Swertia Chirata Benefits in Hindi संस्कृत में चिरायता को किराततिक्त और अंग्रेजी में स्वीर्टिया चिरेटा (Swertia Chirata) कहा जाता है। यह एक औषधीय पौधा है। यह पांच फीट की ऊंचाई तक बढ़ता है। इस पूरे पौधे का उपयोग आयुर्वेद में औषधीय उद्देश्य के लिए किया जाता है। चिरायता की जानकारी चरक संहिता, आयुर्वेद के प्राचीन उपचार पाठ में मिलती है। चिरायता कफ और पित्त दोषों को कम करने में मदद करता है। यह स्वाद में कड़वा होता है। शक्ति में ठंडा और पाचन प्रभाव में तेज होता है। आइये जानते है चिरायता के फायदे, गुण, लाभ, उपयोग और नुकसान – Chirata Ke fayde aur Nuksan in hindi के बारे में।
चिरायता एक जड़ी बूटी है। लोग इसकी दवा बनाने के लिए जमीन से ऊपर के हिस्सों का उपयोग करते हैं। चिरायता का उपयोग बुखार, कब्ज, पेट की समस्याओं, भूख की कमी, आंतों के कीड़े, त्वचा रोग और कैंसर को ठीक करने के लिए किया जाता है। कुछ लोग इसे कड़वा टॉनिक के रूप में भी उपयोग करते हैं। इसका उपयोग मादक और गैरमादक (alcoholic and non-alcoholic) पेय के लिए भी किया जाता है।
1. चिरायता में उपलब्ध पोषक तत्व – Nutrients available in Chirata in Hindi
2. चिरायता के फायदे – Chirata Ke Fayde in Hindi
3. चिरायता के नुकसान – Chirata Ke Nuksan in Hindi
एंटीऑक्सिडेंट, एल्कालोइड, और ग्लाइकोसाइड्स जैसे एक्संथोन, पाल्मिटिक एसिड, स्टीयरिक एसिड, ओलेइक एसिड, चिराटानिन, xanthone, swertiamarin, amarogentin, chiratol, gentiopicrin, sweratanone, swerchirin और बहुत से शक्तिशली यौगिक चिरायता में अच्छी मात्रा में उपस्थित होते हैं।
प्राकृतिक दवाएं व्यापक डेटावबेस के अनुसार चिरयता में अल्कोलोइड होते हैं, जिनमें एंटी-इंफ्लामैट्री, एंटीस्पाज्मोडिक, एंटी-प्रजनन क्षमता और एंटीहिस्टामाइन गुण होते है। इन सभी गुणों के कारण चिरायता हमारे लिए बहुत ही उपयोगी होता है। इस लेख में चिरायता के उपयोग से होने वाले फायदों के बारे में जानेगें।
अपने कड़वे स्वाद (bitter taste) के कारण चिरायता रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह प्राचीन युग से ही मधुमेह रोगीयों द्वारा व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है। यह अग्नशयी कोशिकाओं (pancreatic cells) में इंसुलिन उत्पादन को उत्तेजित करता है जो बदले में रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है।
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हमारे शरीर की प्रतिरक्षा (Immunity) को बढ़ाने के लिये चिरायता अच्छा विकल्प हो सकता है। यह शरीर से सभी विषाक्त पदार्थों को साफ करने में मदद करता है। यह बच्चों सहित सभी आयु वर्गों के द्वारा सेवन किया जा सकता है।
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त्वचा की बीमारियों जैसे फोड़े, खुजली, घावों और अन्य मौसमी बीमारियों (seasonal diseases) का सबसे अच्छा इलाज चिरायता के द्वारा किया जा सकता है। इसका एक काढ़ा बना कर त्वचा पर उपयोग करना बहुत ही फायदेमंद होता है। इसे रात भर पानी में भीगने के बाद उस पानी को अपनी त्वचा समस्याओं पर लगाने से फायदा होता है। इसे पुनर्प्राप्ति प्रक्रिया (recovery process) को तेज करने के लिए त्वचा पर भी लगाया जा सकता है।
यह यकृत को आंतरिक रूप से डिटोक्सिफाई (detoxify) कर सकते हैं। यह यकृत की समस्याओं जैसे फैटी यकृत, सिरोसिस और अन्य बीमारियों को भी ठीक कर सकता है। यह यकृत की कोशिकाओं को रिचार्ज करने में मदद करता है, और इसके उचित कामकाज को प्रोत्साहित करने में भी मदद करता है। यह सबसे अच्छा जिगर डिटोक्सिफायर कहा जाता है।
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सोरायसिस का इलाज में चिरायता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सोरायसिस ठीक करने के लिए कुटकी और चिरायता की 4-4 ग्राम मात्रा एक कांच के बर्तन में लेकर एक गिलास पानी डालकर रात भर के लिए रख दें, फिर सुबह उस पानी को निथार कर पी इसके बाद 3 से 4 घंटे तक कुछ न खाएं। ऐसा लगातार दो सप्ताह तक करने से सोरायसिस में राहत मिलती है।
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इसमें किसी भी तरह के पाचन विकारों (digestive disorders) को ठीक करने की क्षमता है जिसमें अपचन, कब्ज, अम्लता आदि शामिल हैं। पुराने विकारों (chronic disorders) से पीडि़त व्यक्ति को अपनी दैनिक दवा में चिरायता का उपयोग डाक्टर की सलाह पर किया जाना चाहिए। (और पढ़े – कब्ज के कारण और इलाज)
जब किसी व्यक्ति के पास कमजोर पेट होता है तो, मतली, अपचन और सूजन (Indigestion and bloating) जैसी बीमारियां उत्पन्न होती हैं। पेट की ताकत बढ़ाने के लिए चिरायता का उपयोग किया जा सकता है। यह कुछ गैस्ट्रिक रस के उत्पादन को उत्तेजित (stimulate) करने में मदद करता है जो बदले में पाचन प्रक्रिया को गति देता है।
आपके शरीर में खून की कमी (Anemia) को रोकने के लिए चिरायता का उपयोग फायदेमंद होता है। यह शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाने में मदद कर सकता है, जिस प्रकार से अन्य कड़वी जड़ी बूटियां (bitter herbs) करती हैं।
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महिलाओं मासिक धर्म के समय आंतरिक रक्तस्राव को कम करने में मदद करता है। यह नाक से खून बहने की समस्या के उपचार के लिए भी उपयोग किया जाता है।
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शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट यौगिकों के कारण चिरायता कैंसर से बचाने में हमारी मदद करता है। यह कैंसर के पूर्ववर्ती घावों (precancerous lesion) को बढ़ने से रोकते है विशेष रूप से यकृत कैंसर के घावों को।
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विशिष्ट मात्रा पर इसका सेवन करने से यह पूरी तरह सुरक्षित है। हालाकि कुछ जड़ी-बूटीयों के दुष्प्रभाव हैं जो इस जड़ी बूटी से जुड़े हुए हैं। ये दुष्प्रभाव इस प्रकार है :
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