Chironji Benefits in Hindi चिरौंजी जिसे हम और आप चारोली के नाम से जानते हैं जिसका वैज्ञानिक नाम बुकानानिया लालजान (Buchanania lanzan) है। चिरौंजी के बीजों सेवन आपको बहुत से स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। चिरौंजी के फायदे कई प्रकार से प्राप्त किये जा सकते हैं। इस लेख में आप जानेगे चिरौंजी के फायदे और नुकसान (Chironji Ke Fayde Aur Nuksan) के बारे में।
चिरौंजी तासीर में ठंडा होता है जिसे गर्मी के समय विशेष रूप से खाने की सलाह दी जाती है। चिरौंजी जिसे कुछ लोग अचार के रूप में जानते हैं शरीर को ठंड़ा करने में मदद करता है और शरीर की जलन (burning sensation) को कम करता है। आप त्वचा के दोषों को दूर करने के लिए चिरौंजी के तेल (Chironji Oil) का उपयोग कर सकते हैं, यह तेल खुजली, दर्द चकते और अन्य त्वचा संबंधित समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। चिरौंजी के फायदे घावों को ठीक करने, ग्रंथियों की सूजन (swelling of glands) और अन्य समस्याओं का उपचार करने के लिए एंटिसेप्टिक के रूप में भी उपयोग किया जाता है।
विषय सूची
1. चिरौंजी का पेड़ – Chironji Tree in Hindi
2. चिरौंजी की छाल – Chirojni Bark in Hindi
3. चिरौंजी की पत्तियां – Chironji leaves in Hindi
4. चिरौंजी पेड़ की गोंद – Chironji gum in Hindi
5. चिरौंजी की जड़ – Chironji roots in Hindi
6. चिरौंजी क्या है – What is Chironji in Hindi
7. चिरौंजी के पोषक तत्व – Charoli Nutritional Value in Hindi
8. चिरौंजी बीज के उपयोग – Uses of Charoli Seeds in Hindi
9. चिरौंजी के फायदे – Chironji ke fayde in Hindi
10. चिरौंजी खाने के नुकसान – Chironji khane ke Nuksan in Hindi
चारोली (Charoli) का पेड़ सीधे तने के साथ 13-18 मीटर तक ऊंचा हो सकता है। इसकी शाखाएं रेशमी बालों से ढ़की रहती हैं। इसकी पत्तियां चमड़े की तरह मोटी होती हैं। इसके फूल छोटे एवं हल्के हरे व सफेद होते हैं जो पत्तियों से छोटे होते हैं। इसके फल शुरुआती दौर पर हरे रंग के छोटे छोटे होते हैं जो गोल आकार के होते हैं। पकने के बाद इन फलों का रंग भूरा हो जाता है। इन फलों के अंदर एक बहुत ही कठोर आवरण होता है जिसे तोड़कर चिरौंजी के दानों को प्राप्त किया जाता है। चिरौंजी के सम्पूर्ण पेड़ का उपयोग किसी न किसी रूप में किया जाता है इसकी छाल, पत्तियां, जड़ और गोंद का इस्तेमाल कई स्वास्थ्य समस्याओं में किया जाता है।
जैसा की आप जानते हैं कि चिरौंजी का पेड एक आयुर्वेदि उद्देश्यों को पूरा करने के लिए जाना जाता है। चिरौंजी के फायदे केवल फलों से ही प्राप्त नहीं होते हैं बल्कि इस पेड़ की छाल (tree bark) का उपयोग भी आयुर्वेदिक उपचार के लिए किया जाता है। चिरौंजी पेड़ की छाल में एंटीऑक्सीडेंट गुण अच्छी मात्रा में होते हैं जो विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य लाभों को प्राप्त करने और स्वास्थ्य विकारों को दूर करने में मदद करते हैं।
पाचन समस्याओं को दूर करने के लिए चिरौंजी पत्तियों के रस का उपयोग किया जाता है। इन पत्तियों में पेट साफ करने वाली दवा (purgative), कामोद्दीपक औषधी (aphrodisiac) और प्रत्यारोपण गुण भी अच्छी मात्रा में होते हैं। चिरौंजी पत्तियों के रस को थकान दूर करने के लिए टॉनिक के रूप में भी उपयोग किया जाता है। यह हृदय को स्वस्थ्य बनाने के लिए कार्डियोटोनिक के रूप में भी उपयोग किया जाता है। इन पत्तियों ताजे या सूखे दोनों प्रकार से उपयोग किया जा सकते है। सूखे पत्तों के पाउडर को घावों के इलाज (treat wounds) के लिए उपयोग किया जाता है।
दस्त और छाती के दर्द (diarrhea and chest pain) के इलाज के लिए चिरौंजी के पेड़ की गोंद का उपयोग किया जाता है। इस गोंद को सामान्य रूप से दूध के साथ मिला कर उपयोग किया जाता है जो संधिशोध (Arthritis) से जुड़े दर्द से भी राहत दिलाता है। (और पढ़े – गठिया (आर्थराइटिस) कारण लक्षण और वचाब…)
इसकी जड़ों (चिरौंजी की जड़) से निकलने वाले रस का औषधीय उपयोग रक्त में होने वाले संक्रमण और पाचन तंत्र के विकारों का इलाज करने के लिए किया जाता है। ये सभी विकार यकृत या पित्ताशयाशय (liver or gall bladder) की विफलता का कारण बनता हैं।
इस सूखे मेवे का रंग पीला होता है, ये आमतौर पर हल्के भूरे रंग के होते हैं और इसमें काले रंग का बहुत ही कठोर आवरण होता है जिसे तोड़ना मुश्किल होता है। इस कठोर आवरण को तोड़ने के बाद चिरौंजी बीज प्राप्त होता है। इनका आकार फ्लैट और गोल होता है। इन बीजों की लंबाई लगभग 1.3 सेमी. होती है। इनका स्वाद हल्का मीठा होता है इसलिए इन्हें मिठाइयों के ऊपर उपयोग किया जाता है। इनका स्वाद कुछ हद तक अखरोट (hazelnuts) और पिस्ता की तरह होता है।
चिरौंजी के फायदे इसके पोषक तत्वों के आधार पर बहुत ज्यादा होते हैं जो हमे बहुत से स्वास्थ्य लाभ दिलाने में मदद करते हैं। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व इस प्रकार हैं :
खाने के लिए उपयोग किये जाने वाले ड्राई फूड्स में प्रमुख रूप से चिरौंजी का उपयोग किया जाता है। वैसे तो आप इन बीजों का सेवन सामान्य रूप से सेवन किया जा सकता है पर इसे अन्य रूप से अपने आहार को पौष्टिक बनाने और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए भी उपयोग किया जा सकता है। जो इस प्रकार हैं :
इस फल को आयुर्वेदिक जड़ी बूटी (Herb) के रूप में उपयोग किया जाता है। अपने विशेष औषधीय और उपचारात्मक गुणों के कारण यूनानी और आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली में कई वर्षों से चिरौंजी का उपयोग किया जाता है। चिरौंजी के बीज का नियमित सेवन आपके स्वास्थ्य में सुधार करता है और बहुत सी बीमारियों को रोकने मे मदद करता है। चिरौंजी बीज के कुछ स्वास्थ्य इस प्रकार हैं :
कामोद्दीपक (Aphrodisiac) गुणों के लिए चिरौंजी बीजों को जाना जाता है। चिरौंजी के भुने हुए बीजों का उपयोग कर आप यौन स्वास्थ्य को बढ़ा सकते हैं। चिरौंजी के फायदे कामेच्छा में वृद्धि करने, समय से पहले स्खलन
और नपुंसकता (Impotence) जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। इनका सेवन करने से शुक्राणुओं की गुणवत्ता और गतिशीलता को बढ़ावा मिलता है। भुने हुए चिरौंजी दाने के पाउडर को जब दूध के साथ इस्तेमाल किया जाता है तो यह प्रजनन प्रणाली (reproductive system) को मजबूत करने के साथ साथ आपके संपूर्ण यौन स्वास्थय को बढ़ावा देने में भी मदद करता है।(और पढ़े – जानिए सेक्स करने के फायदे और ना करने के नुकसान…)
मधुमेह विरोधी गुणों की भरपूर मात्रा चिरौंजी के पत्तों में होती हैं। मधुमेह के लिए जानवरों पर किये गए एक अध्ययन के अनुसार चिरौंजी के पत्तों से निकाला गया रस रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है। चिरौंजी पत्तों का रस मधुमेह प्रकार 1 और मधुमेह प्रकार 2 दोनों के लिए लाभकारी होता है। लेकिन इन दोनों प्रकार के मधुमेह (diabetes) कि लिए चिरौंजी पत्तों के रस पर अभी और अधिक जांच की जा रही है।
(और पढ़े – शुगर ,मधुमेह लक्षण, कारण, निदान और बचाव के उपाय…)
दस्त (Diarrhea) एक ऐसी बीमारी है जो दिखने में तो सामान्य होती है, पर यदि समय में इसका इलाज न किया जाए तो यह बहुत ही खतरनाक हो सकती है। आप जानकर हैरान हो जाऐगें कि चिरौंजी के फायदे दस्त के उपचार के लिए भी हैं। चिरौंजी के बीजों से निकाले गये तेल में बंधनकारी (astringent) गुण होते हैं जो आपके मल त्याग को नियमित करने में मदद करते हैं। इसलिए चिरौंजी के फायदे दस्त के लिए माने जाते हैं। इस तेल की कुछ बूंदों को खाद्य फलों या ओआरएस में मिलाकर सेवन करने से फायदा होता है।
(और पढ़े – दस्त ठीक करने के घरेलू उपाय…)
स्वास्थ्य के लिए चिरौंजी के फायदे बहुत अधिक हैं, पर क्या आप आपनी त्वचा के लिए चिरौंजी के फायदे जानते हैं। चिरौंजी एक ऐसा खाद्य फल हैं जो आपकी त्वचा को प्राकृतिक रूप से गोरा बना सकता है। इसमें एंटीआक्सीडेंट (antioxidant) और एंटीइंफ्लामैट्री गुण अच्छी मात्रा में होते हैं जो आपकी बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने में आपकी मदद करते हैं। यदि आप इसका उपयोग अपनी त्वचा उपचार (Skin treatment) के लिए करते हैं तो यह आपकी त्वचा पर होने वाले किसी भी संक्रमण को रोकने में आपकी मदद कर सकता है।
चिरौंजी बीज के पाउडर को थोड़ा सा आटा और दही के साथ मिलाकर चेहरे पर लगाने से यह आपके चेहरे को स्पष्ट रंग प्रदान करने में मदद करता है। यदि आप ऐलोवेरा के साथ चिरौंजी बीजो को मिला कर उपयोग करते हैं तो यह आपके चेहरे से मुंहासे को दूर कर आपकी त्वचा को स्वस्थ्य और सुंदर बनाता है।
(और पढ़े – गोरी त्वचा पाने के लिए चेहरे पर नींबू का इस्तेमाल करने का तरीका…)
प्रतिरक्षा शक्ति (immunity power) को बढ़ाने की क्षमता चिरौंजी के बीजों में होती है। पुराने समय से ही चिरौंजी के उत्पादों का उपयोग बच्चों के जन्म के बाद मां को दिया जाता है। यह ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि यह मां और बच्चे दोनों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सके। अध्ययनों से भी यही जानकारी मिलती है कि यह प्रतिरक्षा को बढ़ाता है। हालांकि इस बात की पुष्टि के लिए अभी और भी अध्ययनों की आवश्यकता है। आप भी चिरौंजी के फायदे प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से इसका उपभोग कर सकते हैं।
(और पढ़े – रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय…)
सूजन को कम करने के लिए चिरौंजी के तेल का उपयोग बहुत ही लाभकारी होता है। जब इस तेल को बाहरी रूप से लगाया जाता है तो यह गर्दन में ग्रंथियों की सूजन (swelling of glands) को कम करने में मदद करता है। जिन लोगों को जोड़ों के दर्द की शिकायत होती है उन्हें भी चिरौंजी के फायदे मिल सकते हैं, क्योंकि यह तेल उनके दर्द और सूजन (Pain and swelling) को भी कम करने में प्रभावी होता है। यदि आपको गठिया या सूजन से आराम नहीं मिल रहा है तो आप चिरौंजी के तेल का उपयोग कर सकते हैं।
(और पढ़े – गठिया (आर्थराइटिस) कारण लक्षण और वचाब)
प्रजनन प्रणाली (reproductive system) से संबंधित समस्याओं का इलाज करने के लिए चिरौंजी तेल एक प्रभावी उपाय है। चिरौंजी के बीजों में एफ्रोडायसियक गुण होते हैं और इसलिए यौन और प्रजनन संबंधी समस्याओं जैसे कि समय से पहले स्खलन, नपुंसकता और कामेच्छा (Libido) में कमी आदि के उपचार में इनका उपयोग किया जाता है। भारतीय समाज के कुछ हिस्सों में यह प्रथा पुराने समय से चली आ रही है कि नव विवाहित दंपत्ति को चिरौंजी से निर्मित मिठाई या खाद्य उत्पाद खिलाए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह उनके जीवन शक्ति और यौन शक्ति (vitality and sexual ability) को बढ़ाने में मदद करता है।
(और पढ़े – क्या लगातार सेक्स पुरुष प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है?)
आप अपने और अपने बच्चों की स्मृति में सुधार (Improves memory) करने के लिए ना जाने कितने प्रयास करते हैं, पर शायद आप नहीं जानते कि प्रकृति (nature) ने सहज ही हमारी स्मृति बढ़ाने की क्षमता चिरौंजी बीजों को दे रखी हैं। यह चिरौंजी के फायदे ही है जिससे कि आप मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं। यह आपके बच्चे के संपूर्ण शारीरिक विकास के साथ साथ मानसिक और संज्ञानात्मक कार्य (cognitive functions) के विकास में मदद करता है। इसलिए आपके बच्चे को चिरौंजी बीजों का सेवन कराना फायदेमंद हो सकता है।
(और पढ़े – अगर चाहिए परीक्षा के समय तेज दिमाग तो बच्चों के आहार में सामिल करें इन चीजो को)
घावों के उपचार में सूजन, फाइब्रोब्लास्ट (fibroblast) प्रसार और ऊतकों का पुन: निर्माण आदि शामिल होते हैं। घावों के उपचार में यदि देरी की जाए तो सूक्ष्मजीव घाव की सतह पर बायोफिल्म्स (biofilms) बनाने है जो उनके विकास को बढ़ाने और उपचार में देरी करने का कारण बनते हैं। चिरौंजी के बीजों में एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-बायोफिल्म गुण होते हैं जो घाव को जल्दी से ठीक करने में मदद करते हैं। एक पशु अध्ययन से इस बात की पुष्टि भी की जा चुकी है। अध्ययनों से पता चलता है कि चिरौंजी बीज और पत्तियों में माइक्रोबियल गुण होते हैं जो ई .कोली (E.Coli), एस.टीफी (S.typhi) और कैंडिडा (Candida) जैसे कवक जीवाणुओं को रोकने में मदद करते हैं।
आपने जाना कि चिरौंजी के फायदे क्या हैं, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हो सकते है जिनकी जानकारी होना आपके लिए बहुत जरूरी है। वैसे तो चिरौंजी खाने के फायदे बहुत अधिक है पर इससे होने वाले नुकसान इस प्रकार हैं :
दिल की धड़कन को बढ़ा सकता है (Irregular Heartbeat) : इस फल में पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होने के साथ-साथ पोटेशियम भी अधिक मात्रा में होता है जो आपके दिल की धड़कनों को नियंत्रित करता है। यदि आप इसका अधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो यह आपके दिल की धड़कन को बढ़ा सकता है जो आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
लिवर में सूजन (Liver Inflammation) : अधिक मात्रा में शराब का सेवन करने वाले व्यक्तियों को चिरौंजी के बीजों का सेवन ज्यादा मात्रा में नहीं करना चाहिए। चिरौंजी में उपस्थित लाइकोपीन ( lycopene ) की अधिक मात्रा शराब के साथ क्रिया कर सकती है जिसके परिणामस्वरूप लिवर की सूजन हो सकती है। (और पढ़े – लीवर की कमजोरी कारण लक्षण और दूर करने के उपाय…)
दस्त (Diarrhea) : यह सही है कि चिरौंजी आपके शरीर में हाइड्रेशन को बनाए रखने में मदद करता है। लेकिन यदि आप इसका अधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो यह दस्त का कारण बन सकता है। यदि आप एंटीबायोटिक दवाओं और एंटासिड्स (antibiotics and antacids) जैसी दवाएं ले रहे हैं, तो इससे पाचन तंत्र संबंधी समस्याएं बढ़ सकती है।
उच्च ग्लूकोज स्तर (High Glucose Level) : यदि आप मधुमेह रोगी हैं और चिरौंजी के बीजों का सेवन कर रहें तो कम मात्रा में सेवन करने पर इसके कोई नुकसान नहीं है, पर यदि आप अधिक मात्रा में इसका सेवन करते हैं तो यह आपके ग्लूकोज के स्तर (glucose levels) को बढ़ा सकता है जो आपके लिए खतरा बन सकता है। इसलिए मधुमेह रोगी को कम मात्रा में ही चिरौंजी के बीजों का सेवन करना चाहिए।
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…