Chameli oil benefits in Hindi आप लोगों में से अधिकांश लोगों ने चमेली के तेल के बारे में सुना होगा और इसे इस्तेमाल भी करते होगें। लेकिन वास्तव में क्या आपको चमेली के तेल के फायदे और नुकसान पता हैं। यह एक सुगंधित फूल से प्राप्त किया जाता है। इस फूल से बहुत ही प्रभावी और शक्तिशाली खुशबू मिलती है जिसे विभिन्न प्रकार के इत्रों में उपयोग किया जाता है। चमेली का तेल चेहरे और बालों के लिए फायदेमंद होता है। इसके अलावा इसके बहुत से स्वास्थ्य लाभ भी हैं जिनमें अवसाद को कम करना, अनिद्रा को दूर करना, एकाग्रता को बढ़ाना, मांसपेशीयों के दर्द को ठीक करना, गर्भावस्था के दौरान आदि शामिल हैं। आज का यह लेख चमेली का तेल के फायदे और नुकसान पर आधारित है। आइए इन्हें विस्तार से जानते है।
विषय सूची
1. चमेली तेल क्या है – Chameli Ke Tel Kya Hai in Hindi
2. चमेली की बेल – Chameli Plant in Hindi
3. चमेली के तेल के पोषक तत्व – Chameli Oil Nutritional Value in Hindi
4. चमेली का तेल बनाने की विधि – How To Make Chameli Oil in Hindi
5. चमेली तेल के फायदे हिंदी में – Chameli Oil Benefits in Hindi
6. चमेली के तेल के नुकसान – Chameli Tel Ke Nuksan in Hindi
विभिन्न प्रकार के औषधीय और लाभकारी गुणों से भरपूर चमेली के फूल से सभी लोग परिचित होगें। अगर आप इस नाम से परिचित न हो तो आप इसे जैस्मीन के नाम से जरूर जानते होगें। इस पौधे के फूल से निकाले गए आवश्यक तेल को चमेली का तेल कहा जाता है। इस फूल को चमेली नाम पारसी शब्द यासमीन से दिया गया है जिसका शाब्दिक अर्थ प्रभु की देन है। चमेली तेल के फायदे महिलाओं के लिए प्रसव दर्द को कम करने के लिए जाने जाते हैं। विभिन्न प्रकार की चकित्सकीय उपयोग के लिए चमेली के तेल के उपयोग की सलाह दी जाती है। चमेली के तेल का व्यापक उपयोग इसमें मौजूद पोषक तत्वों की उपस्थिति के कारण होता है। आइए जाने चमेली के पौधे के बारे में।
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यह ओलेसी परिवार (Oleceae family) में अधिकांश जेनेरा (genera) प्रजाति के पौधों से विपरीत होता है जिनके फूलों की 4 पंखुड़ियाँ होती है। लेकिन चमेली के फूलों में अक्सर 5 पंखुड़ियाँ होती है। यह एक प्रकार की बेल है जिसे हम साज-सजावट के लिए अपने घरों या बगीचों में लगा सकते हैं। चमेली के फूल गर्मी या बसंत के मौसम में मिलते हैं जिन्हें लगभग 6 माह पहले पौधों के रूप में लगाया जाता है। चमेली का फूल सूर्यास्त के बाद फूलता है और अपनी खुशबू को वातावरण में फैलाता है। विशेष रूप से यह पूर्णमा के पास आने पर अपनी खुशबू अधिक फैलाता है। लेकिन चमेली की अन्य प्रजातियां भी है जो इतनी लोकप्रिय नहीं हैं। चमेली के पौधे की लगभग 200 प्रजातियां है जिनमें से कुछ जहरीली होती हैं।
यह मुख्य रूप से एक प्रकार की बेल या झाड़ीदार पौधा है। इसकी पत्तियां अंडाकार और चमकीली होती हैं। इसके फूलों का रंग सफेद होता है जिनमें हल्की मोम की परत होती है। आइए जाने चमेली तेल के पोषक तत्व जो हमें स्वास्थ्य लाभ दिलाते हैं।
विभिन्न प्रकार के परफ्यूमों में उपयोग किये जाने वाले चमेली के तेल के बहुत से स्वास्थ्य लाभ होते हैं। यह अपने उच्च पौष्टिक मूल्यों के लिए जाना जाता है। चमेली के तेल मे मुख्य घटक के रूप में बेंज़ोइक एसिड, बेंजाल्हेहाइड, बेंजाइल एसीटेट, बेंजाइल अल्कोहल, इंडोल, बंजि़ल बेंजोएट, सीआईएस-3 हेक्सिनिल बेंजोएट, सीआईएस-जैस्मोनी, सीओसोल, यूजीनॉल, फार्नेसोल, जेरानोल, लिनलूल, मिथाइल एंथ्रेनिलेट, पी-क्रेसोल, नेरोल गामा टेरपीनॉल, नेरोलिडोल, आइसोफिटोल और फाइटोल आदि शामिल हैं। चमेंली तेल का उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है। आप इसे अपनी त्वचा की समस्याओं को दूर करने के लिए स्किन पर लगा सकते हैं, इससे स्क्रब कर सकते हैं, अपने बालों में तेल की तरह उपयोग भी किया जा सकता है।
क्या आप अपने घर में ही चमेली का तेल बनाना चाहते हैं। यदि ऐसा है तो आइए जाने चमेली के तेल बनाने की सबसे आसान विधी जिसका उपयोग कर आप अपने घर में ही चमेली का तेल बना सकते हैं। चमेली का तेल बनाने के लिए आपको कांच का एक हवा बंद कंटेनर की आवश्यकता है।
आप लगभग चमेली के 8 फूलों को लें और इन्हें कुचलकर इस कंटेनर में डालें। इस कंटेनर में 300 मिलीलीटर किसी आवश्यक तेल को मिलाएं। इस मिश्रण को अच्छी तरह से हवा बंद बोतल या जार में टाइट करके धूप में रख दें। आप इस जार को हर 2 घंटों में अच्छी तरह से मिलाएं ताकि चमेली फूल के अवयव तेल में धुल जाएं। 1 या 2 दिन के बाद आप इस तेल को सूती या मलमल के कपड़े से निचोड़ें। इस तेल को फिर से बोतल में ड़ालें और चमेली के और फूलों को कुचलकर मिलाएं। कुछ दिनों तक इसी प्रक्रिया को दोहराते रहें जब तक की आपको तेल में पर्याप्त चमेली की खुशबू प्राप्त न हो। आप इस तेल को सूखी और ठंड़ी जगह में स्टोर करके रखें और कुछ सप्ताह के अंदर ही इसका उपयोग कर लें।
त्वचा और बालों को लाभ दिलाने के साथ ही चमेली तेल का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। चमेली का फूल बहुत ही प्रसिद्ध फूल है इसमें एक मनमोहक खुशबू होती है जो कि रोमांटिक सुगंध है। यह फूल केवल रात में ही फूलता है। प्राचीन समय से ही यौन उत्तेजना के लिए इस फूल का उपयोग किया जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि चमेली का फूल प्रेम संबंधों को मजबूत करने में सहायक होता है। आइए विस्तार से जाने चमेली तेल के फायदे क्या हैं।
यदि आप अवसाद से ग्रस्त हैं तो चमेली का तेल आपके लिए बहुत ही फायदेमंद हो सकता है। चमेली के तेल की सुगंध मन और मस्तिष्क को सुखद और शांति का अनुभव कराती है। चमेली का तेल सक्रिय रूप से अवसाद को कम करने में सहायक होता है। इस तेल का उपयोग कर कोई भी उदास व्यक्ति अपने मूड को बदल सकता है जिससे उसे खुशी का अनुभव होता है। इस तेल में मौजूद पोषक तत्व शरीर में कुछ विशेष हार्मोन को उत्तेजित करते हैं जो आपके मन को खुश रखने में सहायक होते हैं। अवसाद से निपटने के लिए आप भी चमेली के तेल का उपयोग कर सकते हैं।
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ऐसा माना जाता है कि चमेली का तेल यौन इच्छाओं को उत्तेजित करता है। वास्तव में चमेली के फूल से निकाले गए आवश्यक तेल में कामोद्दीपक गुण होते हैं जो आपको रोमांटिक बनाते हैं। यह तेल आपकी कामेच्छा की भावनाओं को बढ़ाने में सहायक होता है। अपने औषधीय गुणों और मोहक सुगंध के कारण ही नई दुल्हन और छोटे बच्चों के कमरे को चमेली के फूलों से सजाया जाता है। चमेली के तेल का उपयोग समय से पहले स्खलन, फ्रिगडिटी, नपुंसकता और अन्य यौन समस्याओं का इलाज करने में भी मदद करता है। आप भी अपने मन को खुश रखने, यौन इच्छा को बढ़ाने और यौन कमजोरीयों का इलाज करने के लिए चमेली के तेल का उपयोग कर सकते हैं।
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नियमित रूप से चमेली के तेल का उपयोग करने पर यह खांसी का इलाज कर सकता है। विशेष रूप से यह रात में आने वाली खांसी जो आपकी और आपके आस-पास के लोगों की नींद खराब करती है। सामान्य खांसी हो या सर्दी की खांसी यह सभी प्रकार की खांसी का इलाज कर सकता है। चमेली तेल की खुशबू लेने पर यह श्वसन तंत्र में जमे हुए कफ को दूर करने में सहायक होता है। इसके अलावा यह आपकी बंद नाक या खर्राटे को भी ठीक कर सकता है। रात में सोते समय इस तेल की खुशबू लेने से यह आपके मस्तिष्क को शांत करने के साथ ही खांसी और खर्राटे को दूर करता है।
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कुछ जानकारों का मानना है कि चमेली का तेल प्रसव को आसान बनाता है। चमेली तेल पर किये गए विभिन्न अध्ययनों में से एक अध्ययन यह भी है जो बताता है कि इसका उपयोग बच्चे के जन्म के दौरान किया जा सकता है। चमेली का तेल प्रसव के दौरान होने वाले दर्द को कम करने में मदद करता है। आज के समय में अधिकतर महिलाएं सीजे़रियन विधि को अपनाती हैं। लेकिन ऐसी कई महिलाएं हैं जो आज भी प्राकृतिक प्रसव को पसंद करती हैं। उनके लिए चमेली का तेल बहुत ही फायदेमंद होता है। इस प्रभावकारी तेल का उपयोग करने पर यह संकुचन को मजबूत करता है जिससे प्रसव की अवधि को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा यह इस स्थिति में महिलाओं को अवसाद और तनाव से भी छुटकारा दिलाता है जो उनके लिए गंभीर स्थिति पैदा कर सकते हैं।
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स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए चमेली तेल एक औषधी की तरह काम करता है। चमेली के फूलों से प्राप्त चमेली का तेल महिलाओं में दूध उत्पादन की क्षमता को उत्तेजित करता है। यह जन्म देने वाली माताओं में दूध स्राव को बढ़ाता है जो नवजात शिशुओं के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। मां का दूध बच्चों को आवश्यक पोषक तत्व और विटामिन प्रदान करता है। इसके अलावा स्तनपान कराने से महिलाओं में स्तन कैंसर की संभावना भी कम हो जाती है। वे महिलाएं जो कम दूध उत्पादन की समस्या से परेशान हैं वे वैकल्पिक रूप से चमेली के तेल का उपयोग कर सकती हैं।
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क्या आप नींद की कमी या अनिद्रा से परेशान हैं। यदि ऐसा है तो चमेली का तेल आपकी मदद कर सकता है। चमेली तेल के औषधीय गुण आपको आराम दिलाने, बिना परेशानी अच्छी नींद लाने में मदद कर सकते हैं। इसमें मौजूद शांति दिलाने वाले गुण आपकी नींद की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं। यदि पर्याप्त नींद न हो तो व्यक्तिगत जीवन में बहुत सी समस्याएं आ सकती हैं। इन सभी प्रकार की समसयाओं से बचने के लिए आप चमेली के तेल का उपयोग कर सकते हैं।
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प्राकृतिक तेल स्वस्थ चमकती त्वचा को बनाए रखने का सबसे अच्छा तरीका है। चमेली का तेल त्वचा उत्पादों में प्रमुख घटक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। विशेष रूप से यह शुष्क त्वचा के लिए यह फायदेमंद होता है। चूंकि यह तेल संवेदनशील त्वचा के लिए भी सौम्य प्रभाव दिखाता है इसलिए इस तेल को खरोंच, घाव या फटी हुई त्वचा में भी उपयोग किया जा सकता है। लेकिन कुछ लोगों को इस तेल से एलर्जी हो सकती है। आज भी एक्जिमा और अन्य त्वचा समस्याओं के लिए चमेली तेल का व्यापक रूप में उपयोग किया जाता है।
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यदि आप एकाग्रता की कमी से जूझ रहे हैं, या अध्ययन करते समय ध्यान नहीं लगा पा रहे हैं। ऐसी स्थिति में चमेली के तेल का उपयोग किया जा सकता है। यह आपकी मन को स्थाई करने और एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करता है। इसके लिए आप केवल सबुह के समय अपने हाथों या कलाई में थोडें से चमेली तेल का उपयोग कर सकते हैं। इसकी खुशबू आपके मस्तिष्क को सक्रिय करने में मदद करती है। यह आपके दिमाग को साफ करता है और ध्यान में मदद करता है। आप नहाने के बाद शरीर में लगाने वाले तेल या मॉइसचराइजर के साथ मिलाकर उपयोग कर सकते हैं। यह आपको अच्छी सुगंध देने के साथ ही आपकी सतर्कता को भी बढ़ाता है।
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महिलाओं के लिए रजोनिवृत्ति एक गंभीर समस्या है। इस स्थिति में वे अक्सर अवसाद, अधिक गर्मी (hot flushes), रात का पसीना, चिड़चिड़ापन आदि से ग्रसित हो जाती हैं। लेकिन इन सभी समस्याओं से बचने में चमेली का तेल उनकी मदद कर सकता है। एक अध्ययन से पता चलता है कि लैवेंडर तेल के साथ चमेली के तेल का उपयोग इन समस्याओं से छुटकारा दिला सकता है। इन तेलों के मिश्रण से नियमित रूप से सप्ताह में दो बार शरीर की मालिश करने पर यह अवसाद, शरीर के दर्द, अधिक गर्मी और रात का पसीना जैसे लक्षणों को कम कर सकता है।
महिलाएं अपने नहाने के पानी में चमेली तेल की 8-10 बूंदें मिलाएं और इस पानी से स्नान करें।
इसके अलावा आप अन्य आवश्यक तेलों के साथ चमेली तेल को मिलाकर शरीर की मालिश भी ले सकते हैं यह रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करता है।
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क्या आप अपने रूखे और घुंघराले बालों की समस्याओं से परेशान हैं। अगर ऐसा है तो आप चमेली के तेल का उपयोग प्रारंभ कर दें। यह आपके स्कैल्प को शांत रखने और मॉइस्चराइज करने में मदद करता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि चमेली का तेल बालों के विकास में भी मदद करता है। इसका उपयोग करने के लिए आप चमेली के तेल को हल्का गर्म करें और इससे अपने सिर की मालिश करें। लेकिन महिलाओं को सलाह दी जाती है कि गर्भावस्था के समय और स्तनपान के दौरान चमेली के तेल का उपयोग करने से बचें।
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हालांकि चमेली के तेल के आयुर्वेदिक गुण हमें विभिन्न प्रकार के लाभ दिलाते हैं। लेकिन कुछ लोगों के लिए यह एलर्जी का कारण भी बन सकते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि चमेली के तेल में बेंजाइल एसीटेट की उच्च मात्रा होती है। यदि चमेली का तेल इस्तेमाल करने के दौरान आपको किसी प्रकार की एलर्जी या समस्या हो तो इसका उपयोग तुरंत ही रोक देना चाहिए। यदि एलर्जी के लक्षण लंबे समय तक बने रहें तो डॉक्टर से संपर्क करें। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को चमेली तेल का उपयोग करने से बचना चाहिए।
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