पीड़ित व्यक्ति की छाती, पैर, हथेलियों, पीठ और गर्दन पर इस तेल से मालिश करें। यह बुखार को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका हो सकता है जो आपकी थकान और दर्द से भी निजात दिलाने में मदद करता है।
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आपने अपने पूर्वजो के द्वारा प्याज के औषधीय गुणों के बारे में जरूर सुना होगा। प्याज न केवल शरीर के तापमान को कम करता है बल्कि बुखार के दौरान शरीर को दर्द से भी राहत दिलाता है। बस एक पूरे प्याज को पतले स्लाइस (thin slice) में काट लें और कुछ देर तक व्यक्ति के पैरों पर प्याज के 2-4 तुकड़ों को घिसें। बुखार को कम करने के लिए इस प्रक्रिया को दिन मे कम से कम 3 बार दोहराएं।
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अदरक के एंटीआक्सीडेंट (antioxidant) गुण उन जीवाणुओं को मारने में सक्षम होते है जो बुखार के लिए जिम्मेदार होते हैं। अदरक आपके शरीर में पसीना निकलने की मात्रा को बढ़ाता है जिसके कारण यह शरीर की गर्मी और विषाक्त पदार्थों (toxic substances) को हटाने में मदद करता है। गर्म पानी से भरे बाथटब में लगभग 2 चम्मच अदरक पाउडर मिलाएं। अदरक पाउडर को पानी में अच्छी तरह घुलने दें और बीमार व्यक्ति को इस पानी से नहलाएं। नहाने के बाद रोगी को पसीना आ सकता है जिससे कि उसके शरीर से गर्मी कम हो जाएगी और विषाक्त पदार्थों को भी दूर करने में मदद मिलेगी। अदरक बुखार के लिए एक प्रभावी घरेलू उपचार हो सकता है। स्नान करते समय ध्यान रखें कि अदरक का पानी (ginger water) आपके बच्चे या रोगी की आंख के संपर्क में न आए।
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सूप और ठोस भोजन के अलावा पानी और रस के रूप मे तरल पदार्थ का सेवन आवश्यक है। फलों के रस, ग्लूकोज पानी, दूध, जौ पानी, नारियल का पानी और मक्खन शरीर की ऊर्जा के स्तर को बढ़ाते हैं। नवजात शिशु जिन्हें स्तनपान कराया जा रहा है उन्हें हर 10 मिनिट में ये सामग्रीयां खिलाना चाहिए। यह ध्यान रखें कि आप शरीर से द्रव हानि की भरपाई करने के लिए खाद्य पदार्थों की संख्या में वृद्धि करें।
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बुखार के दौरान बच्चों को बुखार के नुकसान से बचाने के लिए हल्के कपड़े पहनाए जाने चाहिए। कपड़ों की परत शरीर की गर्मी को रोक कर बुखार को बढ़ा देती है। यदि बच्चे को कपकपाहट हो रही हो तो उसे एक कंबल से ढकना चाहिए।
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बुखार के दौरान सूर्य के प्रकाश को सीधे तौर पर ग्रहण करने से बचना चाहिए। बच्चों को ऐसी स्थिति मे शांत और छायादार जगह में रखे, जैसे कि घर के अंदर। सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें क्योंकि आपके बच्चे के कमजोर शरीर को और अधिक संक्रमण हो सकता है।
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यदि बुखार ठंड के साथ होता है तो भाप बुखार के लिए जिम्मेदार श्लेष्म को हटाने में मदद कर सकती है। एक भाप स्नान घर पर प्रभावी बुखार उपचार हो सकता है। एक वाष्पकारक में गर्म पानी भरें और इसमें नीलगिरी के तेल की कुछ बूंदें डालें। अपने बच्चे को भाप में श्वास लेने के लिए कहें। गर्म और नम हवा को सांस लेने से श्लेष्म को हटाने में मदद मिलेगी और इस प्रकार बुखार कम हो जाएगा।
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बुखार के लिए बेशक हमे इलाज (treatment) की आवश्यकता होती है, पर यह बहुत कुछ हमारे खान पान पर भी निर्भर करता है। आइए जाने बुखार के समय हमें किन चीजों का सेवन करना चाहिए जो हमारी बुखार को कम करने में मदद कर सकते हैं।
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कैमोमाइल चाय बुखार के उपचार का एक अच्छा बिकल्प होता है। थोड़े से पानी को उबालें और उसमें कुछ कैमोमाइल चाय की पत्तियों को डालें। इस मिश्रण को छानने के बाद इसे रोगी को पिलाएं। कुछ लोग स्वाद के बदलाव (change of taste) का आनंद नहीं लेते हैं इसलिए इस चाय में थोड़ी मात्रा में शहद भी मिलाया जा सकता है। इस चाय का उपयोग दिन में कई बार किया जा सकता है।
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नींबू में उपस्थित विटामिन सी हमारे शरीर की प्रतिरक्षा (Immunity) को मजबूत करता है और शहद हमारे शरीर को पोषण दिलाता है। बुखार को कम करने में दोनों का संयोजन प्रभावी है। आप नींबू के 1 चम्मच रस में 1 चम्मच शहद को मिलाएं और इसे अच्छी तरह मिलाने के बाद इसे रोगी को खिलाएं। यह उसके बुखार को निश्चित ही कम करेगा।
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धनियां बीज मे मौजूद फाइटोन्यूट्रिएंट्स और विटामिन शरीर की प्रतिरक्षा के निर्माण में मदद करते हैं। यह व्यक्ति को वायरल बुखार से प्रभावी रूप से सुरक्षित कर सकता है। उबलते पानी में धनियां (coriander) के बीजों को डालें। फिर इस पानी को ठंडा करके छान लें और इसमें दूध और शक्कर मिला कर बुखार से पीडित व्यक्ति को दें। यह सुखदायक पेय बुखार को कम करने में लाभकारी होता है।
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एंटीबायोटिक (antibiotic) गुणों वाली तुलसी के पौधे जो प्रकृति मे अतिरिक्त बैक्टीरिया और कवक के अलावा कीटाणुनाशक गुण भी रखती हैं। तुलसी का उपयोग लंबे समय से वायरल बुखार को दूर करने के लिए किया जा रहा है। आपको 1 लीटर पानी 20-25 तुलसी के पत्तों और आधा चम्मच लौंग पाउडर को उबालने की जरूरत है। इस मिश्रण को तब तक उबालें जब तक यह आधा न बचे। फिर इस काढ़े (decoction) को ठंडा करके हर दो घंटों में सेवन करें यह आपकी बुखार को कम करने में मदद करेगा।
इसके अलावा आप 20 से 25 तुलसी की पत्तियों के साथ एक छोई चम्मच अदरक को मिलाकर उबालें और जब पानी आधा रह जाये तब इसमें शहद मिलाएं और कुछ दिनों के लिए नियमित इसका सेवन करें, ऐसा करने से बुखार को दूर भागने में लाभ होगा।
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चावल स्टार्च एक मूत्रवर्धक(diuretic) ऐजेंट के रूप में कार्य करता है। यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है। यह पेशाब को बढ़ावादेता है जो शरीर के विषाक्त पदार्थों को दूर करने में मदद करता है। वायरल फीवर को पभावी ढंग से कम करने के लिए आप घरेलू उपचार के रूप में चावल के माड़ (rice starch) का उपयोग कर सकते हैं।
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मेथी के बीजों मे एल्कोलोइड, सैपोनिन्स और डायोजजेनिन होते हैं जो अत्यधिक औषधीय गुण बाले होते हैं। वे प्रभावी रूप से वायरल संक्रमण को कम कर सकते हैं। आपको रात में मेथी के बीजों (fenugreek seeds) को पानी में भिंगोंने की आवश्यकता है। सुबह आप रोगी को इस पानी का सेवन कराएं। यह पूरे दिन रोगी को तनावमुक्त रखेगा और बुखार को प्रभावी ढंग से दूर करने में मदद करेगा।
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नारियल के तेल में जीवाणुरोधी और एंटीवायरल (antibacterial and antiviral) गुण होते हैं। जो बुखार के जीवाणुओं से लड़ने में हमारी मदद करते है। आप इसका उपयोग करके रोगी के लिए खाना तैयार कर सकते हैं या उसके भोजन में नारियल तेल मिला सकते हैं।
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