Snake Gourd (Chichinda) Benefits in Hindi क्या आप अपने आहार में चिचिंडा का उपयोग करते हैं। सांप लौंकी या चिचिण्डा खाने के फायदे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक होते हैं। चिचिंडा के औषधीय गुण शरीर में मौजूद विषाक्तता को दूर करने में मदद करते हैं। चिचिंडा का इस्तेमाल प्रमुख रूप से खाद्य सब्जी के रूप में किया जाता है लेकिन विशेष स्थिति में चिचिंडा का प्रयोग औषधीय प्रयोजन के लिए भी किया जाता है। चिचिंडा खाने के फायदे मुख्य रूप से मधुमेह रोगी के लिए होते हैं। शायद ही आपको पता हो कि चिचिंडा के फायदे बुखार, गठिया, हृदय रोग और कब्ज आदि के लिए होते हैं। हालांकि कुछ मामलों में चिचिंडा के नुकसान भी होते हैं। आज इस आर्टिकल में आप चिचिंडा के फायदे, उपयोग और नुकसान संबंधी जानकारी प्राप्त करेगें।
विषय सूची
चिचिंडा को सांप लौंकी भी कहा जाता है जो इसके इसके सर्पिलाकार आकृति के कारण है। चिंचिडा का वानस्पतिक नाम ट्रिकोसैन्थेस कुकुमेरिना (Trichosanthes Cucumerina) है। चिचिंडा लौकी की लंबाई 40 से 120 सेमी तक होती है। यह ककड़ी और स्क्वैश परिवार से संबंधित है। चिचिंडा को पोषक तत्वों का स्टोर रूम माना जाता है। भारत में स्नेक गॉर्ड का उपयोग व्यायपक रूप से खाद्य सब्जी के रूप में किया जाता है। आइए जाने चिचिंडा के बारे में अन्य जानकारीयां।
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औषधीय लाभों से भरपूर चिचिंडा की तासीर ठंडी होती है। सामान्य रूप से यह ककड़ी के परिवार से संबंधित है जिसके कारण इसकी तासीर ठंडी होना स्वाभाविक है। लेकिन अपने ठंडी तासीर के गुण के कारण यह कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभों के लिए उपयोग किया जाता है।
चिचिंडा का स्वाद सामान्य रूप से कड़वा होता है। लेकिन फिर भी करेला की तरह ही इसका उपयोग भोजन पकाने के लिए किया जाता है। हालांकि पकाने के दौरान इसकी अधिकांश कड़वाहट दूर हो जाती है। इसके अलावा चिचिंडा पौधे की पत्तियां, तने और पौधे के अन्य हिस्सों का उपयोग भी साग सब्जी के रूप में किया जाता है।
सामान्य रूप में भारत में चिचिंडा को स्नेक गॉर्ड के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा भी अलग-अलग जगहों में चिचिंडा को अन्य नामों से भी जाना जाता है।
चिचिंडा को चीनी ककड़ी के नाम से भी जाना जाता है। इन पतली और लंबी लौकी के ऊपर प्राकृतिक मोम की परत होती है। चिचिंडा का बाहरी रंग हरा होता है जिस पर सफेद रंग की धारियां होती हैं। अधिकांश रूप से चिचिंडा को कच्चे रूप में खाया जाता है। पकने पर चिचिंडा का रंग हल्का नारंगी होता है। लेकिन जब यह पूरी तरह से पक जाता है तब इसका रंग गहरा लाल हो जाता है। चिचिंडा के फल सपाट होते हैं जिसके बीज मुलायम होते हैं। लेकिन पके हुए चिचिंडा के बीज बहुत ही कठोर होते हैं।
चिचिंडा के कई प्रकार होते हैं जिनमें प्रमुख प्रकार इस तरह हैं :
चिचिंडा के पोषक तत्वों और औषधीय गुणों के कारण आहार के रूप में उपयोग किया जाता है जबकि इसका स्वाद कड़वा होता है। 100 ग्राम चिचिंडा में पाए जाने वाले पोषक तत्व और खनिज पदार्थ इस प्रकार हैं।
स्नैक लौकी में विटामिन A, B, C और मैंगनीज, मैग्नीशियम और पोटेशियम भी अच्छी मात्रा में होते हैं।
स्नेक लौकी में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व, विटामिन और खनिज होते हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होते हैं, जिसमें महत्वपूर्ण आहार फाइबर, कैलोरी की थोड़ी मात्रा, और उच्च स्तर के प्रोटीन शामिल हैं। विटामिन के संदर्भ में, इसमें विटामिन ए, बी, सी और साथ ही मैंगनीज, मैग्नीशियम, कैल्शियम, लोहा, पोटेशियम और आयोडीन होता है।
चिचिंडा में वसा की बहुत ही कम मात्रा होती है जबकि इसमें पानी सबसे ज्यादा लगभग 95 प्रतिशत तक होता है।
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पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होने के कारण चिचिंडा का इस्तेमाल स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए किया जाता है। आप भी अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए चिचिंडा का इस्तेमाल कर सकते हैं। आइए जाने चिचिंडा खाने के स्वास्थ्य लाभ क्या हैं।
डायबिटीज के लक्षणों को कम करने में चिचिंडा के लाभ माने जाते हैं। स्नैक लौकी में कैलोरी कम होती है साथ ही ऊर्जा और पोषक तत्वों से भरपूर होता है। चिचिंडा में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं। जिसके कारण नियमित रूप से चिचिंडा का सेवन करना मधुमेह के लक्षणों को कम करने में सहायक होता है। चीनी चिचिकत्सा पद्यति में मधुमेह रोगी को नियमित रूप से चिचिंडा खाने की सलाह दी जाती है। चिचिंडा न केवल मधुमेह बल्कि मधुमेह के कारण होने वाले मोटापे को भी नियंत्रित करने में सहायक होता है। नियमित रूप से सेवन करने पर यह शरीर में रक्त शर्करा के उचित स्तर को बनाए रखने का सबसे अच्छा घरेलू उपाय है। यदि आप भी मधुमेह रोगी हैं तो अपने आहार में चिचिंडा को शामिल कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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स्नेक गॉर्ड या चिचिंडा का उपयोग हृदय संबंधी समस्याओं को दूर करने में प्रभावी होता है। चिचिंडा का अर्क दिल की गति, दिल के दर्द और धमनियों संबंधी समस्याओं को दूर करता है। नियमित रूप से चिचिंडा के रस का सेवन करने से रक्त परिसंचरण को बढ़ावा मिलता है जिससे हृदय संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है। यदि आप भी अपने दिल को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो नियमित रूप से स्नेक गॉर्ड के जसू का सेवन करें। अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से प्रतिदिन 2 कप चिचिंडा के जूस का सेवन किया जाना चाहिए।
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चिचिंडा में एंटीऑक्सीडेंट की उच्च मात्रा होती है। जिसके कारण यह कैंसर पैदा करने वाले फ्री रेडिकल्स को रोकने में सहायक होता है। नियमित रूप से चिचिंडा का सेवन करने से शरीर में मौजूद कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने और उन्हें नष्ट करने में मदद मिलती है। यदि आप भी फ्री रेडिकल्स जनित बीमारियों से बचना चहते हैं तो स्नेक गॉर्ड को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। यह भविष्य में कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी होने की संभावना कम करता है।
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)स्नैक लौकी या ट्राइकोसेन्थेस क्यूकुमेरीना का नियमित सेवन पित्तयुक्त बुखार को कम करने में सहायक होता है। यदि आप बुखार से ग्रसित हैं तो कुछ मात्रा में चिचिंडा के पेस्ट और शहद का सेवन करें। यह बुखार दूर करने का सबसे प्रभावी घरेलू उपचार है। कुछ लोगों का मानना है कि धनिया की पत्ती और चिचिंडा का सेवन करने से भी बुखार को कम किया जा सकता है। इसके अलावा चिचिंडा में उल्टी को प्रेरित करने वाले गुण भी होते हैं। अध्ययनों के अनुसार चिचिंडा का सेवन मलेरिया बुखार को नियंत्रित करने में सहायक होता है।
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चिचिंडा के पत्तों में गठिया के लक्षणों को दूर करने वाले गुण होते हैं। गठिया जोड़ों में होने वाली सूजन और दर्द से संबंधित बीमारी है जो कि बहुत ही कष्टदायक होती है। लेकिन इस समस्या का उपचार चिचिंडा और इसकी पत्तियों से किया जा सकता है। गठिया के घरेलू इलाज के लिए आप चिचिंडा की पत्तीयों और धनिया के बीज से बने पेस्ट का सेवन कर सकते हैं। नियमित रूप से दिन में 3 बार इस मिश्रण का सेवन करने से गठिया के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।
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चिचिंडा का जूस पेट और पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चिचिंडा में पेट को साफ करने वाले (Purgative) गुण होते हैं। स्नेक गॉर्ड के जूस का सेवन करने से शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है। इसके अलावा फाइबर की अच्छी मात्रा होने के कारण यह पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में भी सहायक होता है। चिचिंडा की पत्तियां एक इमेटिक के रूप में कार्य करती हैं जो आपकी आंतों को साफ रखने में सहायक है। आप भी अपने पेट और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए चिचिंडा जूस का उपयोग कर सकते हैं।
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नियमित रूप से चिचिंडा के जूस का सेवन करना आपके श्वसन तंत्र के लिए फायदेमंद होता है। चिचिंडा जूस के औषधीय गुण न केवल खांसी को दूर करने बल्कि सांस लेने में होने वाली दिक्कत को भी दूर कर सकते हैं। यह छाती में जमे कफ या संक्रमण से राहत दिलाता है जो लगातार आने वाली खांसी का कारण होता है। इस औषधीय फल में हीलिंग गुण होते हैं श्वसन तंत्र संबंधी समस्याओं को प्रभावी रूप से दूर कर सकते हैं। आप भी अपनी श्वसन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए चिचिंडा जूस का सेवन कर सकते हैं।
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पेट की समस्या या एसिडिटी कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। लेकिन एसिडि का उपचार करने के लिए चिचिंडा जूस और चिचिंडा का सेवन किया जा सकता है। यह आपके पेट में अनावश्यक एसिड के उत्पादन को कम करने में प्रभावी होता है। इसके अलावा नियमित रूप से सब्जी के रूप में चिचिंडा का सेवन करने से यह पेप्टिक अल्सर, गैस्ट्रिटिस और ग्रहणी संबंधी अल्सर को ठीक करता है। आप इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए अपने आहार में चिचिंडा को शामिल कर सकते हैं।
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हाल ही में हुए एक अध्ययन से पता चलता है कि इस सब्जी में हेपाटो-सुरक्षात्मक गुण उच्च मात्रा में होते हैं। जिसके कारण यह यकृत से जुड़ी समस्याओं का इलाज करने में सहायक होता है। चिचिंडा की पत्ती के फायदे विशेष रूप से पीलिया और हेपेटाइटिस जैसी बीमारियों के लिए होते हैं।
लगभग 7-10 पत्ते लें और इसे एक कप पानी में उबालें और ठंडा होने दें। 10-15 धनिया के बीज लें और इसे आधा लीटर पानी में उबालें। इसे पहले से तैयार काढ़े के साथ मिलाएं। पीलिया के प्रभावी इलाज के लिए दिन में कम से कम तीन बार पियें।
आप भी अपने लीवर को स्वस्थ रखने और अन्य बीमारियों को दूर करने के लिए चिचिंडा का उपयोग कर सकते हैं।
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स्नेक गॉर्ड स्वास्थ्य लाभ दिलाने के साथ ही त्वचा के लिए भी फायदेमंद होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चिचिंडा मल्टीविटामिन से भरपूर होता है जो त्वचा कोशिकाओं को फिर से युवा बनाती है। नियमित रूप से उपभोग करने पर चिचिंडा उम्र बढ़ने संबंधी समस्याओं को दूर करने और त्वचा को गोरा बनाने में भी प्रभावी होता है। जिससे आपकी त्वचा स्पष्ट और उज्जवल हो सकती है। इस सब्जी में 95 प्रतिशत पानी होती है जो आपकी त्वचा को हाइड्रेट रखता है। जिससे त्वचा को एलर्जी और जलन जैसी स्थितियों से बचाया जा सकता है।
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आप अपनी बालों को स्वस्थ रखने के लिए भी चिचिंडा का उपयोग कर सकते हैं। चिचिंडा का उपयोग बाल झड़ने संबंधी समस्या का प्रभावी इलाज कर सकता है। इसके अलावा यह सिर में नए बालों को उगने में भी मदद करता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चिचिंडा में विटामिन और खनिज पदार्थों की अच्छी मात्रा होती है। विशेष रूप से इसमें मौजूद कैरोटीन जो बालों को जड़ से मजबूत बनाने में सहायक होता है। यदि आप बालों में डैंड्रफ से भी परेशान हैं तब भी चिचिंडा आपकी मदद कर सकता है। आप बालों संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए चिचिंडा का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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सामान्य रूप से चिचिंडा का सेवन हमें कई स्वास्थ्य लाभ दिलाता है। लेकिन कुछ विशेष लोगों के लिए चिचिंडा खाने के नुकसान भी हो सकते हैं।
ऊपर आपने जाना की स्नेक गॉर्ड के महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभों में बुखार को कम करने, शरीर को detoxify करने, पाचन में सुधार, जल की मात्रा बढ़ाने, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने, मधुमेह का इलाज करने, बालों की ताकत और गुणवत्ता में सुधार करने और वजन घटाने में सहायता करने की क्षमता शामिल है। आप भी इसका सेवन कर इन लाभों को प्राप्त कर सकते हैं।
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