Chuna khane ke fayde aur nuksaan in Hindi: चूना पत्थर (Limestone) जिसे आमतौर पर चूना (chuna) के नाम से जाना जाता है। क्या आप चूना खाने के फायदे जानते हैं? चूना के फायदे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए होते हैं। आयुर्वेद में विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए खाने वाले चूने का उपयोग किया जाता है। प्राचीन ग्रंथों में भी चूने का उल्लेख मिलता है जिनमें बताया गया है कि चूना खाने के लाभ लगभग 70 प्रकार की बीमारियों को दूर कर सकते हैं।
खाने वाले चूना के लाभ इसमें मौजूद पोषक तत्वों और खनिज पदार्थों के कारण होते हैं। लाइमस्टोन कैल्शियम का सबसे अच्छा स्रोत होता है जो बच्चों की लंबाई बढ़ाने और पुरुषों में नपुंसकता जैसी कमजोरीयों को दूर करने में प्रभावी होता है। आज इस लेख में आप चूना के औषधीय गुण, चूना खाने के फायदे और अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से होने वाले नुकसान संबंधी जानकारी प्राप्त करेगें।
आइए चूना खाने के फायदे और नुकसान को विस्तार से जानें।
विषय सूची
1. चूना क्या है – What is Chuna in Hindi
2. चूना के बारे में कुछ तथ्य – Some basic facts about limestone in Hindi
3. चूना के फायदे – Chuna ke fayde in Hindi
4. चूना खाने का सही समय क्या है – Chuna khane ka sahi samay kya hai in Hindi
5. चूना खाने के नुकसान – Chuna Khane ke Nuksan in Hindi
लाईम स्टोन या चूना एक प्रकार की अवसादी चट्टान (sedimentary rock) है। सामान्य रूप से चूना का उपयोग विल्डिंग मटेरियल के रूप में व्यापक रूप से किया जाता है। चूना पत्थर कैल्शियम कार्बोनेट और कैल्शियम मैग्नीशियम कार्बोनेट (calcium magnesium carbonate) का मिश्रण है। कैल्शियम एक प्रमुख घटक है जो मानव शरीर में हड्डियों के निर्माण में मदद करता है। इसलिए शरीर में कैल्शियम की कमी को दूर करने का सबसे अच्छा उपाय चूना का सेवन करना माना जाता है।
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चूने के स्वास्थ्य लाभ जानकर आप हैरान हो जाऐगें। चूना को रासायनिक रूप से कैल्शियम कार्बोनेट के नाम से जाना जाता है जो कि कैल्शियम से भरपूर होता है। इसके अलावा खाने वाले चूना में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व और खनिज पदार्थ भी अच्छी मात्रा में होते हैं। प्राचीन समय से ही भारत में भोजन करने के बाद चूना और पान खाने की प्रथा चली आ रही है। इसका मतलब यह है कि प्राचीन समय में भी लोग चूना के स्वास्थ्य लाभ संबंधी जानकारी रखते थे। आइए विस्तार से जाने चूना का खाने के लिए उपयोग करने पर किस प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के लिए चूना खाने के फायदे बहुत अधिक होते हैं। चूना में कैल्शियम की उच्च मात्रा होती है। जिसके कारण गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए चूना बहुत ही प्रभावी उपाय है। इस दौरान चूना का सेवन करने के लिए आप चूना की बहुत ही कम मात्रा लें और पानी के साथ घोलकर इसका सेवन करें। इसके अलावा गर्भवती महिला को 1 कप अनार के जूस में गेहूं के दाने बाराबर चूना मिलाकर प्रतिदिन पूरे 9 माह तक इसका सेवन करना चाहिए। चूना में मौजूद कैल्शियम गर्भ के भ्रूण की हड्डी की ताकत को बढ़ाता है साथ ही भ्रूण के संपूर्ण विकास में मदद करता है। इस दौरान चूने का उचित मात्रा में सेवन करना सामान्य प्रसव और प्रसव के दौरान दर्द को न्यूनतम करने में भी सहायक होता है।
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चूने का उपयोग अपने औषधीय गुणों के लिए किया जाता है। छोटे बच्चों के लिए भी चूना खाने के फायदे होते हैं। चूना बच्चों की बुद्धि तेज करता है साथ ही यह उनके आईक्यू को भी बढ़ाता है। चूना का उपयोग करने पर बच्चों के सीखने, समझने और याद रखने की क्षमता में भी वृद्धि होती है। यदि आपके बच्चें की हाइट कम है तो यह उनके शरीर में कैल्शियम की कमी भी हो सकती है। ऐसी स्थिति में बच्चों की ऊंचाई बढ़ाने के लिए भी चूना का इस्तेमाल किया जा सकता है। आपको बस इतना करना है कि 1 कप दही के साथ थोड़ा सा चूना मिलाकर नियमित रूप से प्रतिदिन इसका सेवन करें।
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पीलिया रोग जैसी गंभीर बीमारी को ठीक करने के लिए चूना का इस्तेमाल किया जा सकता है। पीलिया ऐसी समस्या जो लिवर खराब होने के कारण होती है। जिसके कारण रक्त में विभिन्न प्रकार की अशुद्धियां शामिल हो जाती हैं। पीलिया रोग की पहचान का सबसे अच्छा संकेल आंखों का पीला होना है। पीलिया उपचार के लिए विभिन्न प्रकार की एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन किया जाता है। लेकिन आप अपने लीवर को स्वस्थ्य रखने के लिए चूना का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप ताजे गन्ने के जूस में 1 चुटकी चूना मिलाएं और प्रतिदिन सेवन करें। नियमित रूप से चूना और गन्ने का रस पीने से आपको अपने लीवर के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।
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लाइमस्टोन (चूना) के लाभ त्वचा समस्याओं और विशेष रूप से मुंहासों को दूर करने के लिए भी होते हैं। चेहरे की त्वचा में मुंहासे आने का प्रमुख कारण अधिक तेल का उत्पादन और त्वचा में गंदगी का जमाव होता है। जिसके कारण वहां बैक्टीरिया का विकास शुरु हो जाता है जो मुंहासों का कारण बनते हैं। मुंहासों का उपचार करने के लिए डॉक्टर कई प्रकार की दवाएं और मल्हम देते हैं। लेकिन यदि इनसे भी आपको लाभ न मिले तो आप थोड़ा सा चूना और शहद का मिश्रण बनाएं और इसे मुंहासों पर लगाएं। इस मिश्रण को सूखने दें और फिर गर्भ पानी से अपने चेहरे को धो लें। इस उपाय को आप प्रतिदिन तब तक दोहराएं जब तक मुंहासे पूरी तरह से दूर न हो जाएं। चूना और शहद के मिश्रण का उपयोग करने पर आपको कुछ ही दिनों में लाभ स्पष्ट दिखाई देगा।
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जानकारों का मानना है कि चूना पत्थर का सेवन करना शरीर के किसी भी हिस्से के दर्द को कम करने में प्रभावी होता है। यदि आप भी खेल के दौरान चोट लगने या अन्य प्रकार की चोट के कारण दर्द और सूजन से परेशान हैं तो चूना का प्रयोग करें। इसके लिए आप केवल शहद और चूने का मिश्रण तैयार करें और इस लेप को प्रभावित क्षेत्र में लगाएं और किसी कपड़े से ढक दें। कुछ ही देर में आपको दर्द और सूजन से राहत महसूस होगी।
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आयुर्वेद के अनुसार चूना का उपयोग न केवल आंतरिक चोट बल्कि बाहरी घाव, चोट आदि का उपचार करने में भी प्रभावी होता है। घाव या फोड़े आदि का उपचार करने के लिए आप चूने का गाढ़ा पेस्ट बनाने के लिए शहद मिलाएं। इस मिश्रण को घाव में भरें और जरूरत हो तो पट्टी बांध लें। यह न केवल रक्त को बहने से रोकता है बल्कि तेजी से घाव को ठीक करने में भी सहायक होता है।
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बच्चों के शारीरिक विकास के लिए आहार में पर्याप्त कैल्शियम होना आवश्यक है। क्योंकि कैल्शियम हड्डी निर्माण के लिए प्रमुख घटक होता है। चूना में कैल्शियम की उच्च मात्रा होती है इसलिए बढ़ते बच्चों के शारीरिक विकास और कैल्शियम के लिए चूना एक बेहतर विकल्प हो सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि अनुशंसित मात्रा में चूने का सेवन करना बच्चों में हड्डियों के उचित विकास में मदद करता है। आमतौर पर छोटे बच्चों के लिए सुझाव दिया जाता है कि उन्हें पानी, दही या दाल आदि के साथ चूना की कम मात्रा का सेवन कराया जाना चाहिए।
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पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए चूना का उपयोग किया जा सकता है। चूना का सेवन करने से पाचन रस में वृद्धि होती है जो पाचन प्रक्रिया में सहायक होता है। अध्ययनों से पता चलता है कि कैल्शियम कार्बोनेट पाचन में सहायक एसिड और गैस्ट्रिक रस के स्राव को बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए लाइमस्टोन खाने के फायदे पाचन संबंधी समस्याओं जैसे पेट की ऐंठन, पेट दर्द, कब्ज आदि को रोकने में प्रभावी होता है।
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सूजन संबंधी लक्षणों को कम करने में चूना बहुत ही प्रभावी होता है। चूना के लाभ विशेष रूप से जोड़ों की सूजन और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं को कम करने में प्रभावी माना जाता है। इस प्रकार की समस्याएं सामान्य रूप से शरीर में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी के कारण होती हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि अपने आहार में चूने को शामिल कर आप कैल्शियम की कमी को दूर कर सकते हैं। जिससे हड्डी के घनत्व द्रव्यमान में सुधार करके सूजन संबंधी लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि चूना में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं जो सूजन को कम करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
सूजन कम करने के लिए आप हल्दी और चूने का मिश्रण बनाकर उसे सूजन वाली जगह पर लगा सकता हैं इससे सूजन कम करने में मदद मिलती है।
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दांतों उचित विकास और बेहतर स्वास्थ्य के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है। कैल्शियम की कमी दांतों और मसूड़ों की कई समस्याओं को जन्म देती है। दांतों और जबड़े की हड्डियों को मजबूत रखने के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है। चूना में कैल्शियम की उच्च मात्रा इस प्रकार की समस्याओं को कम करने का सबसे अच्छा विकल्प है। यही कारण है कि अधिकांश टूथपेस्ट में चूना को प्रमुख घटक के रूप में उपयोग किया जाता है। नियमित रूप से चूना का इस्तेमाल करने से मुंह की बदबू को भी रोकने में मदद मिलती है। यदि आपके टूथपेस्ट में चूना नहीं है तो आप थोड़े से चूने को अलग से मिलाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह आपके दांतों को स्वस्थ रखने में सहायक हो सकता है।
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कैल्शियम की कमी पुरुषों में नपुंसकता का कारण भी बन सकती है। जिन पुरुषों में कम शुक्राणु जैसी यौन कमजोरी होती है उन्हें नियमित रूप से चूना का सेवन करना चाहिए। इसके लिए पुरुष गन्ने के रस के साथ थोड़े से चूने का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि चूने का सेवन करने से नपुंसकता को दूर करने में लंबा समय लग सकता है। लेकिन जानकारों का मानना है कि नियमित रूप से चूने का सेवन करने पर एक से दो साल के भीतर शुक्राणु में वृद्धि होने लगती है। इसके अलावा जिन महिलाओं में अंडे की कमी होती है वे भी अंडाशय में अंडों की कमी को दूर करने के लिए गन्ने के रस के साथ चूने का सेवन कर सकती हैं।
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मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को होने वाली अधिकांश समस्याओं को रोकने में चूना प्रभावी होता है। महिलाओं में मासिक धर्म से लेकर रजोनिवृत्ति और गर्भावस्था संबंधी विकारों को दूर करने के लिए चूना का उपयोग किया जाता है। लगभग 50 वर्ष की उम्र के आसपास महिलाएं रजोनिवृत्ति की समस्या से ग्रसित होती हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें कैल्शियम कार्बोनेट की अधिक मात्रा की आवश्यकता होती है। इस कमी को दूर करने के लिए चूना का उपयोग किया जा सकता है।
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दिन भर की व्यस्त जीवनशैली के कारण हमारे शरीर से अधिक पसीना निकलता है। कुछ लोगों की खराब जीवनशैली और पसीने की अधिक मात्रा बदबू का कारण बन सकती है। यदि आप भी पसीने के कारण शरीर और विशेष रूप से कांख या बगल की बदबू से परेशान हैं तो चूने का इस्तेमाल कर सकते हैं। बगल की बदबू को दूर करने के लिए आप चूने का पेस्ट तैयार करें और अपनी बगलों या कांख में कुछ देर के लिए लगाएं। इसके बाद सामान्य पानी से धो लें। ऐसा करने से आपको पसीने की बदबू से छुटकारा मिल सकता है।
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सामान्य आहार के रूप में चूना का उपयोग नहीं किया जाता है। बल्कि चूना पूरक के रूप में स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। चूना खाने का कोई निश्चित समय निर्धारित नहीं किया गया है। आप इसे अपनी स्वास्थ्य समस्या या जरूरत के अनुसार किसी भी समय नियंत्रित मात्रा में उपभोग कर सकते हैं।
बहुत ही कम मात्रा में चूना का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन अधिक मात्रा में चूना का उपभोग करने पर कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। आइए जाने चूना खाने के नुकसान क्या होते हैं।
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