Chickpeas In Hindi: चना भारत का प्रमुख खाद्यान है। यह बहुत ही पौष्टिक और फायदेमंद आहार के रूप में उपयोग किया जाता है। लेकिन क्या आप चने खाने के फायदे और नुकसान जानते हैं। चना जिसे अन्य क्षेत्रीय भाषा में काले चने से भी जाना जाता है। यह हमें बहुत से स्वास्थ्य लाभ दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
हालांकि इसकी बहुत सी प्रजातियां होती है जिनके आधार पर इनके पोषक तत्वों में भिन्नता आ सकती है। लेकिन फिर भी चने का नियमित सेवन करने पर यह वजन कम करने, हृदय को स्वस्थ्य रखने, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने, मधुमेह को नियंत्रित करने और पाचन को ठीक करने में मदद करता है। आइए जाने चने से संबंधित अन्य जानकारियों के बारे में।
यह ऐसा खाद्यान है जो आपको ऊर्जा दिलाने के साथ ही विभिन्न स्वास्थ्य लाभ दिलाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चने में बहुत से पोषक तत्व अच्छी मात्रा में होते हैं। चने के 100 ग्राम मात्रा के अनुसार पोषक तत्व इस प्रकार हैं :
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जैसा की आप जानते हैं कि चना हमारे लिए एक प्रमुख खाद्य आहार है। आप इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजनों को तैयार करने के लिए कर सकते हैं। यह आपके शरीर को ऊर्जा दिलाने के साथ ही त्वचा और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
आप चने के लाभ प्राप्त करने के लिए इसे भून कर, भिगों कर, पीस कर और अंकुरित करके इस्तेमाल कर सकते हैं। आइए विस्तार से जाने चना खाने के स्वास्थ्य लाभ क्या हैं।
आपके संतुलित आहार में फाइबर समृद्ध खाद्य पदार्थों का होना आवश्यक है। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ आपके वजन को कम करने में काफी मदद करते हैं। चने में घुलनशील और अघुलनशील दोनो ही प्रकार के फाइबर अच्छी मात्रा में होते हैं। घुलनशील फाइबर आपके पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
जबकि अघुलनशील फाइबर कब्ज और अन्य पाचन समस्याओं को रोकता है। इसके अलावा फाइबर की उच्च मात्रा आपकी भूख को नियंत्रित कर आपको पूर्णता का एहसास कराती है। जिसके कारण आपको बार-बार भूख का अनुभव नहीं होता है।
उबला हुए चने का सेवन करने पर आपकी भूख कम हो जाती है। इस तरह से भूख कम होने पर आपके शरीर में मौजूद अतिरिक्त कैलोरी का उपयोग ऊर्जा निर्माण के लिए किया जाता है। इस प्रकार चना खाने के फायदे आपके वजन को कम करने में सहायक हो सकते है। आप भी चने के इस विशेष गुण का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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आपके अच्छे स्वास्थ्य के लिए चने में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इन पोषक तत्वों की उपस्थिति आपको मधुमेह से भी बचा सकते हैं। चना विशेष रूप से फाइबर समृद्ध होता है। अध्ययनों से पता चलता है कि टाइप 1 मधुमेह वाले लोग जो उच्च फाइबर आहार का सेवन करते हैं उनमें रक्त ग्लूकोज का स्तर कम होता है।
इसी प्रकार टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों के लिए उच्च फाइबर सामग्री का सेवन रक्त शर्करा, लिपिड और इंसुलिन के स्तर में सुधार कर सकता है। इसके अलावा चने में कार्बोहाइड्रेट भी होता है जो कि धीरे-धीरे पचते हैं।
इस प्रकार यह रक्त शर्करा के स्तर को कम करते हैं और इंसुलिन प्रतिरोध में भी योगदान देते हैं। सुबह के समय चने का सेवन करने से आप अपनी प्रतिरक्षा शक्ति को भी बढ़ा सकते हैं। इसलिए चना मधुमेह रोगी और सामान्य लोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है।
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आपका हृदय शरीर का इंजन होता है। यदि यह इंजन बंद हो जाए तो जीवन लीला समाप्त हो जाती है। इसलिए हृदय को स्वस्थ्य रखना बहुत ही आवश्यक है। इसके लिए आप चने का इस्तेमाल कर सकते हैं। चने में एंटीऑक्सीडेंट, एंथोसाइनिन (anthocyanins), डेल्फिंडिन (delphindin), साइनाइडिन और पेटुनिडिन (cyanidin and petunidin) के साथ फाइटोन्यूट्रिएंट्स (phytonutrients) भी अच्छी मात्रा में होते हैं।
ये सभी पोषक तत्व रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं और ऑक्सीडेटिव तनाव को रोकते हैं। जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम हो सकता है। चने में मैग्नीशियम और फोलेट की अच्छी मात्रा होती है। फोलेट होमोसिस्टीन के स्तर को कम करता है जिससे प्लाक गठन, रक्त थक्के, दिल के दौरे और स्ट्रोक आदि की संभावनाओं को कम किया जा सकता है।
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आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा रक्तचाप और हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। आप इसे कम करने के लिए चने के लाभ प्राप्त कर सकते हैं। चने में घुलनशील फाइबर पित्त एसिड को बांधता है और उन्हें शरीर द्वारा अवशोषित होने से रोकता है। इस प्रकार यह शरीर में कोलेसट्रॉल के स्तर को कम करने में सहायक होता है।
½ कप चने को प्रतिदिन सेवन किया जाए तो यह एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और कुल कोलेस्ट्रॉल ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा यह रक्त वाहिकाओं के अवरोध या कोलेस्ट्रॉल को कम कर उन्हें स्वस्थ्य बनाता है जिससे रक्त परिसंचरण व्यवस्थित रूप से चलता है। आप भी नियमित आहार में चने का उपभोग कर फायदे प्राप्त कर सकते हैं।
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यदि आप पाचन समस्याओं से परेशान हैं तो चना आपकी मदद कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चने में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है। इसमें घुलनशील और अघुलनशील दोनो ही फाइबर होते हैं। ये दोनो ही पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। फाइबर आपकी आंतों में तनाव को कम कर कब्ज और अन्य समस्याओं को कम करने में सहायक होते हैं।
यदि आप दस्त या पेंचिस से परेशान हैं तो इसका उपचार करने के लिए आप 500 मिलीलीटर पानी में 2 मुठ्ठी चने को रात भर भीगने दें। अगली सुबह आप इस पानी को पीएं। आप इस भीगे चने का भी सेवन कर सकते हैं।
यदि आप कब्ज से परेशान हैं तो रात भर भीगने वाले चने में अदरक पाउडर और जीरा पाउडर को भी शामिल करें और अगली सुबह इस पानी का सेवन करें। यह आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ्य रखने और पाचन संबंधी समस्याओं का उपचार करने में प्रभावी होता है।
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उपरोक्त सभी लाभों के अलावा चम्मच कुछ यौगिकों को शामिल करने के लिए जाने जाते हैं। यह विशिष्ट प्रकार के कैंसर के खिलाफ रोकथाम में मदद करते हैं। इसमे कुछ ऐसे यौगिक मौजूद हैं जो आपके शरीर से एंटी-कैंसर कोशिका को हटाने मे मदद करते हैं।
इसके अलावा चनों में घुलनशील फाइबर कोलन तक पहुंच जाता है जहां बैक्टीरिया द्वारा शॅर्ट चेन फैटी एसिड में टूट जाता है जो कोलन कोशिकाओं द्वारा अवशोषित होते हैं और ऊर्जा के लिए उपयोग किए जाते हैं। यह कोलन कोशिकाओं को स्वस्थ रहने में सक्षम बनाता है और विशेष रूप से कोलन कैंसर के खतरे को कम करता है। इस तरह से यह विभिन्न प्रकार के ट्यूमर और कैंसर से हमारी रक्षा करते हैं।
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विभिन्न स्वास्थ्य लाभ दिलाने वाले पौष्टिक आहार के रूप में चने का उपयोग किया जाता है। लेकिन इसके फायदे महिलाओं के लिए भी होते हैं। यह महिलाओं में होने वाली समस्याओं जैसे स्तन कैंसर, ऑस्टियोपोरोसिस आदि को रोकने में मदद करता है। इसके अलावा यह रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में हॉट फ्लैश को कम करने में मदद करता है।
चनों में मौजूद सैपोनिन नामक फाइटोन्यूट्रिएंट एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है। ब्राउन शुगर और देसी घी के साथ भुना हुआ चना खाने से ल्यूकोर्यिया (सफ़ेद पानी आना) का इलाज किया जा सकता है। इस तरह से चना महिलाओं के लिए भी फायदेमंद होता है।
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आप तत्काल ऊर्जा प्राप्त करने के लिए चने का उपयोग कर सकते हैं। इसलिए इसे विशेष आहार माना जाता है। अधिक मात्रा में ऊर्जा दिलाने के कारण ही घोड़ों को भी चना खिलाया जाता है। चना प्रोटीन में उच्च होता है जो शरीर को पर्याप्त मात्रा में शक्ति और ऊर्जा दिलाने में मदद करते हैं।
इसके अलावा चने में मेथियोनीन नामक एक यौगिक होता है जो कोशिकाओं की उचित विकास में मदद करता है। रात में भिगोए गए चनों को सुबह खाने से आप दिन भर ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं। आप अपने शरीर को फिट रखने के लिए भी भुना चना खाने के फायदे ले सकते हैं।
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शरीर में आयरन की कमी के कारण एनीमिया रोग की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए इस समस्या से बचने के लिए चने का नियमित उपभोग फायदेमंद हो सकता है। चने में आयरन की उच्च मात्रा होती है जो हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में सहायक होता है।
एनीमिया का इलाज करने के लिए आप रात में भीगे हुए चनों का अगली सुबह सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा आप इसे स्वादिष्ट और प्रभावी बनाने के लिए सुबह इसे भूनकर और इसमे शहद मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं। इस तरह से यह आपके शरीर में आने वाली खून की कमी को भी दूर करने में मदद करता है।
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आप अपनी त्वचा को स्वसथ्य रखने और अन्य त्वचा समस्याओं से बचने के लिए चनों का उपयोग कर सकते हैं। यह त्वचा के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, प्रोटीन, कॉपर और आयरन की अच्छी मात्रा होती है। इन चनों का उपयोग मुंहासों और अन्य त्वचा संक्रमण के विकास को रोकने में किया जा सकता है।
आप अपने चेहरे में चने के पाउडर और दूध के मिश्रण को लगाएं। यह आपके चेहरे में मौजूद मुंहासों का उपचार करने में मदद करता है। साथ ही यह आपके रंग को साफ कर सकता है। इस तरह से आप अपनी सुंदरता को बढ़ाने के लिए भी चने का उपयोग कर सकते हैं।
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हम सभी स्वस्थ्य और चमकदार बालों की इच्छा रखते हैं। लेकिन प्रदूषित वातावरण और खराब जीवनशैली के कारण यह संभव नहीं हो पाता है। इसके अलावा प्रदूषण के कारण हमारे बाल क्षतिग्रसत हो जाते हैं। लेकिन आप अपने वालों को स्वस्थ्य और मजबूत बनाने के लिए चने का उपयोग कर सकते हैं। यह आपके बालों के विकास को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।
चने में विटामिन बी6 और जस्ता होता है। ये दोनों ही खनिज बालों के लिए प्रोटीन बनाने में मदद करते हैं जिसेस बालों के रोम को मजबूत किया जाता है। इसके अलावा चने में विटामिन ए और जस्ता बालों के झड़ने और डैंड्रफ के उत्पादन कम करने में सहायक होते हैं। इस तरह से आप नियमित आहार में चने को शामिल कर बालों को भी स्वस्थ्य रख सकते हैं।
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विभिन्न स्वास्थ्य लाभ दिलाने के साथ ही चने का सेवन करने पर कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। यदि कम मात्रा में इसका सेवन किया जाए तो यह फायदेमंद होता है। इसके पौधे में ओलिगोसैकैराइड (Oligosaccharide) होते हैं जिन्हें गैलेक्टन या जटिल शर्करा कहा जाता है।
इन्हें शरीर पचा नहीं सकता है क्योंकि इसमें एंजाइम अल्फा-गैलेक्टसेसिडेज़ की कमी होती है। इन शर्करा को तोड़ने के लिए इस एंजाइम की आवश्कता होती है। नतीजनत चने जैसी फलियों की खपत कुछ लोगों को आंतों की गैस और असुविधा का कारण बन सकती है। इसलिए इसका अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए।
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