Rice Benefits and side effects in Hindi चावल एक खाद्य प्रधान और प्राथमिक फसल के रूप में दुनिया भर में उगाई जाती है चावल के कई अलग-अलग प्रकार होते हैं जैसे कि लंबे चावल, सफेद चावल, ब्राउन चावल, बासमती चावल आदि के नाम से जाने जाते है। दुनिया भर में चावलों की लगभग 4,000 प्रजातियां पाई जाती है। लेकिन सभी चावलों में प्राप्त होने वाले स्वास्थ्य लाभ समान नहीं होते हैं। ब्राउन चावल सबसे ज्यादा स्वस्थ्य लाभ प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं। जब ब्राउन चावल सफेद चावल बन जाता है तो यह विटामिन B की बड़ी मात्रा सहित आधा मैंगनीज और फास्फोरस (phosphorus), आधा आयरन और आहार फाइबर, फैटी एसिड आदि खो देता हैं। सफेद चावल पौष्टिक होता हैं लेकिन यह ब्राउन चावल से अधिक पौष्टिक नहीं हो सकता है।
चावल के स्वास्थ्य लाभों में तत्काल ऊर्जा प्रदान करने, आंत्र आंदोलनों को विनियमित करने और सुधारने, रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर करने और बुढ़ापे की प्रक्रिया को धीमा करने की क्षमता शामिल होती है। यह मानव शरीर में विटामिन B1 की कमी को पूरा करने का एक अच्छा विकल्प होता है।
विषय सूची
1. चावल में पाए जाने वाले पोषक तत्व – Rice Nutrition Value in Hindi
2. चावल में कितनी कैलोरी होती है – how much calories in rice in Hindi
3. चावल के फायदे – Chawal khane ke Fayde in Hindi
4. चावल खाने के नुकसान – Chawal khane ke Nuksan in Hindi
अधिकांश किस्मों के चावलों में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन बहुत अधिक मात्रा मे होते हैं। फाइबर की मात्रा चावल की किस्मों के अनुसार बदलती रहती है। जैसे कि ब्राउन चावल में सफेद चावल की अपेक्षा फाइबर अधिक मात्रा में होता है इसलिए ब्राउन चावल का स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक महत्व है। इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, मैंगनीज, आयरन, सेलेनियम और कॉपर जैसे खनिज भी अच्छी मात्रा में होते हैं। इसमें उपस्थित विटामिन में नियासिन, पेंटोथेनिक एसिड (pantothenic acid) और थियामिन शामिल हैं। यह उन लोगों के लिए एक अच्छा आहार होता है जो ग्लूटेन मुक्त (gluten free) भोजन की इच्छा रखते हैं।
ज्यादातर लोगों के लिए सफेद चावल, लाल रंग के चावल (short-grained) का पर्याय बन चुका है। चावल की इस किस्म को खाने के लिए स्वस्थ्य माना जाता है क्योंकि इसमें अधिकांश पोषक तत्व होते हैं और ये ओमेगा-6 फैटी एसिड मे समृद्ध होते हैं जो प्रो-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए जाने जाते हैं। हांलाकि इनमें आमतौर पर विटामिन और खनिजों की मात्रा कम होती है।
चावल में कैलोरी की मात्रा प्रति 100 ग्राम के अनुसार :
दुनिया भर में प्रमुख खाद्य के रूप में भूरे चावल (brown rice) का उपयोग किया जाता है। चावल आहार के रूप में सबसे सरलतम पौष्टिक पदार्थ है जो हमें तुरंत ही ऊर्जा दिलाने के लिए जाना जाता है। चावल खाने के अन्य फायदों में त्वचा देखभाल में सहायता, चयापचय (metabolism) को बढ़ावा, पाचन को नियंत्रित करना और उच्च रक्तचाप को कम करना शामिल है। यह वजन घटाने (weight loss) में मदद करता है साथ ही प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। यह कैंसर और हृदय रोगों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है।
चावल में कार्बोहाइड्रेट (carbohydrate) की अच्छी मात्रा होती है, यह शरीर के लिए ईंधन का कार्य करता है और मस्तिष्क के सामान्य कामकाज में सहायता करता है। कार्बोहाइड्रेट शरीर द्वारा चयापचय (metabolized) करके कार्यात्मक प्रयोग योग्य ऊर्जा में बदल जाते हैं। इसमें पाए जाने वाले विटामिन, खनिज और जैविक घटक सभी अंगों की कार्यप्रणाली और चयापचय गतिविधि (metabolic activity) को बढ़ाते हैं, जो ऊर्जा के स्तर को और बढ़ाता है।
सोडियम की मात्रा चावल में बहुत ही कम होती है, इसलिए इसे उच्च रक्तचाप (high blood pressure) से पीड़ित लोगों के लिए सबसे अच्छा भोजन माना जाता है। सोडियम रक्तचाप बढ़ाने के रूप में कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम (cardiovascular system) पर तनाव बढ़ाने के लिए नसों और धमनियों को बांधने का कारण बन सकता है। यह एथरोस्क्लेरोसिस, दिल के दौरे और स्ट्रोक जैसे दिल से संबंधित स्थितियों से भी जुड़ा हुआ है, इसलिए सोडियम खनिज (sodium mineral) से परहेज करना सभी के लिए लाभदायक होता है।
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भूरे चावल में पोषक तत्वों के उच्च स्तर होते हैं जो न्यूरोट्रांसमीटर (neurotransmitters) की वृद्धि और गतिविधि को प्रोत्साहित करते हैं, इसके बाद अल्जाइमर रोग का काफी हद तक रोकने में मदद करते हैं। जंगली चावल की विभिन्न प्रजातियों को मस्तिष्क में न्युरोप्रोटेक्टीव एंजाइम (neuroprotective enzymes) उत्तेजित करने के लिए दिखाया गया है, जो मुक्त कणों और अन्य विषाक्त पदार्थों के प्रभाव को रोकता है जो डिमेंशिया और अल्जाइमर (Alzheimer’s) रोग का कारण बन सकता है।
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राइस में विटामिन और खनिज बहुत अच्छी मात्रा में होते हैं जैसे कि नियासिन (niacin), विटामिन डी, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, थियामिन और रिबोफ्लाविन आदि। ये विटामिन शरीर के चयापचय, प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) और शरीर के अन्य अंगों की सामान्य कार्यप्रणाली के लिए आधार प्रदान करते हैं।
चावल के भूसें से प्राप्त किये जाने वाले तेल में एंटीऑक्सीडेंट (antioxidant) गुण होते हैं जो शरीर में कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करके हृदय स्वास्थ्य संबंधि ताकत को बढ़ावा देता है। जंगली और भूरे रंग के चावल की किस्में सफेद चावल की किस्मों की तुलना काफी बेहतर हैं क्योंकि इस आनाज की भूसीं में सबसे ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं जिन्हें सफेद चावल बनाते समय हटा दिया जाता है।
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हमारे शरीर के लिए स्टार्च बहुत ही अधिक उपयोगी होता है। चावल में प्रतिरोधी स्टार्च होता है जो आंतों तक पहुंचकर उपयोगी बैक्टीरिया के विकास को उत्तेजित करता है जो सामान्य आंत्र आंदोलनों (bowel movements) में मदद करता है। इसके अलावा यह घुलनशील स्टार्च, आंतों की परेशानी और दस्त जैसे परिस्थितियों के प्रभाव को कम करने में बहुत उपयोगी होता है।
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घुलनशील फाइबर (insoluble fiber) की अच्छी मात्रा भूरे चावलों में होती है जो विभिन्न प्रकार के कैंसरो से बचाने में मदद करते हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि ऐसे अघुलनशील फाइबर कैंसर कोशिकाओं के विकास और मेटास्टेसिस के खिलाफ शरीर को सुरक्षा दिलाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। फाइबर कोलोरेक्टल कैंसर और आंतों के कैंसर से हमारी रक्षा करते हैं। हालांकि फाइबर के अलावा चावलों में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी, विटामिन ए और फेनोलिक और फ्लैवोनायड यौगिक भी होते है जो शरीर से मुक्त कणों (free radicals) को कम करने में मदद करते हैं।
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विशेषज्ञों का मानना है कि त्वचा की समस्याओं का इलाज करने के लिए चावल के पाउडर (powdered rice) का उपयोग किया जा सकता है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा त्वचा की सूजन को कम करने के लिए चावल के पानी का उपयोग मलहम के रूप में किया जाता है। चावलों विशेष रूप से भूरे रंग के चावलों में फेनोलिक यौगिक और एंटी-इंफ्लामैट्री गुण होते हैं इसलिए वे त्वचा की जलन और लाली को भी दूर करने में मदद करते हैं। आप चावल का सेवन करें या इसे कच्चे ही त्वचा पर उपयोग करें, यह आपको बहुत सी त्वचा संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। चावलों में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट क्षमता भी त्वचा को प्रभावित करने वाले कारक जैसे कि झुर्रियां जो बढ़ती उम्र के संकेत होते है उन्हें रोकने में मदद करते हैं।
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सामान्य रूप से चावल में कोई ग्लूटेन नहीं होता है इस कारण इसका पर्याप्त मात्रा में सेवन करने से आंत में कोई सूजन नहीं होती है। इसका मतलब है कि पेट से संबंधित रोग (celiac disease) से पीड़ित लोग आसानी से चावल को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
हमारे संतुलित भोजन का चावल एक अहम हिस्सा है क्योकिं यह स्वास्थ्य पर कोई नकारात्मक प्रभाव डाले बिना ही हमारे शरीर को पोषक तत्व प्रदान कर सकता है। वसा, कोलेस्ट्रॉल और सोडियम के निम्न स्तर होने के कारण चावल मोटापे और इससे संबंधित परेशानियों को कम करने में हमारी बहुत मदद करता है।
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चावल खाने फायदे अधिक है और नुकसान बहुत ही कम होते हैं। लेकिन चावल का यदि अधिक मात्रा में उपयोग किया जाए तो इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं जो इस प्रकार हैं :
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