burning sensation in the feet in Hindi आजकल हर उम्र के व्यक्तियों के पैरों में जलन होना एक आम बात हो गई है। पैर की नसों (तंत्रिकाओं) के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण यह समस्या उत्पन्न होती है, जिसे न्यूरोपैथी (neuropathy) कहा जाता है। अधिकांशतः पैर में जलन डायबिटीज के कारण होती है। ज्यादातर मामलों में इस समस्या का इलाज तंत्रिकाओं के क्षतिग्रस्त होने की वजह को ध्यान में रखकर किया जाता है। आज हम जानेगें पैरों में जलन होने का कारण, जाँच, इलाज और पैर की जलन दूर करने के घरेलू उपाय के बारें में।
बर्निंग फीट सिंड्रोम या पैर में जलन होने की बीमारी व्यक्ति में कुछ विशेष लक्षणों का एक समूह है, जिसके अंतर्गत अक्सर पैर में गर्म और दर्दनाक संवेदनाएं बनी रहती हैं। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को रात में जलन अधिक तीव्र हो सकती है। लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। गर्मी, झुनझुनी, चुभन, सुन्नता और दर्द जैसी संवेदनाएं पैरों के तलवों तक ही सीमित हो सकती हैं, लेकिन कुछ व्यक्ति में यह समस्या पैरों के ऊपरी हिस्से, एड़ियों और निचले पैर को भी प्रभावित कर सकती है।
पैर में किसी पुरानी चोट के कारण यह समस्या उत्पन्न हो सकती है। हमारी तंत्रिका संरचनात्मक रूप से मस्तिष्क और मांसपेशियों के बीच सूचनाओं का आदान प्रदान करती हैं तथा ताप, दाब और अन्य प्रतिक्रियाओं में सहायक होती हैं। लेकिन जब ये तंत्रिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, तो सूचनाएं भेजने का कार्य प्रभावित होने लगता है। इसकी वजह से पैर में जलन के कई लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं और ये लक्षण आते एवं जाते रहते हैं। पैरों में जलन का उपचार इसके अंतर्निहित कारण पर निर्भर करता है।
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आमतौर पर पैर में जलन होने का मुख्य कारण मधुमेह और अधिक धूम्रपान करना होता है। लेकिन इस समस्या के पीछे और भी बहुत से कारण हो सकते हैं, जिनकी वजह से पैरों में जलन होने लगती हैं। पैर में जलन होने के प्रमुख कारण निम्न हैं:
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ज्यादातर लोगों में पैर में जलन होने का मुख्य कारण डायबिटीज होता है। ऐसे लोगों में इस बीमारी का निदान आसानी से किया जा सकता है। लेकिन कुछ लोगों को अचानक ही पैरों में जलन होने लगती है और यह अधिक बढ़ जाती है, ऐसे स्थिति में लोगों को उचित निदान के लिए टेस्ट करवाने की जरूरत होती है। डॉक्टर इस समस्या का निदान करने के लिए लक्षणों के आधार पर निम्न परीक्षण की सिफारिश कर सकते हैं, जैसे:
इलेक्ट्रोमायोग्राफी (EMG) – मांसपेशियों की तंत्रिका की उत्तेजना के आधार पर मांसपेशियों की प्रतिक्रिया या विद्युत गतिविधि को मापने के लिए इलेक्ट्रोमोग्राफी (ईएमजी) का उपयोग किया जाता है। ईएमजी टेस्ट के लिए मांसपेशियों में सूई डाली जाती है और इसकी प्रतिक्रिया के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाती है।
प्रयोगशाला टेस्ट (Laboratory tests) – पैरों में जलन के कारणों का पता लगाने के लिए प्रयोगशाला में खून की जाँच, पेशाब जांच और रीढ़ की हड्डी के लिक्विड का परीक्षण किया जाता है। सामान्य ब्लड टेस्ट के माध्यम से विटामिन के लेवल की भी जांच की जाती है। इसके अतिरिक्त पैर में जलन होने के कारणों का निदान करने के लिए थायराइड हार्मोन टेस्ट, किडनी फंक्शन टेस्ट, और HIV टेस्ट की आवश्यकता पड़ सकती है।
नर्व बायोप्सी (Nerve biopsy) – गंभीर परिस्थितियों में नर्व बायोप्सी नामक टेस्ट का भी उपयोग किया जाता है। इसके लिए डॉक्टर नर्व टिशू का एक छोटा टुकड़ा निकालकर सूक्ष्मदर्शी से परीक्षण करते हैं।
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पैर में जलन होने की स्थिति में इलाज प्रक्रिया इसके अंतर्निहित कारण पर निर्भर करती है। इलाज के लिए निम्न तरीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे:
अन्य गंभीर तंत्रिका दर्द के इलाज के लिए निम्न प्रक्रियाओं का उपयोग किया जा सकता है, जैसे:
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इस प्रकार की पैर की जलन और दर्द की स्थिति में डॉक्टर को दिखाना महत्वपूर्ण है। हालांकि कुछ विशेष घरेलू इलाज आजमाकर आप पैरों की जलन को दूर कर सकते हैं। आइए जाने पैर की जलन दूर करने के घरेलू उपाय क्या हैं?
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शरीर के पीएच लेवल को संतुलित रखने और पैर की जलन को शांत करने में एप्पल साइडर विनेगर बहुत सहायक होता है। एक गिलास गर्म जल में दो चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिलाकर प्रतिदिन पीने से पैरों में जलन की समस्या दूर हो जाती है। इसके अलावा गर्म पानी में एप्पल साइडर विनेगर मिलाकर पैरों की सिकाई करने से भी दर्द और जलन से राहत मिलती है। एप्पल साइडर विनेगर को दैनिक आहार में भी शामिल किया जा सकता है।
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हल्दी में करक्यूमिन (Curcumin compound) नामक तत्व अधिक मात्रा में पाया जाता है, जो पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसके अलावा हल्दी में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है, जो पैर की जलन को दूर करने के लिए उपयोगी है। एक गिलास गर्म जल में एक या दो चम्मच हल्दी मिलाकर नियमित दिन में दो बार पीने से पैर की जलन दूर हो जाती है। हल्दी और पानी का पेस्ट बनाकर पैर में लगाने से भी जलन और सूजन से राहत मिलती है।
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जल्द से जल्द पैर की जलन से राहत प्राप्त करने के लिए ठंडा पानी एक बेहतरीन घरेलू उपाय है। ठंडा पानी पैर की सूजन, पैर की सुन्नता और झुनझुनी को समाप्त कर देता है। ठंडे पानी से भरे टब में अपने पैरों को कुछ मिनिट तक डुबोए रखें और फिर निकाल लें। दिन में यह प्रक्रिया कई बार दोहराएं, इससे पैरों की जलन दूर हो जाएगी। जलन समाप्त करने के लिए पैर को पानी में अधिक देर तक भिगो कर न रखें, अन्यथा इससे कई खतरनाक लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। इसके अलावा बर्फ के टुकड़े को भी पैरों पर रखने से जलन दूर हो जाती है। यह उपाय एरिथ्रोमेललगिया (erythromelalgia) से पीड़ित व्यक्तियों के लिए यह उपाय नहीं अपनाना चाहिए।
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इप्सम साल्ट में प्राकृतिक रूप से मैग्नीशियम सल्फेट पाया जाता है जो पैरों की जलन, दर्द और सूजन को कम करने के लिए फायदेमंद माना जाता है। एथलीट फुट के लक्षणों को भी कम करने के लिए सेंधा नमक एक प्रभावी घरेलु नुस्खा है। एक टब गर्म पानी में आधा कप इप्सम साल्ट मिलाकर पैरों को टब में दस से पंद्रह मिनट तक डुबोए रखें। कुछ दिनों तक नियमित यह प्रक्रिया दोहराने से पैरों में जलन की समस्या दूर हो जाती है।
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अदरक में कई तरह से एक्टिव कंपाउंड पाये जाते हैं, जो शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने में फायदेमंद होते हैं। अदरक का तेल पैरों की जलन को समाप्त करने का रामबाण इलाज है। एक चम्मच अदरक के रस में नारियल के तेल (coconut oil) को हल्का गर्म करके मिलाएं। फिर इस मिश्रण से दस या पंद्रह मिनट तक अपने पैरों की मसाज करें। इसके अलावा दो या तीन कप अदरक की चाय प्रतिदिन पीने से भी पैरों का दर्द, सूजन और जलन खत्म हो जाती है।
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आयुर्वेद में करेला का उपयोग पैर की जलन को दूर करने के लिए किया जाता है। इसलिए यदि आप पैरों की जलन से पीड़ित हैं, तो करेले का इस्तेमाल कर सकते हैं। करेले की पत्तियों को पीसकर इसमें थोड़ा पानी मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। फिर इस पेस्ट को पैरों के प्रभावित भाग पर लगाने से जलन जल्दी समाप्त हो जाती है। इस प्रक्रिया को कई बार दोहराने से शीघ्र लाभ मिलता है।
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मालिश शरीर के किसी क्षेत्र में रक्त के प्रवाह को बढ़ाती है। इसलिए, यदि कोई व्यक्ति पैर में जलन या न्यूरोपैथी (neuropathy) की समस्या से पीड़ित है, तो इसके इलाज के लिए मालिश एक उत्तम घरेलू उपाय है। पैरों की मालिश कर रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाया जा सकता है, जिससे जलन, दर्द, सुन्नता और झनझनाहट संबंधी लक्षण दूर हो सकते हैं। पैर की मालिश करने के लिए आप अदरक का तेल, नारियल तेल या जैतून के तेल की कुछ बूंदों का उपयोग किया जा सकता है।
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