Chameli Ke Phool Ke Fayde Aur Nuksan चमेली के फूल के फायदे स्वास्थ्य के लिए बेहद खास होते हैं। अक्सर लोग चमेली के तेल की बाते करते हैं। चमेली के फूल को फूलों की रानी के नाम से भी जाना जाता है। चमेली का पौधा जैतून के परिवार से संबंधित है। दुनिया भर में चमेली की 150 से अधिक प्रजातियां हैं। चमेली के फूल की खुशबू के कारण ही इसका व्यवसायिक उत्पादन किया जाता है। चमेली के फूल के फायदे स्वास्थ्य के साथ ही त्वचा और बालों के लिए भी होते हैं। चमेली के पौधे का वनस्पतिक नाम जैस्मिनम ओफिसिनेल (Jasminum Officinale) है। इस लेख में आप चमेली के फूल के फायदे क्या होते हैं इसकी जानकारी प्राप्त करेगें। आइए इन्हें विस्तार से जानें।
विषय सूची
1. चमेली के फूल के स्वास्थ्य लाभ – Chameli ke phool ke swasth labh in Hindi
2. चमेली के फूल के नुकसान – Chameli ke phool ke Nuksan in hindi
आयुर्वेद में चमेली के फूल को औषधीय जड़ी बूटी के रूप में उपयोग किया जाता है। अपने औषधीय गुणों के कारण चमेली का फूल विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है। विशेष रूप से चमेली के फूल के फायदे हमारी प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने, तनाव को कम करने, मुंह में होने वाली समस्याओं को रोकने और हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं। आइए इन्हें विस्तार से जानें।
चमेली के फूल का उपयोग हृदय को स्वस्थ रखने के लिए किया जा सकता है। अगर आपको भी हृदय संबंधी समस्याएं हैं तो आप भी चमेली के फूल की चाय का सेवन कर सकते हैं। चमेली के फूल में कैटेचिन होता है जो एलडीएल-ऑक्सीकरण (LDL-oxidation) को रोकने में मदद करता है। क्योंकि खराब कोलेस्ट्रॉल धमनियों को ब्लाक करने और रक्त प्रवाह को वाधित कर सकता है। जिससे धमनियों से सूजन आ जाती है जो आगे चलकर स्ट्रोक और दिल के दौरे जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए आप चमेली के फूल से बनी चाय के फायदे प्राप्त कर सकते हैं।
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जो लोग मधुमेह के लक्षणों से प्रभावित हैं उनके लिए चमेली का पौधा एक औषधी से कम नहीं। ऐसा माना जाता है कि चमेली के पौधे में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं। चमेली के पौधे की जड़ों को पानी में उबालकर पीने से मधुमेह के लक्षणों को कम किया जा सकता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व रक्त में रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में सहायक होते हैं।
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औषधीय गुणों के कारण चमेली का तेल त्वचा में मौजूद घाव और चोट आदि को ठीक करने में सहायक होता है। चमेली के फूल का उपयोग कट और घाव के उपचार में भी किया जाता है। चमेली के फूल का सबसे महत्वपूर्ण उपयोग अरोमाथेरेपी के रूप में होता है। क्योंकि इस फूल से आने वाली सुगंध मानव मन में सकारात्मकता की भावनाओं को बढ़ाती है। इसके अलावा चमेली के फूल के तेल से मसाज करने पर शारीरिक दर्द को आसानी से दूर करने में मदद मिलती है।
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मौखिक समस्याओं को दूर करने के लिए चमेली के फूल और इसके पत्ते लाभकारी होते हैं। चमेली के पौधे की पत्तियों का उपयोग मुंह के रोगों जैसे दांतों के दर्द, मसूड़ों में संक्रमण आदि के उपचार में किया जाता है। इसके अलावा नियमित रूप से चमले के फूल और पत्ते सिर दर्द, त्वचा में चकत्ते, और अन्य त्वचा समस्याओं को दूर करने में भी सहायक होते हैं।
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एक अध्ययन के अनुसार पाचन संबंधी और विशेष रूप से कब्ज का इलाज करने में चमेली के फूल उपयोग किये जा सकते हैं। इसके अलावा आप कब्ज से छुटकारा पाने के लिए चमेली के पौधे की पत्तियों और जड़ों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। क्योंकि इस औषधीय पौधे में पेट को साफ करने वाले प्राकृतिक गुण होते हैं। जो पेट में मौजूद विषाक्त पदार्थों को दूर कर पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं। कब्ज संबंधी विभिन्न हर्बल दवाओं में चमेली के फूलों का उपयोग प्रमुख घटक के रूप में किया जाता है।
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प्राचीन चिकित्सा पद्यति के अनुसार चमेली के फूल का उपयोग तनाव और इससे संबंधी समस्याओं के लिए किया जा सकता है। इसके लिए चमेली के फूलों को पीस कर इसे चाय के रूप में उपयोग किया जाता है। इस चाय का सेवन करने पर यह चिंता, तनाव, सनस्ट्रोक और अन्य संक्रमणों के उपचार में उपयोगी माना जाता है। इस तरह से आप तनाव संबंधी समस्याओं के उपचार के लिए चमेली के फूल के लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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यदि आप बार बार संक्रमण और सामान्य बीमारीयों से परेशान हैं तो चमेली के फूल का उपयोग करें। अध्ययनों से पता चलता है कि चमेली के फूल से बनी चाय का सेवन हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चमेली के फूलों में सक्रिय घटक के रूप में लिनालूल, बेंजोइक एसीटेट, इंडोल, सैलिसिलिक एसिड और अल्कॉइड होते हैं। इन सभी घटकों की अच्छी मात्रा हमारे शरीर को हानिकारक प्रभावों से बचाने में सहायक होती है। नियमित रूप से चमेली के फूल की चाय का सेवन आपको सामान्य सर्दी और बुखार से राहत दिला सकता है।
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चमेली के फूल औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। जिसके कारण यह आपकी त्वचा को स्वस्थ्य और चुस्त रखने में मदद करते हैं। चमेली के फूल की चाय का नियमित सेवन करने पर यह आपकी त्वचा को पूरे दिन मॉइस्चराइज रखने में मदद करते हैं। आप त्वचा के लिए चमेली के तेल का भी उपयोग कर सकते हैं। लेकिन चमेली के फूलों का उपयोग सीधे ही त्वचा में नहीं करना चाहिए। इसके अलावा चमेली के तेल को अन्य तेलों के साथ मिलाकर ही उपयोग करना चाहिए।
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अध्ययनों से पता चलता है कि चमेली के फूलों में एंटी-ट्यूमर गुण होते हैं। क्योकि चमेली की चाय में एंगुस्टिफोलियम लिनन के एथेनोलिक होता है। जो शरीर में मौजूद ट्यूमर कोशिकाओं के विकास को रोकने और इन्हें नष्ट करने में सहायक होता है। शोधकर्ताओं के अनुसार ट्यूमर सिंड्रोम को दबाने के लिए चमेली के पौधे का उपयोग बहुत ही फायदेमंद होता है।
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अध्ययनों से पता चलता है कि चमेली के फूल का उपयोग डिसमेनोरिया और एमेनोरिया के इलाज के लिए किया जा सकता है। डिसमनोरिया को दर्दनाक मासिक धर्म के रूप में जाना जाता है। जिसमें पेट की ऐंठन आदि शामिल है। जबकि एमेनोरिया एक स्वास्थ्य स्थिति है जिसे मासिक धर्म की असामान्य अनुपस्थिति द्वारा समझा जाता है। आप इन सभी प्रकार की समस्याओं को दूर करने के लिए चमेली के फूल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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गुर्दे के पत्थर होना किसी व्यक्ति के लिए गंभीर समस्या हो सकती है। लेकिन अध्ययन बताते हैं कि पथरी का इलाज करने के लिए चमेली के फूलों का उपयोग किया जा सकता है। क्योंकि चमेली के फूल में एंटीलिथिएटिक गुण होते हैं। ये गुण पथरी का गठन होने से रोकते हैं। इसलिए पथरी का इलाज करने के लिए चमेली के फूल फायदेमंद हो सकते हैं।
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ऐसा माना जाता है कि चमेली के फूल में एनाल्जेसिक गुण होते हैं। जिसके कारण चमेली के फूल की खुशबू लेने पर यह सिर दर्द के लक्षणों से छुटकारा दिला सकता है। इन्हीं कारणों से चमेली के फूलों का उपयोग सिरदर्द की हर्बल दवाओं के लिए किया जाता है।
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चमेली के फूल में टैनिन नामक समृद्ध घटक होता है जिसे एंटी-कैंसर गुणों वाला माना जाता है। इस प्रकार के गुण होने के कारण चमेली के फूलों को उपयोग कैंसर के लक्षणों को कम करने और कैंसर के उपचार के लिए किया जाता है। नतीजतन यह कैंसर से जुडी सूजन या अल्सर कोशिकाओं के इलाज में सहायक होता है। आप भी कैंसर के लक्षणों और प्रभावों को कम करने के लिए चमेली के फूल के फायदे प्राप्त कर सकते हैं।
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चमेली के फूल की खुशबू नसों को शांत करने में अहम भूमिका निभाती हैं। जिससे अपको आराम मिलता है। आपको बस इतना करना है कि चमेली के फूल से प्राप्त तेल को नारियल के तेल में मिलाएं और अपने शरीर में इस तेल को लगाएं। इस तेल से शरीर की मालिश करने पर यह दर्द से छुटकारा दिलाने में सहायक होती है। साथ ही इस तेल की खुशबू मन को शांत कर तनाव से भी राहत दिला सकती है।
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हमारे शरीर की त्वचा में मौजूद बैक्टीरिया पसीने के साथ क्रिया करते हैं। जिससे शरीर की बदबू जैसी समस्या आ सकती है। यदि आप शरीर की बदबू को दूर करने के उपाय ढूंढ रहे हैं तो चमेली के फूल से बेहतर कोई और विकल्प नहीं है। आप चमेली के फूलों का उपयोग कर घर पर ही बॉडी स्प्रे बना सकते हैं। इसके लिए आप स्प्रे बोतल में 1 चम्मच चमेली के फूलों का तेल लें और इसमें पानी मिलाएं। स्प्रे बोतल को अच्छी तरह से हिलाएं आपके लिए चमेली के फूल की खुशबू बाला बॉडी स्प्रे तैयार हैं।
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आप अपने बालों को प्राकृतिक कंडीशन करने के लिए चमेली फूल का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप कुछ पानी को गर्म करें और इसमें चमेली के फूलों को डाल दें। कुछ देर के बाद पानी से फूलों को निकाल लें और पानी को ठंडा होने दें। इस ठंडे पानी से आप अपने बालों को धुलें। इस बात का ध्यान रखें की इस पानी से बालों को धुलने के बाद सामान्य पानी से बालों को न धुलें। आप अपने बालों में चमक लाने के लिए पानी में चमेली के तेल की कुछ बूंदें भी मिला सकते हैं।
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अन्य जड़ी बूटियों और पौधों की तरह, चमेली के फूल के नुकसान होते है। नीचे बताई गई अवस्था में
चमेली का उपयोग न करें:
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