Chemotherapy In Hindi कीमोथेरेपी एक ऐसी प्रक्रिया है जो मुख्यतया: कैंसर के मरीजो को दी जाती है। कीमोथेरेपी शरीर में तेजी से बढ़ती कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए बनाई गई एक आक्रामक रासायनिक दवा चिकित्सा का रूप है। जो कैंसर की कोशिकाओ को तेजी से बढ़ने से रोकता है। यह कैंसर की कोशिकाओ की क्षमता को कम कर देती है सामान्यत: कीमोथेरेपी में उपयोग की जाने वाली सभी प्रकार की ड्रग्स कैंसर की कोशिकाओ को ख़त्म करने का काम करती है इसे हमारे शरीर के उस भाग में दिया जाता है। जहाँ कैंसर कोशिकाए या कैंसर की गांठ (Tumour) होती है एक डॉक्टर जो कैंसर के इलाज में माहिर है उन्हें ऑन्कोलॉजिस्ट (oncologist) के रूप में जाना जाता है। इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे की कीमोथेरेपी क्या है? कब की जाती है ? कैसे की जाती है? इसके फायदे और नुकसान क्या हैं।
1. कीमोथेरेपी क्या है – What Is Chemotherapy In Hindi
2. कीमोथेरेपी के प्रकार – Types Of Chemotherapy In Hindi
3. कीमोथेरेपी का उपयोग क्यों किया जाता है – Why Chemotherapy Is Used in hindi
4. कीमोथेरेपी कब और कैसे की जाती है – Chemotherapy kab or kaise ki jati hai in hindi
5. कीमोथेरेपी कैसे की जाती है – How Is Chemotherapy Done In Hindi
6. कीमोथेरेपी के फायदे – Chemotherapy ke fayde in hindi
7. कीमोथेरेपी के नुकसान – Chemotherapy Side Effect In Hindi
8. कीमोथेरेपी के बाद – Chemotherapy Ke Baad In Hindi
कीमोथेरेपी एक ऐसी दवा (drugs) है। जो कैंसर की कोशिकाओ को बढ़ने से रोकता है। कैंसर बहुत ही खतरनाक बीमारी होती है। कैंसर के सेल्स बहुत अलग-अलग तरीके से हमारे शरीर में फैलते है। कैंसर जैसी बीमारियों को रोकने के लिए कीमोथेरेपी की जाती है इससे कैंसर कोशिकाओ का रक्त परिसंचरण (blood-circulation) और विकास पूरी तरह से रुक जाता है। कैंसर के बेहतर इलाज के लिए हमें कर्कविज्ञान (oncologist) डॉक्टर से संपर्क करके कैंसर जैसी बीमारी को रोका जा सकता है।
कीमोथेरेपी का उपयोग अक्सर अन्य उपचारों जैसे कि सर्जरी, विकिरण, या हार्मोन थेरेपी के साथ किया जाता है। यह इस बात पर निर्भर करता है:
जबकि कीमोथेरेपी कैंसर कोशिकाओं पर प्रभावी ढंग से ख़त्म करने के लिए जानी जाती है, कीमोथेरेपी उपचार प्रक्रिया गंभीर दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है जो आपके जीवन की गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते है।
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कीमोथेरेपी को सामान्य तौर पर कीमो (chemo) भी कहा जाता है कीमोथेरेपी को हमारे शरीर में अलग-अलग तरह से दिया जाता है जिनके प्रकार आपको हम बताएँगे कीमोथेरेपी दवाओ के विभिन्न तरीके होते है। कीमोथेरेपी के मुख्यतया; सात प्रकार के होते है।
एल्केलाइड एजेंट एक ऐसी कीमोथेरेपी है जो सीधे हमारे डीएनए पर कार्य करती है। एल्केलाइड एजेंट बहुत ही सक्रिय और तेजी से हमारे शरीर में फैलते है और कैंसर कोशिकाओ को मार देते हैं।
प्लांट एल्केलाइड एजेंट रोगी के शरीर में कैंसर कोशिकाओ के विभाजन और विकास को रोक देती है इसे प्लांट एल्केलाइड एजेंट कीमोथेरेपी कहते है। इसे माइटोमाइसिन (mitomycin), ल्यूकेमिया, ब्रेस्ट कैंसर, (leukaemia, breast cancer) और वैजिनल ट्रैक (vaginal tract) जैसी- बीमारियों में उपयोग किया जाता है।
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यह एक ऐसी कीमोथेरेपी (chemotherapy) है जो डीएनए के साथ जुड़कर आरएनए को संशलेषित (synthesise) करने से रोकता है ताकि कैंसर कोशिकाए पुनर्निर्माण न कर सके। यह इन्फेक्शन के लिए उपयोग होने वाली सामान्य एंटीबायोटिक्स से बहुत अलग है।
ट्रोपोइसोमेरसे इन्हिबिटर्स एक रासायनिक (chemical) योगिक होते है जो कैंसर की कोशिकाओ के विकास को होने से रोकते है। यह एक प्रकार का एंजाइम (enzyme) होता है जो डीएनए (DNA) को तोड़कर नयी कोशिकाओ का निर्माण करता है। और कोशिकाओ को पुनः कार्य करने के लिए तैयार करता है।
मिसेलेनियस एंटीनियोप्लास्टिक में ऐसी बहुत-सी कीमोथेरेपी ड्रग्स (drug) आती है। जो कैंसर जैसी बीमरियों में उपयोग की जाती है कैंसर कई प्रकार के होते है गर्भाशय का कैंसर (uterus cancer), ब्लैडर कैंसर (bladder cancer), मुहँ का कैंसर (mouth cancer), ब्रैस्ट कैंसर (breast cancer) आदि।
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कीमोथेरेपी मुख्य रूप से निम्न लक्षणों को कम करने के लिए प्रयोग की जाती है:
कैंसर के उपचार के अलावा, प्रतिरक्षा प्रणाली विकारों के लिए अस्थि मज्जा रोग (bone marrow diseases) वाले लोगों को इलाज के लिए तैयार करने के लिए कीमोथेरेपी का उपयोग किया जा सकता है। इसमें खुराक उन लोगों की तुलना में बहुत कम होती है जिनका उपयोग कैंसर का इलाज करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा इसका उपयोग उन विकारों को दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करती है, जैसे कि ल्यूपस या रुमेटीइड गठिया।
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कीमोथेरेपी कैंसर के मरीजो को अलग-अलग तरह से दी जाती है। कैंसर कई प्रकार के होते है। कैंसर की अलग स्टेज में अलग प्रकार के कैंसर के मरीजो की कीमोथेरेपी भी विभिन्न प्रकार की होती है।
कैंसर की भी स्टेज बहुत अलग होती है अलग-अलग तरह के कैंसर में कीमोथेरेपी इस प्रकार से दी जाती है। कीमोथेरेपी में हम देखेंगे की कैंसर के मरीज को कीमोथेरेपी की कितनी मात्रा कब? और कैसे दी जा सकती है?
कीमोथेरेपी आमतौर पर गोली के रूप में या सीधे इंजेक्शन या एक IV द्वारा नसों में दी जाती है। इन दो रूपों के अलावा, कीमोथेरेपी को कई अन्य तरीकों से भी उपयोग किया जा सकता है। कीमोथेरेपी देने की सबसे आम विधियाँ है जो इस प्रकार है।
ओरल कीमोथेरेपी एक ऐसी थेरेपी है। जिसमें आपको टेबलेट्स, पिल्स (pills) लिक्विड (liquid), और कैप्सूल को मुहँ के द्वारा निगलना होता है। कुछ प्रकार की कीमोथेरेपी को गोलियों के माध्यम से मुंह से लिया जा सकता है। जिसका अवशोषण (absorption) पेट और जीभ से होता है यह हमारे शरीर में बहुत जल्दी असर करती है। कीमोथेरेपी की टेबलेट्स बहुत प्रभावशाली होती है। जिसे एक साथ लेने से मरीज को उल्टी (vomiting) की समस्या भी हो सकती है।
कुछ दवाए आप ओरल (मुहँ) से नहीं ले सकते है। यह आपके उदर (पेट) को नुकसान पहुचा सकती है। क्योंकि कीमोथेरेपी की कुछ दवाओ का अवशोषण हमारा शरीर नहीं कर पाता है।
इन्जेक्टेड कीमोथेरेपी एक ऐसी थेरेपी है जिसमे कीमोथेरेपी की दवाए इंजेक्शन के माध्यम से मरीज के शरीर में डाली जाती है।
इंट्राप्लूरल कीमोथेरेपी में आप रोगी के प्लूरल गुहा फेफड़े (lungs) में दे सकते है। सामान्य तौर पर यह फेफड़ो के कैंसर में दिया जाता है। अगर आपके फेफड़ो में कैंसर फ्लूइड (पानी) भर जाता है जिससे मरीज को साँस लेने में तकलीफ होती है। तब इंट्राप्लूरल कीमोथेरेपी दी जाती है। इसे स्क्लेरोसिस (sclerosis) और प्लुरोडेसिस (pleurodesis) भी कहा जाता है।
इसमें कीमोथेरेपी फेफड़ो में एक टूयुब (inhaler) के सहारे दी जाती है। जिसके द्वारा फेफड़ो में भरा पानी बाहर निकाला जाता है। जिससे मरीज को साँस लेने में तकलीफ न हो। फेफड़ो (lung) के कैंसर में इंट्राप्लूरल कीमोथेरेपी थोड़े समय के लिए दी जाती है।
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कुछ त्वचा के कैंसर का इलाज कीमोथेरेपी क्रीम से किया जा सकता है। टोपिकल कीमोथेरेपी कुछ क्रीम में उपलब्ध होती है जिसे सीधे कैंसर मरीज की त्वचा में लगाया जाता है अगर मरीज को स्किन (त्वचा) का कैंसर है। तो इसके लिए टोपिकल कीमोथेरेपी दी जाती है इसे कम मात्रा में ही मरीज के त्वचा में लगाया जाता है। जिससे कैंसर की कोशिकाओ का अवशोषण हो जाये टोपिकल कीमोथेरेपी से स्किन (त्वचा) कैंसर की कोशिकाओ को पूरी तरह से मार देते है और इनके दोबारा होने की सम्भावना भी कम हो जाती है। इसे टोपिकल कीमोथेरेपी कहते है।
कीमोथेरेपी के फायदे इस बात पर निर्भर करते हैं कि आपको किस प्रकार का कैंसर है और वह कितना बढ़ चुका है। कीमोथेरेपी के उद्देश्यों में निम्नलिखित बातें शामिल हैं-
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कैंसर एक जानलेवा बीमारी है कीमोथेरेपी से उन खतरनाक कैंसर की कोशिकाओ को काबू में किया जाता है। कैंसर की दवाओ का भी मरीज के शरीर पर अतिरिक्त प्रभाव पड़ता है क्योंकि कीमोथेरेपी की दवा बहुत ही प्रभावकारी होती है।
इस वजह से, कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों में शामिल हैं-
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कीमोथेरेपी उपचार के बाद मरीज के बाल कुछ ही समय में तेजी से झड़ना शरू हो जाते है कीमोथेरेपी में मरीज के बालो के साथ-साथ मरीज के शरीर के सभी भागो में जल्दी असर करता है इसमें त्वचा बहुत संवेदनशील हो जाती है इसमें मरीज को पूरी सुरक्षा की जरुरत होती है इसके लिए आपको डॉक्टर की सलाह लेने की जरुरत होती है मानसिक तनाव के कारण भी हमारे बाल झड़ना शरू हो जाते है कीमोथेरेपी के इलाज के बाद मरीज के बाल जल्दी आने लगते है।
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कीमोथेरेपी देने के बाद कैंसर मरीज के पाचन-तंत्र (चयापचय) में भी बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है कीमोथेरेपी से मरीज को खाना खाने का मन नहीं होता है इससे उनका वजन लगातार घटता जाता है जब तक कीमोथेरेपी का असर रहता है कैंसर मरीज के भूख में कमी बनी रहती है परन्तु शरीर में पानी की कमी और पोषण को बनाये रखने लिए लिक्विड फॉर्म में भोजन दिया जाता है पर कुछ कैंसर मरीज पूरा खाना खाने में सक्षम नहीं होते है इसके लिए उन्हें नाक से पेट तक नेसोगास्त्रिक टूयुब (Nasogastric tube) लगाते है जिससे खाना आसानी से अन्दर जा सके।
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कीमोथेरेपी उपचार में मरीज पूरी तरह से अपना मानसिक संतुलन खो सकता है तथा उसके सोचने समझने की क्षमता भी कम हो जाती है ऐसा लगभग 75 प्रतिशत मरीजो में देखने को मिलता है कैंसर मरीज का कीमोथेरेपी के दौरान मानसिक संतुलन खो देना उसके भविष्य के लिए खतरे की बात होती है।
इसके लिए आपको डॉक्टर से सलाह लेनी पड़ती है। जिससे आपको दवाइयों के द्वारा आपकी लाइफ को और कुछ हद तक आसान बना सकते है। कीमोथेरेपी का असर काफी लम्बे समय तक रहता है। अत्यधिक मात्रा में कीमोथेरेपी देने से आपके फेफड़े (lungs), किडनी (kidney), हार्ट (heart), नसों (nerves) और प्रजनन क्षमता (Reproductive organs) में कमी आती है और वह कमजोर हो जाते है।
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आपके डॉक्टर और कैंसर उपचार टीम नियमित रूप से आपके उपचार की प्रभावशीलता की निगरानी करेंगे।
इनमें इमेजिंग तकनीक, रक्त परीक्षण और अन्य परीक्षण शामिल होंगे।
जितना अधिक आप अपने चिकित्सक से साझा करते हैं कि कीमोथेरेपी आपको कैसे प्रभावित कर रही है, आपके उपचार का अनुभव उतना ही बेहतर होगा। आपको उन्हें किसी भी दुष्प्रभाव या उपचार से संबंधित समस्याओं के बारे में बताना चाहिए , ताकि यदि आवश्यक हो तो वे आपके उपचार में बदलाव कर सकें।
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