Chapati health benefits in hindi गेहूं एक ऐसा अनाज है जिसकी खेती लगभग दुनियाभर में होती है और गेहूं के आटे से बनी रोटी से स्वास्थ्य को होने वाले अनगिनत फायदों की वजह से इसका उत्पादन दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। गेहूं का इस्तेमाल सिर्फ चपाती बनाने में ही नहीं बल्कि ब्रेड, पास्ता, केक सहित अन्य बहुत सी खाद्य़ सामग्रियां बनाने में किया जाता है। फाइबर युक्त होने के कारण गेहूं के आटे की चपाती खाने से सेहत को कई मायनों में लाभ पहुंचता है। अक्सर डाइटिंग (dieting) करने वाले लोग भी चपाती खाकर ही दिन बीताते हैं। गेहूं की रोटी के फायदे ब्लड ग्लूकोज लेवल को नियंत्रित करते हैं और डायबिटीज एवं हृदय रोगों सहित विभिन्न बीमारियों से बचाते हैं। हम आज आपको चपाती में पाये जाने वाले पोषक तत्व एवं चपाती के फायदे के विषय में विस्तार से बताएंगे।
chapati चपाती खाने के अधिक फायदे सेहत को तभी होते हैं जब आप अच्छे किस्म के गेहूं का आटा इस्तेमाल करते हैं। अगर आप ह्वाइट होल ह्वीट (White whole wheat) के आटे की चपाती खाते हैं तो यकीन मानिए इसमें इतने सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं कि यह आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को ठीक रखने में मदद करते हैं।
1. चपाती में पाये जाने वाले पोषक तत्व – Nutritional Value of chapati in hindi
2. चपाती खाने के फायदे – Chapati health benefits in hindi
खनिज लवण, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फर जिंक, आयोडिन, कॉपर सहित कई मिनरल एवं विटामिन बी और विटामिन ई आदि चपाती में पाये जाने वाले पोषक तत्व (Nutritional Value of chapatti) हैं। इसमें मौजूद पोषक तत्व एनीमिया, खनिज लवण की कमी, पथरी, स्तन कैंसर, सूजन, मोटापा, टीबी, गर्भावस्था और ब्रेस्ट फीडिंग जैसी तमाम समस्याओं को दूर करने में मदद करती है।
पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होने के कारण चपाती हमारे भोजन का प्रमुख घटक होना चाहिए। आइए जाने चपाती खाने से हमें कौन से फायदे मिल सकते हैं।
एक रिसर्च के अनुसार फाइबर युक्त भोजन महिलाओं के लिए बहुत ही जरूरी होता है क्योंकि यह उन्हें ब्रेस्ट कैंसर से दूर रखता है। गेहूं में ऐसे तत्व पाये जाते हैं जो महिलाओं में मेनोपॉज से पहले होने वाले ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी से लड़ने में सहायक होते हैं। स्टडी बताती है कि रोजाना तीस ग्राम या इससे ज्यादा मात्रा में आटे से बनी चपाती का सेवन करने से महिलाओं में स्तन कैंसर नहीं होता है। अपने मेनोपॉज से पहले यदि महिला फाइबर युक्त गेहूं के आटे की चपाती नियमित खाए तो उसमें ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना 41 प्रतिशत तक कम हो जाती है।
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गेहूं में उच्च मात्रा में मैग्नीशियम होता है, यह एक ऐसा मिनरल है जो तीन सौ से भी ज्यादा एंजाइम की क्रिया में सहायक होता है। ये सभी एंजाइम शरीर की क्रियाओं एवं इंसुलनि और ग्लूकोज के स्राव में योगदान देती हैं। गेहूं में संतृप्त वसा और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है जिसकी वजह से धमनी की बीमारी और कुछ विशेष तरह के कैंसर से शरीर को बचाता है। रेगुलर होल ग्रेन गेहूं की चपाती खाने से टाइप-2 डायबिटीज के रोगियों में ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है।
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चपाती खाने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे कब्ज की दिक्कत दूर हो जाती है। इसलिए जो लोग कब्ज की समस्या से पीड़ित होते हैं उन्हें चपाती खाने पर ध्यान देना चाहिए।
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चपाती शरीर को विटामिन एवं खनिज जैसे मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, कैल्शियम और आयरन प्रदान करती है। इसलिए जिन लोगों के शरीर में इन पोषक तत्वों की कमी होती है उन्हें चपाती जरूर खाना चाहिए क्योंकि चपाती खाने से शरीर में इन पोषक तत्वों की भरपायी हो जाती है।
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वैसे तो चपाती में वजन घटाने के प्राकृतिक गुण मौजूद होते हैं लेकिन चपाती का यह गुण महिलाओं में बढ़ते वजन को कम करने के लिए ज्यादा प्रभावशाली माना जाता है। जो महिलाएं लंबे समय तक और नियमित चपाती का सेवन करती हैं उनमें वजन बढ़ने की दिक्कत कम हो जाती है।
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चपाती में मौजूद जिंक और अन्य खनिज त्वचा के लिए लाभकारी होते हैं। इसलिए चपाती खाने का एक फायदा यह भी होता है कि आपकी त्वचा स्वस्थ और आकर्षक होती है।
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गेहूं में बिटाइन की मात्रा पायी जाती है जो सूजन की समस्या को कम करने में सहायक होता है। बिटाइन होल ह्वीट और पालक में पाया जाता है जो शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। सूजन, गठिया और हड्डियों से जुड़े रोगों के लिए काफी खतरनाक होता है। इससे बचने का सबसे आसान तरीक यह है कि होल ह्वीट की चपाती खाएं ताकि शरीर में यदि सूजन हो भी तो गायब हो जाए। इसके अलावा चपाती खाने से अल्जाइमर, ऑस्टियोपोरोसिस और हृदय रोग के साथ ही खराब याददाश्त की समस्या भी दूर हो जाती है।
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हृदय गति रूकने से होने वाली मौतें तेजी से बढ़ रही हैं। हालांकि हृदय रोग से बचने के लिए लोग डॉक्टर के पास जाकर अपना अच्छा से अच्छा इलाज कराते ही हैं। लेकिन अगर इस बीमारी से बचने के लिए घरेलू उपाय की बात की जाए तो होल ग्रेन जैसे कि फाइबर युक्त गेहूं के आटे की चपाती ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करती है और हृदय रोगों के खतरे को भी कम करती है। गेहूं में थायमिन, फोलेट और विटामिन B6 के अलावा कई मिनरल जैसे मैग्नीशियम, जिंक और मैंगनीज की मात्रा पायी जती है जो आसानी से पच भी जाती है और सेहत के साथ हृदय को भी बीमारियों से बचाती है।
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चपाती बहुत ही आसानी से पच जाती है इसलिए बेहतर है कि आप चावल की जगह चपाती खाएं। इससे आपको भारीपन महसूस नहीं होगा और खाना भी जल्दी पच जाएगा। चपाती खाने के कई फायदों में इसका एक फायदा यह भी है।
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