Castor oil Benefits for Piles in Hindi: अरंडी का तेल एक प्रकार की आयुर्वेदिक औषधि है जो बवासीर के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होता है। बवासीर या पाइल्स एक बहुत ही शर्मनाक और कष्टकारी बीमारी है, जो आपके गुदा में होती है। आज हम आपको अरंडी के तेल फायदे पाइल्स के लिए बताएंगे।
पाइल्स का दर्द बहुत ही भयंकर होता है और इसकी वजह से आपके गुदा के निचले हिस्से के चारों ओर नसों में सूजन आ जाती है और खून भी निकलता है। अरंडी के तेल फायदे बवासीर के लिए बहुत ही प्रभावी होते है।
बवासीर के रोगी को हर बार मल त्याग के समय पीड़ा होती है। यदि आप भी खूनी अथवा बादी बवासीर से परेशान हैं, तो आपके लिए अरंडी के तेल प्रयोग रामबाण इलाज के समान है।
मल कठोर (hard stool) होना या मल त्यागने में परेशानी एवं पेट साफ न होना पाइल्स होने का मुख्य कारण होता है। आइये जानते है कि बवासीर के इलाज में कैस्टर ऑयल किस प्रकार से लाभदायक होता है।
विषय सूची
बवासीर होने के कारण – Cause of piles in Hindi
बवासीर होने का मुख्य कारण हमारे पाचन तंत्र का ख़राब होना हैं। इनकी वजह से पेट में हमेशा गैस और कब्ज की समस्या रहती है। कब्ज होने की वजह से खाना समय पर सही से हजम नहीं होता है जिसके कारण पेट पूरी तरह से खाली नहीं होता है और स्टूल मोटा तथा टाइट बनने लगता है। स्टूल मोटा और टाइट होने के कारण एनस की नसों में प्रेशर पड़ता है जिसकी वजह से उनके अंदर जख्म बन जाते हैं। वही जख्म आगे जाकर बवासीर का रूप ले लेते हैं।
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पाइल्स में कैस्टर ऑयल कैसे मदद करता है – Piles me Castor oil kaise Help karta hai
कैस्टर ऑयल एक स्टिमुलेट लैग्जेटिव (stimulant laxative) है। स्टिमुलेट लैग्जेटिव का काम आंत्र को हिलाना, निचोड़ना और संकुचन करना होता है। अरंडी के तेल में रिसिनोलिक एसिड (Ricinoleic Acid) मौजूद होता है, जिसमें प्राकृतिक पेट को साफ करने के गुण होते है। स्टूल (Stool) को सॉफ्ट बनाने के प्राकृतिक उपाय में अरंडी के तेल का इस्तेमाल करे।
अरंडी के तेल फायदे बवासीर के लिए – Castor oil Benefits for Piles in Hindi
प्राचीन समय से ही आयुर्वेद द्वारा बवासीर के इलाज के लिए कस्टर्ड आइल (अरंडी के तेल) का उपयोग किया जा रहा है। अंडी के तेल में बवासीर के लक्षणों को नियंत्रित करने वाले गुण होते हैं। क्योंकि अरंडी का तेल एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर होता है। इन्ही गुणों के कारण बवासीर के घरेलू उपचार के रूप में अंडी के तेल का व्यापक उपयोग किया जाता है।
बवासीर में अरंडी के तेल का उपयोग कैसे करें – How to use castor oil in piles in Hindi
पाइल्स के लक्षणों को कम करने के लिए प्रतिदिन 3 मिली लीटर दूध और अरंडी के तेल को प्रभावित क्षेत्र में लगाना चाहिए। इसके अलावा आप रात में 1 गिलास दूध के साथ अरंडी का भी सेवन कर सकते हैं। इस तरह से आंतरिक और बाहरी रूप से कस्टर्ड तेल का उपयोग बवासीर के दर्द और खुजली आदि को दूर कर सकता है।
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टी ट्री ऑयल और कैस्टर ऑयल के फायदे पाइल्स में – Benefits of Tea Tree Oil and Castor Oil in Piles in Hindi
बवासीर के उपचार में आप अरंडी के तेल साथ टी ट्री ऑयल का भी उपयोग कर सकते है। टी ट्री ऑयल में एंटीसेप्टिक, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते है जो ब्लीडिंग रोकने के साथ साथ खुजली और दर्द में भी राहत देते हैं। आपको इन तेलों के मिश्रण का सेवन नहीं करना है। इन दोनों को मिक्स करके कॉटन की मदद से पाइल्स पर लगाना है।
बवासीर में अरंडी के तेल के साइड इफ़ेक्ट – Side effects of castor oil in piles in Hindi
कैस्टर ऑयल के सेवन और स्किन पर इस्तेमाल से कुछ लोगों को इसके साइड इफ़ेक्ट भी हो सकते है, जो निम्न है-
- अरंडी का तेल उपयोगबच्चों के लिए नुकसानदायक होता है।
- गर्भवती महिलाएं अरंडी के तेल के उपयोग से बचें, यह गर्भपात का कारण बन सकता है।
- पैच टेस्ट करके के बाद ही त्वचा पर अरंडी तेल का उपयोग करें।
- कैस्टर ऑयल के अधिक सेवन से पेट खराब, मतली, पेट में दर्द और सीने में दर्द आदि की समस्या हो सकती है।
- डायरिया होना, पेट की ऐंठन होना, चक्कर आना और त्वचा में चकत्ते पड़ना आदि साइड इफ़ेक्ट हो सकते है।
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