जैसा कि आप सभी जानते हैं चिकनगुनिया मच्छरों द्वारा फैलने वाली वायरल बीमारी है। इसे चिकनगुनिया बुखार के नाम से भी जानते हैं, जोकि संक्रमित मादा मच्छर के काटने से होता है। उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में अधिक पाई जाने वाली इस बीमारी का कोई टीका नहीं हैं। इस लेख में आप जानेंगे कि चिकनगुनिया बुखार क्या है इसके कारण, लक्षण क्या है, चिकनगुनिया का निदान और इलाज कैसे किया जाता है, चिकनगुनिया के बाद जोड़ों का दर्द ठीक करने का तरीका और चिकनगुनिया से बचने के घरेलू उपाय के अलावा और भी बहुत कुछ।
विषय सूची
चिकनगुनिया क्या है – What is chikungunya in Hindi
चिकनगुनिया एक वायरस है जो एडिस एजिप्टी मच्छर के काटने से होता है, इससे होने वाले रोग को चिकनगुनिया बुखार के नाम से जाना जाता है। इसे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में पारित नहीं किया जा सकता है। बुखार का ठीक होना रोगी की आयु और रोग प्रतिरोधक शक्ति पर निर्भर करता है। इस वायरल रोग के कारण लोगों को बुखार और जोड़ो में दर्द रहता है। यह वायरल रोग बहुत कम दिनों के लिए होता है और बहुत ही दुर्लभ मामलों में ही इससे किसी की मौत होती है। लेकिन इसके लक्षण गंभीर, लंबे समय तक चलने वाले और कमजोरी उत्पन्न करने वाले हो सकते हैं।
(और पढ़ें – चिकनगुनिया से होने वाले जोड़ों के दर्द का इलाज और आयुर्वेदिक उपचार)
चिकनगुनिया के लक्षण – Chikungunya Symptoms in Hindi
प्रत्येक व्यक्ति में रोग के लक्षण उत्पन्न होने में संक्रमित मच्छर के काटने के बाद 2 से 5 दिन का समय लग सकता है। चिकनगुनिया बुखार के मुख्य लक्षणों में निम्न शामिल हैं:
- तेज बुखार (और पढ़े – ऐसे दूर रहें वायरल फीवर से)
- जोड़ों में सूजन और दर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- त्वचा पर लाल चकत्ते (हीट रैश के समान)
- स्वाद ना आना
- मुंह में छाले
- जी मिचलाना और उल्टी (और पढ़े – उल्टी और मतली को रोकने के उपाय)
- शरीर में अत्यधिक थकावट महसूस होना आदि।
(और पढ़ें – चमकी बुखार के लक्षण, कारण और इलाज )
चिकनगुनिया का कारण – Chikungunya Causes in Hindi
जैसा की आपको पहले हमने बताया कि चिकनगुनिया एडीज़ एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर संक्रमित व्यक्ति से किसी स्वस्थ व्यक्ति में संक्रमण फैलाने के लिए वाहक का कार्य करता है। जब मच्छर चिकनगुनिया वायरस से संक्रमित व्यक्ति को काटता है, तो यह वायरस उस मच्छर में चला जाता है। उसके बाद वही मच्छर स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, जिससे यह वायरस उस व्यक्ति के अंदर चला जाता है और उसे चिकनगुनिया हो जाता है। इस बीमारी का समय 2-12 दिन तक हो सकता है, लेकिन आम तौर पर यह बीमारी 3-7 दिन तक रहती है। कभी कभी व्यक्ति चिकनगुनिया से संक्रमित होते हैं पर उनमें लक्षण दिखाई नहीं देते हैं।
चिकनगुनिया की जांच – Diagnosis of Chikungunya in Hindi
मच्छर के काटने से होने वाले चिकनगुनिया की जांच के लिए प्रयोगशाला में आरटी पीसीआर (RT–PCR) और रक्त परीक्षण के द्वारा वायरस की जांच की जाती है। केवल एक रक्त परीक्षण के माध्यम से ही चिकनगुनिया का निदान किया जा सकता है।
चिकनगुनिया का इलाज – Chikungunya Treatment in Hindi
वायरस से फैलने वाली यह बीमारी घातक नहीं होती है, लेकिन इसके लक्षण गंभीर और असुविधा उत्पन्न करने वाले हो सकते हैं। अधिकांश रोगी एक सप्ताह के भीतर इस बुखार से ठीक हो जाते हैं, लेकिन जोड़ों का दर्द महीनों तक बना रहता है। 1 साल बाद भी 20 फीसदी से ज्यादा मरीज जोड़ों में बार-बार दर्द होने की शिकायत करते हैं। चिकनगुनिया के इलाज के लिए कोई विशिष्ट दवा नहीं है। डॉक्टर मरीज को आराम करने और पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लेने की सलाह देते हैं।
डॉक्टर द्वारा मरीज के लिए दी जाने वाली ओवर-द-काउंटर दवाएं बुखार और जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद कर सकती है। इन दवाओं में शामिल है:
- नेप्रोक्सेन
- आइबूप्रोफेन
- एसिटामिनोफ़ेन, इत्यादि।
लंबे समय तक चलने वाले दर्द के इलाज के लिए, डॉक्टर मरीज को फिजियोथेरेपी की सिफारिश कर सकता है।
चिकनगुनिया से बचाव के तरीके – Chikungunya Prevention in Hindi
आप चिकनगुनिया से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय अपना सकते हैं, जैसे:
- अपनी त्वचा को कपड़े से ढक कर रखें। कहने का मतलब है की फुल स्लीव के कपड़े पहनें, ताकि मच्छर आपकी त्वचा पर सीधे ना काट सके।
- मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए घर के अंदर और बाहर साफ सफाई रखें और खुले हुए पानी के स्रोतों को बंद कर दें।
- घर में मच्छरों को आने से रोकने के लिए घर की खिड़कियों पर जाली का प्रयोग करें।
- मच्छरों के काटने से खुद को बचाएँ।
- अपने आप को हाइड्रेटेड रखें।
- कमरे में कपूर जलाने से भी मच्छर दूर रहते हैं, अतः मच्छर भगाने के घरेलू उपाय अपनाएं।
(और पढ़े – मच्छर भगाने के घरेलू उपाय ,मच्छरों को कहें अलविदा)
चिकनगुनिया में डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए – When to see a doctor in Chikungunya in Hindi
यदि आपको बहुत तेज बुखार और जोड़ों में तीव्र दर्द के साथ ऊपर बताए गए चिकनगुनिया के लक्षणों में से कोई भी लक्षण होता है। तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
चिकनगुनिया से बचने के घरेलू उपाय – Home Remedies for Chikungunya in Hindi
चिकनगुनिया के लक्षण वायरस से संक्रमित मच्छर द्वारा काटे जाने के तीन से सात दिनों बाद दिखाई देते हैं। इसके लक्षणों में बुखार, जोड़ों में दर्द, जोड़ों में सूजन, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते, मतली, उल्टी और थकान शामिल हो सकते हैं। इन सभी लक्षणों में, जोड़ों में दर्द सबसे प्रमुख और दर्दनाक हो सकता है। मरीजों को अत्यधिक जोड़ों के दर्द का सामना करना पड़ सकता है, जो लगभग असहनीय हो सकता है और महीनों या उससे भी अधिक समय तक रह सकता है।
इस बीमारी के लिए कोई इलाज नहीं है, और इसके बाद के प्रभाव में मरीज को बहुत परेशानी हो सकता है। हालांकि, कुछ घरेलू उपाय हैं, जो चिकनगुनिया के लक्षणों को कम करने में प्रभावी माने जाते है, विशेष रूप से जोड़ों के दर्द में। अतः अब आप यहाँ चिकनगुनिया में दर्द का इलाज और इसके लक्षणों से निपटने के कुछ घरेलू उपाय के बारे में जानेगें:
नारियल पानी से करें चिकनगुनिया का घरेलू उपचार – Coconut water for Chikungunya in Hindi
आप चिकनगुनिया का घरेलू उपचार करने के लिए नारियल पानी का उपयोग कर सकते हैं। नारियल पानी अनेक पोषक तत्वों से युक्त होता है और यह चिकनगुनिया के वायरस से लड़ने में आपकी सहायता करता है। आप नारियल पानी का सेवन कुछ दिनों के लिए प्रतिदिन कर सकते हैं। जिससे आपको जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद मिलेगी साथ ही यह शरीर की सूजन को कम करने में भी आपकी हेल्प करता है।
(और पढ़े – नारियल पानी के फायदे और स्वास्थ्य लाभ)
चिकनगुनिया का आयुर्वेदिक इलाज है तुलसी की पत्तियां – Tulsi leaves Ayurvedic treatment for Chikungunya in Hindi
आप अपने घर में लगे तुलसी के 8-10 पत्तों को लेकर इन्हें पानी में उबालें और जब पानी आधा रह जाए तो इसे पूरे दिन एक एक घूंट करके थोड़ी-थोड़ी देर में पीते रहे। तुलसी की पत्तियों में बहुत प्रभावी गुण पाए जाते हैं, जो चिकनगुनिया बुखार के इलाज के लिए रामबाण इलाज होते हैं। तुलसी की पत्ती में बुखार को कम करने वाले गुण होते हैं इसलिए आप चिकनगुनिया के बुखार को कम करने के लिए तुलसी की पत्तियों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
(और पढ़े – तुलसी के फायदे और नुकसान)
चिकनगुनिया से बचने का घरेलू उपाय है हल्दी – Turmeric is home remedy to prevent Chikungunya in Hindi
आप दूध के साथ हल्दी को मिलाकर हल्का गुनगुना कर पी सकते हैं। इसको आप सुबह एक गिलास और रात को सोते समय एक गिलास सेवन करने का लक्ष्य बना सकते हैं, जिससे कि आप चिकनगुनिया के बुखार और इसमें होने वाले जोड़ों में दर्द (Joint pain) से राहत पा सकते हैं।
हल्दी भारत में कई वर्षों से एक लोकप्रिय घरेलू औषधि के रूप में उपयोग किये जाने वाले मसालों में से एक है। हल्दी में करक्यूमिन नामक एक एंटीआक्सीडेंट होता है, जो त्वचा की सूजन को कम करने वाला और दर्द में राहत देने वाला होता है। इसलिए घरों में हल्दी का उपयोग सूजन कम करने और दर्द कम करने के लिए किया जाता है।
(और पढ़े – हल्दी और दूध के फायदे और नुकसान)
चिकनगुनिया का आयुर्वेदिक इलाज है पपीते की पत्तियां – Papaya Leaf Juice For Chikungunya in Hindi
पपीते की पत्तियों का उपयोग डेंगू व चिकनगुनिया दोनों में ही प्रभावी घरेलू इलाज होता है। क्योंकि डेंगू में शरीर में प्लेटलेट्स की कमी आती है, जिसे पूरी करने के लिए पपीते की पत्तियों का जूस एक कारगर उपाय माना जाता है। आप चिकनगुनिया से बचने के लिए पपीते की ताजा पत्तियां लें। इन को मसलकर इन का जूस निकाल लें और इस जूस को साफ पानी में मिक्स कर लें। इस बने हुए मिश्रण के 2 बड़े चम्मच को दिन में तीन से चार बार सेवन करें। दो-तीन दिन तक लगातार इसका सेवन करने से आपको चिकनगुनिया के लक्षणों में राहत प्राप्त हो जाएगी।
(और पढ़ें – पपीता के पत्ते के जूस के फायदे और नुकसान)
चिकनगुनिया के दर्द का इलाज है लहसुन – Garlic for Chikungunya home treatment in Hindi
लहसुन का उपयोग कई सालों से दर्द को दूर करने के लिए किया जा रहा है और इसे बाहृ रूप से भी उपयोग में लाया जाता है। लहसुन का उपयोग खाने में भी किया जाता है यह गर्माहट देने के लिए जाना जाता है।
चिकनगुनिया के इलाज के लिए लहसुन की 10 से 12 पोथी को लेकर उनका एक पेस्ट बना लें और इसे आप अपने प्रभावित हिस्से जहां पर दर्द हो रहा है वहां पर लगाएं और कुछ घंटे के लिए छोड़ दें। इस उपाय को आप कुछ दिनों तक दिन में एक से दो बार करें आपको अपने जोड़ों के दर्द से जरूर राहत प्राप्त होगी।
(और पढ़ें – लहसुन के फायदे और नुकसान)
चिकनगुनिया के दर्द का इलाज है अदरक – Ginger for Chikungunya in Hindi
अदरक में एंटी इन्फ्लामेंट्री और दर्द निवारक गुण होते हैं, जो चिकनगुनिया से पीड़ित होने के दौरान अनुभव होने वाले दर्द और सूजन का सामना करने में मदद कर सकते हैं। इसके शक्तिशाली यौगिकों को जिन्जेरॉल कहते हैं, जो दर्द को कम करते हैं।
चिकनगुनिया के लिए अदरक की चाय लाभदायक होती है। अदरक पूरे शरीर में रक्त परिसंचरण में सुधार करता है, जिससे प्रतिरक्षा बढ़ती है। अदरक की चाय को एक दिन में 3 बार पीना चाहिए। चाय बनाने के लिए, 1 या 1½ कप पानी उबालें, उसमें 5 या 6 अदरक के स्लाइस डालें और इसे 5 से 10 मिनट के लिए उबाल लें। चाय पीने के समय यह थोड़ी गर्म होनी चाहिए।
आप रोजाना 3 से 4 बार अदरक की खुराक ले सकते हैं। इसके अलावा, आप दर्दनाक क्षेत्र को अदरक के तेल के साथ दिन में मालिश भी कर सकते हैं।
(और पढ़ें – अदरक के फायदे, औषधीय गुण, उपयोग और नुकसान)
चिकनगुनिया से बचने के घरेलू उपाय है गिलोय – Giloy For Chikungunya in Hindi
अगर आप चिकनगुनिया का उपचार आयुर्वेदिक तरीके से करना चाहते हैं, तो गिलोय इसमें आपका सबसे अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। गिलोय का उपयोग कई सालों से आयुर्वेदिक औषधि बनाने और विभिन्न प्रकार की हर्बल दवाओं में किया जा रहा है। इन्हीं दवाओं का उपयोग जोड़ों के दर्द और बुखार को कम करने के लिए किया जाता है।
चिकनगुनिया से राहत पाने के लिए आप अपने भोजन में गिलोय कैप्सूल या फिर गिलोय की 1 ग्राम मात्रा का उपयोग कुछ हफ्तों के लिए कर सकते हैं। गिलोय मुख्य रूप से बुखार को कम करने के लिए जाना जाता है। इसमें सूजन को कम करने वाले गुण भी होते हैं, जो कि चिकनगुनिया के लक्षणों से राहत देते हैं और संक्रमण से बचाने में आपकी सहायता करते हैं
गिलोय का उपयोग करते समय आपको कुछ सावधानी भी रखनी होगी। 5 साल से कम उम्र के बच्चों को गिलोय नहीं देना चाहिए और वयस्कों को भी प्रतिदिन 3 ग्राम से अधिक गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए।
(और पढ़े – गिलोय के फायदे, स्वास्थ्य लाभ और औषधीय गुण)
चिकनगुनिया से बचने का घरेलू उपाय है आइस थेरेपी – home remedy for Chikungunya is Ice therapy in Hindi
आइस थेरेपी जोड़ों के दर्द के लिए बहुत ही लाभदायक होती है। इसके लिए आप बर्फ की क्यूब को थोड़ा Crush कर लेना है और एक छोटे तोलिये मैं उन्हें लपेटकर कुछ मिनटों के लिए उस स्थान पर रखना है जहां आपको सूजन और दर्द महसूस हो रही है। इस प्रकार आइस थेरेपी चिकनगुनिया और अन्य प्रकार के जोड़ों के दर्द को कम करने का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। क्योंकि यह प्रभावित क्षेत्र के रक्त प्रवाह को धीमा कर देता है और आपको होने वाले दर्द से राहत देता है।
चिकनगुनिया के बाद जोड़ों का दर्द को करें मालिश से दूर – Oil Massage for Chikungunya Pain in Hindi
अरंडी तेल (Castor oil) में सूजन को कम करने वाले गुण होते है, जो चिकनगुनिया के कारण होने वाले दर्द को कम करने के लिए जाने जाते हैं। दालचीनी में भी सूजन को कम करने वाले गुण होते हैं और यह जोड़ों के दर्द को कम करने में अरंडी तेल को बढ़ावा देती है।
2 बड़े चम्मच कैस्टर आयल को हल्का गर्म करें और इसमें एक चुटकी दालचीनी पाउडर मिलाएँ। अच्छी तरह से मिक्स करें और प्रभावित जगह पर कुछ मिनटों के लिए धीरे से मालिश करें। दिन के दौरान दो से तीन बार इस तेल के साथ मालिश करें, जिससे आपको जल्दी ही लाभ प्राप्त होगा।
(और पढ़ें – बॉडी मसाज के लिए बेस्ट तेल और इनके फायदे)
चिकनगुनिया से बचने का तरीका है स्वस्थ आहार – Diet to avoid chikungunya in Hindi
चिकनगुनिया में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए, ये भी बहुत अधिक मायने रखता है जिससे आप जल्दी ठीक हो सकते है। कई बार बीमारी का सही इलाज होने के बाद बीमारी से उबरने के लिए सही आहार की एक विशेष भूमिका होती है। इसलिए यदि आप सही आहार का सेवन करते हैं तो आप बीमारी से जल्दी ही ठीक हो जाएंगे और साथ ही साथ अपने स्वास्थ्य को भी बरकरार रख पाएंगे। जिससे आपको कमजोरी और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। यहाँ हम आपको चिकनगुनिया से बचने के उपाय उसके बाद लिए जाने वाले आहार के बारें में बता रहे है।
- विटामिन ए से समृद्ध आहार जैसे- फल, सब्जियां, गाजर का सेवन अधिक मात्रा में करें।
- तरल पदार्थों का सेवन जैसे कि पानी, सूप और फलों के रस का सेवन भी अधिक मात्रा में करना चाहिए। जिससे वायरस से लड़ने में सहायता प्राप्त होती है।
- मूली खाने से बलगम पतला होता है और नाक के भीतर के क्षेत्र साफ होते हैं। इसलिए आप अपने खाने में मूली को शामिल करें। मूली आपको चिकनगुनिया के समय होने वाले सिर दर्द और सर्दी जुकाम से राहत दिला सकती है।
- कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ है जो ओमेगा 3 फैटी एसिड के अच्छे स्रोत माने जाते हैं जैसे कि मछलियां, बादाम, अखरोट इनका सेवन आपको अपने भोजन में अवश्य करना चाहिए ताकि आप चिकनगुनिया के वायरस से लड़ सकें।
- चिकनगुनिया से लड़ने के लिए कच्ची गाजर खाना एक अच्छा विकल्प माना जाता है क्योंकि चिकनगुनिया के लक्षणों के विरोध में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
(और पढ़ें – रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय)
चिकनगुनिया होने पर इनसे परहेज करें – Avoid them when chikungunya in hindi
तेज मसालेदार और गहरा तला भोजन, कैफीन युक्त पेय, धूम्रपान, और शराब पीने से परहेज करें क्योंकि ये सभी शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को कमजोर करते हैं, तथा चिकनगुनिया के लक्षणों को गंभीर कर सकते हैं। अतः चिकनगुनिया बुखार की स्थिति में इन पदार्थों के सेवन से परहेज करनी की सलाह दी जाती है।
चिकनगुनिया से बचाव के उपाय है योग और व्यायाम – Yoga and Exercise to Avoid Chikungunya in Hindi
जब भी चिकनगुनिया होता है तो तेज बुखार के साथ जोड़ों में दर्द बढ़ता जाता है जिसे दूर करने के लिए आप हल्के व्यायाम जैसे कि स्ट्रेचिंग, जॉगिंग आदि का सहारा ले सकते हैं। ऐसा करने से आप के जोड़ों में गति उत्पन्न होगी जिससे उनके दर्द में कमी आएगी। आप व्यायाम और योग करने के बाद उनमें हल्की जैतून के तेल के साथ मालिश कर सकते हैं। जिससे आपके जोड़ों के दर्द में तीव्र राहत प्राप्त होगी और आप कुछ ही दिनों में ठीक हो जाएंगे।
इसी तरह योग करने से भी आपके प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत ही प्राप्त होती है और जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। यह जरूरी है कि आप योग की शुरुआत धीमे धीमे और सरल आसन से करें। मुख्यत: वैसे आसन चुनें जो स्वास्थ्य पर आधारित होते हैं इस प्रकार आप योग के द्वारा अपने जोड़ों के दर्द से कुछ हद तक राहत प्राप्त कर सकते हैं और इससे आपका मन भी शांत होगा। जिससे आप सिर दर्द जैसी समस्या से बच पाएंगे।
(और पढ़ें – स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज, आखिर क्यों जरूरी है स्ट्रेचिंग)
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