कैफीन एक उत्तेजक (stimulant) पदार्थ है जो दुनिया भर में ड्रग के रूप में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है। रोजाना लाखों लोग खुद को एक्टिव रखने, थकान दूर करने एवं एकाग्रता एवं ध्यान को बेहतर करने के लिए किसी न किसी रूप में कैफीन का सेवन करते हैं। आमतौर पर कैफीन कॉफी, चाय और चॉकलेट एवं अन्य खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। इस लेख में आप जानेंगे कैफीन क्या होता है, कैफीन के फायदे और कैफीन के नुकसान के साथ क्या यह स्वास्थ्य के लिए अच्छा है या बुरा? के बारे में।
वास्तव में, यह प्राकृतिक उत्तेजक दुनिया में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाली सामग्री में से एक है (1)। कैफीन अक्सर नींद और चिंता पर इसके नकारात्मक प्रभावों के लिए जाना जाता है। हालांकि, अध्ययन यह भी बताते हैं कि इसके विभिन्न स्वास्थ्य लाभ भी हैं।
माना जाता है कि हर दिन 400 मिलीग्राम से अधिक कैफीन का सेवन नहीं करना चाहिए अन्यथा यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। एथलीट अपने शरीर को एक्टिव रखने के लिए कैफीन का अधिक सेवन करते हैं। इसके अलावा ज्यादातर लोग एनर्जी ड्रिंक (energy drink) के रूप में भी कैफीन का सेवन करते हैं।
विषय सूची
1. कैफीन क्या है – What is Caffeine in Hindi
2. कैफीन के फायदे – Caffeine Ke Fayde in Hindi
3. कैफीन के नुकसान – Caffeine Ke Nuksan in Hindi
कैफीन एक प्राकृतिक उत्तेजक है जो आमतौर पर चाय, कॉफी और काकाओ के पौधों में पाया जाता है। Caffeine को वैज्ञानिक रूप से मेथिल थियोब्रोमीन के नाम से जाना जाता है। यह क्षारीय (alkaloid) प्रकृति का होता है। यह एक प्राकृतिक पदार्थ है जो कॉफी बीन्स, चाय, सहित 60 से अधिक पेड़ों की पत्तियों, बीजों एवं फलों से प्राप्त किया जाता है। यह मस्तिष्क और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करने का काम करता है, जिससे आपको सतर्क रहने और थकान की शुरुआत को रोकने में मदद मिलती है। आजकल, दुनिया की 80% आबादी प्रत्येक दिन एक कैफीनयुक्त उत्पाद का सेवन करती है। ज्यादातर लोग इसे कॉफी, चाय, शीतल पेय, ऊर्जा पेय या चॉकलेट से प्राप्त करते हैं।
कैफीन का मुख्य प्रभाव मस्तिष्क पर होता है। यह न्यूरोट्रांसमीटर एडेनोसिन के प्रभावों को रोककर मस्तिष्क को उत्तेजित करता है।
एक बार सेवन करने के बाद, कैफीन जल्दी से आंत से रक्तप्रवाह में अवशोषित हो जाता है।
वहां से, यह यकृत में जाता है और यौगिकों में टूट जाता है जो विभिन्न अंगों के कार्य को प्रभावित कर सकता है।
कहा जा रहा है कि, कैफीन का मुख्य प्रभाव मस्तिष्क पर होता है।
यह एडेनोसाइन के प्रभाव को अवरुद्ध करके अपना कार्य करता है, जो एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो मस्तिष्क को आराम देता है और आपको थका हुआ महसूस कराता है।
आम तौर पर, एडेनोसिन का स्तर दिन भर में बढ़ता है, जिससे आप तेजी से थक जाते हैं और इसके कारण आप सोने जाना चाहते हैं।
कैफीन आपको सक्रिय किए बिना मस्तिष्क में एडेनोसिन रिसेप्टर्स से जुड़कर जागते रहने में मदद करता है। यह एडेनोसिन के प्रभाव को रोकता है, जिससे थकान कम हो जाती है।
यह रक्त में एड्रेनालाईन के स्तर को बढ़ा सकता है और न्यूरोट्रांसमीटर डोपामाइन और नॉरपेनेफेशिन की मस्तिष्क गतिविधि को बढ़ा सकता है।
यह संयोजन आगे मस्तिष्क को उत्तेजित करता है और उत्तेजना, सतर्कता और ध्यान केंद्रित करने की स्थिति को बढ़ावा देता है। क्योंकि यह आपके मस्तिष्क को प्रभावित करता है, कैफीन को अक्सर एक मनो-सक्रिय दवा के रूप में संदर्भित किया जाता है।
इसके अतिरिक्त, कैफीन इसके प्रभाव को शीघ्रता से बढ़ाता है।
उदाहरण के लिए, एक कप कॉफी में पाई जाने वाली मात्रा को रक्तप्रवाह तक पहुंचने में 20 मिनट का समय लग सकता है और पूर्ण प्रभावशीलता तक पहुंचने में लगभग एक घंटे का समय लगता है ।
रिसर्च में पाया गया है कि दुनियाभर में करीब 80 प्रतिशत लोग दवा के रूप में कैफीन का हर दिन सेवन करते हैं। कैफीन का सेवन दवाओं के रूप में तो किया ही जाता है साथ में चाय एवं कॉफी जैसे पेय पदार्थों (beverage) में भी भरपूर मात्रा में कैफीन पाया जाता है जिसके सेवन से शरीर एक्टिव रहता है और शरीर के विभिन्न विकारों को दूर करने में यह फायदेमंद होता है।
प्रतिदिन कैफीन का सेवन करने से शरीर का वजन घटता है और व्यक्ति को मोटापे की समस्या नहीं होती है। एक स्टडी में पाया गया है कि कैफीन भूख को कम करता है जिसके कारण व्यक्ति का वजन नहीं बढ़ता है। प्रतिदिन 300 से 400 मिलीग्राम कैफीन का सेवन चाय या कॉफी के रूप में करने से शरीर का वजन नियंत्रित रहता है। कैफीन चयापचय को बढ़ा सकता है और वसा की हानि को बढ़ा सकता है, लेकिन ये प्रभाव लंबे समय में होने की संभावना है।
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रात में एल्कोहल का सेवन करने वाले ज्यादातर लोगों को अगले दिन सिर दर्द की समस्या हो जाती है। ऐसी स्थिति में एक कप ब्लैक कॉफी पीने से सिर का दर्द दूर हो जाती है। कैफीन में शक्तिशाली न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रभाव होता है जो दर्दनिवारक का काम करता है। यह सिरदर्द के साथ ही माइग्रेन को ठीक करने में भी मदद करता है।
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मस्तिष्क में एसिटीलकोलीन नामक न्यूरोट्रांसमीटर का स्तर बढ़ाने में कैफीन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इससे ध्यान, एकाग्रता, स्मृति और सीखने की क्षमता बढ़ती है। इसलिए कैफीन का मस्तिष्क और याद रखने की क्षमता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। स्वस्थ मस्तिष्क के लिए कैफीन उत्कृष्ट माना जाता है।
डिहाइड्रेशन, एलर्जी, अनिद्रा एवं आनुवांशिक कारणों से आंखों के नीचे काले घेरे (Dark Circles) हो जाते हैं। कैफीन आंखों के नीचे रक्त के संचय को कम करता है और काले घेरे को दूर करने में मदद करता है। कैफीन युक्त टी बैग को गीला करके आंखों के नीचे रगड़ने से काले घेरे खत्म हो जाते हैं।
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चेहरे की फाइन लाइन (fine lines) को टाइट रखने में कैफीन की महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इससे त्वचा हमेशा जवान रहती है और उम्र का असर दिखायी नहीं देता है। कैफीन का उपयोग स्किन को टाइट रखने वाली क्रीम बनाने में बी किया जाता है। कैफीन त्वचा कैंसर उत्पन्न करने वाली कोशिकाओं को नष्ट करने में भी मदद करता है। सौंदर्य प्रसाधन उत्पादों में कैफीन बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है।
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पुरुषों में डिहाइड्रोटेस्टोस्टीरोन (DHT) नामक मेल हार्मोन के प्रभावित हो जाने के कारण हेयर फॉलिकल कमजोर हो जाते हैं। इसका नतीजा यह होता है कि हेयर फॉलिकल छोटे और अंत में गायब हो जाते हैं जिसके कारण पुरुषों में गंजेपन की समस्या हो जाती है। कैफीन को बालों की जड़ों में लगाने से यह हेयर फॉलिकल को उत्तेजित करता है और बाल झड़ने एवं गंजापन को रोकता है।
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एक स्टडी में पाया गया है कि कैफीन का सेवन प्रतिदिन कॉफी के रूप में करने से कैंसर की संभावना 18 प्रतिशत कम हो जाती है। कैफीन में एंटी इंफ्लैमेटरी एवं एंटीऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है जो प्रोस्टेट कैंसर, एंडोमेट्रियल कैंसर, मेलानोमा, स्किन कैंसर एवं लिवर कैंसर से बचाने में मदद करता है।
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कॉफी और चाय जैसे कैफीन युक्त पेय हृदय रोग और टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को कम कर सकते हैं, हालांकि यह व्यक्ति पर निर्भर हो सकता है। 4 वर्षों तक लगातार एक कप से अधिक कैफीन युक्त कॉफी का सेवन करने से पुरुष एवं महिलाओं में टाइप 2 डायबिटीज की संभावना 11 प्रतिशत तक कम हो जाती है। इसके अलावा चार हफ्तों तक लगातार अधिक कैफीन का सेवन करने से शरीर में इंसुलिन की सांद्रता बढ़ती है जिससे कि डायबिटीज रोग के लक्षण कम होते हैं।
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एक रिसर्च में पाया गया है कि आजीवन कैफीन का सेवन करने से अल्जाइमर(Alzheimer) रोग नहीं होता है। इसके अलावा उच्च मात्रा में कैफीन युक्त कॉफी का सेवन करने से पार्किंसन रोग होने की संभावना भी कम हो जाती है।
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हमारे शरीर में लीवर एक ऐसा अंग है जो शरीर की सैकड़ों महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करता है। हेपेटाइटिस, फैटी लिवर, साइरोसिस (cirrhosis) सहित विभिन्न रोगों से लिवर कमजोर हो जाता है। लिवर की बीमारियों से बचने के लिए दिन में चार कप या इससे अधिक कॉफी का सेवन करने से इन बीमारियों का खतरा 80 प्रतिशत कम हो जाता है और लीवर भी मजबूत रहता है। कॉफ़ी लिवर के नुकसान (सिरोसिस) के खतरे को 84% तक कम कर सकती है। यह रोग की प्रगति को धीमा कर सकती है, उपचार की प्रतिक्रिया में सुधार कर सकती है और समय से पहले मौत के जोखिम को कम कर सकती है।
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लोग अक्सर यह दावा करते हैं कि कैफीन के सेवन से रक्तचाप (blood pressure) बढ़ जाता है। हालांकि यह सच भी है लेकिन इसका प्रभाव बहुत जरा सा होता है। प्रतिदिन कॉफी का सेवन करने से ब्लड प्रेशर नहीं बढ़ता है। प्रतिदिन उच्च कैफीन युक्त कॉफी के सेवन से स्ट्रोक का खतरा 20 प्रतिशत कम हो जाता है और हृदय रोगों से भी बचाव होता है।
आमतौर पर कैफीन का सेवन सुरक्षित माना जाता है। कैफीन एक ऐसा उत्तेजक पदार्थ है जो शरीर को एक्टिव रखने एवं बहुत सी बीमारियों के इलाज में दवा के रूप में उपयोग किया जाता है लेकिन इसका अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से इसका नुकसान भी हो सकता है। आइये जानते हैं कैफीन से होने वाले नुकसान के बारे में।
कॉफी पीने से एक स्वस्थ जिगर, त्वचा और पाचन तंत्र को बढ़ावा मिल सकता है। यह जीवन को लम्बा बना सकती है और कई बीमारियों को रोकने में मदद कर सकती है।ध्यान रखें कि कॉफी में अन्य पदार्थ भी होते हैं जो स्वास्थ्य में सुधार करते हैं । ऊपर सूचीबद्ध कुछ लाभ कैफीन के अलावा अन्य पदार्थों के कारण हो सकते हैं।
अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) और यूरोपीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण (ईएफएसए) दोनों रोजाना 400 मिलीग्राम कैफीन के सेवन को सुरक्षित मानते हैं। यह प्रति दिन 2 से 4 कप कॉफी की मात्रा है। हालांकि, गर्भवती महिलाओं को अपने दैनिक सेवन को 200 मिलीग्राम या उससे कम तक सीमित करना चाहिए।
कैफीन उतना अस्वास्थ्यकर नहीं है जितना कि इसे माना जाता है। वास्तव में, सबूत दिखाते हैं कि यह ठीक इसके विपरीत हो सकता है। इसलिए, अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए अपनी डेली लाइफ में एक-दो कप कॉफी या चाय को शामिल करना सुरक्षित है।
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