Buttermilk Benefits And Side Effects in Hindi: छाछ वास्तव में एक हल्का तरल पेय पदार्थ है जो दही को मथ कर बनाया जाता है। छाछ में दूध की अपेक्षा वसा कम होती है क्योंकि मक्खन (butter) बनाने के लिए पहले ही क्रीम निकाल ली जाती है। छाछ के फायदे (chhach ke fayde hindi) और स्वास्थ्य लाभ अनेक हैं। यह विटामिन और खनिज से समृद्ध होने के साथ ही अच्छे पाचन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पेट को ठंडक प्रदान करने के लिए मट्ठा बहुत उपयोगी माना जाता है। छाछ का सेवन करने से गर्मी शांत होती है आइये जानते है छाछ पीने के फायदे और छाछ के नुकसान के बारें में।
होल मिल्क की तुलना में छाछ में कैलोरी और वसा दोनों बहुत ही कम पाया जाता है। छाछ में उच्च मात्रा में पोटैशियम, विटामिन B12, कैल्शियम, रोइबोफ्लैविन मौजूद होता है इसके अलावा फॉस्फोरस का भी बढ़िया स्रोत है। छाछ ताजा या फ्रीज करके एवं पावडर के रूप में भी उपल्ब्ध है।
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मट्ठा या छाछ पीना स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। आइए जानें छाछ के फायदे क्या हैं।
एक स्टडी में पाया गया है कि बायोएक्टिव प्रोटीन छाछ या मट्ठे में बहुत प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो ब्लड प्रेशर को घटाने का काम करता है और जीवाणरोधी एवं एंटीवायरल प्रकृति का होता है। प्रतिदिन छाछ या मट्ठे का सेवन करने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है और हृदय संबंधी दिक्कतें नहीं होती हैं।
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आयुर्वेद में विकारों को दूर करने के लिए छाछ का सेवन करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। छाछ कोलेस्ट्रॉल को घटाने में एक प्राकृतिक औषधि का कार्य करता है औऱ सेहत को ठीक रखने के लिए अच्छा माना जाता है। प्रतिदिन छाछ का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल संतुलित रहता है।
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अदरक और सादे मसाले को मट्ठे में मिलाकर पीने से जलन (burning sensation) की समस्या दूर हो जाती है क्योंकि छाछ या मट्ठा पेट के एसिड रिफ्लक्स को दूर करता है और एसिडिटी नहीं होने देता है। यह पेट की लाइनिंग को भी राहत प्रदान करता है और मसालेदार एवं ऑयली भोजन खाने पर पेट को गड़बड़ होने से बचाता है।
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पेट फूलने से बचाने में बटरमिल्क या मट्ठा एक प्राकृतिक थेरेपी का कार्य करता है। यह पेट में कब्ज नहीं बनने देता है और खराब भोजन करने के बाद भी पाचन क्रिया पर दबाव पड़ने से डायरिया के खतरे से बचाने में मदद करता है। कब्ज की परेशानी से जूझ रहे लोगों को प्रतिदिन एक गिलास मट्ठे का सेवन करना चाहिए, क्योंकि इसमें फाइबर होता है जो कब्ज जल्दी दूर कर देता है।
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इसमें फैट और कैलोरी नहीं पाया जाता है और पोषक तत्वों (nutrients) एवं एंजाइम से भरपूर होने के कारण छाछ का सेवन करने से वजन घटाने में सहायता मिलती है। रोज मट्ठा पीने से यह शरीर में पानी की भी पूर्ति करता है और ऊर्जा प्रदान करता है। इसमें कैल्शियम के साथ ही पोटैशियम, प्रोटीन और विटामिन सहित कई खनिज पाये जाते हैं तो एनर्जी लेवल को बनाए रखने में मदद करते हैं और भूख को नियंत्रित रखते हैं।
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यह पेट की लाइनिंग में जमा होने वाले एसिड को बेअसर करता है और पेट के अल्सर से सुरक्षा प्रदान करता है। यह ठंडे प्रकृति का होता है जो पेट को शीतल रखता है और पेट में अम्ल को फैलने से बचाने में मदद करता है। मट्ठा एक ऐसा पेय पदार्थ है जो अल्सर जैसी बीमारी में एक थेरेपी का कार्य करता है छाछ का सेवन करने से पेट के सभी बिकार दूर हो जाते है।
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कई तरह के विकारों को दूर करने में छाछ का उपयोग तो किया ही जाता है साथ में हीमोरॉयड (Hemorrhoids) के इलाज में भी यह पेय पदार्थ काफी सहायक होता है। एक कप छाछ में चावल और केला मिलाकर खाने से हीमोरॉयड के रोगियों को इस बीमारी में राहत मिलती है।
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कैल्शियम से भरपूर (calcium rich mattha) होने के कारण मट्ठा का सेवन करने से ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी में राहत मिलती है। हमें प्रतिदिन एक हजार मिलीग्राम कैल्शियम की आवश्यकता होती है, और एक कप मट्ठे का सेवन करने से 284 मिलीग्राम कैल्शियम हमें आसानी से प्राप्त हो जाता है। शरीर में पर्याप्त कैल्शियम होने से बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों के टूटने और उनमें तकलीफ समस्या नहीं होती है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी से राहत मिलती है।
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हमारे शरीर में कई तरह के विषाक्त पदार्थ जमा रहते हैं जिन्हें शरीर से बाहर निकालने में छाछ प्रभावी होता है। यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है और त्वचा को नमी प्रदान (moisturise) करता है और चेहरे की देखभाल में सहायता करता है। इसमें प्रोबायोटिक लैक्टिक एसिड होता है जो फेशियल मास्क के रूप में प्रयोग होता है और यह चेहरे पर बढ़ती उम्र के झुर्रियों को कम करता है। छाछ का सेवन करने से त्वचा सालों साल जवान रहती है।
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सीमित मात्रा में छाछ का सेवन लाभदायक होता है लेकिन इसके अधिक पीने से डायरिया एवं मिचली की समस्या हो सकती है। कुछ गंभीर परिस्थितियों में इसका अधिक सेवन कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकता है।
इसमें बहुत सारे विटामिन और पोषक तत्व होते होते है जो ब्लड प्रेशर घटाने, कोलेस्ट्रॉल कम करने, पेट की जलन दूर करने, कब्ज दूर करने और हड्डियों को मजबूत करने में मदद करता है।
छाछ की एक गिलास मात्रा में लगभग 210 मिलीग्राम कैल्शियम होता है?
छाछ में कैलोरी बहुत कम होती है और फैट बिलकुल भी नहीं होता है। यह वजन कम करने में सहायक होता है। इसलिए आप छाछ में नमक और काली मिर्च मिलाकर पियें।
छाछ या मट्ठा में बहुत कम कैलोरी पाई जाती है। इसमें एक गिलास में लगभग 26-30 कैलोरी होती है। इसलिए इसका सेवन करना सुरक्षित है।
छाछ में अनेक प्रकार के पौष्टिक तत्व पाए जाते है। मट्ठा में उच्च मात्रा में कैल्शियम, पोटैशियम, विटामिन B12, रोइबोफ्लैविन और फॉस्फोरस मौजूद होता है।
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